Translate

सोमवार, 15 जुलाई 2024

वाह दोगले मुस्लिम हिन्दू घूँघट निकाले तो कुप्रथा

सुप्रीम कोर्ट हेतु याचिका पत्र
ईश्वर का ब्यापार बंद करो
ईश्वरवाद ऐय्याशी सिद्धान्त समस्या
प्रस्तावित 21 कानून यहाँ देखें
न्यायालय में धर्मगुरू से कौन-कौन से प्रश्न
ईश्वर की बात कहने वाले का आचरण ऐसा
यह मनुष्य और इंसान की साजिश नहीं
आप कानून की दीवार बना लो
भ्रष्ट हिन्दू मुस्लिम की ज्यादतीयों से बचाव
सीमा-समृध्धि ममता-काले अर्नब-गोस्वामी
आत्मा परमात्मा का रहस्य
कानून से दुष्ट धर्मउपदेशक की मनमानी रुकेगी
निर्जीव को किसने जगाया
मोदी जी का भारत

आध्यात्मिक धर्मगुरु मौलाना ब्राम्हण धरती पर आध्यात्मिक शासन स्थापित नहीं करेंगे।
ईश्वर सर्वशक्तिमान है। उन्हें अपने वचनों से शक्तिहीन बुद्धिहीन सत्यापित करना उचित नहीं।

पूरा पढ़िये

15/7/2024

सृजनकर्ता के पक्ष में खड़ा

सृजनकर्ता के पक्ष में खड़ा ब्यक्ति श्रम सिद्धान्त से प्राप्त धन राशी का उपयोग करेंगे प्रेरित सिद्धान्त प्राप्त धन राशी का उपयोग नहीं करेंगे।
    1 श्रम सिद्धान्त जैसे मजदूरी किसी के अधीन काम करना।
    2 प्रेरित सिद्धान्त जैसे ब्यवसाय खेती तकनीकी सेवा कार्य।

    यह नियम उन्हीं पर लागू होगा जिनके द्वारा आध्यात्म का प्रचार प्रसार किया जाएगा। दो आध्यात्मिक लोगों को रोकना है।
1 मुफ्तवादी 2 दुष्ट दबंगई और गलत इतिहास गलत सामजिक ब्यवस्था बताने वाले को रोकना है। प्रत्येक नागरिक स्वतंत्र हैं उनकी स्वतंत्रता पर कोई भी अंकुश नहीं लगायेंगे।
    इस कानून से श्रेष्ठ धर्मगुरु बहुत खुश होंगे वे अपनी मेहनत की खायेंगे। आध्यात्मिक ज्ञान बांटेंगे जनता भी खुश साधू संत भी खुश श्रेष्ठ मौलाना भी खुश सरकार भी खुश।
    इन गुरुओं को क्या चाहिए पेट भर भोजन तन पे कपडा निवास धर्मशास्त्र इतिहास विज्ञानशास्त्र आवागमन हेतु सुविधा चाहिए।
मुस्लिम धर्म प्रचारक और ब्राम्हण की गलतियों की सजा सीधे सरल साधू संत साध्वी मौलाना इमाम सिख्ख धर्म गुरु जैनी बौद्धिष्ट भुगतेंगे।
लेकिन उन्हें खुशी होगी हम अपनी मेहनत की खाते हैं देश में शान्ति है सही इतिहास बताई जाति है निर्भय शान्ति पूर्ण वातावरण है।
वाह दोगले मुस्लिम हिन्दू घुंघट निकाले तो कुप्रथा लेकिन मुस्लिम बुरका पहने तो बिल्कुल सही
हिन्दू विधवा विवाह पर रोक लगाये तो कुप्रथा, मुस्लिम महिला के मर्जी के खिलाफ हलाला करो तो सही।

    वाह दोगले मुस्लिम हिन्दू घूँघट निकाले तो कुप्रथा लेकिन मुस्लिम बुरका पहने तो सही।
हिन्दू विधवा विवाह पर रोक लगाये तो कुप्रथा मुस्लिम महिला के मर्जी के खिलाफ हलाला करो तो सही।

    मुफ्त्वादी जहाँ भी रहेंगे हमेशा तनाव हमेशा रहेगा आध्यात्म कानून वालों से धन मांगो। दूम दबाकर भाग जायेंगेा। उदाहरण जीवन-भर के लिए धन-राशी मांगकर देखें।
    मुफ्त्वादी जहाँ भी रहेंगे हमेशा तनाव रहेगा उदहारण देखें
अफ़गानिस्तान के तालिबान शासकों ने सभी महिलाओं को सार्वजनिक स्थानों पर सिर से पैर तक ढकने का आदेश दिया

    यह आदेश, जिसमें महिलाओं को केवल आंखें दिखाने की बात कही गई है तथा सिर से पैर तक बुर्का पहनने की सिफारिश की गई है, समूह के सत्ता में वापस आने के बाद अधिकार कार्यकर्ताओं की सबसे बड़ी आशंकाओं की पुष्टि करता है।
अल्लाह ने दुनियां नहीं बनाई धरती का इतिहास से कथन सत्यापित प्रूफ होता है।

मुस्लिम अब से 3500 वर्ष पहले किस राष्ट्र किस राज्य जिला में अल्लाह नाम की स्तुति की जाति थी। पुरातत्व रिपोर्ट इतिहासकार रिपोर्ट संलग्न करें।
ब्राम्हण अब से 10000 20000 40000 वर्ष पहले किस राष्ट्र किस राज्य जिला में ब्राम्हण परमात्मा भगवान ईश्वर नाम की स्तुति की जाति थी। पुरातत्व रिपोर्ट इतिहास कार रिपोर्ट संलग्न करें सौर मण्डल परमात्मा भगवान ईश्वर की बनाई सम्पत्ति नहीं ।


सभी क्षत्रिय वैश्य ब्राम्हणों से प्रश्न

    भारत के सभी क्षत्रिय वैश्य ब्राम्हणों से प्रश्न है क्या आप मुस्लिम को बिना हथियार शान्तिपूर्ण वातावरण में देश से बाहर बिना भगाए भगा सकते हो। मेरा उत्तर क्षत्रिय वैश्य ब्राम्हण बिना हथियार शान्तिपूर्ण वातावरण में देश से बाहर नहीं भगा सकते। लोग कहें कोई हिन्दू क्षत्रिय वैश्य ब्राम्हण मुस्लिम को भगाने का प्रयास नहीं किया। मुस्लिम स्वयं देश छोड़कर भागने लगे हैं केवल मात्र कानून का पालन किया और पालन करवाया।
क्षत्रिय वैश्य ब्राम्हण आपके हांथों में अनेक आध्यात्मिक शास्त्र है धरती का इतिहास भी है पुरातत्वेता वैज्ञानिक इतिहासकार हैं। मुस्लिम को बिना हथियार शान्तिपूर्ण वातावरण में भारत से भगा के बता दो

    आपको देश में शान्ति चाहिए दो भ्रष्टाचारी समूह की कुटाई पिटाई कर दो।
  • सबसे पहले हठधर्मी दबंग मुफ्तवादी भ्रष्टाचारी आध्यत्मिक लीडर धर्मगुरुओं की उनके समूह की कुटाई पिटाई कर दो।
  • कहो न्याय के पथ पर रहो हमेशा परिश्रम की खाओ दान चंदा की धनराशी तुम्हारी सम्पत्ति नहीं है।
  • भगवान अल्लाह परमात्मा का उपासक परिश्रम की खाने वाला होता है निकम्मा नहीं होता। यदि आध्यत्मिक धर्मगुरुओं ने कहा उपासक निकम्मा हो जाता है। तब उपासना इबादत कराने पर प्रतिबन्ध लगानी होगी।
  • फिर प्रशासनिक भ्रष्टाचारी लीडर समूह की कुटाई पिटाई कर दो। दोनों समुहों ने इसी सिद्धान्त को अपनाया है। अतः उपयोग करना अनुचित नहीं है। दोनों समूह से कहो मेहनत की खाओ।
  • देश में प्रशासनिक और धार्मिक शान्ति अवश्य आएगी दोनों मुफ्तवादी सेना हैं। मुफ्तवादी को धन कमाना नहीं पड़ता इसलिए प्रशासनिक धार्मिक कर्तब्य समझते नहीं। समझ आता नहीं।
  • Instagram as @bharatiyaramsajeevan2024

प्रस्तावित कानून पढ़ें
धर्मगुरू के आचरण कैसे हों यहाँ देखें
न्यायालय में धर्मगुरू से पूछे जाने वाले प्रश्न
पच्चीस कानून पढ़ें

मुझे 20 वर्ष से ज्ञात है मेरा दिमांग परीक्षण किया जायेगा। मुझे पागल की श्रेणी में रखा जायेगा।
मूर्ति उपासक की हत्या करने वाले औरत के बिना रहते नहीं यह भी मूर्ति है बस चलती फिरती मूर्ति है
नारी के बिना धरती पर जीवन नहीं लेकिन नारी को पूर्ण सम्मान नहीं मिलता गलती पुरुष करे सजा नारी भुगते

न्यायाधीश कौन-कौन से निर्देश जारी करेंगे

माननीय मोदी जी दुष्ट मौलाना इमाम की बोलती बंद करने का बहुत सुंदर अवसर है एक गलत इतिहास की जानकारी मुस्लिम को सीधा जेल के अन्दर पहुचायेगी
माननीय योगी जी तीन कानून से मुस्लिम मुक्त भारत बनाने का बहुत अच्छा उपाय है सभी मौलाना इमाम ब्राम्हण परिश्रम की खायेंगे दान चंदा लिया सीधा जेल के अन्दर जायेंगे

चुटकियों का काम हजारों वर्षों से परेशान है भारत

नोट- इस सरल उपाय से भ्रष्ट मुस्लिम –ईसाई स्वयं देश छोड़कर चले जायेंगे।
मुस्लिम - ईसाई द्वारा धर्मान्तरण और आध्यात्म वैचारिक तनाव समाप्त करने हेतु तीन सुझाव।
आध्यात्मिक धर्मगुरू का उत्तर कहता है सरकार सरलता से दान चंदा लेने पर प्रतिबन्ध लगा सकता है।
आम आदमी द्वारा दान देने पर कोई प्रतिबन्ध नहीं लगेगा। देश में मुफ्वादी के कारण तनाव खत्म होगा।


 सेवा में
             आदरणीय नरेन्द्र दामोदर दास मोदी
              प्रधानमंत्री भारत
             आदरणीय श्री आदित्य नाथ योगी जी
              मुख्य मंत्री उत्तर प्रदेश

 विषयः- देश में दो आध्यात्मिक समूहों मुस्लिम - ईसाई द्वारा धर्मान्तरण और आध्यात्म वैचारिक मतभेद के कारण निर्मित तनाव समाप्त करने हेतु ,तीन सुझाव प्रस्तुत किया जाता है। यह कानून सभी धर्म समुदाय पर लागु है।

 महोदय/महोदया
   आप आध्यात्मिक धर्मगुरूओं से केवल दो प्रश्न का उत्तर लीजिए और तीन कानून लागू करें।
   1    क्या आप धर्मगुरू और आपका समूह स्वीकार करते हैं। भगवान अल्लाह यहोवा का उपासक, नबी पैगम्बर का उपासक, देवी देवता का उपासक, स्वयं की शारीरिक परिश्रम करके खानें में असमर्थ निकम्मा हो जाते हैं अथवा शारीरिक परिश्रम करके बहुत धनवान हो जाते हैं।
   2    क्या आप धर्मगुरू और आपका समूह भविष्य के बच्चों को सृष्टि व धरती और मानव जीवन का गलत इतिहास बतायेंगे अथवा सही इतिहास बतायेंगे।
   महोदय    धर्मगुरू द्वारा यदि उत्तर हां में दिया जाता है अथवा उत्तर नहीं में दिया जाता है। दोनों प्रश्न का उत्तर प्राप्त होने के पश्चात, तीन निर्देश कानून के रूप में जारी करें। यह उचित है। धर्मगुरू प्रश्न के उत्तर में हाँ भी नहीं कह सकते और नहीं भी नहीं कह सकते।

   पहला कानून- सभी आध्यात्मिक धर्मगुरू अथवा इनका समूह यह सत्यापित नहीं करेंगे। भगवान अल्लाह यहोवा का उपासक, नबी पैगम्बर का उपासक, देवी देवता का उपासक, स्वयं की शारीरिक परिश्रम करके खानें में असमर्थ अथवा निकम्मा हो जाते हैं। ऐसे आध्यात्मिक धर्मगुरु प्रचारक व समुदाय दान की धनराशी नहीं लेंगे। कानून का उलंघन करने पर तीन वर्ष जेल होगी।
   दूसरा कानून- जिस आध्यात्मिक धर्मगुरू अथवा समूह द्धारा उत्तर दिया जाता है भगवान अल्लाह यहोवा का उपासक स्वयं की शारीरिक परिश्रम करके खानें में असमर्थ अथवा निकम्मा हो जाते हैं। उस आध्यात्मिक धर्मगुरू अथवा उनके समूह को उपासना इबादत पूजा कराने, धर्म प्रचार प्रसार कराने से रोका जाए, ऐसे आध्यात्मिक धर्मगुरु प्रचारक व समुदाय दान की धनराशी नहीं लेंगे। उन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाई जाए। ब्यक्तिगत पूजा उपासना पर प्रतिबंध नहीं है। कानून का उलंघन करने पर तीन वर्ष जेल होगी।
   तीसरा कानून- आध्यात्मिक धर्मगुरू अथवा समूह द्धारा सृष्टि व धरती और मानव जीवन के इतिहास के सम्बंध में शुन्य से लेकर वर्तमान समय तक कोई भी गलत इतिहास नहीं बतायेंगे, कोई भी गलत जानकारी, मतिभ्रामक जानकारी नहीं देंगे। इनके द्धारा दी गई जानकारी के सम्बंध में वैज्ञानिक साक्ष्य प्रस्तुत किया जाएगा। गलत जानकारी देने पर तीन वर्ष जेल होगी
    ध्यान देंसाधू संत की चिन्ता नहीं करना साधू संत की चिन्ता करोगे उनकी दान की चिंता करोगे। तब साधू संत के अस्तित्व का विनाश हो जायेगा। पाकिस्तान अफगानिस्तान बंग्ला-देश उदाहरण है मुस्लिम देश की समस्या बन चूका है इसका समाधान आवश्यक है।
   मुस्लिम की खतरनाक शिक्षा कहती है अल्लाह के शिवा किसी और की उपासना करने वाले की हत्या कर दो। मुसलमान भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाने का पूर्ण विचार रखता है शिक्षा देता है। इन्हें बिना हथियार शांतिपूर्वक देश से बाहर किया जा सकता है।
   अतः न्यायाधीश सरकार महोदय विचार कर लो। नागरिक संसार रचयिता का ध्यान उपासना पूजा करने से नहीं डरते लेकिन उसके उपासक धर्म-प्रचारक धर्म-रक्षक से डरते हैं। यह अनुचित है।

