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गुरुवार, 25 जनवरी 2024

सुप्रीम कोर्ट हेतु याचिका पत्र पढ़ें अपने अधिकार को सुरक्षित करें

विशेष सूचना दुष्ट ब्राम्हण मौलाना का विनाश चाहिए अथवा सुरक्षा

पूरा पढ़िये

Oct/2021
   ब्राम्हण ब्राम्हण-न्यायधीश ब्राम्हण-लीडर यदि ब्राम्हण की चिंता किया उसके दान उपहार की ऐश्वर्य शासन की चिंता किया तब भारत से ब्राम्हण का अस्तित्व का विनाश हो जाएगा
   यदि ब्राम्हण ब्राम्हण-न्यायधीश ब्राम्हण-लीडर ब्राम्हण की चिता नहीं किया तब ब्राम्हण का अस्तित्व सुरक्षित रहेगा ब्राम्हण परिवारवाद नहीं रहेगा स्वतंत्र कर्मवाद पुजारी उपदेशक रहेगा
   मुसलमान मौलाना इमाम की चिता किया तब भारत में सारे संसार रचयिता की उपासना करने वाला नहीं रहेगा चाहे म्पौलाना हो चाहे ब्राम्हण अथवा क्रिस्चियन-फादर हो
न्यायालय में धर्मगुरू से पूछे जाने वाले प्रश्न
कट्टरपंथी आध्यात्मिक धर्मगुरु नेता अत्याचार निवारण सुझाया 21 कानून पढ़िए
यह कानून धरती पर जन्मे लोगों के लिए है यह कानून किसी राष्ट्र धर्म जाति विशेष हेतु नहीं है
इस कानून से सभी देश के आध्यात्मिक कट्टरपंथी घबराएंगे लेकिन आम जनता नागरिक में ख़ुशी की लहर दौड़ जायेगी

प्रस्तावित कानून यहाँ देखें
आध्यात्मिक मुददा स्पेस स्तर का विषय है अतः कानून भी स्पेस स्तर का लागु होना चाहिए
न्यायालय में झूठा बयान वक्तब्य कथन कहने पर सजा का प्रावधान होगा
यदि न्यायालय अपने राष्ट्र को परेशानी से बचाना चाहते है तो यह सूचना सन्देश प्रत्येक अध्यात्मिक ब्यक्ति को दे दिया जाए
आध्यात्मिक ब्यक्ति दवारा नागरिक से भारत के न्यायालय से असत्य कहने पर सजा होगी

हम भारत को तालिबान नहीं बनाने देंगे
सर्वजन सुखाय सर्व जन हिताय श्रेष्ठ सिद्धांत है

हम अपने देश में धर्मग्रंथों का दुरूपयोग करने नहीं देंगे
अब ईश्वर भगवान का नाम लेकर हमको छलने वालों को छलने नहीं देंगे
अब भ्रष्ट पंडित मौलाओं को अपनी मेहनत की खानी होगी
सब धर्म के गुरुओं को सत्य-वचन कहना होगा
आपके भ्रष्ट धर्मगुरुओं आध्यात्मिक-नेता के कारण देश में तनाव की स्थिति बनी रहती है
इसका अनुचित लाभ आपके भ्रष्ट धर्मगुरुओं आध्यात्मिक-नेता लोगों के द्वारा लिया जाता है जैसे धन-लाभ जन-लाभ मान-सम्मान-लाभ ऐश्वर्य-लाभ भोग-विलाशी-लाभ राजनीतिक-लाभ
अब आप नागरिक की जिम्मेवारी है आप आध्यात्मिक गुरुओं को बताएं
अब आप नेता उपदेशक लोगों की जालसाजी स्वीकार्य नहीं किया जायेगा

आप नागरिक शिकायत नहीं कर सकते
आप अपने मजहब धर्म के भ्रष्ट-धर्म गुरु से उनके आचरण से परेशान थे इनसे बचाव हेतु आपके पास उपाय नहीं है आपको उपाय मिल गया है आपका धर्म समुदाय आप आपकी सरकार न्यायालय शिकायत नहीं कर सकती
आपकी आध्यात्मिक तनाव की समस्या का समाधान नहीं है यह 21 कानून साक्ष्य है
आपके भ्रष्ट धर्मगुरु धर्म उपदेशक अपने निजी स्वार्थ सिध्धि प्रसिध्धि धन प्राप्ति शासन प्राप्ति हेतु आपको आध्यात्मिक लोभ देकर अपने पक्ष में करते रहे हैं करते रहेंगे आपको इनसे बचने का इन पर प्रतिबन्ध लगाने का उपाय मिल चूका है
यदि विश्वास ना हो तो गौर कर करके देख लो
आप न्यायालय सरकार से क्या चाहेंगे आपकी इच्छा है बस 21 कानून से असहमति के बाद आपके जीवन में कुछ बुरा होने पर किसी से शिकायत नहीं करना न्यायालय सरकार के दरवाजे पर दस्तक अवश्य देना
दूसरी अहम् बात अध्यात्मिक ब्यक्तियों उनके वकील नेता धर्मगुरुओं द्वारा दिया गया आकडा आंकलन का सही होंना जरुरी है जैसे ईश्वर के पास गलत आकडा लिया दिया जाए तब संसार की ब्यवस्था क्या होगी

25 कानून बहु देववादी और शोषित की आवश्यकता है
25 कानून भ्रष्ट मुस्लिम मौलाना इमाम द्वारा सताए लोगों की आवश्यकता है

पच्चीस कानून से सभी देश के भ्रष्ट आध्यात्मिक धर्मगुरु घबराएंगे
लेकिन सभी देश के जनता नागरिक में खुशी की लहर दौड़ जायेगी
यह कानून धरती पर जन्मे लोगों के लिए है
यह कानून किसी राष्ट्र व धर्म विशेष हेतु नहीं है

सुप्रीम कोर्ट हेतु याचिका पत्र
सरल कानून से हमारे धर्मउपदेशक की मनमानी रोक सकेंगे
प्रस्तावित 21 कानून यहाँ देखें
न्यायालय में धर्मगुरू से कौन-कौन से प्रश्न किया जायेगा
ईश्वर की बात कहने वाले का आचरण ऐसा होना चाहिए
आपके धर्मग्रन्थ में एक तूफान छिपा है आप जानते है
आप कानून की दीवार बना लो

यह मनुष्य और इंसान की साजिश नहीं
भ्रष्ट स्वर्ण-हिन्दू मुसलमानों की ज्यादतीयों से बचने का रास्ता मिला
सीमा समृध्धि ममता काले अर्नब गोस्वामी
आत्मा परमात्मा का रहस्य
मोदी जी का भारत
निर्जीव को किसने जगाया
ईश्वर का ब्यापार बंद करो
ईश्वरवाद ऐय्याशी सिद्धान्त समस्या
देश के मंत्रीयों की टीम कब तक देश को समर्पित करतें हैं
न्यायालय और सरकार भयभीत होंगे
न्यायालय मजिस्ट्रेट छह माह प्रचार की सहमती व धन देंगे
आप कहाँ की किसके अदालत हैं
ये अदालत है
अध्यात्मिक पोषाक चाहिए
मुस्लिम का यह कथन नहीं होगा
हिन्दू का यह कथन नहीं होगा
सभी धर्म जाति खुश होगी चाहे भटकती आत्मा हो
सभी अपनी परिश्रम की खायेंगे
आम नागरिक शांत बैठे
यह विचार समकक्ष चलेगा तब विचार क्या होगा
ईश्वर के वचन में इतनी शक्ति है
एक लाइव मेटर एक इन्सान की शक्तियां
यह न्यायालय की विवशता है
धर्मगुरु से वार्ता का समय समाप्त हुआ फैसले का समय है
कश्मीर मुददा हल करोगे कैसे उचित उपाय
न्यायालय जागेंगे तब चूहा भी चूं चूं नहीं करेगा
न्यायालय सरकार आप किस रास्ते जाओगे
न्यायालय और सरकार द्वारा धर्मगुरुओं से पूछे जाने वाले प्रश्न
राष्ट्र की शासन प्रणाली प्रकार चार
यही सनातन संस्कृति है
न्यायालय सरकार शैतान से आजाद कराएँ
ईश्वर के भक्त बन्दों से नागरिक भयभीत नहीं होना चाहिए
क्या देवता फरिस्ते नासमझ थे
प्रत्येक अध्यात्मिक ब्यक्ति सत्य कहेंगे
निराकार और आकार की दुनियाँ का माडल
अध्यात्मिक लोगों का कहना होगा
दोषी कौन धर्मग्रन्थ अथवा धर्मगुरु
आपके मालिकों की गुलामी बहुत हुआ
दान उपहार चंदा पर पूर्ण प्रतिबन्ध नहीं लगा
किसके लिए जान देंगे अराध्य या सच के लिए
कौन धन दे रहा है अपना पराया पापी पुण्यात्मा
मैं प्रधान मंत्री होता पहले पिटवाता
नेता कहेंगे अर्थशास्त्र प्रभावित होगा

INDIAN GOVERMENT AND SUPRIM COURT
      मुझे भारत की अदालत में इस शर्त पर बुलाया जाए जब वह घोषित कर दे राम सजीवन द्वारा होने वाली किसी भी गलती के लिए भारत का कोई भी जज-मजिस्ट्रेट द्वारा कोई सजा नहीं दी जाएगी गलती बड़ी हो अथवा छोटी हो इसके साथ सरकार भी हस्ताक्षर स्टाम्प सहित अपनी सहमती पत्र दे इसी शर्त पर मुझे [ राम सजीवन भारतीया ] अदालत में बुलाया जाए मुझे अपने बुध्धि पर बुध्धि-नियन्त्रण पर भरोसा नहीं है यह कब मेरे नियंत्रण से बाहर हो जाए मैं नहीं जानता कारण विषय बहुत बड़ा है यह सबकी भावनाओं से जुडा है वार्ता के दौरान कब कौन अपना अथवा अपने समुह का निजी स्वार्थ सिध्ध करने हेतु किसी विषय को बढ़ा चढ़ाकर प्रस्तुत करे जहाँ मेरे द्वारा कुछ गलती हो और सामने वाला मुझ पर दबाव बनाने हेतु उस गलती का फायदा उठाने का प्रयास करे

      कारण मुझ जैसे मनुष्य-इंसान की दृष्टि-कोण से ये दुनियां आपका भारत एक निर्मोही दुष्ट राष्ट्र दुष्ट दुनियां है आपके राष्ट्र और दुनियां का इतिहास कहता है आप इतिहास पढ़ कर देख लो यह बातें दृश्य और अदृश्य से सम्बन्धित है आप अदालत और सरकार किसान आन्दोलन का माडल देख सकते हैं उत्पादक और उपभोक्ता के मध्य ब्यापारी की भूमिका क्या है उत्पादक से वस्तु लेना और एक निश्चित आमदनी लेकर उपभोक्ता तक सामान पहुंचाए समस्या तब होती है जब ऐश्वर्य-विचारधारा ऐय्याशी विचार-धारा के लोग इस कार्य में हिस्सा लेते हैं अपनी ऐय्याशी हेतु वस्तु का मूल्य बढ़ाकर उपभोक्ता को वस्तु उपलब्ध करवाते हैं इस कार्य से लोगों की जीवन किस प्रकार से प्रभावित होगी इतिहास के उदहारण से समझ सकते हैं ये ब्यापारी लोग वस्तु के ब्यव्स्थापक और उत्पादक नहीं हैं

      एक अदृश्य सकती जो हम सब की भावनाओं से खेलने वाला है वह हजारों लाखों इंसानों को गुलाम-दास बनाने वाला मुफ्त की ऐय्याशी करने वाला खिलाडी है खेल का रोमांच लेने वाला है सृष्टि निर्माण में उसकी भूमिका नगण्य है वह उस इंसान-मनुष्य को गुलाम-दास अवश्य बनाने का प्रयास करेगा जिसके गुलाम नहीं बनने पर हजारों-लाखों को गुलाम-दास नहीं बनाया जा सकता है
       आप अपनी कौम के हाजी मौला को भोजन दे आप अपने भगवान देवी-देवता को भोजन दें हम जानते हैं वह धरती से प्राप्त भोजन सामग्री हाजी मौला को भगवान देवी देवता को उपलब्ध करवाएंगे न्यायालय आपके राष्ट्र में एक मुसलमान आया वह लोगों को मुसलमान बना रहा है आप न्यायालय-सरकार क्या उत्तर देंगे एक हिन्दू-स्वर्ण शोषित को अज्ञानी लोगों को भगवान का भक्त बना रहा है परिश्रम जनता का मनमर्जी धर्म-उपदेशक की उन्होंने कहा ब्रम्हा ने समस्त संसार बनाया विष्णु ने समस्त संसार बनाया शिव ने महादेव ने समस्त संसार बनाया देवी ने समस्त संसार बनाया महाकाली महादेवी ने समस्त संसार बनाया कृष्ण ने समस्त संसार बनाया राम ने समस्त संसार बनाया आप न्यायालय-सरकार क्या उत्तर देंगे

दो प्रस्तावित कानून की लाइन पर वार्ता होगी इस लाइन पर वार्ता किस स्तर पर होगी हम किस स्तर पर बात करेंगे यह किस स्तर की बात है सौरमंडल आकाशगंगा समस्त आदि अंत मध्य संसार स्तर पर बात होगी

      विश्व का कोई भी देश राष्ट्र पर यह आरोप न लगाये कि देश की सरकार ने शक्ति का उपयोग करके 21 कानून लागु किया
      यह ऐतिहासिक कानून होगा अतः सबको अपनी बात कहने का अवसर मिलना चाहिए न्यायालय में सभी पक्ष को अपनी बात कहने का अवसर दिया गया और सबकी सहमती बनने पर कानून की मान्यता हेतु लोकसभा राज्यसभा को भेजा गया

यह कानून आम नागरिक पर लागु नहीं है इनका धर्म मजहब कुछ भी हो
      मुस्लिम आवाम मटन बिरयानी खायेंगे मुर्गा मुसल्लम खायेंगे और मौलाना हाजी टुकुर टुकुर देखेंगे कहेंगे कभी मौलाना हाजी भी मटन बिरयानी मुर्गा मुसल्लम खाते थे वो तो हमारे गुनाह थे हमने बुरे लोगों पर लगाम नहीं लगाया कहा चाहे जैसे भी हो इस्लाम फैलाना है और गुनाह का रास्ता अपना कर इस्लाम फ़ैलाने की कोशिश की
      यह उसी का नतीजा है आवाम मटन बिरयानी खायेंगे मुर्गा मुसल्लम खायेंगे और हम मौलाना हाजी टुकुर टुकुर देखेंगे

      हम इस कार्य हेतु अपनी जान भी दे देंगे और जान भी ले लेंगे यह समस्त संसार निर्माता के बन्दों भक्तों का कहना है इसके स्थान पर हम जीयेंगे और जीने देंगे लेकिन हमारे मध्य समस्या रहने नहीं देंगे दोनों विचारों में तनाव की स्थिति क्या होगी हम केवल समस्त संसार सृजन कर्ता की स्तुति इबादत करते हैं उसके सिवा किसी और की स्तुति इबादत नहीं करेंगे उसकी इतनी शक्ति नहीं है अपनी सत्ता बिना खून खराबे के स्थापित कर सके अतः मुस्लिम स्वीकार कर लें उसकी शक्ति कमजोर है चाहे दृश्य संसार निर्माता हो अथवा अदृश्य शक्तियाँ हों कोई भी समुदाय केवल सारे संसार वाले की स्तुति करके सकुन का जीवन जी कर दिखा दे जिसकी स्तुति की जा रही है उसका समस्त संसार निर्माता धारक पालक सृजनकर्ता होना आवश्यक है 

       किसी भी पक्ष द्वारा बलपूर्वक समूह की भीड़ के दम पर कही बातें भारत की अदालत नहीं मानेगी बलपूर्वक भीड़ दिखाकर बातें कहने का क्या अर्थ समझा जाए यही की उनका ईश्वर सृजनकर्ता कमजोर है यदि आपकी पुस्तक सही है तो आप धर्म-उपदेशक निश्चिन्त रहें सुझाव जब तक 21 कानून नहीं बन जाता तब तक धर्मग्रंथों की बातें अदालत में चर्चा का विषय वाद-विवाद का विषय नहीं होगा इसके साथ कानून बनाने के बाद कम से कम पांच वर्ष तक धर्मग्रंथों की बातें चर्चा का विषय वाद-विवाद का विषय नहीं होगा इसे न्यायालय अथवा सरकार आवश्यकता अनुसार बढ़ा सकते हैं धर्मग्रंथों की बातें चर्चा का स्थान वाद-विवाद का विषय स्थान केवल कोर्ट होगा गाँव गली मोहल्ले में नहीं रोड में नहीं लोकसभा को मैं रोड मानता हूँ न्यायालय तनाव युक्त होकर जागरूक नहीं रहेंगे तनावमुक्त होकर जागरूक रहें वर्तमान में आपकी टीम जागरूक रहती है इसी तरह की जागरूकता की आवश्यकता है यह 21 कानून कई समस्याओं का समाधान है वर्तमान में इसके कुछ हिस्से लागु कर लिए जायेंगे तब वार्ता शांति-पूर्वक और सार्थक होगी
      मुझ राम सजीवन को 94% चांस है हटाया जायेगा चाहे हत्या करके अथवा पागल घोषित करके हड्डियाँ टूटने के बार बार चांसेस हैं [ माधूरी दीक्षित की शादी हो चुकी है अन्यथा उनको फोन करके बुला लेता वो गाना गाती और मेरे सर से लेकर पाँव तक बंधा पट्टी पाँच मिनट में खुल जाता जैसे फिल्म में अनिल कपूर का सर से लेकर पाँव तक बंधा पट्टी गाना गाने से पाँच मिनट में खुल गया था ] यह अदृश्य के द्वारा भी किया जा सकता है और हिन्दू-मुस्लिम-प्रशासनिक ब्यक्ति व् पाकिस्तान के द्वारा भी किया जा सकता है इसलिए इस मुद्दे पर सीधे बात नहीं करूँगा हमेशा भागने के प्रयास में लगा रहूँगा लक्ष्य की प्राप्ति से दूर नहीं जाऊंगा यह कोशिश होगी यह विषय मेरे लगभग बीस वर्ष चाट गए अब तक बेरोजगार हूँ बुद्धि बच्चे परिवार की परवाह नहीं करती मानों होश ही नहीं मैं पैसे कमाने की कला नहीं जानता चार से छः काम जानता हूँ इलेक्ट्रीशियन इलेक्ट्रोनिक डीजल मेकेनिक मोटर रिवाईडर टेलरिंग जेंट्स लेडिस बेसिक कम्पुटर नॉलेज वेब डिजाईन का थोडा ज्ञान है लेकिन पैसे कमाने की दृष्टि से बुद्धि काम नहीं करता क्या मुझ पर जिन्न-प्रेतात्मा सवार है ये सारी बातें जिन्न-प्रेतात्मा ने लिखवाई है अथवा यह कानून राष्ट्र की जरुरत है जिन्न-प्रेतात्मा अच्छी बुरी दो तरह की होती हैं अतः प्रश्न न्यायपालिका सरकार आपके राष्ट्र के नागरिक की आत्माएं क्यों भटक जाती हैं इसका जिम्मेदार कौन है ब्यक्ति अथवा धर्मगुरु उपदेशक अथवा भ्रष्ट ज्ञान दाता
      वर्तमान में यह कानून धर्मग्रंथ पर लागु नहीं है धर्मग्रन्थ के लिए विज्ञान शास्त्र और विज्ञान-शास्त्री हैं इतिहासकार हैं मनुष्य के ब्यवहार का इतिहास है यदि न्यायपालिका शांति पूर्वक वार्ता चाहती है इसके लिए न्यायालय के पास कुछ सक्रीय कानून की आवश्यकता होगी जिनमे से प्रमुख है बिना साक्ष्य कोई बात नहीं मानेंगे आपके पास कई धर्मग्रन्थ हैं और अध्यात्मिक इतिहास है न्यायालय में झूठा कथन कहने वाले के अधीन की सम्पत्ति और उनके संचालक के अधीन की सम्पत्ति यह दान-उपहार से प्राप्त जनता का पैसा है इसे सरकारी खजाने में जमा किया जाए केवल उनकी शारीरिक परिश्रम की धनराशी छोड़ दी जाए दूसरी स्थिति देश में जो ब्यक्ति अथवा जितने लोगों की भीड़ की सहायता से बल पूर्वक अध्यात्मिक बातें लोगों से मनवाए उन सभी लोगों के पालन पोषण की सामग्री की ब्यवस्था उस ब्यक्ति अथवा समूह द्वारा किया जायेगा जब तक पालन पोषण की सामग्री की ब्यवस्था की जाएगी तब तक उनकी बात मानेगे शर्त है जितने लोगो को पालन पोषण की सामग्री दी गयी है उनके सत्य ज्ञान को हानि नहीं पहुँचाया जाए यहाँ स्पेस रूल लागु नहीं होना चाहिए जैसे नालेज चेंज मेटर बिहेविअर चेंज हो जाना वास्तविक सच का बदल जाना ब्यक्ति को उसकी आत्मा को हमेशा के लिए दास बना लेना आप उसकी आत्मा के निर्माता नहीं है वह आपके किसी लक्ष्य सिध्धि हेतु आपसे परिश्रम करवा सकता है लेकिन परिश्रम करके आपके पथ भ्रष्ट लक्ष्य को पूरा करते हुए आपका दास नहीं बन सकता आप उसे सत्य की राह से भटका नहीं सकते यह सृष्टि और अन्तरिक्ष में अनुचित कार्य है 

