10-02-2020 |
हे भगवान नमस्ते क्या-क्या करवाते हो
भगवान के सृजन-कर्ता नमस्ते
ॐ परमात्मा नमः
मैंने आत्मा-परमात्मा का रहस्य को ध्यान करके कहा था लोगों को आत्मा परमात्मा का भेद बताऊंगा वह मेरी अज्ञानता थी। किन्तु उस समय लोगों का विचार विज्ञानं से प्रेरित था और उनसे मैं प्रेरित हुआ। आत्मा परमात्मा को मुसीबत पड़ने पर याद करते थे समस्या दूर हो जाने के बाद तर्क करना प्रारम्भ करते। पूछते कहाँ है परमात्मा ,कहाँ है आत्मा विज्ञानं आत्मा-परमात्मा को नहीं मानता। तब मैंने परमात्मा को ध्यान रखते हुए कहा था
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