समस्त संसार सृष्टा धारक पालक नमन
भारत माता की जय वन्दे मातरम
ऐ मेरे प्यारे वतन ऐ मेरे बिछड़े चमन तुझपे दिल कुर्बान
कितने प्यारे धर्मगुरु उपदेशक है
इन्हें क्यों जेल जाना पड़ता है
पूरा पढ़िये
समस्या ईश्वर अल्लाह भगवान नामों के दुरूपयोग से है
समस्या धार्मिक गुरु उपदेशक धार्मिक नेता के आचरण उनके कर्म से है,
ब्यक्ति अथवा ब्यक्तियों द्वारा अध्यात्मिक विषयों समुदाय का पक्ष का उपयोग करके मान सम्मान प्रसिध्धि धन ऐश्वर्य प्राप्त करने वालों से है इनके इस आचरण से अन्य समुदाय में तनाव रहता है
समस्या धर्म-अध्यात्म के नाम पर असत्य कथनों से परम्परा से है
समस्या दान-उपहार सहयोग देने की विचारधारा और समर्पण भावना के दुरूपयोग से है
कितने प्यारे धर्मगुरु उपदेशक है इनकी बड़ी बुलंद आवाज होती है समस्त संसार बनाने वाला आज भी मेहनत करते हैं उनके उपासक उपदेशक प्रचारक मुफ्त की दान-उपहार की धनराशी खाते हैं वह भी अनैतिक आचरण के साथ उनकी रचनाओं पर अनैतिक शासन करते हुए
क्या यह उचित है परमात्मा मेहनत करे भक्त उपासक प्रचारक दान-उपहार की धनराशी खाए आम जनता भी मुफ्त की खाए मेहनत करने वाला परमात्मा है
प्रश्न दान-उपहार की धन-राशी धार्मिक उपदेश कौन सुनेगा कौन देगा-कहेगा
ईश्वर अल्लाह भगवान परमात्मा की बनाई रचना से दान-उपहार की धनराशी लेकर मान सम्मान प्रसिध्धि प्राप्ति हेतु अथवा मान्यता-अध्यात्मिक कथनों को स्थापित करने वाला निर्भय-पूर्वक अनैतिक ढंग से कार्य व् राज करने वाले धर्म-गुरु धर्म-उपदेशक धार्मिक-नेता अथवा अध्यात्मिक-धनवान ब्यक्ति का यह आचरण कितना उचित है
क्या इन पर इनके गलत आचरण व् गलत सन्देश देने के कारण प्रतिबन्ध नहीं लगाना चाहिए
ईश्वर अल्लाह भगवान परमात्मा देवी मेहनत करतें हैं इनका आचरण सन्देश देता है उपासक को मेहनत करने की आवश्यकता नहीं होती, अतः जब भक्त उपासक प्रचारक शारीरक-मेहनत करेंगे हमेशा सत्य वचन कहेंगे श्रेष्ठ आचरण होगा
तब देश में पवित्र वातावरण बनेगा असत्य कथनों का दौर तनाव का वातावरण ख़त्म होगा
साधक उपाशक उपदेशक
आपको इस कानून से भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है
आप आवश्यकता और थोड़े में संतुष्ट होने वाले मनुष्य भक्त पुजारी उपासक हैं
न्यायालय और सरकार से प्रश्न
महोदय
* क्या परमात्मा ने अल्लाह ने यहोवा ने भगवान ने बल पूर्वक धर्म विस्तार की बात कही है
* क्या परमात्मा भगवान अल्लाह की शक्तियां कमजोर है जिसके कारण मनुष्यों को अल्लाह भगवान यहोवा नाम के साथ धन बल छल प्रयोग का उपदेश दिया
* क्या जिस परमात्मा की बात वे कहते है वह परमात्मा सर्वत्र नहीं है वह धर्म उपदेशक जहाँ है वह वहां नहीं है
* क्या धर्म-उपदेशक मुझे सृष्टि और मानव इतिहास के सम्बन्ध में सही ज्ञान देते हैं
* क्या धर्म-उपदेशक धर्म-गुरु धार्मिक-नेता अपने आचरण के सम्बन्ध में अपने अधिकार की कुल संपत्ति की सही जानकारी देते हैं
* क्या शासन करने वाले धर्म-उपदेशक धर्म-गुरु उपयुक्त ढंग से शासन करते हैं
* क्या धर्म-उपदेशक धर्म-गुरु धार्मिक-नेता अपनी मेहनत की खाते हैं अथवा उन्हें मेहनत की नहीं खानी चाहिए
* क्या धर्म-उपदेशक धर्म-गुरु परिश्रम करने में असमर्थ हो जाते हैं अथवा उन्हें बहुत परिश्रमी होना चाहिए
* क्या भगवान अल्लाह ईश्वर परमात्मा के उपासक परिश्रम करने में असमर्थ हो जाते हैं
* क्या धर्म-उपदेशक द्वारा दान उपहार की धन-राशि का उपयोग करना अनिवार्य है
* क्या वर्तमान के धर्म-उपदेशक धर्मगुरु धार्मिक-नेता के आचरण अध्यात्मिक दृष्टि से श्रेष्ठ हैं
