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न्यायालय में धर्मगुरू से पूछे जाने वाले प्रश्न
हमारा अधिकार
लेकिन
उनके आचरण उनके कर्तब्य-कर्म से प्राप्त परिणाम क्या है
परम-चैतन्य-शक्ति और धरती पर गर्भ जन्मा जीव के मध्य अन्य पथभ्रष्ट शक्तियों द्वारा हस्तक्षेप नहीं किया जाएगा
प्रश्न- परम-चैतन्य-शक्ति और धरती पर गर्भ जन्मा जीव के मध्य बाधा बनने की दृष्टि से धर्म-गुरु की क्या भूमिका है
प्रश्न- परम-चैतन्य-शक्ति और धरती पर गर्भ जन्मा जीव के मध्य मार्गदर्शक बनने की दृष्टि से जीव सृजन-कर्ता जगत-पालक शासक धर्म-गुरु की क्या भूमिका है
विश्व-जगत में मानवीय जीवन को देखने से श्रेष्ठ वातावरण की अनुभूति होती है अथवा सुधार की आवश्यकता का अनुभव होता है
क्या धर्म-गुरुओं को माँस खाना चाहिए
उस शक्ति के द्वारा जीव की हत्या करके माँस खाने की अनुमति दी जाय जबकि उनके आस-पास अथवा उनकी पहुच की सीमा में भोजन के रुप में वनस्पति से प्राप्त भोजन उपलब्ध है जिस इलाके में वनस्पति से प्राप्त भोजन उपलब्ध नहीं हो विकल्प के रूप में जीव माँस का उपयोग भोजन के रूप में किया जा सकता है
उस शक्ति के द्वारा उपदेश किया गया जिनके द्वारा किसी मृत आकार को जीवित किया जाता है आप जिनको संसार निर्माता कहते हैं उन्होंने धरती के सभी जीवों-पौधों को बनाया प्रश्न माँस खाने का उपदेश किसके द्वारा दिया गया निर्माता के द्वारा शासक के द्वारा समस्त संसार निर्माता के द्वारा
प्रश्न जिसकी इबादत स्तुति प्रार्थना करते हैं उन्होंने दृश्य अदृश्य की रचना की है
धर्म गुरु की कितनी पत्नी होनी चाहिए
इस पक्ष के लोगों के द्वारा अधिक पत्नी के जीवन ब्यतित करने के परिणाम क्या होगा अन्तरिक्ष में किस गुणों की बढ़ोतरी हो जाएग उस जीवों का पालन पोषण किसके द्वारा किया जाएगा यदि एक बार के सहवास की अनुमति के पश्चात सह्वास के परिणाम को यथावत छोड़ दिया जाय इस परिस्थिति में धर्मगुरुओं द्वारा सहवास से उत्पन्न चैतन्य द्रव्य का पालन पोषण किसके द्वारा किया जायेगा वह चैतन्य द्रव्य जीवित रहेगा अथवा मृत हो जायेगा यदि जीवित रहा तब उसका दुःख-दर्द दूर कैसे होगा अथवा किसी अन्य शक्ति के द्वारा खिलौने की तरह खेला जायेगा उसके सुख दुःख से अनजान दूसरा दुःख-दर्द देकर आवश्यक द्रव्य प्राप्त करके मृत होने पर छोड़ दिया जाएगा
धर्म गुरु उसकी एक से अधिक सहयोगी को सहवास हेतु द्रव्य किसके द्वारा उपलब्ध करवाया जाएगा इनके सहवास से उत्पन्न चैतन्य द्रव्य अजर-अमर अविनाशी होगा जो चैतन्य अंतरिक्ष में जीवित रहेगा अथवा शून्य अन्तरिक्ष में रहेगा अथवा चैतन्य-जीवित समूहों के मध्य रहेगा जहाँ जीवितों के आचरण अनुसार अनुभूतियाँ होगी धर्मगुरुओं के सहवास से उत्पन्न ज्ञानी द्रव्य माता-पिता से संवाद स्थापित करने हेतु सक्षम होने पर आवश्यक पालक-पोषक द्रव्य की ब्यवस्था और ब्यवस्था के उपरान्त दान किसके द्वारा किया जाएगा अथवा दिया जायेगा
अजर-अमर-अविनाशी रहना किसके द्वारा सिखाया जायेगा किसी जीवित के द्वारा प्रताड़ित किये जाने पर किसके द्वारा सुरक्षा दी जायेगी जीवित अन्तरिक्ष में किसके द्वारा सहवास किया जाएगा किया जाता है किसकी संपत्ति से सहवास किया जायेगा जीवित अंतरिक्ष में किसकी संपत्ति पर सहवास से उत्पन्न जीवित-द्रव्य का आधिकर होगा
महोदय शिक्षित भीख मांगेंगे ही इसका मुलकारण है इनमें से बहुत लोग ऊँचे ओहदे पर पहुचने के बाद मानवता भूल जाते है और अधिकार छिननां अथवा रौब दिखाना प्रारम्भ कर देते हैं