       समस्त संसार और आकाश गंगा बनाने वाले का बंदा की प्रथम उनकी कोई पत्नी नहीं होगी
दूसरा सिर्फ एक पत्नी होगी ये लोग माँस का सेवन नहीं करेंगे
इन दो लाइन पर कुछ विवादित वार्ता होगी लेकिन स्पेस रूल मेटर रूल एनर्जी रूल जीरो रूल समस्या का समाधान कर देगा वर्तमान में विवादित स्थिति से बचने के लिए इन दो लाइनों के आगे लिख दिया जाये इन दो लाइनों पर वार्ता शेष है सबकी सहमती बनने पर कानून की मान्यता दे दी जाएगी
किसी भी धर्म ग्रन्थ का सम्बन्ध आल स्पेस से जोड़ा गया है
अतः आल स्पेस स्तर पर कथनों की प्रमाणिकता पर चर्चा होगी

इस धरती पर धर्मग्रन्थ के कथनों का दुरूपयोग नहीं होगा

      यह समस्त संसार बनाने वाले की किताब है इस पुस्तक में भगवान की कही बात है प्रश्न समस्त संसार बनाने वाला इस कथन से क्या समझा जाये कितनी विशाल सृष्टि की बात कही जा रही है सारे संसार का मालिक एक है इनके द्वारा किसकी बात कही जा रही है शून्य को जीवित किया उसकी बात कही जा रही है अथवा जीवित से जीवित को बनाने की बात कही जा रही है जीवित से आकार बनाने वाले की बात कही जा रही है अथवा जीवित से निराकार बनाने वाले की बात कही जा रही है हिन्दू-मुस्लिम के लोग कहेंगे आप हमारी कौम के बारे में कोई बात नहीं कहेंगे आप हमारी कौम को कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकते उत्तर हिन्दू मुस्लिम दोनों कौम के लोगों को नुक्सान पहुँचाने की कोशिश करने की आवश्यकता नहीं है वर्तमान में केवल आपको बताने की जरुरत है आप दोनों ने अपने-अपने कौम को नुक्सान पहुंचा चुके हो
      इस विषय पर वार्ता के दौरान धर्मगुरुओं की उनके संचालक की सम्पत्ति की जानकारी सार्वजनिक होगी उद्देश्य लोगों को गुमराह करने से रोकना कई भ्रष्ट लोभी ऐय्याशी लक्ष्य धारी जुनूनी उन्मादी धर्म-उपदेशक को मालुम है अब मुफ्त का धन मान-सम्मान नहीं मिलेगा इसलिए लोगों को गुमराह करते हुए कहेंगे कौम के लोगों एक हो जाओ धर्मग्रन्थ में लिखे कानून के अलावा किसी कानून को नहीं मानेगे हम धार्मिक ग्रन्थ में लिखे कानून के लिए अपनी जान की बाजी लगा देंगे उस कानून के शिवा किसी और कानून को नहीं मानेंगे ये जगत के स्वामी की बाते हैं ये दुनियाँ बनाने वाले की बाते हैं क्या उससे ज्यादा कोई जानने वाला इस दुनियाँ में है जो इन इंसानों की बातों को मानेंगे इनकी बनाई कानून को मानेंगे दुनिया बनाने वाले के सामने इनकी क्या औकात है
अतः अध्यात्मिक वर्ग के लोगों की संपत्ति सार्वजनिक होनी चाहिए इस जानकारी का उपयोग करके आपके नागरिक स्वयं निर्णय ले सके किस पक्ष का साथ देना चाहिए

       इनका कहना है खुदा पाक के बन्दों की खिदमत करना एक अजीम इबादतः मौलाना खालिद रशीद
प्यारे मौलाना खालिद जैसे धर्म उपदेशक अब खुदा पाक के बन्दों को अपनी केवल अपनी मेहनत की खानी होगी हिन्दू ईसाई व अन्य धर्म के लोग भी इस कानून से बचने वाले नहीं
      A मैं समस्त संसार निर्माता की स्तुति करता हूँ लेकिन इस धरती आकाश छाँव तले रहता हूँ अतः जब तक मैं सक्षम नहीं हो जाता तब तक भोजन हेतु इस संसार वाले की स्तुति भी करता हूँ
      B मैं आकाशगंगा निर्माता की स्तुति करता हूँ लेकिन इस धरती आकाश छाँव तले रहता हूँ अतः जब तक मैं सक्षम नहीं हो जाता तब तक भोजन हेतु इस संसार वाले की स्तुति भी करता हूँ
      C अब मौलाना की बात करें मै उसका भक्त बंदा हूँ किसका पहला जहाँ संसार वाले दूसरा कायनात वाले का तीसरा सारे संसार कायनात वाले का
क्या ये खुदा के बन्दों की श्रेणी में आते हैं तीनों बन्दों में से किसकी खिदमत करना एक अजीम इबादत होगी इसके साथ इस परम्परा से अध्यात्मिक विकृति में कितनी वृध्धि होगी इसका उदाहरण वर्तमान के अध्यात्मिक वातावरण देख कर अनुमान लगा सकते हैं
      हिन्दू धर्म के लोगों द्वारा कुछ ऐसा कहा जाता है साधू संतों की सेवा से बहुत पुण्य मिलता है प्यारे साधू-संतों अब आपको अपनी केवल अपनी परिश्रम की खानी होगी समाज में बहुत अध्यात्मिक विकृति आ चूका है उपरोक्त कथन का बहुत दुरूपयोग होने लगा है
      क्या ईश्वर के बन्दे परिश्रम करने में असमर्थ हो जाते हैं अथवा बहुत परिश्रमी होते हैं यदि परिश्रम करने में असमर्थ हो जाते हैं तब ऐसे मालिक भगवान परमात्मा ईश्वर अल्लाह खुदा परवर-दिगार की स्तुति क्यों करें

न्यायालय का नागरिक से प्रश्न
       न्यायालय का नागरिक से प्रश्न आपको क्या परेशानी है उत्तर न्यायपालिका मुझे कोई परेशानी नहीं है देश की किसी भी घटित अप्रिय घटना से परेशानी नहीं है चाहे रोहंगिया मुद्दा हो कश्मीरी पंडित का मामला हो बलात्कार उनकी निर्ममता पूर्ण हत्या का मामला हो धर्म परिवर्तन का मामला हो लव जिहाद का मामला हो दलितों पर अत्याचार का मामला हो बजरंग-दल हो शिवसेना हो गजवा ए हिन्द हो हिन्दू राष्ट्र मुस्लिम राष्ट्र बनाने का मुद्दा हो
       मेरा प्रश्न आप न्यायालय आप सरकार से क्या आपको अपने राष्ट्र के धर्मगुरुओं से धर्म-उपदेशकों से परेशानी है अध्यात्मिक ब्यक्तियों से परेशानी है पूछे गए प्रश्न का उत्तर आप न्यायालय आप सरकार को देना है
      यह मुद्दा संसार बनाने वाला बहुत बड़ा मुद्दा है नहीं न्यायालय यह मुद्दा संसार बनाने वाला बहुत बड़ा मुद्दा नहीं है यह संसार बनाने वाला मुद्दा गाजर मुली हलवा है हलवा में काजू-किसमिस मिलाया और खा लिया बस इससे ज्यादा बड़ा मुद्दा नहीं है आप दुनियां में देख सकते हैं देखकर लगता है यह मुद्दा हलवा खाने जैसा है
       न्यायपालिका हम चाय पीने जा रहे हैं मजिस्ट्रेट - ठीक है चलिए नोट := ड्राईवर ने कार से पेट्रोल निकाल दिया है ड्राईवर - सर गाड़ी में पेट्रोल नहीं है मजिस्ट्रेट - जाओ पेट्रोल लेकर आओ ड्राईवर - पैसे मजिस्ट्रेट - पैसे नहीं हैं एटीएम से लेकर आओ ड्राईवर - सर आपका खाता सील कर दिया गया है मजिस्ट्रेट - दोस्त की गाड़ी मंगाओ ड्राईवर - सर उनकी गाड़ी में पेट्रोल नहीं है उनके पास पैसे नहीं है और खाता सील कर दिया गया है मजिस्ट्रेट - किसी गाड़ी वाले से मदद लेते हैं ड्राईवर - गाड़ी रोक कर हमें चाय पीने जाना है वाहन चालक - नहीं जी मैं उस रास्ते नहीं जा रहा हूँ मजिस्ट्रेट - दोस्त की गाड़ी मंगाओ दोस्त - कहाँ चलना है मजिस्ट्रेट - चादनी चौक दोस्त - नहीं जी उस रस्ते नहीं जाऊंगा मजिस्ट्रेट - क्यों दोस्त - वहां पुलिस पकड़कर मेरा वाहन सील कर देगी मेरे पास गाड़ी के पेपर नहीं हैं मजिस्ट्रेट -ठीक है दुसरे दोस्त को बुलाओ फ़ोन लगाया गया दूसरा-दोस्त - नहीं दोस्त उस रस्ते जाने पर पुलिस मेरा पूरा बैंक अकाउंट सरकारी खजाने में जमा करवा देगी मजिस्ट्रेट - क्यों दूसरा-दोस्त - मैंने सरकार को एक गलत जानकारी दी है और कानून के मुताबिक दान उपहार की धन राशी सरकारी खजाने में जमा करा दी जाएगी इसलिए मजिस्ट्रेट - ठीक है तीसरे दोस्त को बुलाओ
तीसरा दोस्त - मजिस्ट्रेट महोदय छः कारण से आप चाय पीने नहीं जा सके ऐसे कितने कारण होंगे जिसके आधार पर देश में अशांति फ़ैल सकती है उन पर उचित न्याय संगत प्रतिबन्ध लगायें मुद्दा आल स्पेस स्तर का है सम्पूर्ण आकाश गंगा स्तर का है सौर-मंडल स्तर का है दुनियाँ धर्मगुरुओं ने नहीं बनाई है धर्म प्रचारक ने नहीं बनाई है और ईश्वर की शक्ति इतनी कमजोर नहीं है उनको धर्म प्रचार धर्म स्थापना के लिए किसी अध्यात्मिक लिबास को धारण करने की आवश्यकता हो सृष्टि की सत्य कथा सत्य इतिहास पर्याप्त है
पहले नागरिक पापड़ बेलती रही धर्म उपदेशक तल तलकर खाती रही बोले बहुत अच्छा पापड़ है
कानून के लागु होने पर
धर्म-उपदेशक पापड़ बेलेंगे नागरिक तल-तल कर खायेंगे कहेंगे बहुत अच्छा पापड़ है
विश्व से भारत का कथन होगा
       पाकिस्तान भारत के मुसलमानों से कहतें है हम आपके दोस्त हैं हमें आपकी फिक्र है हम आपके लिए लड़ाई लड़ रहें हैं यह कहते हुए इस्लाम फ़ैलाने का सन्देश देतें है इस सन्देश के नाम पर वह यहाँ अशांति का वातावरण निर्मित करतें है भारत के मुस्लिम उसकी बातों में आकर उसके कथन अनुसार कार्य करते हैं और देश में तनाव का वातावरण बना रहता है
       अतः पाकिस्तान अपने कथन अनुसार दोस्ती निभाए और पाकिस्तान में अल्लाह खुदा के नामों का ब्यापार नहीं होगा यह कानून लागु करे जैसा भारत ने 25 कानून लागु किया है जब तक पाकिस्तान अपने देश में यह कानून लागु नहीं करते तब तक भारत के मुस्लिमों को उनके अध्यात्मिक और सामाजिक एक झूठ पर 36 माँह की सजा होती रहेगी अन्य धर्म के लोगों को 32 माँह की सजा होगी
       अब यह पाकिस्तान के ऊपर निर्भर है कब तक भारत के मुसलामानों को 4 माँह की अतिरिक्त सजा होती रहेगी उपरोक्त शर्तें रोह्न्गिया के सम्बन्ध में रखी जा सकती है
अध्यात्मिक विवाद से बचाव का सरल उपाय

     न्यायपालिका और सरकार को 21 कानून को लागु करने के सम्बन्ध में विवाद से बचना है
     तब इनके संबंध ने प्रश्न कीजिये और प्रश्नों का उत्तर लीजिये दीजिये
आप अक्षम कमजोर नागरिक में विश्वास बढ़ाएं उन्हें सरल प्रभावी कानूनी अधिकार दें
आपका वह नागरिक जिसकी पहुँच आप उच्च पदाधिकारियों तक नहीं है
आपका वह नागरिक जिसकी पहुँच बुद्धिजीवियों तक नहीं है
उस ब्यक्ति तक सही अध्यात्मिक ज्ञान पहुँचनी चाहिए यह आपके द्वारा सुनिश्चित किया जाये
आपको आम नागरिक अपने अध्यात्मिक सत्य जानने के अधिकार और स्वार्थी अध्यात्मिक ब्यक्तियों के कारण निर्मित परेशानियों से अवगत किया है
उस ब्यक्ति को सही ज्ञान प्राप्त करने का कानूनी अधिकार सुरक्षित और सुनिश्चित करना होगा
आपके और नागरिक के मध्य असत्य अध्यात्मिक ज्ञान पहुँचाने वाले असत्य ज्ञान स्थापित करने वाले पथभ्रष्ट ज्ञान बताने वाले अध्यात्मिक गुरु प्रचारक को सरलता से रोकने के उपाय को अपनाना होगा
     ये धर्मगुरु धर्मग्रंथ को आमदनी का मान-सम्मान प्राप्ति का शासन करने का ऐय्याशी का माध्यम बना लिया है दान-उपहार चंदा की धन राशी के बलबूते अपने जूनून उन्माद निजी लक्ष्य को लोगों में स्थापित करने का प्रयास करते हैं इस पर प्रतिबन्ध कैसे लगायेंगे आम नागरिक की तरफ से अपना पक्ष और सुझाव रख दिया गया है अब न्यायालय सरकार अपनी जिम्मेदारी निभाए
     यह 25 कानूनी अधिकार उन तक पहुचाना आपकी जिम्मेदारी है आपको अध्यात्मिक समस्या समाधान हेतु एक आइडिया चाहिए था उनमें से एक आइडिया आपको दिया जा चूका है
     अतः आप न्यायालय सरकार का कथन मै अपने नागरिकों तक अध्यात्मिक असत्य ज्ञान नहीं पहुँचने दूंगा
मै असत्य ज्ञान मति-भ्रम अस्पस्ट ज्ञान अधुरा ज्ञान पर प्रतिबंध लगाऊंगा
मै नागरिक के अध्यात्मिक सत्य जानने के अधिकार की सुरक्षा करूँगा
मै अध्यात्मिक गुरु उपदेशक उनके संचालक के गलत आचरण पर गलत कथन पर सरल प्रभावी कानून से प्रतिबन्ध लगाऊंगा
उन्हें अपनी शारीरिक परिश्रम की खानी होगी चाहे वे लखपति हों चाहे करोडपति हो नागरिक के प्रश्न का असत्य उत्तर देने पर प्रतिबन्ध लगाऊंगा
मै गलत लोगों को अथवा गलत समूह को अध्यात्मिक प्रदर्शन करने पर रोक लगाऊंगा
सालाना आयोजित होने वाली धार्मिक उत्सव को छोड़ केवल उन्हें ही अध्यात्मिक प्रदर्शन करने की अनुमति दी जाएगी जिन ब्यक्तियों के आचरण श्रेठ होंगे इसके साथ ही सालाना आयोजित होने वाली धार्मिक उत्सव को अध्यात्मिक राज करने वाली नीतियों के उपयोग का माध्यम बनाने नहीं दिया जायेगा
     न्यायलय और सरकार नागरिक आप से पूछ सकते हैं आपके राष्ट्र में उपरोक्त समस्या समाधान हेतु कौन कौन सी शक्तियों की कमी है बुद्धि मान की कमी है अन्तरिक्ष की मुलभुत सिद्धांतों के ज्ञान की कमी है पुलिस बल की कमी है हजारो वर्ष के इतिहास की कमी है इतिहास कार की कमी है धार्मिक ग्रन्थ की कमी है इनके उपयोग-दुरूपयोग की जानकारी की उसकी समझ की कमी है अध्यात्मिक समुदाय की प्रिय-अप्रिय घटनाओं की उदाहारण की कमी है मनुष्य के अच्छे-बुरे ब्यवहार के इतिहास की कमी है अथवा वर्तमान की तनाव पूर्ण वातावरण से सरकार न्यायालय अनभिज्ञ है जिसके कारण घटनाओं की सही जानकारी प्राप्त करने वालों की अथवा समीक्षा करने वालों की कमी है

न्यायालय में वाद-विवाद के समय अध्यात्मिक विवाद से बचाव का
दूसरा सरल उपाय

     राष्ट्र में शांति बनाने की दृष्टि से 21 कानून के लागू करने की तारीख अभी से घोषित कर दी जाए इसकी तारीख वर्तमान समय के आसपास जनवरी 2022 की तारीख घोषित की जाये माना कानून पाँच वर्ष बाद लागू होगी इस दिनांक की घोषणा से तनावपूर्ण वातावरण निर्मित होने से बच जायेंगे धर्मप्रचारक धर्मगुरु धर्म-उपदेशक धार्मिक-नेता साधू संत मौलाना फादर और इनके संचालक को ज्ञात है आज के वर्तमान में न्यायालय को दी गयी असत्य जानकारी के कारण भविष्य में कानून लागू होने पर सजा होगी कारण कानून जनवरी 2022 से लागू है यह विचार उनके द्वारा न्यायालय में अपने आचरण और कथन के सम्बन्ध में असत्य जानकारी रखने से रोकेगी विशेष दयान दें कानून धर्मग्रंथ के कथनों पर लागु नहीं है इसका अर्थ यह न समझा जाए न्यायालय को गुमराह किया जाए न्यायालय का समय धर्मग्रंथ के कथनों में उलझाकर नष्ट किया जाए समस्या मनुष्य के आचरण से है धर्मग्रन्थ के कथनों के दुरूपयोग से है धर्मग्रन्थ के कथनों से नहीं जब धर्मग्रन्थ के कथनों से समस्या की बात आएगी तब विज्ञानं उस समस्या का समाधान निकलेगा