    दिनाँक                आपका नागरिक
   15/Jul/ 2024             रामसजीवन भारतीया

सरकारी आध्यात्मिक मुद्राकोष कार्यालय

     आध्यात्मिक समूह द्वारा दी गई 100% दान-राशी सरकारी आध्यात्मिक मुद्राकोष कार्यालय में जमा होगा इस कार्यालय का अपना स्वतन्त्र निर्णय होगा सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं होगा इस कार्यालय के सभी सदस्य बुद्धिजीवी होंगे इसका कोई भी सदस्य आध्यात्मिक ब्यक्ति मौलाना इमाम ब्राम्हण फादर साधू संत आदि नहीं होगा
    यह कार्यालय तीन रूपों में केन्द्र-सरकार प्रदेश-सरकार को धनराशी उपलब्ध कराएगी 1 सहयोग धनराशी 2 उधार धनराशी 3 ब्याज धनराशी 1 जब सरकार के कार्य श्रेष्ठ होंगे तब सहयोग राशी दी जाएगी 2 जब सरकार के कार्य ठीक नहीं होगा तब उधार में राशी दी जाएगी 3 जब सरकार के कार्य निम्न स्तर का होगा तब ब्याज में राशी दी जाएगी
    अब आम नागरिक निर्णय करें वोट किसे देना है 1 कार्य श्रेष्ठ स्तर 2 कार्य ठीक स्तर 3 कार्य निम्न स्तर
     आध्यात्मिक समूह में विवाद निर्मित होगा हमारी कौम द्वारा दी दानराशि हमारी कमिटी के पास जमा होगा सरकार का कथन होगा सरकार पालनकर्ता की भूमिका में है अतः दानराशी सरकारी आध्यात्मिक कार्यालय के अधीन जमा होगा
    सरकार कहेगी राष्ट्र में आध्यात्म विवादित स्थिति में है पहले सभी आध्यात्मिक ब्यक्ति अथवा समूह जो धर्म का प्रचार-प्रसार करते हैं वे लोग अपने शारीरिक परिश्रम का खाना प्रारम्भ करें साक्ष्य प्रस्तुत करें भगवान परमात्मा का उपासक शारीरिक परिश्रम की खाने में सक्षम होते है उसके पश्चात वार्ता होगी राष्ट्र में समान्तर सरकार नहीं होगी आध्यात्मिक ब्यक्ति अथवा समूह सरकार के अनुपात में अधिक प्रभावी नहीं है राष्ट्र में आध्यात्मिक शासन स्थापित नहीं होगा भगवान परमात्मा अल्लाह की शक्ति कमजोर नहीं है इसलिए

   ब्राम्हण मौलाना इमाम जेहादी फादर दान उपहार चंदा की धनराशी का उपयोग नहीं कर सकते

      मैं रामसजीवन हमने भी 2015 में माना था दान उपहार चंदा लेने पर कभी प्रतिबन्ध नहीं लगा सकते क्योंकि भगवान ने परमात्मा ईश्वर अल्लाह देवी देवता नबी पैगम्बर महान ऋषि-मुनियों ने कहा है। लेकिन सन 2020 में परमशक्ति कृपा से ज्ञात हुआ। सारे संसार रचयिता के उपासक आकाशगंगा रचयिता धारण-पोषण कर्ता के उपासक दान उपहार चन्दा नहीं ले सकते। उन्हें केवल अपने शारीरिक परिश्रम से प्राप्त धन राशी का उपयोग करना चाहिए।
      आध्यात्मिक धर्मगुरू ब्राम्हण मौलाना इमाम जेहादी फादर अथवा समूह को ब्यवसाय क्षेत्र से प्राप्त धन-राशी का उपयोग नहीं करना चाहिए यह अनुचित है। आप नागरिक को सन्देश नहीं दे सकते सारे संसार रचयिता के उपासक आकाशगंगा रचयिता धारण-पोषण कर्ता के उपासक शारीरिक परिश्रम करके खानें में असमर्थ होते हैं आध्यात्मिक नागरिकों सुख वैभव के लिए ब्यवसायिक क्षेत्र बहुत अच्छा साधन है

जब भारत का न्यायाधीश घटिया हो

वह राष्ट्र की वास्तविक परिणाम से परिचित नहीं वह सही न्याय नहीं दे सकता अपना निजी अनुभव देश पर आरोपित नहीं कर सकता
वाह दोगले मुस्लिम हिन्दू घुंघट निकाले तो कुप्रथा लेकिन मुस्लिम बुरका पहने तो बिल्कुल सही
हिन्दू विधवा विवाह पर रोक लगाये तो कुप्रथा, मुस्लिम महिला के मर्जी के खिलाफ हलाला करो तो सही

शान्तिपूर्ण वातावरण में पांच वर्ष के भीतर ब्राम्हण मौलाना विवाद समाप्त करना है।

मुफ्त्वादी ब्राम्हण, मौलाना, इमाम, फादर, साधू, संत, कभी नहीं चाहेंगे तीन कानून लागू हो।