* क्या धर्म-उपदेशक धर्मगुरु धार्मिक-नेता की एक से अधिक पत्नी होना चाहिए कारण बताएं
* क्या धर्म-उपदेशक धर्मगुरु धार्मिक-नेता द्वारा मांस खाना आवश्यक है
* क्या धर्म-उपदेशक धर्मगुरु धार्मिक-नेता बिना शस्त्र के धर्म विस्तार करने में असमर्थ हैं क्या सत्य और साक्ष्य में शक्ति नहीं है
* क्या वर्तमान के धर्म-उपदेशक धर्मगुरु धार्मिक-नेता द्वारा दी गयी जानकारी सही होती हैं
* क्या ईश्वर अल्लाह भगवान परमात्मा के उपासक नेता द्वारा प्रजा से दान राशि लेना श्रेष्ठ कार्य है
* क्या धर्मगुरु धर्म-उपदेशक धार्मिक-नेता प्रजा द्वारा दी गयी दान राशि का उपयोग निजी कार्यो में किया जाना उचित और श्रेष्ठ है
* क्या प्रजा द्वारा दी गयी धन-राशि का धर्मगुरु धर्म-उपदेशक धार्मिक-नेता के द्वारा सही उपयोग किया जाता है
आप इतिहास देखें हिन्दुओं की हत्या किसलिए हुआ
मुस्लिमों की हत्या किसलिए हुआ
उनके मान्यता अनुसार एक झूठ को अथवा सच को मान रही है
वह कौम बात माने तो ठीक अन्यथा उसका क़त्ल कर दो
ऐसी विचार धारा समाज में पलती रही है ऐसे उदहारण आज भी देखने को मिल जाते हैं
देश-दुनिया
प्रश्न क्या भगवान अल्लाह ईश्वर और भक्त उपासक अपनी परिश्रम से धन-सम्पत्ति देने वाला अथवा धन-संपत्ति लेने वाला होना चाहिए
धन-संपत्ति लेने वाला भक्त उपासक धर्म उपदेशक के सम्बन्ध में हमारी समझ कैसी होनी चाहिए
धन-संपत्ति लेने वाला भगवान अल्लाह ईश्वर और भक्त उपासक धर्म-उपदेशक धर्म-गुरु के सम्बन्ध में हमारी समझ कैसी होनी चाहिए
जिस समूह अथवा रचना के पास ज्ञान की कमी हो धन सम्पदा की कमी हो बल की कमी हो उनका धन लेना उसका अधिकार का हनन करना कहाँ की और किसकी बुद्धिमानी है
जीवन ने कमजोर को बलवान बनाया है इससे क्या सन्देश मिलता है
अतः जिसका धन लो उसे वापस करो जिस नाम से धन समृद्धि पाओ उसी नाम से धन समृद्धि वापस करो
आप जिस नाम को जगत सृजन कर्ता कहते हैं वह सत्य नाम नहीं है
हमें ज्ञात नहीं है वर्तमान का शासक कौन है नया नाम पुराना नाम अनेक है
न्यायालय में पूछा जाने वाला प्रश्न
# जब धर्मगुरु धर्म-उपदेशक धार्मिक-नेता भगवान अल्ला अल्लाह ईश्वर परमात्मा देवी-देवता यहोवा जीजस द्वारा सृजन की बात कही जाए
# आप किसकी बात कर रहे हैं ये कौन हैं इन्होने क्या किया कौन-कौन से कार्य किया इन्होंने कितना बड़ा संसार बनाया
# क्या ये शक्ति जिनकी आपने बात की है वह शक्ति शून्य के बाद थी अथवा पहले थी
# क्या इन्होने शून्य को जीवित किया अथवा पूर्व में विद्यमान जीवित को ब्यवस्थित किया और संसार की रचना की
# क्या इन्होने पूर्व में विद्यमान जीवित को ब्यवस्थित करके जीवित बनाया गया था उस जीवित को ब्यवस्थित करके जीव-जंतु धरती सूरज चाँद तारे बनाये गए
# क्या इन्होने जीव-जंतु की रचना की पेड-पौधों की रचना की मनुष्य की रचना की देवी-देवताओं की रचना की पैगंबरों-फरिस्तों की रचना की रूह-आत्मा की रचना की
# क्या इन्होने धरती -आकाश की रचना की सूरज चाँद तारे बनाये
# जिस शक्ति की बात आपके द्वारा कही जा रही है वह कितनी बड़ी और ताकतवर शक्ति है
# क्या वह शक्ति आकार धारण करती है अथवा निराकार अवस्था में रहती हैं
# वह शक्ति कितनी बड़ी जिम्मेदारी अथवा संसार को धारण करती है कितने जीवों का पालन-पोषण करती है
इतनी बुध्धिमानी मत दिखाओ की बुध्धिमान जाग जाए
इतनी बाहू-बल मत दिखाओ की बाहुबली जाग जाए
इतनी भक्ति मत दिखाओ की तुमसे श्रेष्ठ भक्त जाग जाए
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें