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रविवार, 16 फ़रवरी 2020

ईश्वर का ब्यापार बंद करो

10-02-2020

ॐ मातृशक्ति 

ईश्वर के नामों का ब्यापार बंद करो ग्रंथों का दुरुपयोग बंद करो ( एक सुझाव )
राष्ट्र में हिन्दू मुस्लिम सिख्ख इसाई विवाद समाप्ति हेतु सुझाव
( इस कानून के लागु होने से कोई धर्म गुरु आपसे किसी भी विषय पर झूठ नहीं कह सकते झूठ कहने पर सजा होगी इस तरह देश में अध्यात्मिक अशांति समाप्त होगा )
देश में आध्यात्मिक शांति स्थापना हेतु ईश्वर के नामों का ब्यापार-धर्मग्रन्थ का दुरुपयोग बंद करने हेतु समस्त संसार की राह पर चलने वालों के लिए भारतीय कानून पूरा पढ़िये

सरलता से दुष्ट मौलाना फादर भगाने वाला भारतीय क़ानून

अब तक भुत-प्रेत भागते थे अब दुष्ट मौलाना फादर भगायेंगे

भारत के संविधान में कानून में इस विषय को लेकर कई बातें कही गयी है

    लेकिन नीचे लिखित प्रकार से प्रभावशाली नहीं है इस कानून के लागु होने पर धर्म-ग्रन्थ के शब्दों को तोड़ मरोड़ कर अर्थ बताने वाले धर्मगुरु का दिल धक् धक् करने लगेगा विचार करके देख लो,
    आज राष्ट्र में अनेक लोगो ने धर्मग्रन्थ का दुरूपयोग करते हुए राजनितिक लाभ प्रसिद्धि धन लाभ ऐश्वर्य प्राप्ति के लिए काम करते है जिससे अशांति का वातावरण बनता है अतः इन लोगो पर नियंत्रण हेतु राष्ट्रीय स्तर पर इनके कथन अनुसार संसार बनाने वाले के स्तर अनुसार कानून बनाना होगा।जो निम्न प्रकार है,