न्यायालय और सरकार इस बात से भयभीत होंगे

    आप न्यायालय और सरकार इस बात से भयभीत होंगे यह मुद्दा देश में तनाव तोड़-फोड़ आगजनी हत्या मारपीट का वातावरण निर्मित करेगा
     इन ब्यक्तियों द्वारा शक्ति प्रयोग करते हुए अपनी बात मनवाने की कोशिश की जाएगी अतः सरकार और न्यायलय और बुध्धिजीवी से प्रश्न अध्यात्मिक ब्यक्तियों द्वारा शक्ति बल प्रयोग करते हुए अपनी बात मनवाने वाले ये कौन लोग हैं इनका लक्ष्य क्या है इनका आचरण क्या है रहन-सहन जीवन शैली क्या है इस प्रश्न का उत्तर इन्होने नहीं दिया भगवान् अल्लाह का उपासक भक्त बंदा परिश्रमी होते हैं ईश्वर की शक्तियां कमजोर है उसे अपनी बातें मनवाने हेतु अध्यात्मिक पोषक धारी मनुष्य शरीर की आवश्यकता होती है ये अध्यात्मिक लोग मुफ्त मान सम्मान वर्चस्व हेतु अध्यात्मिक विषय का उपयोग नहीं करते
    इसका उपाय है दुनियां मनुष्यों ने इंसानों ने नहीं बनाई है लोगों के पालन पोषण की भौतिक वस्तुओं की रचना अपनी बनाई संम्पत्ति से नहीं की है अतः किसी ब्यक्ति से धर्म संस्कृति को मनवाने हेतु बल प्रयोग नहीं कर सकते यदि आपके द्वारा किसी धर्म संस्कृति को मनवाने हेतु बल प्रयोग किया जाता है ऐसी स्थिति में जो संख्या धर्म संस्कृति मानने को तैयार होगी उस संख्या को पालन-पोषण की भौतिक सुख-सुविधा की वस्तुओं की ब्यवस्था करनी होगी सरकार अथवा ईश्वर पालन-पोषण की भौतिक सुख-सुविधा की वस्तुओं की ब्यवस्था नहीं करेंगे इस निर्णय के बाद सरकार न्यायालय देखे कितने लोग धर्म-संस्कृति की रक्षा हेतु आगे आते हैं
     उदहारण गौ-रक्षा का मुद्दा देख लीजिये कितने लोगों ने भारत की माता कही जाने वाली गाय की जरुरत पूरी करने हेतु धन सामग्री उपलब्ध कराई है यह सुविधा किसके द्वारा उपलब्ध कराई गयी जब उपदेश व बल प्रयोग करने वाले की खुद के जेब से धन खर्च करना होगा जब खुद को सामग्री उपलब्ध करानी होगी तब गौ-रक्षा की बात छोड़ देंगे मेरी बात गलत हो तो देश का इतिहास और वर्तमान देख लो


यह धर्मगुरुओं द्वारा ईश्वरीय शक्ति का अपमान है

     अध्यात्मिक ब्यापारी धर्म-उपदेशक कहेंगे न्यायालय व् सरकार ईश्वर की शक्तियों का अपमान नहीं होने देंगे
     यह बात जानने की है अध्यात्मिक लोगों को धन पालन पोषण की सम्पत्ति नहीं देना पड़ता है इसलिए कट्टर अद्यात्मिक धर्मगुरु धर्मुउपदेशक बन जाते हैं
      ईश्वर उसका बंदा इतना कमजोर नहीं उन्हें किसी का हाथ काटना पड़े पत्थर मारकर हत्या करना पड़े यह ईश्वरीय शक्ति का अपमान है उन शक्तियों का अपमान है जो बुध्धि का बिना नुकसान पहुचाये पालन पोषण करती है शरीर के प्रत्येक अंगों का पालन पोषण करती है यह कौन सी शक्ति है जो यह उपदेश करती है धर्म की रक्षा हेतु कठोर दण्ड देना चाहिए क्या ज्ञान देकर धर्म की संस्कृति की रक्षा नहीं की जा सकती इन ब्यक्तियों के द्वारा वर्तमान धर्म और संस्कृति की उसकी वेश भूषा परम्परा की कब तक रक्षा की जाती रहेगी उस परम्परा उस संस्कृति की रक्षा हेतु धन सम्पदा पालन-पोषण की संपत्ति किसके द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी और अध्यात्मिक ब्यक्ति की कथन अनुसार कब तक उस संस्कृति परम्परा की रक्षा हेतु ईश्वर और सरकार द्वारा धन मुहैय्या कराई जाएगी शासन धर्मगुरु धर्म उपदेशक की और धन सम्पदा सरकार और ईश्वर उपलब्ध कराये ऐसा नहीं होगा

दूसरा उदाहरण

      न्यायालय इस कानून का छह महिना तक नागरिक को जागरूक करने हेतु प्रचार करे उन्हें बताएं इस कानून के लागु होने पर कोई भी धर्म सम्प्रदाय का धर्मगुरु धर्म-उपदेशक धार्मिक-नेता किसी भी प्रश्न का गलत उत्तर नहीं दे सकते किसी गलत आचरण का पालन नहीं कर सकते और ना ही किसी को विवश कर सकते हैं आपके द्वारा दी गयी दान उपहार चंदा की धन राशी अध्यात्मिक सरकारी खजाने में जमा होगी यह धन राशी केवल जन कल्याण हेतु खर्च की जाएगी गरीब वर्ग की समस्या को प्रथम प्राथमिकता दी जाएगी बाद में अन्य समस्या को सुलझाया जायेगा सभी धर्म समुदाय के धर्मगुरु धर्म-उपदेशक धार्मिक-नेता केवल अपनी मेहनत-परिश्रम की खायेंगे अध्यात्मिक सत्य कथनों का वैज्ञानिक साक्ष्य के साथ उपदेश देंगे
      जो भी शक्ति जिस कार्य को किया जिस कार्य भार को संभाला है जैसे संसार का निर्माण किसने किया मनुष्य पशु पक्क्षी पेड़-पौधों की रचना किसने किया जगत को किसने धारण किया है जगत का पालक पोषक कौन है आदि जानकारीयां मतिभ्रम करने वाली नहीं होगी यदि मतिभ्रम करने वाली जानकारी है तब उस जानकारी को बलपूर्वक कोई भी धर्मगुरु आप नागरिक को मानने हेतु विवश नहीं कर सकते वर्तमान में वैज्ञानिक खोजों से कई रहस्य की जानकारी हुई है उस जानकारी का मतिभ्रामक ब्याख्या नहीं की जाएगी उनके द्वारा यह बात सत्यापित की जाएगी
      ईश्वर अल्लाह भगवान का भक्त बंदा उपासक परिश्रमी होते हैं अपनी परिश्रम की खाने में समर्थ होते हैं ना की परिश्रम करने में असमर्थ होते हैं इनके द्वारा दान उपहार चंदा की धन-राशी का उपयोग करके जीवन यापन करने वाले नहीं होते हैं इनके दवारा दान उपहार चंदा की धन-राशी पर ऐय्याशी करने वाले दान उपहार चंदा की धन-राशी के बलबूते शासन करने वाले नहीं होते हैं

न्यायालय मजिस्ट्रेट छह माह प्रचार की सहमती व धन देंगे

      चूँकि न्यायालय और सरकार ने माना है इस मुद्दा के कारण देश में तनाव अशांति का वातावरण निर्मित होगा अतः न्यायालय आप के द्वारा यह बात मानी जाती है की छह माह तक न्यायालय मजिस्ट्रेट प्रचार की सहमती देतें हैं ऐसी स्थिति में सरकार प्रचार हेतु धन मुहैय्या कराएगी
      अतः छह माह तक नागरिक को कानून के लाभ हानि से परिचित कराने हेतु उनके विचार जानने हेतु कानून का प्रचार की सहमती देने वाले न्यायालय मजिस्ट्रेट को प्रचार हेतु धन राशी उपलब्ध करानी होगी क्योकि उन्होंने निर्देश जारी किया है अतः निर्देश अनुसार कार्य को पूरा करने हेतु मजिस्ट्रेट द्वारा धन भी उपलब्ध कराई जाएगी प्रश्न क्या मजिस्ट्रेट द्वारा अपनी परिश्रम की धन-राशी प्रचार हेतु उपलब्ध कराई जा सकती है उपरोक्त धन-राशी उपलब्ध करने में सक्षम हैं यह सुझाव देने का मूल कारण है क्या मजिस्ट्रेट दवारा प्रचार की अनुमति दी जाएगी उन्हें मालूम है प्रचार हेतु धनराशी भी देय होगा अतः जब प्रचार हेतु निर्देश देने से पीछे हट गये तब अध्यात्मिक ब्यक्ति देश में अशांति का वातावरण निर्मित करने से पीछे हट जायेंगे इसे समझ सकते हैं अध्यात्मिक ब्यक्ति के पीछे नहीं हटने के कौन कौन से कारण होंगे एक कहीं से धन मुहैय्या की जा रही है किसी के द्वारा दबाव बनाया जा रहा है

शक्ति बुध्धि परिक्षण

वकील - हिन्दू मुस्लिम में विवाद होगा आप इस बात से परिचित हैं
राम सजीवन - ठीक है मेडम सर हम हिन्दू मुस्लिम से समोसा मागते हैं दो कार मंगाइए
वकील - कार समोसा का हिन्दू मुस्लिम से क्या सम्बन्ध
राम सजीवन - आप कार तो मंगाइए देखते हैं समोसा ला पाते हैं अथवा नहीं
वकील - यदि कार और समोसा है तो अवश्य मिल जायेगा
राम सजीवन - मेडम सर कार है समोसा है लेकिन कार में पेट्रोल नहीं हैं
वकील - पेट्रोल भरा लिया जायेगा
राम सजीवन - हम टैंक में ताला लगा देंगे देखिये पूछिये हिन्दू मुस्लिम से क्या दी गयी कार से समोसा लेने जायेंगे अथवा जाने के लिए तैयार होंगे कौन सा दिमाग लगायेंगे आसपास के शहर गाँव का पेट्रोल टंकी बंद है
मेडम सर जब यहाँ दी गयी कार से समोसा लाने तैयार नहीं हैं तब हिन्दू मुस्लिम में विवाद किसके दम पर करेंगे ?

आप कहाँ की किसके अदालत हैं

      आप मनुष्यों की पशु पक्षियों की पेड़-पौधों की अदालत हैं आप ब्रम्हा विष्णु महेश अल्लाह परमात्मा ईश्वर यहोवा हिन्दु मुस्लिम ईसाई बौध्धिष्ठ जैनी की अदालत हैं सारे संसार वाले की संसार वाले की पृथ्वी वासी के अदालत हैं आप किसकी अदालत हैं
आप किसकी तरफ से पैरवी कर रहीं हैं कर रहें हैं सारे संसार वाले की तरफ से संसार वाले की तरफ से सौर-मंडल की तरफ से पृथ्वी वासी की तरफ से हिन्दू मुस्लिम ईसाई बौध्धिष्ठ जैनी की तरफ से

भारत और दुनियाँ का इतिहास अध्यात्मिक विषय पर वार्ता की दृष्टि से प्राम्भिक पक्क्षधारी को अच्छा परिणाम देने वाला नहीं है उदाहरण

1 - भारत और दुनियाँ का इतिहास अनुसार विश्व का आचरण जब ब्यक्ति जवान युवा था इच्छा थी शादी हो जाती वह प्रार्थना किया प्रयाश किया लेकिन शादी नहीं हुआ जब वह 60-70 वर्ष का बुढा हुआ तब किसी को याद आया अमुक की शादी करनी है वह पहुँचा और कहा चलिए आपकी शादी करा देते हैं एक 18 वर्ष की कुवारी कन्या है
2 - जब किसी प्रकार से भूख मिट जाता है तब किसी को याद आता है और वह भोजन लेकर आता है कहता है लो ये नाना प्रकार के भोजन लाया हूँ भोजन कर लो
3 - एक गाय को दूध पिलाने के लिए बंधन मुक्त किया गया जब वह बछड़े के पास पहुंची तब तक वह बड़ा हो चूका था दूसरा वह पहचान नहीं पायी-पाया
4 - ऊपर वाला जब भी देता देता छप्पर फाड़ के नीचे वाला जब भी लेता लेता धोती फाड़ के आज कल पतलून फाड़ के लिया जाता है धोती वाला कहाँ ढूंढा जायेगा
     मैं आपकी अदालत का बहिष्कार करता हूँ आप ने मुझे पनीश करने की कोशिश की है यह मामला अपनी अदालत से वापस दें मैं जानता हूँ आप भविष्य में बेहतर सत्यापित होंगे दुनियां का इतिहास कहता है दूसरी अदालत दुष्ट हो सकती है उसके लिए पब्लिक की भीड़ लेकर उसकी दुष्टता मिटाना होगा जो मनुष्यों की अनुभव समझ पर आधारित कानून है अध्यात्मिक ब्यक्तियों द्वारा भी कानून बनाया गया था उस कानून के कारण देश- समाज में अच्छा परिणाम प्राप्त नहीं है अतः इसे बदला जाए और बदल दिया गया

ये अध्यात्मिक अदालत है
आओ देखो लड़ो तबाह हो जाओ अदालत को इस कथन से क्रोध आएगा
दूसरा कथन आओ देखो लड़ो ताकतवर हो जाओ इस कथन से अदालत खुश होगा

     सारी सम्पत्ति अल्लाह की है उसे समर्पित कर दो अपना तन मन आत्मा सारी मालियत उसके हवाले कर दो फिर देखो करिश्मा आपको किसी चीज की कमी नही होगी हर ख्वाइस पूरी होगी सारी सम्पत्ति भगवान् की है उसे समर्पित कर दो अपना तन मन आत्मा सारी सम्पत्ति उन्हें समर्पित कर दो फिर देखो चमत्कार आपको किसी वस्तु की कमी नही होगी हर इच्छा पूरी होगी हिन्दू मुस्लिम धर्म उपदेशक आप क्या कहेंगे ये सारी सम्पत्ति अल्लाह को भगवान् को समर्पित करने की बात कह रहे हैं
हिन्दू देखिये ईश्वर अल्लाह सब एक ही शक्ति के नाम हैं लेकिन मुसलमान इसे स्वीकार नहीं करते
मुस्लिम देखिये ईश्वर अल्लाह सब एक ही शक्ति के नाम हैं लेकिन ब्यवहार में नजर नहीं आता
आप जिस धर्म जिस जाति में पैदा हुए हैं उस जाति अनुसार अपना सब कुछ तन मन धन सारी सम्पत्ति भगवान् को अपने इष्ट देव को समर्पित कर दो आपको किसी चीज की कमी नहीं होगी आपकी हर इच्छा पूरी होगी
      मुस्लिम इनके द्वारा भगवान को इष्ट देव को समर्पित करने की बात कही जा रही है आप तो केवल अल्लाह को सब कुछ समर्पित करने की बात कहते हैं अब क्या करेंगे सारी सम्पत्ति भगवान् को इष्ट देव को चली जाएगी इसके उपरांत मनुष्य की इच्छा पूरी भी हो जाएगी प्रश्न सारी सम्पत्ति आत्मा तन मन धन किसके पास रहेगी
      हिन्दू इनके द्वारा अल्लाह को समर्पित करने की बात कही जा रही है आप तो केवल भगवान् को सब कुछ समर्पित करने की बात कहते हैं अब क्या करेंगे सारी सम्पत्ति अल्लाह को उनके फरिस्तों को चली जाएगी इसके उपरांत मनुष्य की इच्छा पूरी भी हो जाएगी प्रश्न सारी सम्पत्ति आत्मा तन मन धन किसके पास रहेगी

अध्यात्मिक पोषाक चाहिए

      आप दोनों अध्यात्मिक गुरु की लड़ाई में आम जनता क्यों पीसे सरकार व न्यायलय धन सम्पत्ति उपलब्ध क्यों कराये ये सारे लोग आप अध्यात्मिक ब्यक्तियों के अध्यात्मिक नेता के दास हैं आपके नौकर हो गए हैं क्योंकि आप धर्मगुरु धर्म उपदेशक धार्मिक नेता हो गए हैं इसलिए भारत की सारी जीवत अजीवित सम्पत्ति का संचालन आपके कथन आपके इच्छा अनुसार होगा जो आपको आपके आराध्य को सुख की अनिभूति कराती है आपके माध्यम से भगवान् अल्लाह के सन्देश मनुष्यों तक पहुंचती है भगवान् अल्लाह सारे संसार को बनाने वाला बहुत कमजोर शक्ति है इसलिए आप जैसे मनुष्यों के द्वारा ही सन्देश दे सकते हैं किसी अन्य ब्यक्ति द्वारा बिना धार्मिक पोषक पहने सन्देश नहीं दे सकते जैसे प्रधान मंत्री मुख्यमंत्री जिला अध्यक्ष पढ़ा लिखा बुध्धि जीवी ब्यक्ति आपके अनुसार भगवान् अल्लाह के द्वारा सन्देश देने हेतु धार्मिक पोशाक का होना जरुरी है अथवा धार्मिक पोशाक पहनकर जनकल्याण कार्य करना जरुरी है
     इस संसार में सफलता पाने के लिए किसी शक्ति को अपना तन मन धन आत्मा परिवार सबकुछ समर्पित करना आवश्यक है वो आपके शरीर का उपयोग करके आपकी सारी इच्छा पूरी करेंगे यह कथन आप लोगों की है

धर्मगुरुओं आपने कितने में दुनियां खरीदी है

मुस्लिम का यह कथन नहीं होगा

     आपने कितने में दुनियाँ खरीदी है हम पांच जून की नमाज अदा कर करके दुनियां खरीद ली है हमने पांच जून की नमाज अदा करवा के दुनिया खरीद ली है हमने कुरान गले लगा के लोगों को टोपी पहना के दुनियां खरीद ली है हमने सारे संसार वाले का भेद बता कर उसकी बारीकियां बता बता कर दुनियां मुल्क खरीद ली है हम धर्म उपदेशक हैं दुनियां खरीदने की रशीद यह धर्म ग्रन्थ हमारे हाथ में है पढ़ लीजिये महोदय धर्मग्रन्थ पढ़ने से यह बात सत्यापित नहीं होती यह दुनियां आप धर्म-उपदेशक धार्मिक नेता द्वारा खरीद लिया गया है
     सत्यापन चाहिए तो देखिये आज हम लाखो की संख्या में हो गए है हम जिस मुल्क को खरीदना चाहे खरीद सकते है तलवारों के बलबूते हथियारों के बलबूते कुरान के बलबूते अब हमारी संख्या कई करोड़ की हो गयी है हम सारी दुनियां खरीद लेंगे अब तो परमाणु बम मिशाइल तोप एके 47 हथियार भी आ गये हैं कुरान पढ़ा पढ़ा कर पूरी दुनियां खरीद लेंगे ऊपर वाला हमारे माध्यम से दुनियां पर हुकूमत करते है हमारे बगैर दुनियां को सन्देश नहीं दे सकते और हुकूमत नहीं कर सकते हम प्रसिध्ध बाहुबली ख्याति प्राप्त धर्मगुरु धर्म उपदेशक हैं
     चलिए आपने कुरान पढ़ा पढ़ा कर युध्ध कर करके दुनियां खरीद ली उसके बाद क्या करेंगे कौन दुनियां का पालने वाला होगा कौन औरत बनेगा कौन संतान बनेगा कौन पुरुष बनेगा कौन शासक होगा अवाम अनाज उगने वाला कौन होगा कौन धर्म उपदेशक होगा कौन बकरा भेड ऊंट गाय भैंस शेर भालू कुत्ता शियार लोमड़ी घोडा गधा बनेगा पेड़ पौधे बनेगा चावल गेंहू दाल लौकी कुम्हड़ा तरोई बैगन आलू मिर्ची अदरक धनिया लहसुन बनेगा गाडी मोटर कार हवाई जहाज बनेगा अथवा इन सबको बनाएगा क्या आप औरत बनेंगे नहीं हम हमेशा पुरुष बने रहेंगे