    यह कानून कहता है सभी मुफ्त्वादी ब्राम्हण मौलाना इमाम फादर साधू संत केवल अपनी परिश्रम से मेहनत से प्राप्त धनराशी का उपयोग करेंगे। वर्तमान में बहुत से मुफ्त्वादी ब्राम्हण मौलाना इमाम फादर साधू संत दानराशि का उपयोग करते हैं। अथवा ब्यासयिक क्षेत्र परिवार से प्राप्त धनराशी का आवश्यकता और उपलब्धता अनुसार उपयोग करते हैं।
     तीन और पच्चीस कानून कहता है। इन सभी मुफ्त्वादी ब्राम्हण मौलाना इमाम फादर साधू संत को अपनी परिश्रम की धनराशी का उपयोग करना होगा दान उपहार चंदा सहयोग की धनराशी का उपयोग करोगे तब आपको जेल होगी।
    अतः स्पष्ट है तीन और पच्चीस कानून से उनकी मुफ्तवादी आमदनी प्रभावित होगी, इस कारण मुफ्त्वादी ब्राम्हण मौलाना इमाम फादर साधू संत कभी नहीं चाहेंगे तीन कानून लागू हो।

आम नागरिक हिन्दू-सिख्ख, मुस्लिम, ईसाई, चाहेंगे तीन कानून लागू हो

    आम नागरिक शांति और श्रेठ जीवन चाहते हैं। आम नागरिक चाहते हैं हमें सही जानकारी सही शिक्षा प्राप्त हो श्रेष्ठ आध्यात्मिक जीवन और वातावरण मिले। यह कानून मुफ्त्वादी दुष्ट भ्रष्ट गलत जानकारी देने वाले ब्राम्हण मौलाना इमाम फादर साधू संत को समाज से आध्यात्मिक मंच से बाहर करता है। यह कानून सही शिक्षा जानकारी देने वाले अच्छे आध्यात्मिक धर्मगुरुओं ब्राम्हण, मौलाना, इमाम, फादर, साधू, संत, को निर्भय शिक्षाप्रद उपदेश देने के अनुरूप वातावरण सुरक्षित करता है।

तीन कहावत महत्व पूर्ण उद्देश्य देता है

     1 सिधवा का मुह कुत्ता चाटे 2 कमजोर को गीदड़ खा जाए 3 टेढ़वा देख शेर भी घबराये हमारा न्यायालय सरकार किस श्रेणी में आते हैं 1 सीधवा, 2 कमजोर, 3 टेढ़वा, 4 कुत्ता, 5 गीदड़, 6 शेर, 7 निर्भय सक्षम जागरूक।
     न्यायालय का कथन होगा आप बहुत बड़े धनवान विश्व स्तरीय ब्राम्हण मौलानाा इमाम साधू है यह जानकारी आप अपने पास रखेंगे ये न्यायालय सरकार है।
    न्यायालय सरकार भीड़ की सहमती उनकी बातों का समर्थन नहीं करता केवल सही और न्याय का समर्थन करता है आप पूछे गए प्रश्न का उत्तर देंगे अपनी प्रसिद्धि समृध्धि नहीं दिखायेंगे यदि न्यायालय सरकार ने केवल मात्र एक निर्देश जारी कर दिया तब आप सभी धन सम्पन्न प्रसिद्ध ब्यक्ति सीधे सड़क पर आ जायेंगे। केवल मात्र दो दिन में भीख माँगने लगेंगे।
     यह राष्ट्र है इस राष्ट्र की जनसँख्या 140 करोड़ की है। मात्र प्रति ब्यक्ति 1000 रुपये के हिसाब से 140 हजार करोड़ रूपये होते है यदि प्रतिमाह देना पड़ा तो सब भूल जायेंगे। वह भी शारीरिक परिश्रम से कमाया हुआ धनराशी उपलब्ध करानी होगी। ब्यवसायिक क्षेत्र से, दान उपहार चंदा और सहयोग से प्राप्त धनराशी स्वीकार्य नहीं होगी। तब आपके होश ठिकाने आ जायेंगे।
    आपने संसार नहीं बनाया है जीव-जंतु स्त्री पुरुष पेड़-पौधे अनाज फल-फुल नहीं बनाया है। अतः आप शासन नहीं कर सकते केवल सेवा कार्य कर सकते हैं। यदि आपने किसी ब्यक्ति से बल पूर्वक आध्यात्म की बातें मनवाया। तब आप उस ब्यक्ति अथवा परिवार को जीवन भर का खर्च की धनराशी अपने शारीरिक परिश्रम द्वारा प्राप्त धनराशी उपलब्ध करानी होगी। अतः सेवाकार्य करें शासन कार्य से बचें। न्यायालय सरकार निर्देशानुसार।