अतः इनका भीख मांगना एक अच्छी शिक्षा है अब समझ आएगा शिक्षितों की हैसियत क्या होती है
इन्हें संघर्ष किससे करना चाहिए अपने से ऊँचे पद के लोगों से लेकिन नादान-नासमझ अपने से कमजोर वर्ग के प्रति अथवा पद की शक्ति के प्रभाव का लाभ लेकर अपने कर्तब्य का सरल स्वभाव कर्तब्य-भाव से कार्य नहीं करते
शून्य से जीवित तत्व और बूध्धिमान तत्वों से निर्मित आत्मा-परमात्मा और आत्मा-परमात्माओं को का आकार धारण करना अथवा आकार धारण करवाना कौन-कौन सी क्रियाएं अन्तरिक्ष में हुईं थी वर्तमान में कौन सी विधि का उपयोग हो रहा है
किसी का धरती पर शरीरी मृत्यु हेतु आना क्यों जरुरी है मुत्यु कितने अवस्थाओं में होती है अंत में कौन सा गुण शेष रह जाता है अथवा शेष छोड़ना अतिआवश्यक है अन्यथा पूर्ण शून्य मृत्यु दाता को क्या करना होगा अथवा दण्ड भोगना होगा पूर्ण शून्य मृत्यु दाता को कौन कौन से कार्य करने होंगे शून्य को जीवित कौन बनाएगा इन्हे ब्यवस्थित करके आकार में जीवित शरीर कौन बनाएगा
कथन मेरा मुझसे प्रश्न-कर्ता स्वयं साक्ष्य ढूढ लाये
कथन किसका
वर्तमान में हमें दान-उपहार मान-सम्मान दीजिये
मेरे कथन का सत्यापन हेतु आप प्रश्न-कर्ता जायेंगे
मै सत्यापित साक्ष्य हेतु परिश्रम नहीं करूँगा
मेरे पास हजारों वर्ष ईश्वर भगवान की पुस्तक है यही कहूँगा कहीं कुरान कहीं बाइबिल कहीं पुराण
आप मुझे दान-उपहार मान-सम्मान देवें मुझसे आशीर्वाद लेवें मेरी आरती उतारें मैं आप पर अप्रत्यक्ष शासन करता हूँ और करूँगा
आपकी बहन बेटियों बीबियों का यौवन सुख भोगूँगा मैंने सृष्टि का भेद कहा है
मै परिश्रम नहीं करूँगा आप मनुष्य परिश्रम करेंगे ईश्वर भगवान परिश्रम करेंगे
मुझे भ्रष्ट ज्ञान उपदेशक कहते हैं यह नहीं बताऊंगा
जब ईश्वर पक्ष में खड़ा ब्यक्ति से साक्ष्य हेतु प्रश्न किया जाय ऐसी स्थिति में उत्तर दिया जाय कहा जाय आप प्रश्न-कर्ता स्वयं साक्ष्य दुंढ ले
जिन्हें मनुष्यों की भावनाओं को कुचल कर खेलने की आदत हो
जो इंसानों को खेलने की वस्तु समझता हो
वह कभी चैन से रहने और वार्ता नहीं करने देगा कभी मेरे द्वारा कभी मजिस्ट्रेट द्वारा कभी आम पब्लिक द्वारा कभी सरकार की तरफ से तनाव अवश्य निर्मित करेगा वह मेरी भावनाओं पब्लिक-भावनाओं को मसल-मसलकर खेलेगा मेरे द्वारा तुम्हे बता दिया गया तुम्हारे द्वारा और न्यायालय सरकार द्वारा अपनी बात मुझे बतायेगा और दोनों-पक्ष का सुख चैन ख़त्म
जिसके खेल में ब्यवधान पहुंचे वह शांति से वार्ता होने नहीं देगा वह खेल का आयोजक है जिसने मनुष्यों को नहीं बनाया लेकिन खेल के आयोजन का प्रस्ताव दे सकता है जो उसके प्रस्ताव को माना तो खेल का आयोजन हो जायेगा उसे इंसानों के मरने जीने का कोई गम नहीं है दुःख तब होगा जब उसे धन की जन की खेल में भाग लेने वालों की कमी होगी आमदनी में कमी आएगी ये बातें अदृश्य के सम्बन्ध में है वह हमारे हित की अच्छी बात कह कर हमें कुआ में धकेल देगा ईश्वर-भगवान की बात कहकर हमें परेशान कर देगा
अध्यात्मिक लोगों के पास द्वारा कैसा साक्ष्य प्रस्तुत किया गया है वेद-पुराण बाइबिल इंजील तौरेत कुरान के अतिरिक्त क्या कोई वैज्ञानिक साक्ष्य प्रस्तुत कर सकते हैं या वैज्ञानिक साक्ष्य प्रस्तुत करने में सक्षम नहीं है क्या सरकार न्यायालय कानून को बलपूर्वक मनवा सकती है अध्यात्मिक ब्यक्ति इस प्रश्न का क्या उत्तर देंगे अध्यात्मिक ब्यक्तियों ने अपनी बातें कई बार भीड़ के बलबूते मनवाई है अध्यात्मिक ब्यक्तियों आपके आचरण से सरकार न्यायालय को शिक्षा मिलता है
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