हिन्दू का यह कथन नहीं होगा

     आपने कितने में दुनियाँ खरीदी है हमने तिलक लगा लगाके त्रिपुंड लगा लगाके मंदिर में घंटा बजा बजाके सारा संसार खरीद लिया है वेद-पुराण पढ़के पढाके जगह जगह मंदिर बना के मंदिरों में पंडितों को बिठा बिठा के दुनियां खरीद ली है हमने समस्त संसार रचयिता का रहस्य बताकर देवी-देवता का कथा सुना सुना कर दुनियां खरीद ली है सबको भगवा वस्त्र धारण करने की अनुमति दे कर दुनियां खरीद ली है ये सारी दुनियां हम धर्म उपदेशकों की हो गयी है महोदय आपके धर्मग्रन्थ पढ़ने से यह बात सत्यापित नहीं होती यह संसार यह राष्ट्र आप धर्म-उपदेशक धार्मिक नेता द्वारा खरीद लिया गया है
     सत्यापन चाहिए तो देखिये आज हम लाखो की संख्या में हो गए है हम जिस राज्य को प्रदेश को खरीदना चाहे खरीद सकते है तलवारों के बलबूते हथियारों के बलबूते वेद-पुराण के बलबूते अब हमारी संख्या कई करोड़ की हो गयी है हम सारा संसार खरीद लेंगे अब तो परमाणु बम मिशाइल तोप एके 47 हथियार भी आ गये हैं हम वेद-पुराण पढ़ा पढ़ा कर सारा संसार खरीद लेंगे ऊपर वाला हमारे माध्यम से संसार पर शासन करते है हमारे बगैर संसार को सन्देश नहीं दे सकते और शासन नहीं कर सकते हम प्रसिध्ध बाहुबली ख्याति प्राप्त धर्मगुरु धर्म उपदेशक हैं
     चलिए आपने वेद-पुराण पढ़ा पढ़ा कर युध्ध कर करके दुनियां खरीद ली उसके बाद क्या करेंगे कौन दुनियां का पालने वाला होगा कौन औरत बनेगा कौन संतान बनेगा कौन पुरुष बनेगा कौन शासक होगा प्रजा खेतिहर किसान होगा कौन धर्म उपदेशक होगा कौन बकरा भेड ऊंट गाय भैंस शेर भालू कुत्ता शियार लोमड़ी घोडा गधा बनेगा पेड़ पौधे बनेगा चावल गेंहू दाल लौकी कुम्हड़ा तरोई बैगन आलू मिर्ची अदरक धनिया लहसुन बनेगा गाडी मोटर कार हवाई जहाज बनेगा अथवा इन सबको बनाएगा क्या आप औरत बनेंगे नहीं हम हमेशा पुरुष बने रहेंगे

कश्मीरी धर्मगुरु बोला पकिस्तान कानून है एक गढ़िया, बहुत बढ़िया, लेके आया एक छतीस गढ़िया
हिन्दु धर्मगुरु बोला इतिहास खोलकर देखो, है उत्तर परदेसी वो ना छतीस गढ़िया ना एक गढ़िया
हिन्दू धर्मगुरु चिल्लाते बोला मौलाना निकल गयी सारी हेकड़ी निकलवा दी हमारी हेकड़ी बहुत बढ़िया
तुम भी फंसे मैं भी फंसा कानून पढ़के देखो मुस्कुरा रहे हैं, सभी धर्म जाति बोले है बहुत बढ़िया
शांति से खाते नहीं बना पाकिस्तान भेज रहे थे जेहादी हिंदुस्तान, बोलकर है तुम्हारा इम्तहान बहुत बढिया
अब बोलो कितने भेजोगे जेहादी हिंदुस्तान, बाघा बॉर्डर खुला है, आओ देखो है 25 कानून बहुत बढ़िया
एक झूठ ना बोल पाओगे सिर्फ मेहनत की खाओगे चालाकी दिखाओगे सीधे जेल जाओगे तीन साल
हिन्दू बोला मुस्लिम से मुस्लिम बोला हिन्दू से ईसाई किनारे बैठा बोला चिला रहे थे बहुत बढ़िया
तुम भी फंसे मैं भी फंसा खजाना खाली हुआ हमारा दुनियाँ में खेत खलिहान है देखो बहुत बढ़िया
हिन्दू धर्मगुरु चिल्लाते बोला पाकिस्तान निकल गयी सारी हेकड़ी निकलवा दी हमारी हेकड़ी बहुत बढ़िया
अब आओ परिश्रम करके खाओ चिकन बिरयानी हम खाए खीर पुडी हलवा स्वाद है इसका बहुत बढ़िया
अब बोलो कितने बुलाओगे जेहादी सीना ताने खड़ा है हिंदुस्तान, बुलाओ देखो है 25 कानून बहुत बढ़िया
मौलाना मक्का मदीना कब जाओगे एक झूठ पर तीन साल जेल जायेंगे सिर्फ मेहनत की खायेंगे हम चले हरिद्वार है बहुत बढ़िया
कितने मजे से खाते थे होकर मोटे मुस्टंडे दान उपहार चंदा की राशि देते धर्म उपदेश कौन बोला धंधा है बहुत बढ़िया
बाँधा जकड के सबको स्वर्ग जन्नत के लोभ में भ्रष्ट धर्मगुरु अपनी ऐय्याशी महल बनाई बहुत बढ़िया
कहा सबसे झोपडी है बहुत बढ़िया देवता फरिस्ते घर घुमते तुम्हारे देखो हमारा धंधा है बहुत बढ़िया
बहुत खुश थे मुफ्त मान सम्मान पाकर होकर मोटे मुस्टंडे भ्रष्ट धर्मगुरु अब पसीना बहायेंगे तेवर था बहुत बढ़िया
खून बहाया सदियों से भ्रष्ट धर्मगुरु गुमान करते टकरा ना पायेगा कोई हमसे देखो बिना शस्त्र उपाय है बहुत बढ़िया
अब बोलो कितने धर्म ग्रन्थ इतिहास दिखाओगे विज्ञान साक्ष्य लेकर खड़ा है अदालत भी है बहुत बढ़िया
अब आओ कट्टर पंथी हिंदुस्तान शोषित दलित बोला लुटा खूब हमें दांव पड़ा है उल्टा बहुत बढ़िया
हिन्दू बोला मुस्लिम से मुस्लिम बोला हिन्दू से ईसाई किनारे बैठा बोला लुटिया डुबोया बहुत बढ़िया
पता चला रामसजीवन बाहर निकला बोले धंधा मंदा पड़ा हमारा चलो बताएँगे बेत का डंडा है बहुत बढ़िया
इतिहास बदली मन मुताबिक मुफ्त ऐय्याशी की द्वार खोली बंद किया झटके में ध्रुवचंद बहुत बढ़िया
हास्पिटल पहुंचा के जायेंगे मक्का मदीना हरिद्वार कहेंगे रामसजीवन देख मौका मिला है बहुत बढ़िया
बोला रामसजीवन कुटोगे तुम भी भ्रष्ट हिन्दू ईसाई और मुसलमान देखो 25 कानून है बहुत बढ़िया

अइयो अइयो रामा गजब हो गया पंडित मौलाना में खटपट हो गया
हिन्दू बोला मुस्लिम से मुस्लिम बोला हिन्दू से धंधा हमारा बंद हो गया
संचालक बोला भ्रष्ट धर्मगुरु कहाँ टेंट लगाऊँ धंधा तुम्हारा बंद हो गया
भ्रष्ट धर्मगुरु चिल्लाते बोला चने झाड चढाया तुमने देखो गिर गया
श्रेष्ठ धर्मगुरु मुस्कराते बोला ऊपर वाले की लाठी प्यारे जम के पड गया
25 कानून भारत ही नहीं पाकिस्तान बांग्लादेश ईरान में भी लागू हो गया
25 कानून भारत ही नहीं पाकिस्तान बांग्लादेश ईरान में भी लागू हो गया
25 कानून भारत ही नहीं पाकिस्तान बांग्लादेश ईरान में भी लागू हो गया


सभी धर्म जाति खुश होगी चाहे भटकती आत्मा हो

      देश में विश्व में विभिन्न धर्म जाति के लोग आपस में लड़ते थे लड़ते रहें है लड़ रहें हैं कारन भ्रष्ट धर्म गुरु उपदेशक पथ प्रदर्शक अपना निजी स्वार्थ साधने में लगे थे कुछ अज्ञानी जुनूनी उन्मादी ब्यक्ति जिन्होंने अन्य ग्रंथों का अध्ययन नहीं किया अथवा आकार और निराकार की दुनियां का महत्व नहीं जाना बस एक जूनून सबको केवल सारे संसार वाले की इबादत करनी चाहिए इन रहस्यों से अनजान की संसार में विद्यमान सम्पत्ति किसकी है यह सम्पत्ति किसके द्वारा ब्यवस्थित की गयी है इन लोगों को कह दिया जाते जितने लोग आपके कहने अनुसार साधना उपासना करेंगे उन सबको केवल आपके द्वारा पालन पोषण भौतिक वस्तुओं की ब्यवस्था की जाएगी देखना उसका इबादत पूजा-पाठ स्तुति करने का सारा भुत उतर जायेगा
" ऐसे में यह कानून " इन सब धर्म उपदेशकों के मध्य यह कानून देख कर सभी जाति के लोग बहुत खुश होंगे इसका मूल कारण है भ्रष्ट धर्म गुरु उपदेशक पथ प्रदर्शक अपना निजी स्वार्थ साध नहीं पाएंगे यही बात जानकर लोग बहुत खुश होंगे अध्यात्मिक समस्या समाधान का कितना सरल उपाय था लेकिन पहले यह उपाय हमारे बीच नहीं था कानून जानने हेतु mygodsale.blogspot.com में प्रस्तावित कानून देखें
आपकी कौम धर्म सम्प्रदाय कितनी बड़ी है इस धरती पर अथवा आकाशगंगा में स्पेस में कब से आप की कौम धर्म सम्प्रदाय है आपकी कौम धर्म सम्प्रदाय में अन्य धर्म जाति के लोग आते हैं अथवा नहीं आपको और उनको बनाने वाला एक ही है
हाँ सबको सिर्फ सारे संसार बनाने वाले ने बनाया है
फिर आपस में लड़ाई किस लिए किस लक्ष्य के लिए लड़ाई लड़ी जा रही है
उनकी हुकूमत शासन स्थापित करने के लिए
किसकी हुकूमत शासन स्थापित करने के लिए सारे संसार बनाने वाले की सत्ता स्थापित करने के लिए
इसका मतलब उसकी सत्ता हुकूमत मौजूदा हालत में नहीं है
जी नहीं उनकी शासन अब भी है अगर उनकी हुकूमत शासन नहीं होता तब यह दुनियां कब की ख़त्म हो चुका होता
इसका मतलब उनकी शक्तियां कमजोर है इसलिए आप जैसे कट्टर अध्यात्मिक धर्म उपदेशक की आवश्यकता पड़ी और आप लोगों के द्वारा कट्टरता से धर्म का पालन कराया जाता है इसके लिएआप लोगों को ईश्वर अल्लाह भगवान् के द्वारा कितना धन मुहैय्या किया जाता है
वह इंसानों के मार्फ़त माध्यम से धन उपलब्ध करवाते हैं बहुत बड़ी रोजगारी देकर धन उपलब्ध करवाते हैं
     इसका मतलब ईश्वर अल्लाह भगवान् बिना इंसानों के धन उपलब्ध नहीं करवा सकते दूसरा रोजगारी दे सकते हैं लेकिन उन पर अपना कानून का पालन नहीं करवा सकते वह कानून आप लोगों के माध्यम से पूरा करवाते हैं

सभी अपनी परिश्रम की खायेंगे

     संसार में सभी शक्तियों को अपनी पालन-पोषण की सामग्री परिश्रम से एकत्र प्राप्त करनी होगी इनका श्रेणी देवी-देवता दानव हाजी काजी पीर फकीर फरिस्ते यक्ष गन्धर्व जगत में शासन करने वाली सभी शक्तियां केवल अपनी परिश्रम की खायेंगी
     इस परिश्रम का प्रकार अधिकतर शारीरिक हों अनिवार्य है बौधिक क्षमता का उपयोग करके प्राप्त मूल्य से संम्पत्ति हरण अपराध है स्पेस इस बात की अनुमति नहीं देता स्पेस कहता है ज्ञान दिया है सम्पत्ति नहीं ज्ञान देने से संम्पत्ति की वृध्धि नहीं होती
     जैसे आजकल के ब्यापारियों द्वारा किया जाता है धरती पर तीन प्रकार के ब्यापारी हैं एक संसारी दूसरा अध्यात्मिक तीसरा प्रशासन एक समुदाय संसार की सम्पदा और बुध्धि का उपयोग करके दुसरे की आवश्यकता और विवशता का अनुचित लाभ लेकर धन सम्पदा के रूप में जीवत-अजीवित वास्तु प्राप्त करते हैं जैसे अदानी अम्बानी टाटा बिरला फेसबुक बिल गेटस गाँव का जमींदार ठेकेदार पूंजीपति ब्याज-खोर दूसरा प्रशासनिक पदों पर विराज मान होकर अपनी ज्ञान शक्ति व इच्छा अनुसार ज्ञान धर्म संस्कृति वेश भूषा बदलना तीसरा अध्यात्मिक ब्यापार जैसे भगवान् ने दुनियां बनाई है अल्लाह ने दुनियां बनाई है यहोवा ने दुनियां बनाई है यह सिद्धांत विचार धारा भी एक ब्यवसाय परम्परा को स्थापित करता है जिसमें अध्यात्मिक ब्यक्ति संपत्तियों का स्वामी बन जाता है वह सृजन कर्ता के पक्क्ष का ज्ञान उपदेशक शासन उपदेशक कहलाता है उसका आदेश ईश्वर अल्लाह भगवान् यहोवा का आदेश माना जाता है
     जैसा वर्तमान में हो रहा है हमारी हुकूमत सत्ता होगी अल्लाह की पीर फकीर फरिस्तों की हुकूमत होगी भगवान् देवी-देवता की सत्ता होगी यहोवा की शासन होगी
     जैसे देवी-देवताओं के द्वारा राक्षस-दानवों के द्वारा पीर फकीर फरिस्तों के द्वारा किया जाता है आप अपना सर्वस्व तन मन धन आत्मा अपना परिवार इनको, इनको, इनको, और उनको समर्पित कर दो [ यह धर्मग्रंथों साधू संतों मौलाओ के कथनों पर आधारित कथन है ] अथवा देवी-देवता दानव-राक्षस पीर-फकीर-फरिस्तों के नाम पर उनके नामों का कामों का दुरूपयोग करते हुए अध्यात्मिक ब्यक्ति आम नागरिक पर अप्रत्यक्ष शासन कर रहे हैं
     आप इसका प्रयोग करके देख सकते हैं किसी मरुस्थल भूमि पर स्थान पर दो बहुत ज्ञानी साधक ब्यक्ति को तपस्वी ब्यक्ति को केवल भोजन उपलब्ध कराये भोजन के अतिरिक्त किसी जीवित-अजीवित द्रश्य-अदृश्य सबसे सूक्ष्म कण का उपयोग नहीं करेंगे क्या उनकी बौध्धिक ज्ञान के परिश्रम से किसी प्रकार की धन की वृध्धि होती है नहीं जब तक शून्य को जीवित नहीं किया जायेगा तब तक सम्पत्ति की वृध्धि नहीं हो सकती है अतः ज्ञान के बदले धन की प्राप्ति नहीं होती इसके अंतर्गत ज्ञान देकर धन सम्पत्ति नहीं ले सकते सहायता लेना दूसरी बात है और सहायता देकर सम्पत्ति बनाने वाला बढ़ने वाला शक्ति युक्त बनाना एक अलग सिद्धांत है यहाँ दी गयी सम्पत्ति ही वापस लेना है ना की कविता की पंक्ति अनुसार कार्य करना है
दलितों की दुर्दशा पर बिहारी लाल हरित ने लिखा :
एक रुपये में जमींदार के, सोलह आदमी भरती ।
रोजाना भूखे मरते, मुझे कहे बिना ना सरती ॥
दादा का कर्जा पोते से, नहीं उतरने पाया ।
तीन रुपये में जमींदार के, सत्तर साल कमाया ॥

आम नागरिक शांत बैठे

     आम नागरिक शांत बैठे कारण आपको केवल इनकी दासत्व गुलामी करनी है आप नागरिक दोनों अध्यात्मिक वाद-विवादी योद्धाओं को आपस में लड़ने दो कारण दोनों अध्यात्मिक वाद-विवादी योद्धाओं में से कोई भी जीते आपको केवल इनकी गुलामी दासत्व ही स्वीकार करनी है चाहे अल्लाह के बन्दों का चाहे भगवान के भक्तों का चाहे यहोवा के भक्तों का आप अपनी परिश्रम की कमाई धन राशी उन्हें दान उपहार चंदा के रूप में देंगे आपके उस धन सम्पदा से ये लोग आप पर ही शासन करेंगे यह शासन आपको शांति सकूँ देने वाला नहीं होगा
     ये लोग सारे कर्म करेंगे उसे पाप गुनाह नहीं कहेंगे लेकिन वही कार्य आपके द्वारा किया जायेगा तब उसे पाप गुनाह कहेंगे आपको ज्ञात है दुःख का नाश भूमंडल और संसार और सारे संसार जीव जंतु पेड़ पौधे स्त्री-पुरुष सृजन कर्ता धारण-कर्ता धारण कर्ता जीव जगत के परिणाम का आधार है इनके द्वारा होगा जीवित-अजीवित निर्मित प्राकृतिक अप्राकृतिक वस्तु से दुःख का नाश होगा
     लेकिन शासन इन मुफ्त खोर ऐय्याशियों बाहुबलियों का होगा ईश्वर पक्ष का ब्यक्ति आपके जीवन में दुःख का नाश करने वाला होगा आप पर ब्याक्तिगत शासन करने वाला नहीं होगा
     जब अध्यात्मिक वाद-विवादी योद्धाओं धर्मगुरुओं की वार्ता वाद-विवाद साक्ष्य लड़ाई समाप्त हो जाए तब आप नागरिक कहिये आइये अब हमसे वार्ता अध्यात्मिक वाद-विवाद साक्ष्य की लड़ाई हो जाए परिश्रम मेरा तुम केवल उपदेश करके हमारे धन पर अधिकार करोगे उसी धन से हम पर शासन भी करोगे किसी की गलती पर हाथ काटना गला काटना फांसी चढ़ाना कोड़े मारना ईश्वर भगवान् अल्लाह यहोवा के भक्त बंदा उपासक के हाथों शोभा देता है क्या यह ईश्वर भगवान् अल्लाह यहोवा की शक्तियों का अपमान नहीं है
     अतः आज से अब से आप सभी धर्मगुरु केवल अपनी मेहनत परिश्रम की खायेंगे कभी झूठ वचन कथनों का प्रयोग नहीं करेंगे श्रेष्ठ आचरण अपनाएंगे और अध्यात्मिक उपदेश प्रवचन ज्ञानोपदेश देंगे वजह सृजन करता है अतः अध्यात्मिक उपदेशक का होना आवश्यक है लेकिन लुटेरा पाखंडी ऐय्याशी भ्रष्ट मुफ्त खोर शासन करने वाला दबदबा बनाये रखने वाला असत्य कहने वाला अध्यात्मिक उपदेशक धर्मगुरु की आवश्यकता नहीं है इसे आप धर्मगुरु धर्म उपदेशक ध्यान रखें