न्यायालय सरकार के प्रश्नों का उत्तर दें

010      आम नागरिक अपनी समस्या समाधान हेतु समस्त संसार रचयिता जगतधारण कर्ता का स्मरण स्तुति प्रार्थना करते हैं अतः समस्त संसार रचयिता के उपासकों के कारण धरती पर धरती के मनुष्यों जीवों को कोई समस्या नहीं होनी चाहिए समस्त संसार रचयिता जगतधारण कर्ता का स्मरण स्तुति प्रार्थना करने से भयभीत नहीं होते अतः आध्यात्मिक गुरुओं से भी कोई भयभीत नहीं होगा अन्यथा जेल होगी
     1 क्या आप वर्तमान में अपनी शारीरिक परिश्रम से प्राप्त धनराशी का उपयोग करते हैं।
     2 आपके द्वारा गयी जानकारी के सम्बन्ध में कौन कौन से वैज्ञानिक पुरातत्वेता इतिहासकार की रिपोर्ट संलग्न है क्या वह पूर्ण निर्विवाद सत्यापित हैं।
     3 धरती के इतिहास के किस समय काल की घटना है घटना और घटना समय-काल की सही जानकारी उपलब्ध कराएं।
     4 आप धरती पर उपलब्ध कितने आध्यात्म शास्त्र को सही और कितने आध्यात्म शास्त्र को गलत मानते हैं उसमे दी गई कितनी जानकारी को गलत मानते हैं।
     5 आप उत्तर दें क्या संसार रचयिता बिना आध्यात्मिक वस्त्रधारी के आध्यात्मिक शासन स्थापित और सुरक्षित कर सकते हैं अथवा नहीं।
     6 आप उत्तर दें क्या आप समस्त संसार रचयिता के अतिरिक्त किसी और की उपासना नहीं करते। आप इस सम्बन्ध में शब्दों और वाक्यों से शब्दों और वाक्यों से बनने वाले चित्र द्वारा साक्ष्य प्रस्तुत करेंगे।
     7 आप समस्त संसार रचयिता के उपासक छोटे संसार रचयिता के उपासकों को कितना मान-सम्मान व अधिकार देंगे अथवा देते हैं। आप किस आधार पर अधिकार देने की बात कहते हैं क्या आप संसार की किसी वस्तु की रचना करते हैं पालन पोषण करते हैं,अथवा आप समस्त संसार रचयिता के उपासक हैं। इस आधार पर अधिकार देने के दावेदार हैं अथवा दावेदार हो जाते हैं।
     8 आपके कथनों से सत्यापित हुआ कोई भी समस्त संसार बनाने वाले की उपासना करके आध्यात्मिक शास्त्र हाँथ में लेकर धरती पर शासन करने का अधिकारी हो जाता है शारीरिक परिश्रम करके खाने के कर्तब्य-कर्म से मुक्त हो जाता है मुफ्त में मान सम्मान, धन-सम्पदा, निर्देश देने, शासन करने, ऐश्वर्य प्राप्त करने, कहीं भी आने जाने का अधिकारी हो जाता है।
     9 आप कहते हैं अल्लाह के शिवा किसी और की उपासना करने वाले की हत्या कर देंगे। यह कथन आपका है अथवा सारे संसार को बनाने वाले ने कहा है। यदि कोई भी जीवात्मा जीव-प्राणी सारे संसार रचयिता की सारे संसार बनाने वाले की उपासना नहीं करता, उसकी हत्या कर दो। आप शब्दों और वाक्यों से बनने वाले चित्र द्वारा साक्ष्य प्रस्तुत करेंगे।
     10 क्या अन्य आध्यात्म शास्त्र ने संसार रचयिता की उपासना नहीं करने पर स्त्री पुरुष की हत्या करने कड़ी सजा देने कर-टेक्स देने की बात कही है नहीं कहा तो किसलिए यदि कहा तो किसलिए किस लक्ष्य की प्राप्ति हेतु कही गयी
     11 क्या आप ज्ञान जानकारी रखते हैं आप आध्यात्मिक लिबास वस्त्रधारी अथवा आपके समूह की उपस्थित के कारण देश राष्ट्र विश्व में अशांति और समस्या कम हुई है अथवा बढ़ी है यदि समस्या कम हुई है अथवा बढ़ी है तो कितना प्रतिशत है यह संक्षेप में बताएं
     12 आप स्वीकार करते हैं आप आध्यात्मिक लिबास वस्त्रधारी अथवा आपके समूह की उपस्थित के कारण देश राष्ट्र विश्व में अशांति और समस्या बढ़नी चाहिए
     13 आप स्वीकार करते हैं आप आध्यात्मिक लिबास वस्त्रधारी अथवा आपके समूह की उपस्थित के कारण देश राष्ट्र विश्व में अशांति और समस्या कम होनी चाहिए तो बताएं किस प्रकार से कम होगी
     14 क्या बिना आध्यात्मिक नियमों का पालन किये ब्यक्ति अथवा जीवों को मुक्ति नहीं मिल सकती क्या वैज्ञानिक पदार्थ-ऊर्जा के नियम जैविक पदार्थ-ऊर्जा के नियम उपरोक्त उद्देश्य मुक्ति मोक्ष पवित्रता परमपद को प्राप्त कराने में असमर्थ है
     15 क्या बिना आध्यात्मिक ब्यक्ति के जीवों गर्भजन्मा स्त्री-पुरुष को आध्यात्म ज्ञान की प्राप्ति नहीं हो सकती
     16 क्या आध्यात्म शास्त्र में लिखा इतिहास और घटना का समय प्रकार सही है शत प्रतिशत सही है दिमांग-बंदी मुहबंदी मतिभ्रम जानकारी उपलब्ध नहीं कराएँगे
     17 क्या समस्त संसार और संसार रचयिता धारण-पोषण कर्ता के उपासको के कारण जीवों की समस्या बढ़ती है अथवा कम होती है।
     18 किसी अन्य धर्म समुदाय का धर्म ज्ञान परिवर्तन करने कराने पर मासिक खर्च हेतु धन किसके द्वारा उपलब्ध कराई जाति है
     19 क्या संसार के सभी जीवों की रचना करने वाला आध्यात्मिक ज्ञान धारण करने में असमर्थ है सृष्टि का सत्य-असत्य बताने में असमर्थ हैं
     20 आप सिर्फ निराकार की उपासना अथवा आकर की उपासना करते हैं आप इस सम्बन्ध में शब्दों और वाक्यों से बनने वाले चित्र द्वारा साक्ष्य प्रस्तुत करें
     21 आपने कितने आध्यात्म शास्त्र का अध्ययन किया कितने इतिहास विज्ञान पूरातत्व की रिपोर्ट पढ़ी है

मुफ्त्वादी मौलाना इमाम जेहादी खुब कुरान दिखाया अब मत दिखाना

समस्त संसार रचयिता के उपासकों के कारण धरती पर धरती के मनुष्यों जीवों को कोई समस्या नहीं होनी चाहिए लोग समस्या समाधान हेतु समस्त संसार रचयिता जगतधारण कर्ता का स्मरण स्तुति प्रार्थना करते हैं। अतः उनके उपासको के कारण धरती पर धरती के मनुष्यों जीवों को कोई समस्या नहीं होनी चाहिए।
    1 अब कुरान दिखाओगे तो सिर्फ परिश्रम की खाना होगा।
    2 आध्यात्मिक लिबास वस्त्र पहनकर दान चंदा लिया तो सीधा जेल जाना होगा।
    3 हमेशा सत्य वचन सत्य कथन सत्य इतिहास कहना होगा एक भी असत्य झूठ इतिहास बताया तब सीधा जेल होगा।
    4 धर्म परिवर्तन किया तब उस परिवार को अपनी शारीरिक परिश्रम से प्राप्त धनराशी मासिक खर्च जीवन भर देना होगा टोपी पहना के नमाजी बनाकर भाग नहीं सकते।
    5 अपनी शारीरिक परिश्रम से प्राप्त धनराशी से खाकर धर्म-प्रचार करना होगा दान चंदा लेकर प्रचार किया तब सीधा जेल जाना होगा।
    6 आध्यात्मिक बातों कथनों के सम्बन्ध में वैज्ञानिक पुरातत्वेता इतिहास से साक्ष्य प्रस्तुत करना होगा।
    7 यह कानून सभी धर्म समुदाय पर लागू है यह नहीं कह सकते सिर्फ मुफ्तवादी मौलाना इमाम जेहादी पर लागु है।
    8 क्या समस्त संसार रचयिता की स्तुति प्रार्थना करने पर से मनुष्य जीव की समस्या बढ़ती है अथवा समस्या का समाधान होता है क्या समस्त संसार रचयिता संसार रचयिता के उपासकों से गाँव शहर देश की समस्या घटती है अथवा बढ़ती है।
    ध्यान देंगे मुफ्तवादी मौलाना इमाम जेहादी अब हिन्दुस्तान छोड़ने की तैय्यारी कर लो किस देश में पनाह लोगे भारत हिन्दुस्तान में रहना है तो केवल शारीरिक परिश्रम करके मेहनत करके खाना होगा नौकरी ब्यवसाय नहीं कर सकते।
    विश्व में आप लोगों के द्वारा साक्ष्य दिखाना है साक्ष्य प्रस्तुत करना है समस्त संसार बनाने वाले का उपासक बन्दा आलसी निकम्मा नहीं होता बहुत परिश्रमी होते हैं केवल परिश्रम मेहनत की खाने वाले होते हैं अच्छे आचरण वाले सही ज्ञान देने वाले होते हैं।