न्यायपालिका को किसी धर्म की किताब से कोई लेना देना नहीं रहेग

     न्यायपालिका को किसी धर्म की किताब से कोई लेना देना नहीं रहेगा, न्यायपालिका का कथन होगा, आप अपनी किताब अपने पास रखिये मुझे समस्त संसार बनाने वाले का नियम का अनुसरण करना है, आपके के कथन के अनुसार आपसे उस कानून का पालन करवाना है जिसकी सलाह आपने दी है और दूसरों के लिए कही है , यही न्यायपालिका की प्राथमिकता होगी, आपका धर्म ग्रन्थ इस कानून को प्रभावित नहीं करेगा यह कानून सभी धर्मग्रन्थ से अप्रभावी रहेगा। विज्ञानं की रिपोर्ट को प्राथमिकता होगी।
    1 अपने धर्म ग्रन्थ के आधार पर दूसरे को बलपूर्वक धर्म परिवर्तन के लिया विवश नहीं कर सकते ,किसी को उसके धर्मग्रन्थ को निम्नस्तर का बताकर अपमान नहीं कर सकते। किसी नाम को अजन्मा के स्थान पर स्थापित नहीं कर सकते जगत पालन कर्ता के नाम को बदल नहीं सकते। सृस्टि विकाश के इतिहास में परिवर्तन नहीं कर सकते।
    2 जो समस्त आजमा से शुरू समस्त संसार बनाने वाले की राह पर चलने वाला हूँ कहता है जो आकाशगंगा बनाने धारण-पोषण करने वाले की राह पर चलने वाला हूँ कहता है उसे उतना ज्यादा आँखों देखा और पढ़ा कानों सुना अनुसार सिर्फ सत्य कहना होगा वह छलिया कपटी राजनीतिक झूठ फरेब धोखेबाजी पर स्त्रीगामी नहीं होगा भोगविलासी साधनो से दूर रहेगा। जो समस्त आजमा से शुरू समस्त संसार बनाने वाले की राह पर चलने वाला हूँ कहते है वे मांस मदिरा का सेवन नहीं करेंगे ,मांस सेवन के लिए कोई मजहबी अपने धर्मग्रन्थ का वास्ता नहीं दे सकता।
    3 जो सौरमंडल का धारण-पोषण करने वाले की राह पर चलने वाला हूँ कहता है इनको ऊपर लिखित कई कानून मानना अनिवार्य नहीं होगा ( किसी की प्राण,मानसम्मान,धन अकारण विवाद स्वीकार्य नहीं है )लेकिन सौरमंडल को मानने वाला हूँ यह जानकारी देना अनिवार्य है
    4 इनकी केवल एक धर्मपत्नी होगी यह नियम सभी धर्म के लोगो पर लागु होगा। इसके लिये कोई भी मजहबी अपने धर्मग्रन्थ का वास्ता नहीं दे सकता। जिनकी दो पत्नी होगी वह धर्म गुरु के पद ग्रहण नहीं कर सकते
    5 किसी समुदाय को अपनी सेवा कार्य के लिए विवश नहीं कर सकते , इसके लिये कोई भी मजहबी अपने धर्मग्रन्थ का वास्ता नहीं दे सकता।
    6 धर्मप्रचार विस्तार लक्ष्य के अंतर्गत छुपछुप कर दबी आवाज में छोटे संसार वाला बड़े संसार वाला किताब दिखा कर लाभ हानि दिखाकर धन लोभ देकर प्रचार नहीं कर सकते ,सब प्रचार सार्वजनिक होगा
    7 धर्मगुरु आम जनता को जिस नियम-कानून को मानने के लिए कहते हैं उस नियम-कानून का पालन सर्वप्रथम धर्मगुरु करेंगे, जनता द्वारा नियम पालन बाद में किया जायेगा
    8 कोई भी धर्मगुरु या उसके नुमाइंदा नागरिक को किसी ब्यक्ति (स्व.अथवा जीवित) को जबरदस्ती सम्मान देने हेतु विवश नहीं कर सकता,किसी ब्यक्ति के कार्य लोगों से स्वम सम्मान करवा लेता है( मर्यादित शब्दों में बातें कहना सभ्य ब्यक्ति की पहचान है )
    9 सभी नागरिक को विज्ञान के आधार पर आध्यात्मिक सत्य जानने का पूर्ण अधिकार है उस आध्यात्मिक सत्य अनुसार चुनी राह पर चलने का पूर्ण स्वतन्त्र अधिकार है। लेकिन उनकी स्वतंत्रता परिवार समाज व राष्ट्र की शांति भंग व विनाश करने वाला न हो। धर्म निरपेक्ष राष्ट्र में धर्म निरपेक्ष शास्त्र का होना अनिवार्य है 
    10 समस्त संसार की बात कहने वाले लोग अपनी मेहनत की खाने वाले लोग होंगे ध्यान दे पूर्ण स्वस्थ ब्यक्ति अन्य के धन से अपना भरण पोषण करने वाला नहीं होगा लोगो की समस्या निवारण करने वाले होंगे ये लोग जितनी बड़ी संसार बनाने वाले की बात कहेंगे उतना ज्यादा परिश्रम करने वाला उतना अधिक आद्यात्मिक नियमों का पालन करने वाला होगा 
    11 अजन्मा ने जीवित किया है वह जीवन देने वाला है वह मृत्यु देने वाला नहीं है अतः आजमा से शुरू समस्त संसार बनाने वाले की राह पर चलने की बात कहने वाला समुदाय  और धर्म प्रचारक अन्य धर्म समुदाय को मृत्यु देने की बात कहने वाला नहीं होगा। उनकी राह पर ले जाने के लिए समस्त संसार सृजन का प्रत्यक्ष साक्ष्य पर्याप्त है जिसका उपयोग करना होगा। बिना साक्ष्य बल प्रयोग दंडनीय है।
    12 जो समस्त अजन्मा से शुरू समस्त संसार बनाने वाले की रह पर चलने वाला है , इनके द्वारा किसी भी जीव की हत्या नहीं होगी सांप मुर्गी पशु की हत्या पर भी 3 साल की सजा होगी। उनका मजहब चाहे कुछ भी हो ,यहाँ तथ्य यह है अजन्मा ने जीवित किया है वह मृत्यु देने वाला नहीं है अतः अजन्मा से शुरू समस्त संसार बनानेवाले की राह पर चलने वाला समुदाय और धर्म प्रचारक जीव हत्या और मांस भक्षण की बात नहीं कहेगा। 
    13 यह कानून उन् लोगों पर भी लागु होगा जो विदेश से भारत आएंगे ,भारत आकर असत्य बोलकर वापस नहीं जा सकते 3 साल तक की सजा होगी ,किसी कारण आपकी शिकायत नहीं हुई आप विदेश वापस चले गए और देश से सम्पर्क करके अपनी गलती नहीं सुधार किया तब दोबारा वापस आने पर 5 साल की सजा होगी
    ( विचार -: यह प्रतिबन्ध आप पर-आपके धर्मग्रथ के कानून पर नहीं लगाया गया है आपके भ्रष्ट चरित्र पर लगाया गया है )
    14 किसी के शिकायत पर ऐसे ब्यक्तियों के आचरण की ,संपत्ति की ,कथन की ,जाँच न्यायपालिका अथवा पुलिस करवा सकती है ये लोग अपना कोई भी भेद छुपा नहीं सकते ,तथ्य है सृजनकर्ता की पक्ष में भेद कहने वाले हैं इसलिए इनकी सभी जानकारी सार्वजानिक होगी। इनके सम्बन्ध में शिकायत कर्ता की जाति कुछ भी हो सकता है। 
    15 ऐसे ब्यक्ति उपरोक्त शर्तों का पालन नहीं करते तब आप पर प्रतिबन्ध लगेगा ,आप लोगों को आपके केवल एक झूठ की सजा 3 साल होगी आपको गलती सुधारने के लिए एक सप्ताह का समय दिया जायेगा।
     आम जनता इस कानून की विशेषता को देखते हुए धर्म गुरु को परेशान कर सकते हैं अतः धर्म गुरु को परेशान करने वाला लक्ष्य से प्रश्न नहीं पूछ सकता दुर्व्यवहार नहीं कर सकता लेकिन झूठी बात का विरोध करने का अधिकार सबको होगा धर्मगुरु से वही ब्यक्ति परिश्रम करवा सकता है जो परेशानी में है
    16 यह नियम उन्ही लोगों पर लागु होगा जो ऊँची आवाज में बातें कहता हो बहुत बड़ी भीड़ को सम्बोधित करता हो पंडित मौला से लेकर धर्मगुरु ,धर्मप्रचारक सभी पर लागु होगा मस्जिद से लेकर मजार तक चर्च से लेकर पादरी तक धर्मगुरु से लेकर मदिर के पुजारी तक।
सुझाव
राम सजीवन शुर्रू
बी एम् वाई चरौदा दुर्ग छ- ग-



कसम से मुस्लिम भगाने के लिए बहुत दिनों के बाद आइडिया मिला
आइडिया तुमको नहीं हमको मिला है भारत पर फतह हासिल करने के लिए

इस श्रेणी के भक्तों को कुछ नहीं हो सकता 

1 अजन्मा 
2 आकाशगंगा
3 जगत पालक
हिन्दू कहे भगवानके भक्त को कुछ नहीं हो सकता यह कहना गलत है भक्ति-तप का भावार्थ भक्त की सुरक्षा कर जाता है,
मुसलमान कहे अल्लाह के बन्दे को कुछ नहीं हो सकता यह कहना गलत है इबादत का भावार्थ बन्दे की सुरक्षा कर जाता है,
इसाई कहे यहोवा के बन्दे को कुछ नहीं हो सकता यह कहना गलत है प्रार्थना का भावार्थ बन्दे की सुरक्षा कर जाता है,
इसका गलत अर्थ न लगाये , गलत फायदा न उठाये 
अतः याद रख्खें परमात्मा -अल्लाह-ईश्वर प्रसिध्धि ऐश्वर्य पाने का साधन नहीं है इनका नाम लेकर आदमी-इन्सान पर राज करना उन पर शासन करना ठीक नहीं है  
                                                                                                                              ॐ मातृशक्ति

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