यह विचार समकक्क्ष चलेगा तब विचार क्या होगा

     हिन्दू कहते हैं शुद्र का धन जमीन मकान उनकी औरत बहन बेटी पर तुम्हारा अधिकार है जब आवश्यकता हो ले सकते हो कई धर्मगुरु कहते हैं सम्पूर्ण संसार में केवल शिव शिव ही है देवी देवी ही हैं भगवान के भक्तों का कोई अनादर न करे
     इसी तरह कुछ मुसलमान कहते हैं कुरान के कथन को किसी ने गलत कहा तो उसका कत्ल कर दो संसार बनाने वाले ने कुछ सच्चाई बताने एक बंदा भेजा धर्मगुरुओं ने कहा उसका कत्ल कर दो उसने कुरान को झुठा कहा संसार बनाने वाले ने एक और बंदा भेजा धर्मगुरुओं ने कहा उसका कत्ल कर दो उसने कुरान को झुठा कहा जब कत्ल करते करते हाथ थक गया है ऐसा करो जमीं में दफन कर दो जनाब बहुत सारे गलत कहने वाले हो गए हैं ऐसा करो बहुत सारे गड्ढे खुदवा दो जनाब लाखों में झूठा कहने लगे हैं ऐसा करो क्रेन मंगवा लो जनाब सरकार के पास पैसे खत्म हो गये क्या कहा पैसे खत्म हो गए क्रेन वाले ने आने से मना किया जी जनाब उसकी ये मजाल उसे नहीं मालूम इस मुल्क के हम सबसे बड़े मौलाना हैं उसकी बात नहीं मानी कहता है जनाब डीजल के लिए पैसा नहीं है टंकी वाले ने क्या कहा अरब से डीजल नहीं आया हम इस्लाम की सुरक्षा हर कीमत पर करेंगे
     अजी सुनते हो घर में राशन नहीं है जाओ पडोसी के घर से ले आओ पिछला उधार अभी तक बांकी है कहा है अब उधार नहीं देंगे उन्हें मालूम है हम देश के सबसे बड़े मौलाना हैं उन्होंने कहा बड़े मौलाना होने से पेड़ में पैसे नहीं उगते जमीं में फसल नहीं उगती उसकी ये हिम्मत सबसे मौलना के बारे में ऐसी बात कही वह भी क्या करे इस दफा सुखा भी पड़ा है बहुतों के घर राशन नहीं है हाँ यह तो सच है सुखा पड़ा है
अब आप बहुत बड़े मौलाना हैं किसी ने कहा है जब तक आप मौलाना लोग मेहनत नहीं करेंगे तब तक देश में सुखा बाढ़ आती रहेगी हाँ हमने भी सुना है
     बताइए कब से मेहनत करना शुरू करेंगे बहुत जल्द कहीं से राशन की ब्यवस्था होगी हाँ जनाब उन जनाब को दोगुनी राशन वापस करना होगा यह तो गुनाह है लेना ही होगा जनाब हमने भी बहुतों से दूना तीन गुना लिया था उन्होंने यही बात याद दिलाई
      अब मुस्लिम के इस कथन के सामानांतर कथन रखा जाए तब सोच कैसी होगी
जैसे जो अध्यात्मिक ब्यक्ति बिना वैज्ञानिक साक्ष्य अपनी बात मनवाएंगे हम उसका गला काट देंगे जमीन में दबा देंगे

ईश्वर के वचन में इतनी शक्ति है

      अध्यात्मिक लोग कहते हैं ईश्वर के वचन में इतनी शक्ति है उनके कहने से संसार की रचना हुई
न्यायपालिका महोदय छः काँच का गिलास मंगाइए
सिपाही से गिलास मंगाया गया
      राम सजीवन ने कहा - महोदय कैच कीजिये मजिस्ट्रेट ने गिलास कैच किया दूसरा गिलास महोदय कैच कीजिये गिलास कुछ दूर था कोशिश की गई लेकिन कैच नहीं कर सके तीसरा गिलास महोदय कैच कीजिये यह गिलास भी कैच नहीं कर सके वजह गिलास कुछ दूर सामने गिरा
      चौथा गिलास जहां कोई नहीं था वहां फेका गया कहा गया कैच करो लेकिन गिलास गिर कर टूट गया पांचवा गिलास फेका कहा गया कैच करो लेकिन गिलास गिर कर टूट गया छठवा गिलास फेका कहा कैच करो लेकिन गिलास गिर कर टूट गया
      लोग कहेंगे आप ईश्वर नहीं हैं अगर आप ईश्वर होते तब गिलास अवश्य कैच कर लिया जाता चाहे मजिस्ट्रेट के द्वारा हो अथवा जहाँ कोई नहीं था वहां भी गिलास कैच कर लिया जाता
      इस उदहारण से दो बातें सामने आई हैं पहला चेतन अवस्था की उपस्थित दूसरा अचेतन अवस्था की उपस्थिति जहाँ बुद्धिमान शक्तिमान चेतना विद्यमान है वहां कथन अनुसार कार्य किया जायेगा यह कार्य तब किया जायेगा जब आवश्यकता होगी और सहमती होगी

एक लाइव मेटर एक इन्सान की शक्तियां

      एक लाइव मेटर और अनेक लाइव मेटर अथवा एक इन्सान और अनेक इन्सान की शक्तियां दोनों के गुणों में उनकी शक्तियों में यह अन्तर किस कारण से है
      एक लाइव मेटर जो शून्य अन्तरिक्ष को जीना सिखा सकता है ब्लैक-होल बना सकता है सूर्य बना सकता है धरती आकाश बना सकता है उसे मार दिया जाता है लेकिन जीवित करने कहा जाए तब कहेंगे यह कार्य शून्य को जीवित करने वाली शक्ति कर सकती है हम केवल योगधारी शक्ति हैं योग करके जीवों की रचना करते हैं हम अपना एक अंश देकर बढ़ा हुआ सम्पत्ति से बना जीव को जितने जीव चाहिए उतने जीव की आवश्यकता अनुसार सम्पत्ति देकर अनेक जीव बनवा सकते हैं
      जिस तरह से हजारों इन्सान के बीच एक इन्सान की हत्या कर दी जाती है लेकिन जब जिन्दा करने कहा जाए तब सारे लोग कहेंगे यह भगवान ही कर सकते हैं हम तो इन्सान हैं हमने इस दुष्ट को इसकी दुष्टता की सजा दी है हमारे पास इसके शिव कोई और विकल्प नहीं था ना जेल की सलाखे ना राशन देने की क्षमता ना ही यह हमारा रिश्ते दार था
     मुस्लिम ग्रन्थ में शायद कहीं लिखा है हम उसकी सर पर चोट करते हैं और वह देखते ही देखते ख़त्म हो जाता है उसमें जरा सी भी जान नहीं रहती ऐसा क्यूँ किया जाता है मेरी समझ में नहीं आया हिन्दू धर्म ग्रन्थ में चर्चा की जाती है मृत्यु के बाद ही जीवन है यहाँ पूर्ण मृत्यु की बात नहीं कही गयी है

यह न्यायालय की विवशता है

      न्यायालय और सरकार राष्ट्र और विश्व में पिछले 70 वर्ष से पिछले हजारो वर्ष से अध्यात्मिक समस्या है हत्याये लूटमार बलात्कार अत्याचार देशों पर कब्ज़ा धर्म परिवर्तन का प्रतिस्पर्धा होता रहा, आपको आपके नागरिक पिछले 70 वर्ष से पिछले हजारो वर्ष से इससे अवगत कराती रही है आप न्यायालय और सरकार अध्यात्मिक विवाद का बेहतर समाधान नहीं निकाल पाये अतः अब यह समस्या नागरिक की नहीं है यह अध्यात्मिक समस्या आप न्यायालय और सरकार की है आप दोनों टीम अपने अपने स्टार पर निर्णय लीजिये आपके नागरिक तक किस प्रकार की जानकारी पहुंचेगी अथवा जानकारी देने वालों को पहुंचने देंगे, इस समस्या को सुलझाने की दृष्टी से आप न्यायालय और सरकार विवश हैं आपके पास अब तक भ्रष्ट लोगों को रोकने का प्रस्तुत कानून के समकक्ष उपाय नहीं था अतः नागरिक किसी वाद विवाद में हिस्सा नहीं लेंगे आपके सामने समस्या है आपके सामने समस्या समाधान का सरल प्रभावी उचित सुझाव है यह सर्व धर्म दोष-नाशी कानूनी सुझाव है यह धर्म-नियम के प्रभाव से धर्मग्रन्थ के दासत्व से मुक्त है उनकी पहुँच से परे हैं
     न्यायालय कथन जब तक विवादी पक्ष नहीं होंगे वार्ता अधूरी होगी
     न्यायालय ऐसा नहीं होगा ये कौन लोग हैं जिनसे वाद-विवाद करें इनका परिचय क्या है आप इनका कौन सा परिचय देगे ईश्वर और हमारे बीच इनकी क्या भूमिका बताएँगे
      अजन्मा तत्व सृष्टा आत्मा शरीर-सृष्टा ईश्वर के मध्य ये कौन लोग हैं जिनसे आप न्यायालय सरकार वार्ता करने की बात कह रहे हैं ईश्वर और हम धरती के इन्सान मनुष्य के बीच लाभ लेने वाले मान-सामान प्रसिध्धि पाने वाले हम पर शासन करने वाले ब्यवधान पहुँचाने ये कौन लोग हैं

धर्मगुरु से वार्ता का समय समाप्त हुआ फैसले का समय है

न्यायालय सरकार आप क्या चाहेंगे
     आपके धर्म उपदेशक झूठ बोले मुफ्त की खाएं छल-कपट करें राजनीति करें निर्माता ईश्वर दाता ईश्वर और मुफ्त के धन पर ये लोग मनमानी अनुचित शासन करें मुफ्त में ऐश करते हुए आम नागरिक का सम्मान प्राप्त करते रहें और ईश्वर अल्लाह यहोवा देवी-देवता खुदा भगवान परमात्मा पक्ष का अपमान करते रहें लोग देखते रहें और जब लोग कार्यवाही करें तब एक उपाय अपनाएं केवल हत्या खून-खराबा घर जलाना तबाही बर्बादी आदि
      इनमें से बहुत से लोग जुनूनी हैं उन्मादी है अध्यात्मिक भावनात्मक सत्य का ब्यापारी हैं केवल एक धर्मग्रन्थ के पाठक हैं अन्य ग्रन्थ के पाठक नहीं हैं आकर-निराकार की ब्यवस्था से अपरिचत हैं अतः हठी और एक लक्ष्यधारी भी हैं विशाल स्पेस के रहस्य से अपरिचित हैं
      क्या इन प्रश्नों का उत्तर मिला
      0 ईश्वर अल्लाह यहोवा देवी-देवता फरिस्ते खुदा भगवान परमात्मा ये शक्तियां मनुष्य से इन्सान से मुफ्त की पोषण सामग्री प्राप्त करती हैं और दुनियां पर शासन करतीं हैं अतः उनके भक्त उपासक बन्दों को धर्म-गुरु उपदेशक को मुफ्त पालन पोषण सामग्री दी जाए और शासन करने का अवसर नागरिक सरकार व न्यायालय द्वारा दिया जाए
      1 ईश्वर अल्लाह यहोवा देवी-देवता भगवान परमात्मा का भक्त बंदा उपासक परिश्रम करने में असमर्थ हो जाते हैं इसलिए दान-उपहार चंदा देना चाहिए अथवा बहुत परिश्रमी होते हैं ये भक्त बंदा उपासक स्वयं दूसरों को पालने वाले हो जाते हैं
     2 क्या मानसिक रूप से बीमार अथवा मानसिक समझ की हानि हो जाती हैं
      3 ईश्वर अल्लाह यहोवा देवी-देवता फरिस्ते खुदा भगवान परमात्मा कमजोर शक्ति है बिना अध्यात्मिक मनुष्यों इंसानों के दुनियां की प्रशासनिक सामाजिक ब्यवस्था संभाल नहीं सकते
      4 ईश्वर अल्लाह यहोवा देवी-देवता भगवान परमात्मा माँस का सेवन करते हैं अतः इन्हें भी माँस सेवन की अनुमति दी जाए
      5 ईश्वर अल्लाह यहोवा देवी-देवता खुदा भगवान परमात्मा एक अथवा एक से अधिक के साथ शारीरिक सम्बन्ध स्थापित करते हैं अतः इन्हें भी अनुमति दी जाए
      6 धर्मगुरु उपदेशक के अधीन होकर अध्यात्मिक सत्य को मनवाने हेतु जबरदस्ती बाहुबल की छल कपट की लोभ की अन्य धर्म जाति से विवाह की शस्त्र की गोला बारूद की हत्या बलात्कार की साजिश और राजनीति करने की आवश्यकता है क्योकि ईश्वर अल्लाह यहोवा देवी-देवता भगवान परमात्मा कमजोर शक्ति है जगत धारण पालन-कर्ता कमजोर शक्ति है

कश्मीर मुददा हल करोगे कैसे उचित उपाय

      इतना सरल आसन तरीका आपको बताया जा चूका है एक कहानी और सुन लो न्यायालय सरकार एक पहलवान से बहस हुई पहलवान ने कहा लडेगा पतले आदमी ने कहा हाँ लडूंगा पहलवान ने कहा चल कहाँ लड़ेंगे पतले ने कहा चार महीने बाद लड़ेंगे अभी क्यों नहीं थोडा तगड़ा हो जाऊं तब चल ठीक है पतले आदमी को मालूम है इसको राशन का खर्चा मेरे कंपनी से मिलता है उसने राशन का खर्चा देना बंद करवा दिया पहलवान को खाने की किल्लत हो गयी चार महीने बाद पतला आदमी पहलवान के घर गया बोला पहलवान चल आजा लड़ेंगे अन्दर से आवाज आई कौन हो भाई घर के अन्दर जाकर देखा पहलवान दुबला पतला खाट पर लेटा था पहलवान को खाने के लिए जब तक मिलता रहा उसके दम पर बहादुरी दिखाता रहा एक कहावत है जितना डरोगे सामने वाला उतना ज्यादा डराएगा इसका अनुभव आप सबको है
     आपके राष्ट्र की अध्यात्मिक समस्या कौन लोग और क्यों हल करने नहीं देंगे आपको रास्ता बताया जा चूका है इतना सरल आसन तरीका उचित कानून आपकी टेबल पर रखा हुआ है उसके बाद भी आप कह रहे हैं सोच रहे हैं यह मुददा मजाक नहीं हैं महोदय न्यायालय और सरकार उन्होंने अध्यात्मिक विषय ईश्वर अल्लाह भगवान् यहोवा परमात्मा देवी देवता फरिस्ते जैसे संवेदनशील मुददा को गाजर हलवा की तरह वर्षों से खा रहे हैं उसमें काजू बादाम किसमिस मिला मिला कर चटकारे ले लेकर वर्षों से खा रहे हैं उनको यह मुददा मजाक नहीं लगा आप इतने गंभीर हो गए कह रहे हैं यह विषय मजाक नहीं है मैंने कब इसे मजाक समझा है अगर मजाक समझता तब कब का यह कानून लेकर राष्ट्रिय मंच पर आ चूका होता
कार का उदहारण आपने पढ़ा पहलवान की कहानी सुना कौन सी तस्वीर बनी गौर कीजिये
न्यायालय सरकार आपके भ्रष्ट धर्म उपदेशक धर्मगुरु धार्मिक नेता का दिल
कानून पढ़ के धडकना शुरू कर दिया होगा आप परेशान मत हों हिंदुस्तान का नाम सुनकर कई देश के भ्रष्ट धर्मगुरु धर्म उपदेशक धार्मिक नेता का दिल धड़कने लगेगा उनके दिमाग में पहले यह कानून गूंजेगा
लेकिन आम नागरिक का दिल खुशियों से झूम उठेगा कहेंगे अब हुआ इन्साफ उपर वाले तेरा लाख लाख शुक्रिया भ्रष्ट धर्मगुरु धर्म उपदेशक धार्मिक नेता इनके जुल्मों से हमें बचा लिया

     आपकी सरकार पिछले 70 वर्षों से 370 35 A हटाना चाह रही थी लेकिन कई कारणों से नहीं हटा पाई लेकिन एक नरेन्द्र दामोदर दास मोदी आया अमित शाह आया राजनाथ सिंह आया पुरे मामले का शांति पूर्वक निपटारा कर दिया बहुत हो हल्ला नहीं होने दिया इसे कहते है सरकार नजर बंदी के क्या फायदे हैं समझा दिया गया नजर बंदी उचित था अनुचित था बाद की बात जनता परेशान थी उस समस्या का समाधान कर दिया गया किन लोगों को नजर बंद किया गया

क्या देश आज एक स्वर में कहेगा ,पहले जम्मू कश्मीर बाद में कुछ और

विनोद मिश्रा
वरिष्ठ पत्रकार का लेख अनुसार 

विनोद मिश्रा वरिष्ठ पत्रकार से मेरा कहना 

पहले कश्मीर नहीं पहले यह कानून फिर कश्मीर तो अपने थोड़े से परिश्रम से मिल जायेगा 

     पाकिस्तान को करारा उत्तर पाकिस्तान जब तक अल्लाह के नामों का ब्यापार बंद करो धर्मग्रन्थ का दुरूपयोग बंद करो यह कानून लागु नहीं करते तब तक भारत में मुस्लिम समुदाय को उनके केवल एक झूठ की सजा 36 माह होगी अन्य धर्म के लोगों को 32 माह की सजा होगी पाकिस्तान भारतीय मुस्लिमों को दोस्त बताती है अतः दोस्ती निभाए उनके चार माह की अतिरिक्त सजा कम करने में सहयोग करे
     भारत का कोई भी मुस्लिम धर्मगुरु उपदेशक किसी भी विषय पर पूछे गये प्रश्न का गलत उत्तर नहीं देंगे गलत उत्तर देने पर सजा होगी [ नोट यह कानून भारत के सभी धर्म उपदेशक पर लागू है ] पाकिस्तान समर्थित धर्मगुरुओं को धन मुहैय्या कराती है ये लोग जेहादी गति विधि को अंतिम रूप देते हैं इन धर्मगुरुओं की धार्मिक नेताओं की समर्थकों की एक झूठ पकड़ना है एक सप्ताह का समय दिया जायेगा उनके द्वारा सच नहीं कहने पर 4 माह अतिरिक्त सजा के साथ 36 माह सजा होगी
     आज कश्मीर की आतंकवादी समस्या को सरकार मिलिट्री फ़ोर्स द्वारा हल कर रही है इसमें बन्दुक का प्रयोग किया जाता है इसके स्थान पर इस कानून का प्रयोग किया जायेगा तब भटके बहकाए गए बेकसूर समर्थक जेहादी लोग की जान बचाई जा सकती है और दोषी धार्मिक नेता की धार्मिक गुरुओं की जूनून उन्मांद स्वार्थी ऐय्याशी लक्ष्य पर रोक लगाईं जा सकती है कश्मीर में शांति बहाली बिना बन्दुक के की जा सकती है

न्यायालय जागेंगे तब चूहा भी चूं चूं नहीं करेगा

      हमने कहते सुना हैं चूहा भी चूं नहीं करेगा चूहे का स्वभाव होता है किसी ब्यक्ति अथवा किसी के द्वारा पकड़ लेने की आशंका हो वह तुरंत बिल में जा छुपता है
      इस स्वभाव की तुलना मनुष्य इन्सान से की जाति है मनुष्य इन्सान भी किसी के द्वारा पकड़ लिए जाने की आशंका होते ही वह भी कहीं जाकर छिप जाता है
      अतः न्यायालय सरकार बब्बर शेर और शेर की ( जिनके पास लाखों का समर्थन है ) इनकी आवाज तो चूहे की ( साधारण मनुष्य जो थोड़े में ऊँचा कहने लगता है ) उसकी आवाज से कई गुना तेज होता है उसे मालूम हो की उसके आवाज करने पर पकड़ लिया जाएगा वह भी शान्त होकर बैठ जायेगा जो नहीं बैठेगा वह पकड के अदालत न्यायालय लाया जाएगा न्यायपूर्ण प्रश्नों के उचित उत्तर लिए जायेंगे अनुचित सम्पत्ति पाये जाने पर न्यायालय सरकार द्वारा जप्त कर लिया जाएगा गलत कथन पर अडिग रहने पर जेल भेज दिया जायेगा
      अतः न्यायालय को पिछले अनुभव की तुलना में अधिक चिन्तित होने की आवश्यकता नहीं है यहाँ पहला अधिकार आपके नागरिक तक सही जानकारी पहुचने की बात है उन तक जानकारी देने वाला सही जानकारी पहुंचाए इसके साथ ही जानकारी के साथ साथ उसका आचरण का सही होना भी अति आवश्यक है यह आपके नागरिक का जन्म-जात अधिकार है दूसरा ईश्वर अल्लाह भगवान् यहोवा और मनुष्य इन्सान की मेहनत की धन राशी सम्पत्ति है तीसरा ईश्वर अल्लाह भगवान् यहोवा कमजोर शक्तियां नहीं है उन्हें अपनी बात पहुंचाने के लिए किसी अध्यात्मिक पोशाक पहनने की आवश्यकता हो चौथा ईश्वर अल्लाह भगवान् यहोवा अपनी बात मनवाने हेतु शस्त्र प्रयोग करने की आवश्यकता नहीं है केवल सत्य ज्ञान से परिचित कराने की है
      यहाँ एक समस्या आती है ईश्वर अल्लाह भगवान् यहोवा द्वारा सत्य ज्ञान से परिचित कराने के उपरान्त मनुष्य इन्सान में किसी अनुभव को प्राप्त करने की अथवा सुख भोगने की इच्छा जाग जाए अथवा शेष रह जाए तब इसका समाधान वह ब्यक्ति किसी निश्चित समय तक उस सुख अथवा अनुभव को प्राप्त करके अपने आराध्य अथवा अपने सृजन करता के पास चला जाए आराध्य शक्ति सृजन कर्ता शक्ति नहीं है अतः उसे अपने सृजन करता के पास जाना होगा अथवा जाना चाहिए यही उचित निर्णय है पालन पोषण करने वाली शक्ति की अहम् भूमिका होती है अथवा वह स्वयं का पालन पोषण करने हेतु सक्षम होना चाहिए जहाँ अन्य के जीवन को हानि पहुँचाने का स्वभाव नहीं होना चाहिए दुसरे की सम्पत्ति को छीनकर शक्तिमान बनाने का स्वभाव नहीं होना चाहिए

न्यायालय सरकार आप किस रास्ते जाओगे

      न्यायालय सरकार आपके एक तरफ गहरी खाई है वहां लुटेरे हैं आपके नागरिक की धन सम्पदा मालियत छीन लेंगे ठग लेंगे उसके दूसरी तरफ ऊँचा ऊँचा पहाड़ है दूसरी तरफ झील है जिसमें ढेर सारे मगर मच्छ हैं एक तरफ ढेर सारे शेर भालू हैं एक तरफ पहाड़ है उसकी दूसरी तरफ आपके गाँव जाने के रास्ते तक डाली पहुँच रही है मजबूत लताएँ भी हैं जिन्हें दूर तक फेका जा सकता है अथवा दूसरी तरफ से रस्सी फेकी जा चुकी है कानून की रस्सी सत्य कहने सुनाने की रस्सी आप अपने नागरिक को किस रास्ते लेकर जाओगे
      आपको विवश कर रहे हैं कहा जा रहा है, आपसे लुटेरे कह रहे हैं केवल यही एक रास्ता है इसी रास्ते से आपको जाना होगा हमने आपके गाँव जाने के लिए सीढियाँ बना रखी है आपसे मगरमच्छ कह रहे हैं आप उस तरफ से नहीं जा सकते आपको हमारे बीच से ले जाना होगा शेर भालू कह रहे हैं आप उस तरफ से नहीं जा सकते आपको हमारे बीच से ले जाना होगा
      आपको उत्तर मिल चूका है लुटेरे सीढियाँ नहीं बनाया नागरिकों ने मिलकर सीढियाँ बनाये जिन पर अब लुटेरों का कब्ज़ा है मगरमच्छ का भोजन झील की मछलियाँ हैं जंगल से आये पशु हैं शेर भालू का भोजन जंगली पशु हैं
     चौंथा रास्ता जिस रास्ते कोई लुटेरा शेर भालू मगरमच्छ नहीं मिलेगा सुरक्षित गाँव पहुँच जायेंगे
     इन धर्म उपदेशकों की 1400 वर्ष की मेहनत 5000 वर्ष की मेहनत और मेरा 24 वर्ष की मेहनत देखें कौन क्या रंग दिखाता है भगवान बाबाजान को परमात्मा विषणु गीतोपदेश जगजननी मार्कंडेय पुराण कुरान से बिस्मिल्लाह रहमानिर्रहीम मोहम्मद रसूल अल्लाह को याद करके सुनसान अन्तरिक्ष में प्रकट होने वाली शक्ति प्रथम शक्ति द्वितीय शक्ति तृतीय शक्ति देवी माँ को याद करके 24 तक शिक्षा प्राप्त किया 1400 वर्ष काम का है या 5000 वर्ष काम का है या 24 वर्ष काम का है देखें यह कितने काम की है
     

न्यायालय और सरकार आपके द्वारा धर्मगुरुओं से पूछे जाने वाले प्रश्न

     क्या आपके कथन अनुसार सृजन करने वाली शक्ति कमजोर शक्ति है वह अपनी बातें नियम कानून मनवाने में असमर्थ है अपनी इच्छा अनुसार सांसारिक ब्यवस्था को स्थापित नहीं कर सकते अतः अध्यात्मिक बातें मनवाने हेतु आप धर्म गुरुओं द्वारा धार्मिक नेता द्वारा उपदेशक द्वारा अनुयायी द्वारा बालुबल शस्त्र प्रयोग करने की अनुमति दी गयी
      सृजन कर्ता के उपासक परिश्रम करने में असमर्थ हो जाते हैं अतः दान उपहार चंदा द्वारा अपना अपने परिवार का पालन पोषण करने की अनुमति दी गयी है
     सृजन कर्ता कमजोर है इसलिए आम लोगों से बाते मनवाने हेतु धर्म उपदेशक धार्मिक नेता अनुयायी को शस्त्र बल प्रयोग करके उपासना करवाने की अनुमति दी गयी है
     सृजन कर्ता कमजोर है इसलिए हथियारों के बलबूते धर्म की स्थापना धर्म का विस्तार करने की अनुमति दी गयी
     सृजन कर्ता से सम्बंधित साक्ष्य को दिखा कर अध्यात्मिक नियम की स्थापना नहीं की जा सकती इसलिए अध्यात्मिक नियम स्थापित करने हेतु लोगों से दान उपहार चंदा वसूलने की अनुमति दी गयी बाहुबल शस्त्र उपयोग की अनुमति दी गयी
     उपरोक्त अनुमति किस शक्ति के द्वारा दी गयी है 1 जीव जंतु पेड़-पौधे सृजनकर्ता 2 भूमंडल सृजन कर्ता 3 सौर मंडल सृजनकर्ता 5 संसार सृजनकर्ता 6 समस्त संसार सृजनकर्ता 7 दृश्य-अदृश्य सबको धारण पोषण करने वाला विशाल क्षेत्र में विद्यमान शक्ति
आपके राष्ट्र में सृजन कर्ता के पक्ष में खड़े लोगों के आचरण श्रेष्ठ होने चाहिए
उनकी बातों में राजनीति चालाकी छलकपट स्वार्थ नजर नहीं आना चाहिए
आपके राष्ट्र में जहाँ अध्यात्मिक ब्यक्ति हों वहां किसी प्रकार का भय का वातावरण हठधर्मी का वातावरण नहीं होना चाहिए
यदि न्यायालय ने धर्म उपदेशक के साथ नरमी बरती तो आपका राष्ट्र तबाह हो जायेगा
अतः आपके राष्ट्र के अध्यात्मिक ब्यक्ति अपनी परिश्रम की खायेंगे कभी झूठ नहीं कहेंगे विषय सार्वजनिक हो अथवा ब्याक्तिगत जीवन से जुड़ा हो
अध्यात्मिक ब्यक्ति के पास दान उपहार चंदा की धन राशी पाये जाने पर उसे सरकारी खजाने में जमा करा लिया जाए
अध्यात्मिक ब्यक्ति के हाथों में हथियार नहीं होना चाहिए जब तक उनको अपनी जान का खतरा नहीं हो
कोई भी अध्यात्मिक समुदाय हथियार लेकर किसी पक्ष से वार्ता नहीं करेंगे किसी पक्ष पर हमला नहीं करेंगे किसी पक्ष से हथियारों के दम पर अपनी बातें नहीं मनवाएंगे
अध्यात्मिक ब्यक्ति भीड़ बाहुबल कत्ले आम का भय दिखाकर तबाही का भय दिखाकर न्यायालय सरकत से बातें नहीं मनवाएंगे अन्यथा उन्हें जेल होगी
अध्यात्मिक ब्यक्ति चाहते हैं की साकार न्यायालय नियमों का पालन करते हुए कार्यवाही करे तब सरकार न्यायालय भी अपेक्षा करती है की अध्यात्मिक ब्यक्ति भी कोई चालाकी छल कपट झूठ राजनीति स्वार्थ नीति का उपयोग नहीं करेंगे यदि उपयोग किया ऐसी स्थिति में सरकार न्यायालय भी छल कपट राजनीति झूठ का उपयोग कर सकती है उनका लक्ष्य जन कल्याण है अतः यह सरकार न्यायालय का उपयोग अधिकार है

राष्ट्र की शासन प्रणाली प्रकार चार

मैं देश का प्रधान मंत्री होता

     1 राजाप्रथा 2 लोकतन्त्र शासन 3 राष्ट्रपति शासन 4 बुध्धिजीवी शासन
     आप देश के नागरिक तीनो शासन प्रणाली से परिचित हो चौथी शासन प्रणाली के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त कर लो
यह ब्यवस्था देश नेता को बाध्य करती है ईमानदारी से कार्य कीजिये अन्यथा बुध्धिजीवी शासन लागु हो जाएगा अथवा बहुत आपात स्थिति में राष्ट्रपति शासन लागु होगा अथवा जब बुध्धि जीवी टीम कहेगी
     मैं देश का प्रधान मंत्री होता तब देश की लोकतन्त्र को भंग कर बुध्धिजीवी वर्ग के हाथों में शासन सौप देता
यह ब्यवस्था भी लोकसभा की तरह होगा एक मुखिया होगा जैसे प्रधानमंत्री हैं प्रत्येक राज्य का मुख्यमंत्री की तरह राज्य का पदाधिकारी होंगे व अन्य ब्यवस्था लोकसभा की तरह होगी
     इस टीम में सभी ब्यक्ति शिक्षित होंगे अपने अपने क्षेत्र में महारत हासिल किया हो जैसे वैज्ञानिक इंजिनियर समाज शास्त्री इतिहासकार राजनीति शास्त्री अर्थशास्त्री रक्षा विशेषज्ञ सभी क्षेत्र की आवश्यकता अनुसार ब्यक्ति नियुक्त होंगे यह टीम मिलकर देश की समस्या का सिलसिले वार निवारण करेंगे
     इस टीम को राष्ट्र की समस्या बताई जायेगी यह टीम राष्ट्रिय स्टार पर किस समस्या को पहले हल करने पर देश की अन्य समस्या को सुलझाने में मदद मिलेगी समस्या जल्दी हल होगी इस नीति के अंतर्गत योजनायें बनाएगी और योजनाओं को क्रियान्वित करेगी
     देश के मुख्यमंत्रियों का सासदों का काम होगा राज्य की देश की समस्या की जानकारी इस विभाग को देवें सुझाव नहीं देंगे प्रश्न कर सकते हैं अमुक समस्या का समाधान अब तक क्यों नहीं किया गया
     बुध्धिजीवी टीम देश का प्रमुख शक्ति होगी इनकी बनाई योजना राज्य को जिला को शहर को भेजी जाएगी देश का मुख्यमंत्री केवल रबर स्टाम्प रह जायेंगे इन्हें योजना की विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी ये लोग योजना की प्रति पर हस्ताक्षर करेंगे कोई विवाद नहीं करेंगे बुध्धिजीवी टीम उनके इस प्रश्न का उत्तर देने हेतु बाध्य है
     देश के प्रधानमंत्री बुध्धिजीवी टीम के मुखिया से वाद विवाद वार्ता कर सकते है श्रेष्ठ तर्क उदहारण उपाय देते हुए किसी योजना के क्रियान्वयन को उसके समय को बदलवा सकते हैं अथवा योजना को लागू करवा सकते हैं लेकिन विवश करके पूर्ण बाध्य नहीं कर सकते बुध्धिजीवी टीम का मुखिया भी प्रधानमंत्री स्तर का ब्यक्ति है यह ध्यान रखना होगा
     जब तक लोकतन्त्र न्यायपालिका में यह सत्यापित नहीं करते हमारी लोकसभा विधान सभा सरकारी शक्तियों का सरकारी संपत्तियों का योजनाओं का तकनीक का बेहतर उपयोग करने लगी है तब तक लोकतन्त्र शासन बहाल नहीं होगी
     इन धर्म उपदेशकों की 1400 वर्ष की मेहनत 5000 वर्ष की मेहनत और मेरा 24 वर्ष की मेहनत देखें कौन क्या रंग दिखाता है भगवान बाबाजान को परमात्मा विषणु गीतोपदेश जगजननी मार्कंडेय पुराण कुरान से बिस्मिल्लाह रहमानिर्रहीम मोहम्मद रसूल अल्लाह को याद करके सुनसान अन्तरिक्ष में प्रकट होने वाली शक्ति प्रथम शक्ति द्वितीय शक्ति तृतीय शक्ति देवी माँ को याद करके 24 तक शिक्षा प्राप्त किया 1400 वर्ष काम का है या 5000 वर्ष काम का है या 24 वर्ष काम का है देखें यह कितने काम की है

यही सनातन संस्कृति है

      आप हमारी कौम के बारे में कुछ कहने की हिम्मत नहीं करना वर्ना परिणाम ठीक नहीं होगा
      यहाँ पर एक कहावत है सिधवा का मुह कुत्ता चाटे इस कहावत के आचरण अनुसार ब्यवहार से लोगों को बचना चाहिए
      दूसरी कहावत है शेर को जब सवा शेर मिल जाए तब चूहा बन के बिल में छुप जाए
      आज बहुत से धर्मगुरु धर्म उपदेशक का आचरण कुछ इसी तरह का है अधिकतर लोग अच्छे सीधे साधे जीवन यापन करने वाले लोग हैं इनमें एक जुटता बहुत देर से होती है वजह बात बहुत देर से समझ आती है तब तक बहुत देर हो चुका होता है जब आम नागरिक प्रताड़ित लोग एक जुट होते हैं तब तक खून-खराबे की नौबत आ चूका होता है अध्यात्मिक ब्यक्ति और ऐय्याशी लोग इसी बात का लाभ उठाते हैं
      यहाँ पर ध्यान दें की बात है जो स्वयं मरे और मरने के लिए विवश करे वह सिर्फ हराम की मुफ्त खाने वाला है जिसे हरामखोर कहते हैं ऐसा प्राणी सृजन कर्ता का दोस्त उसका सहयोगी नहीं हो सकता सृजन-कर्ता ऐसे नियमों का पालन नहीं करता वह परिश्रम को जानता है जीवन सिध्धांत कहता जियो और जीने दो मृत्यु अंग भंग ब्रेन हेकिंग प्रापर्टी हेकिंग बुध्धि हरण द्वारा सम्पत्ति स्वामी बनना यह कभी नहीं कहता वह कहता है परिश्रम करो सम्पत्ति प्राप्त करो
      हिन्दू धर्माधिकारी कहते हैं
      आप जिस धर्म जाति संस्कृति में पैदा हुए हैं उस जाति धर्म संस्कृति नियमों का पालन करें अन्यथा उसे पाप कहेंगे और सजा देंगे माना अब ये बाते पुरानी हो गयी है अपने प्रवचन में दैनिक जीवन में हम उर्दू शब्द का प्रयोग करेंगे जब तक हमारा वस्त्र मुस्लिम का नहीं हो जाता हम तक अपने आप आपको हिन्दू है यह कहते रहेंगे सारे नियम जनता हेतु है हम पंडित ब्राम्हण उच्चजाति हेतु नहीं है हम विकास के परिचायक हैं दुनियां को हमसे ही ज्ञात होता है हमारा देश कितना विकसित हो चूका है इसलिए सभी तरह के परिधान पहनेंगे हम सूट पहनेंगे तुम चड्डी पहनों यही सनातन संस्कृति है हम संनातन संस्कृति की सुरक्षा करने वाले श्रेष्ठ ज्ञानी जन हैं
      अध्यात्मिक चोरों बेईमानों लुटेरों धोखेबाजों को मालूम हो गया है अध्यात्मिक पुलिस आ रही है इसलिए भ्रष्ट अध्यात्मिक लोगों द्वारा आम नागरिक के अधिकार उन तक पहुचाने की कोशिश की जा रही जिन अध्यात्मिक लोगों को नहीं मालूम आध्यत्मिक पुलिस आ रही है वे लोग अब भी बेईमानी अध्यात्मिक लुट पाट मचा रखी है आज भारत में अध्यात्मिक अत्याचार कम हुए हैं लोगों को स्वतंत्रता पूर्ण जीवन जीने का अवसर प्राप्त हुआ है

न्यायालय सरकार शैतान से आजाद कराएँ

      न्यायालय-सरकार आपके 135 करोड़ नागरिक में से ना जाने कितने लोग शैतान के कब्जे में हैं क्या न्यायालय सरकार शैतान के कब्जे से आजाद कराना नहीं चाहेंगे
     सृजन कर्ता की शक्तियां बहुत का कमजोर है वह अपनी इबादत पूजा उपासना प्रत्यक्ष नहीं करवा सकती इसलिए बन्दों की भक्तों की जरुरत पड़ी जो जेहादी लोगों का क़त्ल करते हैं बलात्कार करके कत्ल करते हैं ऐसा करने की सलाह सुझाव देते हैं पेटी में बंद बच्चियों को निकाल घरों में बंद बेटियों को निकल कर बलात्कार करते हैं वो अल्लाह के शिवा किसी और की पूजा स्तुति नहीं करते हैं वो शैतान के कब्जे में नहीं हैं लेकिन जो अल्लाह के शिवा किसी और की पूजा स्तुति इबादत उपासना करते हैं और अच्छे कर्म करते लोगों की सहायता उनकी परेशानी दूर करने हेतु कार्य करते हैं समाज के वातावरण को तनाव से मुक्त करते हैं वो शैतान के कब्जे में हैं
     आप सभी अध्यात्मिक लोग सक्त कानून की बात कर रहे थे तो लो सख्त कानून आ गया बस ईश्वर अल्लाह भगवान यहोवा से शिकायत नहीं करना तुम सख्ती करते थे अपने स्वार्थ की खातिर प्रसिध्धि ऐश्वर्य नाम मानसम्मान की खातिर तुम लोगों पर सख्ती करते थे अब पहले स्वयं सख्त कानून का पालन करो फिर सख्त कानून का पालन करवाना
      देश में बहुत से लोग कहते हैं हम अल्लाह के लिया जान दे देंगे इन लोगों से कहना है पहले अपना जुजून अपना उन्माद अपनी सेट माइंड पर काबू पाओ सम्भालो आइना देखो तुम जो कहते हो उसका अर्थ क्या है उसे समझो
     फिर कहना अल्लाह के लिय जान दे देंगे तुम जन्नत के लोभ में फंसे हो अल्लाह की बरगाही के लिए सपना देख रहे हो क्योकि भ्रष्ठअध्यात्मिक उपदेशकों द्वारा अपना स्वार्थ सिध्ध करने हेतु तुम्हे सपना दिखाया गया है बार बार सपना दिखाया जाता है तुम उनके चंगुल में फंसकर दान उपहार चंदा जमा देते हो उस पैसे से उनका जीवन आराम से गुजरता है और तुम एक लक्ष्य लेकर तनाव में जीवन जीते हो
     पहले ज्ञान का शब्दों के अर्थ का आइना देखो पढ़े गए शब्दों से बनती तस्वीर को बनाओ प्रशन पूछो क्या सृजन कर्ता इतना कमजोर है वह बिना इंसानी बन्दों के अपनी राह में नहीं ला सकता तुम्हारा अराध्य पूज्यमान सारे संसार को बनाने वाला इतना कमजोर है
     किसी रचना के सम्बन्ध अच्छे शब्दों का प्रयोग करने से कोई रचना श्रेष्ठ नहीं हो जाती मनुष्य शरीर को श्रेष्ठ रचना नहीं कह सकते श्रेष्ठ रचना वह है जिस शरीर से मल-मूत्र नहीं निकलता हो जिसके शरीर से निकला तत्व का सेवन अन्य प्राणी कर सकते हो वह शरीर व रचना श्रेष्ठ है जिस रचना की ब्यवस्था उसके गुण स्वभाव से अन्य प्राणी को हानि अथवा परेशानी नहीं होती

ईश्वर के भक्त बन्दों से नागरिक भयभीत नहीं होना चाहिए

     न्यायलय सरकार ईश्वर अल्लाह भगवान् यहोवा देवी देवता के भक्त बन्दों उपासक से आप और आपके राष्ट्र का कोई भी नागरिक भयभीत नहीं होना चाहिए जिस भक्त बन्दों से आपके राष्ट्र का नागरिक भयभीत हो जाए उस भक्त बन्दा को आपके पुलिस बीसों लाठी मारे इस लाठी से लीडर नहीं बचाना चाहिए यदि लीडर बचा तब समस्या बढ़ जायेगी आप देखेंगे आपके राष्ट्र की आधी अध्यात्मिक समस्या समाप्त हो गयी है आप धर्म गुरु उपदेशक से पूछे नागरिक को किससे भयभीत होनी चाहिए अपराध से अथवा ईश्वर अल्लाह भगवान यहोवा और उनके भक्तों से और किसलिए भयभीत होना चाहिए अध्यात्मवाद और विज्ञानवाद अध्यात्मवाद अध्यात्मवादी अपराध में लिप्त हो जाए तब विज्ञानवादी से क्या अपेक्षा की जाए
     आप न्यायलय सरकार विचार करें ईश्वर अल्लाह भगवान् यहोवा देवी देवता से आपके नागरिक क्यों डरे इसलिए की उनसे कोई अपराध हुआ है यदि उनसे अपराध हुआ है तब वो बचकर कहाँ जायेंगे कहाँ छुपेंगे उनसे हुए अपराध को कौन सुधारेगा क्या अपराधी की हत्या कर देने से उसके अपराध से हुई हानि की पूर्ति हो जायेगी अथवा निर्मित विकृति सुधर जायेगी माना सन्देश के लिए हत्या की गयी
     तब इस सन्देश का क्या होगा की ऐसे मनुष्य प्राणी की बिना हत्या किये अन्य मनुष्यों के अपराध को ईश्वर अल्लाह भगवान् यहोवा देवी देवता की शक्तियां रोक नहीं सकते
      अतः इनके भक्त बन्दों से आपके नागरिक क्यों डरे लोगों को डराने वाला भक्त बंदा का आचरण देखा जाए उसके द्वारा शारीरिक परिश्रम द्वारा पालन-पोषण की सामग्री एकत्र की जाती है अथवा दान उपहार चंदा द्वारा सामग्री प्राप्त की जाती है जो भक्त बंदा अपने शारीरिक परिश्रम से पालन-पोषण की सामग्री प्राप्त करता है वह डराने वाला नहीं होगा सचेत-सावधान करने वाला होगा उसे मालुम है जो प्राणी जैसा कर्म करेगा उस कर्म अनुसार परिणाम उसे भोगना होगा यहाँ प्रश्न आता है सभी ब्यक्ति कहेंगे तुम क्यों ब्यवधान पहुंचाते हो तुम्हे मालुम है जो जैसा कर्म करेगा उसका फल उसे ही भोगना होगा अतः मैं सभी अपराध करूँगा और सजा भी मैं ही भोगूँगा आप जाइये इस स्थति में उसके लिए एक ऐसी सजा होगी जहाँ उसकी जान नहीं जायेगी लेकिन सजा का असर बहुत होगा एक सजा है ज्ञानवान बना देना दूसरा सजा परिश्रम से अपराध के कारण हानि की पूर्ति करना जैसे हत्या बलात्कार की सजा होगी आप एक जीव का स्वयं निर्माण करेंगे आप नारी अंग को पूर्ववत करेंगे अन्यथा तप उपासना हेतु प्रस्थान करेंगे परिवार से सम्बन्ध विच्छेद नहीं होगा कभी भी परिवार से मिल सकते हैं किन्तु ज्ञान से सम्बंधित पूछे प्रश्नों का आप उत्तर देने वाले बनेंगे अन्यथा अध्यात्मिक विद्यालय भेज दिया जायेगा

क्या देवी देवता नबी फरिस्ते नासमझ थे

आप उनके धर्मग्रन्थ को पढ़ें कहा गया है
मुस्लिम धर्मग्रन्थ अनुसार काफिरों को कत्ल कर दो क्या ये फरिस्ते नासमझ थे
हिन्दू धर्मग्रन्थ अनुसार राक्षसों को कत्ल कर दो क्या ये देवता नासमझ थे
देवी-देवता के द्वारा पीर फकीर फरिश्तों के द्वारा दान उपहार देने की बात कही गयी है आप एक इन्सान होकर उनकी कथन को अमान्य ठहरा रहे हैं हम दान लेकर ऐश करने वाले शासन करने वाले धर्म उपदेशक ऐसा नहीं होने देंगे लेकिन अच्छे धर्म उपदेशक के क्या विचार हैं लोगों द्वारा दिया गया दान किसे प्राप्त होता है
प्रश्न दान किसके द्वारा लिया जाना चाहिए किसके द्वारा दिया जाना चाहिए कौन दान लेने का पात्र है कौन दान देने का पात्र है अथवा आवश्यक गुणधर्म का लाइव मेटर देने और लेने में सक्षम है जैसे जड़-प्रकृति चेतन-प्रकृति का लाइव मेटर देना और लेना
कितने धर्म ग्रन्थ कहते हैं पापियों का कत्ल कर दो हाथ उंगलियाँ काट दो हलाला करवा दो फांसी चढ़ा दो कितने धर्म ग्रन्थ कहते हैं जो लोगों को बिना सख्त सजा दिए ज्ञान देकर सही राह पर ला सकता है
इसी तरह शासन करना सम्पत्ति का ब्यव्स्थापिका कैसा होना चाहिए धरती की सम्पत्ति का स्वामी किस आधार पर कौन कौन है परिश्रम के आधार पर निर्माण के आधार पर युध्ध करके जीता गया मोल देकर खरीदा गया

प्रत्येक अध्यात्मिक ब्यक्ति सत्य कहेंगे

यहाँ समस्या सत्य वादी ब्यक्ति को अधिक है इन ब्यक्तियों से वही वार्ता करेंगे कोई गलती बताएँगे जो स्वयं सत्यवादी हो सहयोग करने वाला हो उपाय बताने वाला हो जिनमे दोष हो जो सत्यवादी नहीं है वे लोग सत्यवादी ब्यक्ति के दोष नहीं बताएँगे कारन ये लोग केवल परेशां कर सकते हैं सहायता नहीं कर सकते उपाय नहीं बता सकते केवल ऊपर वाला का ध्यान करो कह सकते हैं यह सही नहीं है सारे संसार की बात कही है तो सारे संसार की बात कहने वाला पालने वाला धन देने वाला होना आवश्यक है यदि सम्पत्ति निर्माता है जीव निर्माता है तब दुःख हर्ता होना चाहिए यह आरोप नहीं लगाये उसने यह कार्य किया उसने भटकाया जब सम्भाल नहीं सकते तब जीव निर्माण बंद करो निराकार सवयं भीख मांगेंगे तब जीव बना सकते हो

निराकार और आकार की दुनियाँ का माडल

निराकार से आकार की पूजा स्तुति का माडल कभी समाप्त नहीं किया जा सकता यह प्रक्रिया कुछ समय के लिए रोका अथवा बढाया जा सकता देश में अध्यात्मिक ब्यक्तियों की मीटिंग की जानकारी सरकार को होनी चाहिए अध्यात्मिक ब्यक्तियों से प्रश्न क्या आप चोर है अथवा चोरी करने जा रहे है कोई साजिस रचने जा रहे हैं अतः अध्यात्मिक ब्यक्ति धर्मगुरु धार्मिक नेता बिना पुलिस को सूचित किये कोई भी मीटिंग नहीं करेंगे ऐसा करने पर छह माह की जेल होगी ऐसा करना अतिआवश्यक है अन्यथा इस कानून को लागु होने से रोकने हेतु कई साजिस रची जा सकती है यह साजिस देश में अशांति लायेगा

अध्यात्मिक लोगों का कहना होगा

      संतों साधुओं चलो हरिद्वार वहीँ डेरा जमाते हैं धुनी रमाएंगे भक्तों द्वारा भगवान् को चढ़ावा से भोजन सामग्री की निवास की सुविधा उपलब्ध है वहीँ भगवान की साधना आराधना ध्यान में मगन रहेंगे
      सारे मौलाओं धर्मगुरु नेता चलिए मक्का मदीना अब वहीँ ठिकाना होगा यहाँ बिना मेहनत के खाने नहीं मिलेगा प्रशासन में भागी दरी नहीं होगी लोगों पर अथवा देश राज्य पर शासन करने नहीं मिलेगा तो उपदेश क्या करेंगे लोगों पर धौस क्या जमायेंगे सरकार और नागरिक के बीच हमारी दाल नहीं गलने वाली
      यदि चरवाहा साफ जगह चरायेगा यदि साफ़ सुथरा ना हो तब गलती किसकी यदि चराने वाले को ज्ञान ना हो साफ कहा है गंदगी कहा है तब उसे दोषी नहीं कह सकते
      अभी पालने वाले परिवार में पैदा किया है अगर चराने वाले के द्वारा 25 कानून राष्ट्रिय मंच पर रखवाता तब क्या हाल होता हे धरती का भगवान पालने वाले परिवार के द्वारा 25 कानून प्रस्तुत करवाया तब ये हाल है यदि चराने वाले के द्वारा कानून प्रस्तुत करवाता तब क्या हाल होता
      यदि यह कानून पाकिस्तान के दवारा लागु होता तब पाकिस्तानी लोगों को कितनी ख़ुशी होती वे लोग हमेशा कहते हमारी कौम के द्वारा 25 कानून लागु करवाया गया यह दुनिया में नेकी लायेगा लेकिन भारत से 25 कानून लागु हो रहा है यह किस समुदाय का अपमान है धर्म जाति अथवा देशों का अपमान है
      पाकिस्तानी बोला आपका गन्दा खून का एक कतार भी हमारी जमीं पर नहीं पड़ने देंगे हिन्दुस्तानी बोला इसलिए उसने 25 कानून का सुझाव देने वाले को हिंदुस्तान में पैदा किया वह जानता था की यदि पाकिस्तान में पैदा किया तब कत्ल कर दिया जाएगा बताओ गंदा खून किसका तुम्हारा या मेरा

महानुभवों अगर हममें दम होता बात कुछ और होता
आज का इतिहास सबने देखी इतिहास कुछ और होता

      आपके जेहादी मेरा कत्ल करने की बात कहते हैं पाकिस्तान के जेहादी अपने सरकार से कह दो एक हवाई जहाज भेज दे मैं खुद पाकिस्तान आता हूँ देखें कितने ज्ञानी बैठे हैं शर्त है जब तक वार्ता पूरा नहीं होता हथियार नहीं उठाएगा यदि हथियार उठा उसका उचित होना जरुँरी है जब तक 21 कानून का प्रचार की अनुमति नहीं देता तब तक पाकिस्तानी जहाज हिंदुस्तान से नहीं जाएगा पाकिस्तानी जहाज पर 21 कानून लिख दो
      संसार निर्माता के पक्ष में खड़ा ब्यक्ति और समूह के द्वारा समस्या निवारक होना चाहिए निर्माता होना चाहिए यदि वह समस्या निवारक नहीं है तब संसार में क्या परिणाम होगा धन लेकर भाषण देने वाले शासन करने वाले बहुत मिल जायेंगे
      धन दे कर भाषण देने वाले शासन करने वाले बहुत कम मिलेंगे धर्म उपदेशक उसके समूह के दर पे गरीब पहुच जाए शर्त होगी खाली हाथ लौटना नहीं चाहिए तब देखना देश में ऊँची आवाज में बात करने वाले धर्म उपदेशक की धर्म विस्तार करने वालों की बोलती बंद हो जायेगी
      सारी मालियत अल्लाह की है लोगों को अपनी जानो माल से अपनी रूह से उसके लिए जिहाद करनी चाहिए काफिरों को मिटा देंगे सिर्फ अल्लाह की हुकूमत होगी यह कहने वाले लौं लोग हैं इस कथन का उपयोग करने से किस वर्ग को अधिक लाभ पहुँच रहा है प्रश्न क्या संसार बनाने वाला कमजोर है जिसने धरती को बिछोना किया आसमान बनाया पेड़-पौधे पशु पक्षी मनुष्य स्त्री-पुरुष बनाया उसको पालने वाली अनाज बिना नुकसान पहुचाये पोषण करती है अतः ये कौन लोग हैं जो सत्ता स्थापना की बात कहते हैं मुफ्त की खाने वाले अथवा परिश्रम की खाने वाले

दोषी कौन धर्मग्रन्थ अथवा धर्मगुरु

      धर्मगुरु धार्मिक-नेता अपने निजी स्वार्थ को ध्यान में रखते हुए भावनाओं को जगा कर जूनून उन्मांद भरते हुए धर्मोपदेश करते हैं उनसे कहते हैं तुम शान्त रहो वो ऊपर वाला जानता है उसे क्या करना है कही अच्छा कहीं बुरा करता है ऐसा हमें लगता लेकिन जो बुरा है वही कल अच्छा कर देता जो अच्छा है वही बुरा हो जाता है इसलिए तुम इसकी फिक्र मत करो तुमने क्या सही किया क्या गलत किया बस तुम्हे अपनी जिम्मेदारी निभानी है अपना काम करते जाना है तुम्हे अपने धर्म का विस्तार करना है तुम यह मत देखो पूरी कायनात संसार की सम्पत्ति किसकी है तुम ये देखो उस पर हमारा अधिकार होना चाहिए बाकी ऊपर वाले पर छोड़ दो
      ऐसा मुफ्तखोर ऐय्यासी मुफ्त शासन लक्ष्य्धारी स्वार्थी ईश्वर अल्लाह भगवान यहोवा नामों का ब्यापारी धर्मग्रन्थ का दुरूपयोग करने वाला धर्म उपदेशक का उपदेश होता है इनके मुफ्त स्वार्थ सिध्धि का लक्ष्य छीन लो देश से बहुत सारे धर्म उपदेशक नदारत हो जायेंगे ऐसा लगेगा जैसे गधे के सर से सिंघ नदारत हो गया है तालिबान का कट्टरपंथी शरिया कानून मनवाने वाला समूह भी दुम दबाके मक्का-मदीना में इबादत करता गुनाह की माफी मांगता नजर आएगा
      लेकिन जिस दिन उस कौम को यह मालूम होगा समझ आएगा संसार से जाने के बाद अल्लाह के सामने भगवान के सामने उपस्थित होंगे तब अपने अपराधों की सजा का हम जिम्मेदार होंगे मौलाना पंडित हमारे गुनाह अपराध की सजा नहीं भुगतेंगे जिस दिन मुस्लिम हिन्दू अन्य धर्म सम्प्रदाय को यह बात समझ आ जायेगी उस दिन मुस्लिम हिन्दू अन्य धर्म सम्प्रदाय के लोग धर्म उपदेशक से कहेंगे आप लोग कभी भी झूठ नहीं कहेंगे गलत आचरण नहीं अपनाएंगे सरकार धर्म उपदेशक से कहेंगे हमें सत्य जानने के अधिकार का कानून और 25 कानून बनावाने का अधिकार है जो सत्य की श्रेष्ठ आचरण की श्रेष्ठ शासन-प्रशासन प्रणाली की सुरक्षा करता है आप हमारे अधिकार क्षेत्र का हनन कर चुके हैं आप धर्म उपदेशक हमारे अधिकार क्षेत्र से बाहर जाएँ बाहू बल के बूते अपनी बातें मनवान छोड़ दीजिये अन्यथा हम आम जनता भी बाहुबल के बूते आप लोगों से अपनी बात मनवाएंगे आपको महान आत्मा शहीद का दर्जा पदवी भी नहीं देंगे
      भारत का न्यायालय मजिस्ट्रेट कानून के हाथों मजबूर है न्यायालय की मर्यादा सुरक्षित रखने की विवशता होगी भले ही वादी पक्षकार पिसकर रह जाए कारण उसके पास फौज है पुलिस फोर्स है एक आदेश पर 100 पुलिस आ जायेगी उनके कलम में बहुत ताकत है लेकिन रिटायर होने के बाद पडोशी भी आदेश नहीं मानेगा

आपके मालिकों की गुलामी बहुत हुआ

      हिन्दू मुस्लिम ईसाई धर्म गुरु आपके मालिकों की गुलामी बहुत हुआ ये सूरज ये धरती वर्षों से आपके मालिकों की गुलामी दासत्व स्वीकार करती रही आपके मालिकों के कहने अनुसार विभूतियाँ धारण पोषण करती रही कितने वर्षों से सूरज पृथ्वी की उम्र देखो पंद्रह करोड़ वर्षों से चार सौ पच्चास करोड़ वर्षों से आप धर्मगुरु ताकत के बूते हथियार के बलबूते भीड़ के बलबूते लोभ के बलबूते किसी से अपनी बातें मंवावोगे अब ऐसा नहीं होगा आप सभी धर्म गुरु अपनी मेंहनत की खायेंगे हमेशा सत्य सच कहेंगे यह सभी धर्म के लोगों हेतु है किसी एक धर्म जाति समुदाय विशेष हेतु नहीं है
हम केवल अल्लाह की इबादत करने वाले को छोड़ेंगे बाकी सबको कत्ल कर देंगे जो अल्लाह की स्तुति करेगा वही जीवित बचेगा
नागरिक आप सृजन कर्ता और हमारे बीच बोलने वाले कौन होते हैं
धर्मगुरु हम अल्लाह के बन्दे हैं सारे लोगों को केवल उसी की स्तुति करनी होगी अन्यथा सबको काफ़िर कहेंगे और मार देंगे
नागरिक आपने सत्यापित कर दिया संसार बनाने वाला पालन पोषण करने वाला कमजोर शक्ति है
धर्मगुरु बिलकुल सही कहा हम भ्रष्ट धर्म-गुरुओं के बगैर वह संसार की बागडोर सम्भाल नहीं सकते
नागरिक ठीक है आप ऐसा कीजिये
      भारत की पूरी राष्ट्रिय बजट क्या है वह रकम सम्पत्ति धन संसाधन दे दो आप किसकी पूजा स्तुति की बात कहते हो उसकी पूजा स्तुति की जाएगी जिस दिन रकम सम्पत्ति धन संसाधन देना बंद कर दोगे उस दिन हिन्दू कहेगा
हम क्यों देंगे
आप जबर दस्ती कर रहें हैं इसलिए
देखो हमारे कुरान में लिखा है
उनके धर्मग्रन्थ में भी कुछ लिखा है
हमको उससे कोई मलतब नहीं है हम मुर्गी की टांग पकड़ के बैठने वाले हैं अंडा दे तो यहीं दे कहीं और जगह जाने नहीं देंगे क्यों जाने नहीं देंगे
जनाब हम भ्रष्ट धर्मगुरुओं को मुफ्त में ऐय्याशी ऐशो आराम के सारा सामान तुम दोगे तो लाओ छोड़ देते हैं मुर्गी की टांग
जनाब आप ईश्वर के नामों का ब्यापार कर रहे हैं धर्मग्रन्थ का दुरूपयोग कर रहे हैं
जी नहीं हम धर्म का उपदेश दे रहे हैं उनको जो नासमझ हैं उन्हें भेद बता रहे हैं बहुत बारीकी से उसकी गहराई बता रहे हैं
क्या वे लोग किताब पढ़ कर बारीकियां नहीं समझ सकते

जनाब वो सारे लोग दुनियावी जिंदगी में मशगुल हो जाते हैं बारीकियां समझाने पर ध्यान नहीं देते रट्टा मार के बैठ जाते हैं नियम कायदे भूल जाते हैं
और आपके आचरण नियम कायदे ठीक हैं
बिलकुल जनाब हम पूरी इमानदारी से मजहबी कानून का पालन करते हैं
परिश्रम करके खाते हैं
दान उपहार इतना अधिक मिल जाता है की परिश्रम की आवश्यकता ही नहीं होती
      ऐसा तो ठीक है भारत की पूरी राष्ट्रिय बजट क्या है वह रकम सम्पत्ति धन संसाधन दे दो उसके बाद आप किसकी पूजा स्तुति की बात कहते हो उसकी पूजा स्तुति की जाएगी जिस दिन रकम सम्पत्ति धन संसाधन देना बंद कर दोगे
उस दिन हिन्दू कहेगा
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा
माता जानकी पार्वती पिता महादेवा
अन्धन को आँख देत कोढ़ियन को काया
बांझन को पुत्र देत निर्धन को माया
उस दिन ईसाई कहेगा
गॉड इस ग्रेट
ओ जीजस
परमेश्वर हम आपकी शरण में हैं
मुस्लिम कहेगा
मैं मौलाना कभी हथियार के बूते नहीं कहूँगा फलां धर्म अपनाओ
      अपने परिश्रम से इतना रकम सम्पत्ति धन संसाधन कब तक लाऊंगा जब तक रकम सम्पत्ति धन संसाधन लाऊंगा तब तक अल्लाह की स्तुति करेंगे रकम सम्पत्ति धन संसाधन देना बंद कर दूंगा तब स्तुति करना बंद कर देंगे
इसलिए जो सत्य है जो सच है उसे मानों उसका सम्मान करो सत्य की सुरक्षा साक्ष्य दिखा कर करो तलवार बम गोला बारूद बन्दुक दिखाकर नहीं
यह घटना सुनकर हिन्दू बोला
      बच गया भैय्या मैं मनुवादी कानून मनवाता तब क्या होता अच्छा हुआ मुसलमान फंसा मैं फंसा होता तब ना जाने क्या हाल हो जाता कितना परिश्रम करके कहाँ कहाँ से धन सम्पत्ति पालन पोषण सामग्री लेकर आता फिर सबसे पूजा-पाठ उपासना स्तुति करवाता और मान सम्मान पाता लेकिन जैसे ही सम्पत्ति धन संसाधन देना बंद कर दूंगा तब पूजा-पाठ उपासना स्तुति करना बंद कर देंगे मान सम्मान देना बंद कर देंगे
संसार बनाने वाला है उसने सबके लिए धन सम्पत्ति समृध्धि पालनपोषण सामग्री बना रखी है किसी को स्वर्ग का लोभ मुक्ति का लोभ सजा का भय दिखा कर ज्ञान को प्रभावित करके दान देने धर्म मानने पूजा-पाठ हेतु विवश नहीं करना है

दान उपहार चंदा पर पूर्ण प्रतिबन्ध नहीं लगा

      दान उपहार चंदा पर पूर्ण प्रतिबन्ध नहीं लगा है सौर मंडल भूमंडल का पालन पोषण करने वाली शक्ति का स्तुति करते हुए दान उपहार चंदा की धन-राशी का उपयोग कर सकते हैं अतः किसी भी धर्म संस्कृति के धर्म गुरु को अधिक परेशान होने की आवश्यकता नहीं है केवल विभाजित कर दिया गया है सम्पूर्ण एक आकाश गंगा सभी आकाश गंगा आकाश-गंगाओं से भरा सारा संसार धारण पोषण करने वाला और आपका अपना वर्तमान कर्म भूमि सोरमंडल भूमंडल है आप जिस भी संसार धारण पालन पोषण करने वाली शक्ति की आराधना करते हैं कीजिये दान लीजिये अपना शरीर का परिवार का पालन पोषण कीजिये लेकिन सौर मंडल भूमंडल के अतिरिक्त उपासना करने वाला सम्पत्ति हरण का कार्य नहीं करेंगे किसी की जान माल सम्मान को हानि नहीं पहुचाएंगे आपके द्वारा अपने मुक्ति हेतु पूर्ण स्वाथ्य लाभ प्राप्ति हेतु सम्पत्ति उपयोग पर कोई प्रतिबन्ध नहीं है
      आप कहेंगे दान दें की बात भगवान ने कही है ईश्वर ने कही है आप प्रतिबन्ध नहीं लगा सकते महोदय दान देने पर प्रतिबन्ध नहीं लगा है दान उपहार चंदा लेने पर प्रतिबन्ध लगा है आप कहेंगे क्या आप अल्लाह से भगवान् से ईश्वर से ज्यादा जानने वाले हैं महोदय मई तो मनुष्य हूँ मैं तो इन्सान हूँ मेरे द्वारा यह बात कही गयी है जो भी साधक भूमण्डल सौर मण्डल पालन पोषण करता की स्तुति करेंगे ऐसे लोग दान उपहार की धन राशी का सेवन कर सकते हैं
      हमें पसंद नहीं आएगा कोई धर्मगुरु उपासक दुःख में बदहाली में जीवन ब्यतीत करे ईश्वर से कहे कैसी दुनिया बनाई भोजन भी नहीं मिलता क्या इतना बड़ा पापी हो गया हूँ तो मेरा दुःख कैसे कौन दूर करेगा यह ईश्वर भगवान् अल्लाह का अपमान की बात होगी हमारे समाज गाँव शहर राज्य देश के लिए उचित विचार नहीं होगा इनके लिए निश्चिन्त वातावरण में भोजन वस्त्र निवास प्राप्त होता रहे
      मीडिया से प्राप्त धन राशी भी सरकारी खजाना में जमा होगा कई लोग ऐसा करेंगे नेट चालू करके मोबाइल के सामने बैठ उपदेश देने लगे इससे उनके खजाने में वृध्धि होने लगी और एक दिन पूरी पृथ्वी के इन्सानों का धन राशी इनके खातों में पूरा जमा हो गयी और उसका आचरण ऐय्याशी सम्पत्ति नाशक शांति नाशक कर्म है अब न्यायालय सरकार क्या करे उपदेश दाता उपदेश देकर धन अर्जित किया है किसी को लुटा नहीं है आपका स्पेस कहता है आप केवल परिश्रम की धन राशी का उपयोग करेंगे आप अध्यात्मिक धर्मगुरु का यह कथन स्वीकार नहीं होगा भगवान ने कहा अल्लाह ने कहा ईश्वर परमेश्वर ने कहा दान भिक्षा की धनराशी का सेवन करो इसके लिए अधिक दान भिक्षा देने हेतु विवश करो प्रेरित करो बौद्धिक परिश्रम की खाओ अतः आपको शारीरिक परिश्रम का धन सेवन करना है संसार निर्माण सन्देश देने से नहीं हुआ है शारीरिक बौध्धिक के संयुक्त परिश्रम करने से जीवित सम्पत्ति का निर्माण हुआ है अतः मीडिया के द्वारा दिया उपदेश से प्राप्त धन भी सरकारी खजाने में जमा होगी यहाँ किसी के जीवन को परेशां करना नहीं है बहुत से यु ट्यूबर पर प्रतिबन्ध लगाने की जरुरत है उनके कथन का सही होना आवश्यक है

किसके लिए जान देंगे अराध्य या सच के लिए

      हम अल्लाह के लिए जान दे देंगे हम ईश्वर के लिए जान दे देंगे हम भगवान के लिए जान दे देंगे ऐसा करो सारे के सारे धर्म गुरु युध्ध के मैदान में खड़े हो जाओ गोला बारूद बन्दुक साथ ले जाओ अल्लाह के लिए भगवान के लिए ईश्वर के लिए जान दे के आओ क्या जान देके आ पाओगे
      दूसरी बात क्या अल्लाह भगवान् ईश्वर के लिए जान देना ठीक रहेगा अथवा सच के लिए जान देना ठीक रहेगा दोनों विषय आपके सामने है किसके लिए जान देंगे सच के लिए अथवा अल्लाह भगवान् यहोवा ईश्वर के लिए आपका निर्णय क्या है सच कहता है ना जान लो ना जान दो सच को स्वीकार करो

कौन धन दे रहा है अपना पराया पापी पुण्यात्मा

      अब रहा सवाल सुख दुःख की अनुभूति की बात यह अलग विषय है इस कार्य के लिए कौन धन देगा कौन धन लेगा किसके द्वारा धन दिया जा रहा है कौन धन ले रहा है किस शक्ति संपन्न के द्वारा धन दिया जा रहा है कहीं छलिया कपटी ऐय्याशी से उत्पन्न दोषी तो नहीं है किस शक्ति संपन्न के द्वारा धन लिया जा रहा है कमजोर अज्ञान दोष नाश करने में असमर्थ है कही धन लेने वाले की मृत्यु ना हो जाए उसका सुख का प्रतिशत कम ना हो जाए

मैं प्रधान मंत्री होता पहले पिटवाता

      मैं ध्रुवचंद भारतीया जब प्रधान मंत्री बनूँगा तब देश के सभी भ्रष्ट धर्मगुरु सभी भ्रष्ट प्रसाशनिक नेता को पुलिस से पिटवाऊंगा
पहला आप ने गलती की है सरकारी सम्पत्ति गलत तरीके से अपने कब्जे में ली है दूसरा पुलिस क्राइम ब्रांच को आप सही उत्तर ना देकर शक्ति का प्रदर्शन किया कानून पढाने लगे प्रसाशनिक ब्यक्तियों के साथ ब्यवहार कैसे किया जाता है यह सिखाने लगे अतः साक्ष्य मिलने पर पुलिस क्राइम ब्रांच पहले पिटेगी बाद में कानून पढेगी और पढ़ायेगी
      पहला आप ने गलती की है आप ने गलत तरीके से ईश्वरी सम्पत्ति अपने कब्जे में ली है ब्यक्तिगत अथवा सामूहिक लाभ को प्राथमिकता देने की कोशिश की ब्यक्तिगत अथवा सामूहिक लाभ हेतु मति भ्रम करने वाला और अधुरा अध्यात्मिक ज्ञान देने की कोशिश की है दूसरा पुलिस क्राइम ब्रांच न्यायालय को आप सही उत्तर ना देकर अपने नीजि स्वार्थ को ध्यान में रखते शक्ति का प्रदर्शन किया अपना अध्यात्मिक कानून पढ़ाने लगे उसमें उलझा के रख्खा धर्मगुरुओं के साथ ब्यवहार कैसे किया जाता है यह सिखाने लगे अतः साक्ष्य मिलाने पर पुलिस क्राइम ब्रांच पहले पिटेगी बाद में अध्यात्मिक कानून पढेगी और पढ़ायेगी
      पुलिस क्राइम ब्रांच बताएगी जहाँ अध्यात्मिक ब्यक्ति होते हाँ वहां किसी भी प्राणी मनुष्य को भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है किसी कारन से किसी ब्यक्ति द्वारा अपराध हो जाता है तब उस ब्यक्ति को भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है ब्यक्ति द्वारा कितना भी बड़ा अपराधी हो गया हो आप सभी धर्म गुरु बताये वह अपराधी ब्यक्ति कहाँ भाग कर जाएगा आप सभी नागरिक से बच सकता है आपके कथन अनुसार ईश्वर से कोई बच नहीं सकता अतः आप अध्यात्मिक ब्यक्तियों अध्यात्मिक नेताओं का आचरण ऐसा हो अपराधी ब्यक्ति आप से भयभीत नहीं हो वह अपनी गलती स्वीकार करने आपके पास आये आप से शिक्षा प्राप्त करे ऐसे गलतियों से कैसे बचा जाए आप जानते हैं कई बार अदृश्य शक्तियों के कब्जे में आकर ब्यक्ति द्वारा गलती हो जाति है कभी अधिक क्लेशकारी परिस्थितियों में फंस कर अनियंत्रित होकर गलती कर जाता है लेकिन सजा देने का अधिकार ईश्वरीय सरकार उसके सद्श्यों को नहीं है ईश्वरीय सरकार दोषों को नाश करने में अथवा सम्कक्क्ष वैचारिक शिक्षा अनुभव देने में सक्षम होना चाहिए मनुष्य के शरीर को ब्याव्हारिक अनुभव से गुजार कर शिक्षित करना उचित नहीं है मनुष्य को सजा देने का कार्य सरकार न्यायालय को है अतः मनुष्य सरकार न्यायालय को यह मामला सौप दें

नेता कहेंगे अर्थशास्त्र प्रभावित होगा

     देश के प्रशासनिक नेता कहेंगे इस कानून से अर्थशास्त्र प्रभावित होगा न्यायपालिका कई न्यायधीश भी कहेंगे देश की अर्थब्यवस्था प्रभावित होगी आप उस पेड़ की कल्पना कीजिये जिस पेड़ के फल को पेड़ के नीचे बैठे लोग खाते हैं इसकी अनुमति उन्हें मिली है पेड़ और मनुष्य के सहयोग से पवित्र संतुलन बना रहता है दूसरी कल्पना पेड़ के पत्ते पेड़ के फल नीचे गिरते हैं इससे उसका संतुलन बना रहता है अब कोई बाहर का ब्यक्ति इसके फल और पत्तों को ले जाये तब अर्थब्यव्स्था बिगड़ जाएगा अथवा बल का प्रयोग करके फल पत्तों को ले जाये उसका कहना हो यह आपकी सम्पत्ति से नहीं बना है यह सारे संसार बनाने वाले की सम्पत्ति से बना है लेकिन पेड़ के नीचे बैठे लोगों का कहना है यदि आप सम्पत्ति की बात कहते हैं तो यह जान लीजिये देख लीजिये यह उनकी समपत्ती से नहीं बना है उनके बनाये गए जीवित संपत्तियों के द्वारा निर्मित जीवित संपत्तियों से निर्मित है जैसे हिन्दू मुस्लिम ईसाई धर्मगुरु कथन अनुसार आदि पुरुष आदि स्त्री के द्वारा सभी संतानों को पैदा नहीं किया सबके माता-पिता अलग अलग हैं उनके पालन पोषण करने वाली सम्पत्ति अलग अलग है वे पालन पोषण करने वाली सम्पत्ति के सृजन कर्ता और ब्यवस्थापिका नहीं हैं उसी तरह यह सम्पत्ति भी सारे संसार निर्माता की नहीं है यह सही है सबकी सहमती से एक ही शक्ति के द्वारा सारी सम्पत्ति की ब्यवस्था की गयी है जैसे सूर्य के द्वारा पृथ्वी की बहुत सारी तत्वों की ब्यवस्था की गयी अथवा हुई है लेकिन सूर्य सभी तत्वों का निर्माता नहीं है केवल ब्यवस्थापिका है उसी तरह धरती की सभी दृश्य जीवित तत्वों की ब्यवस्थापिका जीव जगत वनस्पति जगत है लेकिन जीव जगत वनस्पति जगत उपयोग की गयी तत्वों का सृजनकर्ता नहीं है केवल जीव और वनस्पति जगत के रूप में ब्यवस्थापिका है
      अतः इस सम्पत्ति पर आप अपना एकाधिकार त्याग दें हम जानते है आप भूल भटक गए हैं अतः आप अपने गंतब्य स्थान को जाने वाली जितनी सम्पत्ति का नाश कर लिया है वह सम्पत्ति आप यहाँ से ले सकते हैं अथवा आप समस्त संसार को धारण करने वाली शक्ति की उपस्थिति को साक्षी मान कर वचन बध्ध होकर उन्हें जागृत शक्ति को ध्यान धरकर स्वीकार करें की आप सारे संसार को धारण करने वाली शक्ति यहाँ से मेरे द्वारा ली गयी सम्पत्ति को मेरे मूल स्थान तक पहुँचाने पर मुझसे लेकर आप यहाँ की सम्पत्ति पुनः यही वापस लौटा देंगी ऐसा कह कर आप यहाँ की सम्पत्ति का सेवन कर सकते हैं और स्वास्थ्य लाभ लेकर सही ज्ञान प्राप्त करके आप अपने गंतब्य स्थान को प्रस्थान कर सकते हैं आप बल का प्रयोग करके हमें और अपने आपको संकट में ना डाले हमें और अपने आप को कष्ट ना पहुंचाए आपके आचरण ब्यवहार से यहाँ की अर्थब्यवस्था कष्टदायी हो रही है

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