मुफ्तवादी ब्राम्हण, मौलाना, इमाम, फादर, साधू, संत,स्वीकार कर लें।

मुफ्तवादी ब्राम्हण, मौलाना, इमाम, फादर, साधू, संत,स्वीकार कर लें यह तीन और पच्चीस कानून उनकी-हमारी तरफ से है। मैं इस संवाद का उपयोग करना छोड़ दूंगा मैं अंतरिक्ष रहस्य खोजकर्ता सूअर खाने वाला हूँ और ये तीन और पच्चीस कानून इसका साक्ष्य है।

सुवाल प्रश्न यह कानून किसकी तरफ से आना चाहिए था।

    1 संसार रचयिता की तरफ से
    2 संसार रचयिता के पक्ष में खड़े आध्यात्मिक धर्मगुरुओं की तरफ से
    3 साक्ष्य है यह कानून सूअर खाने वाले की तरफ से आया है।
    मेरा कथन है। यह कानून संसार रचयिता के पक्ष में खड़े आध्यात्मिक धर्मगुरुओं ब्राम्हण मौलाना इमाम फादर साधू संत की तरफ से आना चाहिए था। सभी जनसमुदाय, न्यायालय सरकार निर्णय करें उपरोक्त कथन सही है अथवा गलत अनुचित है।
     4 तीन और पच्चीस कानून ब्राम्हण, मौलाना, इमाम, फादर, साधू, संत,की तरफ से आना चाहिए था। आध्यात्मिक धर्मगुरुओं ब्राम्हण मौलाना इमाम फादर साधू संत को कहना था। नागरिकों यह आपके अधिकारों की रक्षा करने वाला कानून है।
     अब से आप नागरिकों तक कोई भी मुफ्त की खाने वाला असत्य इतिहास बताने वाला दान उपहार चंदा लेने वाला हत्या का भय दिखाकर मारपीट का भय दिखाकर अध्यात्मिक बातें मनवाने वाला बिना धन दिए स्वतंत्र जीवन बिना सत्य-ज्ञान और सुरक्षा दिए आप पर शासन करने वाला भ्रष्ट आचरण का आध्यात्मिक धर्मगुरुओं ब्राम्हण मौलाना इमाम फादर साधू संत आप तक नहीं पहुंचेगा।

समस्त संसार रचयिता के उपासक लोगों का अपराध कितने हैं।

    1 बलात्कार हत्या झूठ छल प्रलोभन-बलात्कार विवाह-बलात्कार, विवश-बलात्कार, लोभ-धर्म परिवर्तन हठ धर्म परिवर्तन, मुफ्त शासन
    2 हथियार हत्या और भीड़ के बलबूते बातें मनवाना स्वयं की जीवन को खतरे में डालना दुसरे की जीवन को खतरे में डालकर सफलता पपने पर विस्वाश करना मुस्लिम का स्वभाव है।
    3
    4
    5

पहले साक्ष्य प्रस्तुत करें फिर वार्ता होगी

     जब तक आध्यात्मिक गुरु साक्ष्य प्रस्तुत नहीं करते हम सब आध्यात्मिक गुरु शारीरिक परिश्रम की खाने लगे हैं।
तब तक दान की धनराशी लेने पर कोई वार्ता नहीं होगी
     जब तक धर्मगुरु मेहनत की नहीं खायेंगे उन्हें न्यायालय में अपना पक्ष रखने की अनुमति नहीं दी जायेगी।
Relief_of_the_Arabian_goddess_Al-Lat,_Manat_and_al-Uzza_from_Hatra._Iraq_Museum
मुस्लिम की तीन देवियाँ अल-लात,मनात और अल-उज्जा

57 मुस्लिम राष्ट्र विश्व मंच आ जाएँ

     57 मुस्लिम देश प्रति देश दो प्रतिनिधि 114 सदस्य विश्व मंच पर आयें, मैं रामसजीवन भारतीया अकेला विश्व मंच पर आऊंगा, अन्य देश के राष्ट्रध्यक्ष प्रतिनिधि और वैज्ञानिक इतिहासकार मनोवैज्ञानिक भी आयें मुस्लिम के कारण विश्व में समस्या है।
     इनके साथ ही मुस्लिम राष्ट्राध्यक्ष प्रतिनिधि द्वारा एक झूठ कहने और स्वीकार नहीं करने पर 20 लाठी पिछवाड़े मारने वाला पुलिस चाहिए।
     धरती के इतिहास से सत्यापित अल्लाह ने संसार नहीं बनाया सृष्टि की ब्याख्या से सत्यापित सम्पत्ति अल्लाह की नहीं है जीवित तत्व ब्लैकहोल सूर्य चन्द्र धरती पदार्थ ऊर्जा ब्यवस्थापिका सिद्धान्त।

भ्रष्ट मुस्लिम ब्राम्हण पलायन कर जायेंगे
सभी धर्म के नागरिक व सभी धर्म के श्रेष्ठ धर्मगुरु शान्तिपूर्ण वातावरण में जीवन जीयेंगे।

जब धन देने की बारी आती है।
जब धन लेने की बारी आती है। दोनों स्थानों में भीड़ कितनी होगी कहाँ अधिक कहाँ कम होगा।
जब परिश्रम द्वारा धन देने की बारी आये।
किसी के द्वारा प्राप्त धन देने की बारी आये।
दोनों स्थानों में भीड़ कितनी होगी कहाँ अधिक कहाँ कम होगा।
जब धन देकर आध्यात्म विस्तार की बारी आये।
जब ब्यवसाय द्वारा धन प्राप्त करके आध्यात्म विस्तार की बारी आये।
जब टेक्स द्वारा धन प्राप्त करके आध्यात्म विस्तार की बारी आये।
जब लूटपाट छीनकर जबरन वसूली द्वारा धन प्राप्त करके आध्यात्म विस्तार की बारी आये।
जब शारीरिक परिश्रम द्वारा प्राप्त धन देकर आध्यात्म विस्तार की बारी आये।
जब आध्यात्मिक स्वर्ग जन्नत प्राप्ति का लोभ द्वारा धन प्राप्त करके आध्यात्म विस्तार की बारी आये।
जब जीवन भर शारीरिक परिश्रम द्वारा धन प्राप्त करके धन देकर आध्यात्म विस्तार की बारी आये।
जब केवल शारीरिक परिश्रम द्वारा प्राप्त धन देकर आध्यात्म विस्तार की बारी आये।
सभी स्थानों में भीड़ कितनी होगी कहाँ अधिक कहाँ कम होगा।
इन सभी परिस्थितियों में परिणाम अलग अलग होंगे।
मुफ्तवादी भ्रष्ट मुस्लिम मौलाना इमाम जेहादी भ्रष्ट ब्राम्हण साधू संत भ्रष्ट फादर यही कहेंगे और कहते रहेंगे यदि नहीं कहेंगे तब मुफ्त में धन लेने दान की धनराशी का उपयोग करने का अवसर नहीं मिलेगा।
ईश्वर भगवान परमात्मा देवी देवता ऋषियों ने कहा ब्राम्हणों साधू संतों को दान देना श्रेष्ट होता है।
अल्लाह यहोवा फरिश्तों ने नबी पैगम्बरों ने मौलाना इमाम जेहादियों को दान देना अच्छा होता है।

देश में आध्यात्मिक विषय के कारण अशांति है।

    उदहारण जिस प्रकार से जब किसी गाँव शहर में चोर डकैत लुटेरे ऐय्याश रहते हैं तब कितनी अशान्ति होती है। लेकिन जब श्रेष्ठ विचारधारी पुलिस आता है तब सारे चोर डकैत लुटेरे ऐय्याश बदमाश भाग जाते हैं। तब गाँव शहर में लोग शान्ति से जीवन ब्यतीत करने लगते है।
देश में राज्यों में भ्रष्ट आध्यात्मिक ब्यक्तियों के कारण अशान्ति है जब भ्रष्ट आध्यात्मिक ब्यक्ति गाँव शहर से बाहर चले जायेंगे तब शान्ति अवश्य स्थापित होगी। सभी धर्म के नागरिक व सभी धर्म के श्रेष्ठ आध्यात्मिक धर्मगुरु शान्तिपूर्ण वातावरण में जीवन जीयेंगे।

करोडपति धर्म का प्रचार नहीं करेंगे।

    करोड़पति अरबपति आध्यात्म का प्रचार नहीं करेंगे अपनी शारीरिक परिश्रम की खाने वाले ब्यक्ति आध्यात्म का प्रचार कर सकते हैं अन्य कोई भी नहीं।

कानून लागु होकर रहेगा सभी धर्म समुदाय को पसन्द होगा

मुस्लिम की पहली पसन्द होगी तीन पच्चीस कानून

    यह कानून सभी धर्म समुदाय पर लागु है इस कानून से सभी धर्म के लोगों को लाभ मिलेगा सभी धर्म के लोग इस कानून को पसन्द करेंगे अपने समुदाय के दुष्ट भ्रष्ट धर्मगुरुओं को सरलता से सुधार सकते हैं।
    भ्रष्ट आचरण के साधू संत पंडित ब्राम्हण मौलना इमाम जेहादी दुष्ट दबंग ब्यक्ति समाज से बाहर हो जायेंगे श्रेष्ट अच्छे आचरण के अपनी मेंहनत की खाने वाले दान उपहार सरकारी आध्यात्मिक खजाना में जमा करने हेतु कहने वाले साधू संत पंडित ब्राम्हण मौलना इमाम जेहादी समाज में रहेंगे। मुस्लिम में महिला को दस बारह बच्चों को जन्म देने से छुटकारा मिलेगा तीन तलाक हलाला से छुटकारा मिलेगा सही इतिहास पढ़ने पढ़ाने का अवसर मिलेगा तनाव रहित जीवन मिलेगा।
    जिन दुष्ट भ्रष्ट धर्मगुरु मौलाना इमाम जेहादी ब्राम्हण साधू संत करोडपति धर्म प्रचारक से परेशानी है तब उनसे कह सकती है तुम्हारी मेहनत की रोटी कहाँ है जब कहेंगे हम तो दान की धनराशी से खाते हैं। तब महिला कहेगी चलो बाजू हटो पहले मेहनत की रोटी खाओ सही इतिहास सही नियम बताओ फिर कानून बतान।ा यह भारत का कानून देखो मेहनत की रोटी खाओगे अन्यथा सीधे जेल जाओगे।
भ्रष्ट आचरण के साधू संत पंडित ब्राम्हण मौलना इमाम जेहादी ये लोग यही कहेंगे हम इस कानून को लागु नहीं होने देंगे। क्योकि मौलना इमाम जेहादीयों को परिश्रम करके खाना होगा दान चंदा नहीं ले सकते इसलिए कानून लागू नहीं होने देंगे दूसरा यह कानून सच्चे सही इतिहास सही जानकारी की सुरक्षा करता है

अमेरिका भारत से पहले कानून लागू कर सकते हैं।

    दो प्रश्न और तीन कानून का अर्थ विस्तार समझ लिया तब अमेरिका सबसे पहले तीन कानून लागू कर सकता है उन्हें कट्टर मुस्लिम से अपने देश को बचाना है।
अमेरिका में कानून लागु होने के बाद दुष्ट भ्रष्ट मुसलमान अमेरिका में प्रवेश नहीं करेंगे।
चर्च के फादर भी आँख से आँसू बहायेंगे। उन्हें भी मेहनत करके खाना होगा। सुबह उठो नहाओ फ्रेश हो जाओ प्रार्थना करो 9 बजे पसीना बहाने वाला मेहनत करने जाओ। जिस काम से कार्य से शरीर से पसीना नहीं बहता वह मेहनत नहीं माना जायेगा।
सबका निःस्वार्थ लक्ष्य है। विश्व में सभी धर्म समुदायों में आध्यात्मिक शान्ति स्थापित करना।

अब मत कहना भगवान अल्लाह व दूतों का कहना है।

हम मानेंगे और सरकार नागरिक से मनवाएंगे।

    ईश्वर भगवान परमात्मा यहोवा अल्लाह देवता देवी नबी पैगम्बर फरिश्तों ने कहा और उनका कहा हम भी मानेंगे और लोगों से भी मनवाएंगे। जो नहीं मानेंगे उन्हें सजा दी जाएगी। इस प्रकार के कथनों का उपयाग करने वाले लोगों की सभी बैंक अकाउंट भूमि चल अचल सम्पत्ति जप्त कर ली जायेगी।
    आध्यत्मिक ब्यक्ति को उत्तर दिया जायेगा आपने जितनी संख्या के लोगों को अपनी बातें मनवाई है और मनवाएंगे। उनके लिए प्रतिमाह खर्च धनराशी आप से ली गई है। अगले माह आपकी शारीरिक परिश्रम से कमाई सम्पत्ति पुनः ली जायेगी। अब आप अपने शारीरिक परिश्रम की खायेंगे। यदि दान चंदा की धनराशी का उपयोग किया तब भारतीय कानून अनुसार आपको सीधा जेल भेज दिया जाएगा।
    कारण आपने यह सत्यापित किया है संसार बनाने वाला शक्तिहीन बुद्धिहीन सम्पत्तिहीन है। उसकी शक्तियां कमजोर है वह लोगों को सृष्टि का भेद आपकी अनुपस्थिति में नहीं बता सकते प्रतिमाह खर्च धनराशी उपलब्ध नहीं करा सकते। इसलिए आप से उपरोक्त सभी धनराशी भूमि और भवन कब्ज़ा में ली जा रही है और आपसे अगले महिना पुनः उपरोक्त अनुपात में धनराशी ली जायेगी। धन्यवाद जय हिन्द जय भारत वन्दे मातरम्


क्या न्यायायलय सरकार स्वीकार करते हैं

1 क्या सरकार न्यायालय भगवान परमात्मा ईश्वर देवी देवता यहोवा अल्लाह को मानते हैं
2 आध्यात्मिक ब्याक्तिओं के कथनानुसार न्यायायलय सरकार स्वीकार करते हैं भगवान परमात्मा ईश्वर देवी देवता यहोवा अल्लाह की शक्तियां कमजोर हैं बुद्धिहीन हैं सम्पत्तिहीन हैं
3 क्या न्यायायलय सरकार स्वीकार करते हैं संसार रचयिता कमजोर है अतः कोई भी आध्यात्मिक ब्यक्ति यह सत्यापित नहीं करेंगे संसार रचयिता कमजोर है
4 क्या न्यायायलय सरकार स्वीकार करते हैं संसार रचयिता बिना आध्यात्मिक वस्त्रधारी के आध्यात्मिक शासन स्थापित और सुरक्षित कर सकते हैं अथवा नहीं।
5 क्या भगवान परमात्मा ईश्वर देवी देवता यहोवा अल्लाह ने सारे संसार को बनाया।
6 क्या शरीर में आत्मा-रूह होती है।

ब्राम्हण घटिया प्राणी है।

    ब्राम्हण घटिया प्राणी नहीं होता तब अटल बिहारी बाजपेई समयकाल से पूर्व गाँव शहर में विकास प्रगति दिखाई देता सडक बिजली शौचालय पक्के मकान बन चूका होता। ब्राम्हण दावेदारी अनुसार आज भी ब्राम्हण खड़ा हो जाए तो पार्षद विधायक एक बेईमानी नहीं कर सकते। लेकिन यह अवसर ब्राम्हणों के हाँथ से निकल चूका है सत्यापित हो चूका है ब्राम्हण एक घटिया प्राणी है घटिया ही रहेगा। हमेशा अधिकारों का हनन करता रहा है करता रहेगा। आज भी ब्राम्हण नामक घटिया प्राणी उनकी गलत सोच के कारण हिन्दुओं में एकता नहीं है।

ब्राम्हण हिदुओं का दोषी अपराधी प्राणी है

    करोडो हिन्दुओं की हत्या करोडो महिलाओं के बलात्कार छोटी बच्चियों के बलात्कार हत्या का दोषी ब्राम्हण नामक घटिया प्राणी है। माना ये हत्याएं बलात्कार मुसलमानों ने किया। ब्राम्हण की घटिया सोच गलत ज्ञान गलत इतिहास के कारण हिन्दुओं में एकता नहीं रही।

ब्राम्हण मुसलमानों पहले इतिहास पढ़ लेना फिर वेद-पुराण कुरान-इंजील तौरेत बाइबल दिखाना।

    धरती इतिहास सृष्टि इतिहास मानव इतिहास के सम्बन्ध में एक गलत जानकारी आपको जेल भेज सकता है।

युद्ध गृह युद्ध हो सकता है दोषी न्यायपालिका होगी

    न्यायालय ने सही समय पर उचित निर्देश नहीं दिया जैसे साधू संत पंडित ब्राम्हण मौलना इमाम जेहादी दुष्ट दबंग ब्यक्ति की चल अचल सम्पत्ति कुर्क नहीं किया
जेल नहीं भेजा सही सत्यापित उत्तर नहीं लिया तोड़फोड़ आगजनी होने पर दूना मुआवजा धनराशी वसूल नहीं किया।

समस्त संसार रचयिता के पक्ष में आध्यात्मिक गुरु खड़े हैं।

    सृजनकर्ता पक्ष में खड़े लोग बताएँगे जब दान चंदा लेने पर प्रतिबन्ध लग जाएगा तब आध्यात्मिक धर्म प्रचारक हेतु भोजन की ब्यवस्था कैसे होगी इसका उत्तर साधू संत पंडित ब्राम्हण मौलना इमाम जेहादी दुष्ट दबंग ब्यक्ति समूह देंगे न्यायालय उत्तर नहीं देंगे न्यायालय संसार रचयिता के पक्ष में खड़ा नहीं है।
    न्यायालय कथन साक्ष्य प्रस्तुत करें संसार रचयिता भगवान परमात्मा ईश्वर देवी देवता यहोवा अल्लाह की उपासना करने वाला केवल और केवल अपनी मेहनत की खाने वाला होता है अपनी समस्या का स्वयं समाधान करने में सक्षम होता है आप पब्लिक की सम्पत्ति को छल बल कूटनीति लोभ देकर प्राप्त नहीं करेंगे।

न्यायालय के सामने उत्तर है। ब्राम्हण मौलाना बहुत परिश्रमी होते हैं

    सृजनकर्ता पक्ष में खड़े लोग साधू संत पंडित ब्राम्हण मौलना इमाम जेहादी परिश्रमी होते हैं शारीरिक परिश्रम करके खाने में पूर्ण सक्षम होते हैं अतः दान उपहार चंदा की धनराशी लेने पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाई जाए
    साधकों को शारीरिक परिश्रम द्वारा धन प्राप्त करने हेतु समय नही मिलता प्रश्न उन्हें भोजन हेतु कितना धन चाहिए क्या भिक्षा से आवश्यक धन की भरपाई नहीं हो पाता
    संसार रचयिता अपनी आध्यात्मिक शासन स्थापित नहीं कर सकते तो प्रश्न बिना आध्यत्मिक ब्यक्तियों के जीवों पेड़-पौधों की रचना कैसे किया 
    भारत में कोई भी सत्यापित नहीं करेंगे संसार रचयिता कमजोर है वह अपनी आध्यात्मिक शासन स्थापित नहीं कर सकते तीन वर्ष जेल होगी
आध्यात्मिक धर्म-प्रचारक ब्यक्तियों को भोजन सुख सुविधा कैसे प्राप्त होगी
   आध्यात्मिक ब्यक्ति सत्यापित करें साक्ष्य प्रस्तुत करें भगवान परमात्मा ईश्वर देवी देवता यहोवा अल्लाह नबी पैगम्बर का उपासक अपनी बौद्धिक शारीरिक परिश्रम से भोजन परिवार पालन-पोषण की व अन्य समस्याओं का समाधान करने में सक्षम होते हैं उन्हें दान उपहार चंदा सहयोग राशी लेने की आवश्यकता नहीं होती किसी से उधार की धनराशी लेकर दोगुना वापस करने का सामर्थ्य रखते हैं ऐसा नहीं करने पर उनके द्वारा धर्म-प्रचार पूजा उपासना कराने पर प्रतिबन्ध लगा दी जायेगी ब्याक्तिगत पूजा उपासना करने पर कोई प्रतिबन्ध नहीं होगी 
 

जय हिन्द जय भारत वन्दे मातरम




कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें