Translate

रविवार, 4 अगस्त 2024

ईश्वरवाद ऐय्याशी सिद्धान्त समस्या का निवारण

ईश्वरवाद ऐय्याशी सिद्धान्त

कुरान वेद-पुराण का ब्यापार इसे किस प्रकार से परिभाषित किया जाये

मुस्लिम की ज्ञान क्षमता नहीं है बिना हथियार विजयी नहीं हो सकता
सरकार मुस्लिम कौम हिन्दू मुस्लिम विवाद सुलझा नहीं सकती

    दुनियाँ में जब तक कुरान रहेगा तब तक शान्ति नहीं आ सकती पुष्पेन्द्र कुलश्रेष्ठ के कथन का समर्थन करता हूँ
कुरान लोगों की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाता है जानकार मुस्लिम महिला के नाम से घबराता है
    तीन कानून के सम्बन्ध में मुफ्तवादि मौलाना इमाम जेहादी केवल बार-बार कुरान दिखायेंगे अल्लाह अल्लाह चिल्लायेंगे लेकिन यह कानून सभी मुस्लिम के हित में है अतः मुस्लिम नागरिक सब मुस्लिम और बच्चों के हित बेहतर भविष्य को देखकर 
मौलाना इमाम जेहादी की बोलती बन्द कर देंगे और तीन कानून लागू करवाएंगे 

मैं रामसजीवन भारतीया अकेला बिना हथियार खड़ा हूँ मुफ्तवादी मुस्लिम समुदाय के कुरान के ब्यापारी वर्ग एक अकेला से लड़ नहीं सकते बिना हत्या किये जीत नहीं सकते

मुस्लिम मनुष्यों को अपराध करना सिखाया कर्म से संसार रचयिता को कमजोर बुद्धिहीन बताया
जैसा की वफ्फबोर्ड भूमि अधिग्रहण वफ्फ का अर्थ है दान करना

सारे संसार रचयिता की उपासना करने वाला धरती के मनुष्यों को झूठ बोलना हत्या करना हत्या का भय दिखाकर बात मनवाना विकृत राजनीति करना किसी की सम्पत्ति बाहुबल हडपना नहीं सिखायेंगे सीधा जेल होगी आप सारे संसार रचयिता के पक्ष में खड़े होकर अपराध करना नहीं सिखायेंगे अपराध से मुक्त रहना बचाना सिखायेंगे 
पूरा पढ़िये

मुफ्तवादी आध्यात्म कभी नहीं बोलेगा

   न्यायालय भूमि पर कब्ज़ा करने कह दो बहुत सारे लोग कब्ज़ा करने चले जायेंगे लेकिन शर्त रख दी जाए जीतनी भूमि मुफ्त में कब्ज़ा किया है उतनी भूमि खरीदना होगा एक लाख से दो लाख स्क्वायर फीट धनवान को खरीदने पर प्रतिबन्ध आध्यात्मिक गुरु भी ऐसा ही है

समस्त संसार रचयिता का उपासक झूठ नहीं कहेंगे
मुस्लिम संसार रचयिता के सम्मान को हानि पहुंचाई है
इसके लिए इतिहास की घटनाएं देखना होगा। ईश्वर वाद कुछ समूहों को मुफ्त सुख सुविधा पाने का साधन उपलब्ध करवाता है। देश दुनिया में शोहरत दिलाता है साथ में नाम और पैसा भी दिलाता है।
अजन्मा ( अल्ला ) First Life पहले शून्य था - सही
अल्ला Second Life से पहले शून्य था - गलत
अजन्मा( अल्ला ) से पहले शून्य नहीं था - गलत
अल्लाह से पहले शून्य नहीं था - सही
आध्यात्म प्रश्न कर्ता कभी प्रश्न नहीं पूछेगा
एक प्रयोग
आध्यात्म प्रश्न कर्ता का प्रश्न क्या आप परमात्मा ईश्वर अल्लाह भगवान की स्तुति नहीं करोगे
इस प्रश्न कर्ता की सारी सम्पत्ति सरकार के अधीन जमा कर ली जाए तथा प्रतिमाह उतनी ही सम्पत्ति जमा करने हेतु निर्देश जारी करें
यह प्रयोग केवल हठधर्मी जुनूनी बाहुबली हत्या मारपीट निजी स्वार्थ सिद्धि प्रश्नकर्ता पर लागू किया जाय
मेरा प्रश्न ऐसा कौन है जो संसार रचयिता को याद नहीं करता उसकी स्तुति नहीं करता

तीन कानून से सभी मजहब धर्म समुदाय को लाभ मिलेगा
मुसलमान दुष्ट मौलाना इमाम जिहादी कट्टरपंथी को भगा नहीं सकता तीन कानून सहयोगी होगा
मुस्लिम नागरिक  :- मौलाना इमाम जिहादी कट्टरपंथी इमाम से परेशान है
हिन्दू नागरिक      :- ब्राम्हण ठाकुर वैश्य से परेशान है
ईसाई नागरिक    :- ईसाई धर्म प्रचारक के ज्ञान के से परेशान है

मान लो पूरी दुनियाँ में सिर्फ मुसलमान लेकिन अवाम मौलाना इमाम जिहादी कट्टरपंथी से परेशान हैं यह तीन और पच्चीस कानून लागू कर लो मौलाना इमाम जिहादी कट्टरपंथी की बोलती बंद हो जायेगी 

मौलाना इमाम जिहादी कट्टरपंथी ब्राम्हण ठाकुर तीन और पच्चीस कानून को कभी लागू होने नहीं देंगे हमेशा ब्यवधान डालेंगे
क्योकि उनको मेहनत करके खाना होगा दान चंदा लेंगे तब जेल होगी इसलिए तीन और पच्चीस कानून को कभी लागू होने नहीं देंगे लेकिन आम नागरिक को इस कानून की आवश्यकता है आप अनावश्यक तनाव से मुक्ति चाहते हैं 

अदृश्य शक्तियाँ मनुष्यों से खिलवाड़ करती हैं
उन्हें मनुष्यों के जीने मरने से विशेष अंतर नहीं पड़ता
कुछ शक्तियाँ मनुष्यों के शरीर के भीतर से शरीर के बाहर से खिलवाड़ करतीं हैं
दोष मनुष्य के ऊपर आता हैं सजा मनुष्य को भोगना पड़ता है
वे शक्तियाँ आन्नद से भर जाती हैं

यह कानून सरकार लागू करे

       बी जे पी प्रतीक्षा करे कांग्रेस उपरोक्त कानून कब लोकसभा पटल पर रखती है सारे संसार रचयिता का उपासक कभी झूठ नहीं बोलेंगे मेरा कथन कांग्रेस कभी नहीं कहेगा मेरे द्वारा सुझाव दिया गया है कानून बनाने का प्रस्ताव नहीं दिया है 25 कानून में प्रस्ताव है

मुस्लिम बताये अल्लाह कितना बड़ा है

उसका उपासक धरती पर अपराध नहीं करेंगे जो करे उनकी कुटाई कर दो
सारे संसार रचयिता का उपासक धरती पर धरती के इंसानों को अपराध करना नहीं सिखायेंगे जैसा की वफ्फबोर्ड करता है गजवा ए हिन्द

मुस्लिम महिला दुष्ट मौलाना से आजादी पाओ

      कानून कहता है मौलाना इमाम शौहर तीन तलाक नहीं दे सकता हलाला नहीं करा सकता दूसरी शादी निकाह नहीं करा सकता मौलाना इमाम शौहर जबरदस्ती कुरान की कोई बात नहीं मनवा सकता आप आजाद हैं सही इतिहास जानने के लिए सही बात मानने और मनवाने के लिए

न्यायपालिका तीन कानून चाहिए हाँ अथवा नहीं

     न्यायपालिका जय आपको उपरोक्त तीन कानून चाहिए हाँ अथवा नहीं इस कानून के समकक्ष परिणाम देने वाला कानून की उदाहरण सहित जानकारी उपलब्ध कराएँ
     हमास को ठिकाने लगाने के लिए इजराइल को केवल पुलिस की लाठी की आवश्यकता थी लेकिन इजराइल बम बारूद मिसाइल मशीनगन फाईटर प्लेन ड्रोन टैंक का उपयोग कर रहा है
     अगर यह कानून इजराइल में लागू हुआ तब ५८ देश इजराइल पर एक साथ हमला कर देंगे और मुस्लिम मौलाना इमाम जिहादी चड्ढी में एक देश से दुसरे देश में दौड़ते फिरेंगे कहेंगे अभी तो चड्ढी पहने हैं अगर इजराइल में तीन कानून को नहीं रोका तो आने वाले समय में चड्ढी भी नसीब नहीं होगा

आपत्ति परिश्रमी अथवा मुफ्तवादी द्वारा लगाया गया है

     मुफ्त्वादियों के कारण देश में समस्या है दान चंदा लेने पर रोक नहीं लगाने की अपील परिश्रम करने वाले के द्वारा लगाया गया है अथवा मुफ्त खाने वाले क्या आपत्ति लगाने वाला उदाहरण सहित उत्तर दिया भगवान परमात्मा अल्लाह का उपासक बहुत परिश्रमी होता है परिश्रम की खाने वाला होता है पहले उदाहरण सहित उत्तर लिया जाय इसके पश्चात आपत्ति पर सुनवाई की जाय मुफ्त वादी आध्यात्म प्रचार से बाहर चले जायेंगे दो समुदायों में विवाद खत्म हो जाएगा
      माना भाई भाई में विवाद वर्षों तक चलता है लेकिन क्यों, दोषी कौन लोग हैं गाँव वाले कानून अथवा गवाह अथवा मुफ्त खोर अथवा जिसके पिछवाड़े लाठी नहीं पड़ा है
     मुफ्त खाने वाले द्वारा लगे आपत्ति पर सुनवाई हेतु रोक लगाई जाए पहले परिश्रम की खाएं तब आपत्ति पर वार्ता होगी
    बकरा सामने खड़ा है तीन कानून का इंजेक्शन लगा दो बकरा ठीक हो जाएगा बकरा को चिल्लाने दो हम मुफ्त का खायेंगे मुफ्त का खायेंगे उन्हें बता दो हमारे देश में भगवान परमात्मा अल्लाह का उपासक परिश्रम करके खाते हैं वो कहेंगे भगवान परमात्मा अल्लाह ने कहा देवी-देवता नबी-फरिस्ता ने कहा उन्हें कहने दो

किस समूह द्वारा आपत्ति प्रस्तुत की गयी है

     किस समूह द्ववारा दान चंदा सहयोग राशी लेने पर प्रतिबन्ध नहीं लगाने की बात कही गयी है क्या वह समूह जिसके कारण आपके नागरिक की मानसिक तनाव समाप्त हो जाता है अथवा आपके नागरिक का मानसिक तनाव बढ़ जाता है तनाव बना रहता है

किस समूह ने कहा अल्लाह परमात्मा की  बात मानना होगा

      आप दान चंदा लेने पर प्रतिबन्ध नहीं लगा सकते अल्लाह का फरमान है परमात्मा का कथन है बहुत शबाब मिलता है बहुत पूण्य मिलता है ये कौन लोग हैं मुफ्तवादी है परिश्रम वादी है क्या वह समूह है जिसके कारण आपके नागरिक की मानसिक तनाव समाप्त हो जाता है अथवा आपके नागरिक का मानसिक तनाव बढ़ जाता है तनाव बना रहता है देश गाँव शहर विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है अथवा समस्याओं से जूझ रहा है उत्तर क्या है राजनीतिक नेता आध्यात्म प्रचारक धर्म विस्तारक सबको एक धर्म मनवाने वाला हथियार बन्दुक बाहुबल और भीड़ के सहयोग से दान चंदा की धनराशी का दोहन करने वाला

यह दोनों निर्देश निर्विवाद होगा

दो निर्देश न्यायालय द्वारा सरलता से जारी किया जा सकता है मुफ्तवादी द्वारा मुफ्त में धनराशी प्राप्त करने हेतु हमेशा वाद प्रस्तुत किया जाएगा

      पहला सारे संसार वाला की उपासना करने वाला केवल परिश्रम से प्राप्त धनराशी चल अचल खाद्य भौतिक वस्तु का उपयोग करेंगे
     दूसरा आकाश गंगा धारण पोषण कर्ता की उपासना करने वाला केवल परिश्रम से प्राप्त धनराशी चल अचल खाद्य भौतिक वस्तु का उपयोग करेंगे
     यह कानून भिक्षा मांगने वाले पर लागू नहीं होगी वह किसी की भी आराधना स्तुतिकर्ता हो लेकिन भिक्षा द्वारा अधिक धन प्राप्त हो जाने के पश्चात धर्म का प्रचार प्रसार करने का प्रयास नहीं करेंगे
     जिस दिन अधिक भिक्षा धनराशी जमा होने के पश्चात धर्म का प्रचार प्रसार करने के लिए खड़ा होगा उसी दिन भिक्षा से प्राप्त सारी धनराशी सरकार के द्वारा अपने अधीन जमा कर लेगी 
     कारण कानून है केवल परिश्रम करके खाने वाला सारे संसार रचयिता की उपासना करने वाला आकाश गंगा धारण पोषण कर्ता की उपासना करने वाला धर्म का प्रचार प्रसार कर सकते हैं इसलिए

न्यायालय सरकार को सुझाव 

किसी ने प्रश्न पूछा काया आप का राष्ट्र परमात्मा की भगवान की स्तुति आलः की इबादत नहीं करोगे 
ऐसा प्रश्नकर्ता की सारी सम्पत्ति सरकार के अधीन जमा करवा ले राष्ट्र का वार्षिक बजट पूरा मांगे अगले वर्ष राष्ट्र का वार्षिक बजट जमा करने हेतु पुनः कहा जाए
अतः प्रश्न कितने लोग न्यायालय से प्रश्न पूछेंगे

न्यायालय कब तक मुफ्तवादी धर्मगुरुओं को बाहर करोगे

मुफ्त कहने वाले भ्रष्ट दुष्ट तनाव निर्मित करने वाले धर्मगुरु मौलाना इमाम ब्राम्हण साधू संत के कारण लोग परेशान हैं होते है रहते हैं इन्हें कब तक गाँव शहर से बाहर करोगे
प्रश्न आपके सामने है उत्तर आपके सामने है उपासक परिश्रमी होता है सही इतिहास बताएँगे

1 क्या आप धर्मगुरु और आपका समूह स्वीकार करते हैं भगवान अल्लाह यहोवा का उपासक ,नबी पैगम्बर का उपासक, देवी देवता का उपासक, स्वयं की शारीरिक परिश्रम करके खाने में असमर्थ निकम्मा हो जाते हैं। अथवा शारीरिक परिश्रम करके बहुत धनवान हो जाते हैं। हम नहीं चाहेंगे हमारे भारतीय नागरिक आलसी और निकम्मा हो जाए कृपया सही ब्यवहारिक उत्तर दें।

क्या आप धर्मगुरू और आपका समूह भविष्य के बच्चों को सृष्टि व धरती और मानव जीवन का गलत इतिहास बतायेंगे अथवा सही इतिहास बतायेंगे।

जिन लोगों ने विरोध किया क्या वे परिश्रम करके खाते हैं

     क्या मुफ्त सुविधा को प्राप्त करने वाले लोग दान लेने की परम्परा को सुरक्षित रखना चाहते हैं परिश्रम करने वाले लोग दूसरा नागरिक की मानसिक तनाव समाप्त करने वाले है अथवा आपके नागरिक का मानसिक तनाव बढ़ाने वाले है आध्यात्मिक भय दिखाकर राज करने वाले हैं किसके द्वारा सख्ती से दान लेने की परम्परा को सुरक्षित रखने की बात कही जा रही है विवरण उपलब्ध कराये मुह्बंदी शब्द का प्रयोग नहीं करेंगे भगवान परमात्मा अल्लाह आदि आदि ने कहा इसलिए

 

भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाने हेतु याचिका की आवश्यकता नहीं है

भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाने हेतु सीधा न्यायालय सरकार में धावा बोलकर कहने की आवश्यकता है भारत मुस्लिम राष्ट्र है भारत न्यायालय सरकार रोक नहीं सकता भारत को जितना इतिहास दिखाना हो दिखाए इतिहास प्रभावी नहीं होगा
भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाने हेतु केवल दो महिना लगेगा लेकिन हिन्दू राष्ट्र सर्वजन-हिताय सर्वजन-सुखाय राष्ट्र बनाने के लिए पांच साल लगेगा 

न्यायालय में घुसने से पहले न्यायधीश से पूछना होगा आप हिन्दू मुस्लिम विवाद से परेशान हैं तब
तीन कानून के अन्तर्गत निर्देश जारी करें

1:- सभी परिश्रम करके खायेंगे सभी आध्यात्मिक धर्म प्रचारक साक्ष्य प्रस्तुत करेंगे संसार रचयिता का उपासक शारीरिक परिश्रम करके खाने में चार छः दस लोगों को पालने में सक्षम होते हैं
2:- जिन आध्यात्मिक धर्म प्रचारक अथवा समूह द्वारा साक्ष्य प्रस्तुत किया जायेगा संसार रचयिता का उपासक स्वयं परिश्रम करके खाने चार छह दस लोगों को पालने में असमर्थ होते हैं ऐसे आध्यात्मिक ब्यक्ति आध्यात्म का प्रचार प्रसार नहीं करेंगे इन पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाई जाती है
3:- 

    

हमें कानून चाहिए

     हम तक ऐसा धर्मगुरु नहीं पहुंचे जिसका आचरण सही नहीं है जो परिश्रम की नहीं खाता असत्य आध्यात्मिक इतिहास असत्य जानकारी बताता है दान चंदा लेता बाहुबल के बूते बातें मनवाता है
     मुख्यमंत्री अपनी मर्जी नागरिक पर थोप नहीं सकते किसी धर्म को मानने हेतु विवश नहीं करेंगे
पुरे भारत देश में सारे संसार बनाने वाले की स्तुति करने वाला केवल शारीरिक परिश्रम करके खायेंगे चाहे सरकारी या न्यायालय महकमें का ब्यक्ति हो चाहे आम नागरिक पक्ष का ब्यक्ति हो यह निर्देश जारी होगा प्रशासनिक न्यायायिक ब्यक्ति आम नागरिक उत्तर देंगे कितने बड़े संसार बनाने वाले की स्तुति करतें हैं दिए गए उत्तर का सही होना आवश्यक है अन्यथा जेल होगी धन लेकर धर्म विस्तार हेतु बहुत लोग खड़े होंगे लेकिन धन देकर कितने लोग खड़े होंगे आप किसी की स्वतंत्रता पर अंकुश नहीं लगा सकते जैसे पंछी पशुधन पर अंकुश लगाने पर पूरा खर्च वहन करना होता है

     मुस्लिम आध्यात्म प्रचारक भाग जाएगा आप प्रयोग करके देख लीजिये जब बिना धन दिए चुनाव की बारी आती है तब अनेक लोग खड़े हो जाते हैं लेकिन जब धन देने की बारी आती है तब अनेक लोग पीछे हट जाते हैं देश के नागरिक को बिना धन दिए शासन करने का अवसर मिलता है तब अनेक लोग चुनाव लड़ रहे हैं लेकिन कानून बन जाए प्रधान मंत्री मुख्यमंत्री विधायक पार्षद प्रति ब्यक्ति 100 रूपये प्रति सप्ताह देंगे तब एक भी ब्यक्ति प्रधान मंत्री मुख्यमंत्री विधायक पार्षद बनने हेतु तैयार नहीं होगा आप जानते हैं अमुक ब्यक्ति बहुत बुद्धिजीवी है वह सत्ता भार संभल सकता है आप उसको पकड़के सत्ता भार सौपोगे लेकिन वह कुर्सी पर नहीं बैठेगा

प्रत्येक धार्मिक स्थलों में सरकारी आध्यात्मिक दान पेटी रखी जाय

     प्रत्येक आध्यात्मिक स्थलों में दो दान पेटी रखी जायेगी पहला सरकारी आध्यात्मिक दान पेटी दूसरा स्थानीय दान पेटी  रखी जायेगी कोई भी ब्यक्ति आध्यात्मिक ब्यक्ति स्थानीय दान पेटी में दान डालने हेतु प्रेरित और विवश नहीं करेंगे ऐसा करने पर कड़ी कार्यवाई होगी तीन वर्ष बिना बेल जेल होगी

अतः भारत में कानून बनेगा

     19 -आध्यात्मिक ब्यक्ति धार्मिक नेता द्वारा राष्ट्र अथवा ब्यक्ति से बलपूर्वक आध्यात्मिक विषय अथवा धर्म मनवाने पर वह राष्ट्र अथवा ब्यक्ति परिवार हेतु अपने शारीरिक परिश्रम द्वारा श्रम सिद्धांतसे प्राप्त सभी भौतिक-अभौतिक सुविधाओं की ब्यवस्था करनी होगी। इसके उपरांत भी उस राष्ट्र और जीव की आत्मा उसके शरीर उसके अधीन व परिश्रम की 10/12/2021 संपत्ति पर हमेशा हेतु आध्यात्मिक विषय अथवा धर्म मनवाने वाले का 10/12/2021 अधिकार नहीं होगा। काऱण आध्यात्मिक-ब्यक्ति आध्यात्म प्रचारक किसी ब्यक्ति जीव-जन्तु-वनस्पति अथवा राष्ट्र संपत्ति का सृजनकर्ता नहीं है।

एक प्रयोग करें आध्यात्म गुरु कितना परिश्रमी होते हैं 

       हमें रिपोर्ट की आवश्यकता होगी समस्त संसार रचयिता का उपासक परिश्रमी होता है अथवा आलसी होता है इस रिपोर्ट हेतु निर्देश जारी करें न्यायालय जानना चाहती है समस्त संसार रचयिता संसार रचयिता सौरमंडल रचयिता धारण-पोषण कर्ता का उपासक कितना परिश्रमी होता है अंतरिक्ष स्तर पर रिपोर्ट तैयार करना खर्चीला है यह प्रयोग सरल प्रत्यक्ष परिणाम दर्शी प्रयोग है परिणाम आने तक सरकार को तीनों कानून का उपयोग करने का निर्देश जारी करता है

सबके पास कितनी प्रापर्टी है रिपोर्ट मंगाई जाय

      आध्यात्म प्रचारक संरक्षक धर्मगुरुओं कथावाचक तकरीर करने वालों मौलाना इमाम जिहादी ब्राम्हण जो आध्यात्म शास्त्र का उपयोग करके आय प्राप्त करते हैं साधू संत संचालक के पास अथवा अधीन कितनी प्रापर्टी है उस प्रापर्टी के निजी स्वामी है या संरक्षक स्वामी है रिपोर्ट मंगाई जाय यह रिपोर्ट इसलिए मंगाई जाय कारण कानून लागु होने के बाद समस्या शुरू होगी
      यह रिपोर्ट देने से मन करने पर प्रश्न पूछा जाय यदि आपके क्षेत्र में निर्मित अशान्ति से धन सम्पत्ति की हानि होगी तब आप क्षेत्र का विरोध कर्ता भरपाई करने को तैयार है लिखित में दें तब प्रापर्टी रिपोर्ट नहीं दीजिये 

समस्त संसार रचयिता को कोई कमजोर सत्यापित नहीं करेंगे

समस्त संसार रचयिता को कमजोर सत्यापित करने पर आपकी सारी सम्पत्ति जप्त कर ली जायेगी यह सभी धर्म समुदाय पर लागू होगा

जब पिछवाडा फटके हाँथ में आता है तब

मुस्लिम द्वारा ऐसे मनुष्य जीव प्राणी से जबरदस्ती आध्यात्म धर्म मनवाना अनुचित है
      जब पिछवाडा फटके हाँथ में आता है तब ब्यक्ति आध्यात्म की शरण में जाता है कथावाचक को सुनने जाता है कथावाचक लोगों को बुलाने नहीं जाता दूसरा कथावाचक के पास लोभ में जाते है चलो भगवान की स्तुति करेंगे तब धनवान बन जायेंगे समस्या समाधान हो जाएगा क्या इनके साथ कोई बल प्रयोग किया जाता है नहीं अब मुसलमान इनको बलपूर्वक मस्जिद की तरफ लेके जाता है जो मस्जिद नहीं जाता उनक पर बल प्रयोग करता है मारपीट हत्या करता है जिहाद के अंतर्गत बलात्कार करता है नहीं माने पर उससे जजिया कर-टेक्स लेता है
    ऐसे मनुष्य जीव प्राणी से जबरदस्ती आध्यात्म मनवाना अनुचित है जब धर्म संस्थापक और मौलाना इमाम जिहादी मक्का मदीना चले जायेंगे जब धर्म संस्थापक और पंडित ब्राम्हण केदारनाथ हरिद्वार चले जायेंगे तब भारत को कौन मुस्लिम राष्ट्र कौन हिन्दू राष्ट्र बनाएगा
   

जीवन शास्त्र पढ़िये 

     जीवन शास्त्र पढ़िये जीवन शास्त्र सर्वत्र जीवन को सुरक्षित रखता है उनकी स्वतंत्रता को सुरक्षित रखता है लेकिन आध्यात्म शास्त्र किसी एक नाम को सर्वत्र स्थापित करता है दुसरे की स्वतंत्रता पर अंकुश लगता है [ किसी एक आध्यात्म शास्त्र का पाठक जो संसार बनाने वाले पर विश्वाश करता है और उसके ऊपर छोड़ देता है उसे छोड़कर ] कई आध्यात्म शास्त्र की उपस्थिति में विवादी स्थिति बनाता है इसलिए कानून लाया गया है किसी एक आध्यात्म शास्त्र के पाठक के कारण निर्मित तनाव पच्चीस कानून से समाप्त हो जायेगा 

कुत्ता पालना मुसलमान मुफ्तवादी ब्राम्हण नहीं

    हिन्दुओं ब्राम्हणों के मन में मुसलमानों ने नफरत भरा और दोष भी मुसलमान लगा रहा है
    ब्राम्हणों ने शुद्र (सेवा कार्य कर्ता) शब्दों से संबोधित समुदाय के मन में घृणा भरा दोष भी ब्राम्हण लगा रहा है 
    मुस्लिम कहते हैं तुम हिन्दुओं में नफ़रत भरा है अतः प्रश्न यह नफरत किसने भरा क्या हिन्दुओं ने अपने बुद्धि में खुद नफरत भरा या मुसलमानों ने नफरत भरा और दोष भी मुसलमान लगा रहा है जब अंग्रेज थे हम सब मिलकर लड़ाई लड़ी गंगा जमुना तहजीब बनाया जिसकी बात मुफतखोर मुस्लिम और परिवार वाद ब्राम्हण कहते हैं 
    जिन्होंने भुखमरी नहीं देखि अपनों की लाशें नहीं देखि वो लोग दुहाई देते हैं तब मज़बूरी थी तब अंग्रेज थे तब हिन्दू ब्राम्हण मुस्लिम मिलकर लड़ाई लड़ा अब अंग्रेज चले गए तब गंगा जमुना तहजीब भूल गए अब याद आया हिन्दू ब्राम्हण अल्लाह की स्तुति नहीं करता उसका कत्ल कर दो अब याद आया इतने सारे लोग शुद्र हैं 
    इसलिए कहा कुत्ता पाल लेना लेकिन मुसलमान कभी नहीं पालना मुफतवादी ब्राम्हण नहीं पालना मैं जानता हूँ इस कथन से लोगों को क्रोध आएगा भावना आहत होगी पर क्या करें मुफ्तवादी मौलाना इमाम जिहादी ब्राम्हण ने दिमांग में क्रोध भर दिया है शांतिपूर्ण वातावरण तनाव मुक्त जीवन को तनावयुक्त कर दिया इन्हें तीन और पच्चीस कानून लागु करके समाज से मूलधारा से बाहर करना होगा ब्राम्हण चाहता तब अटल बिहारी बाजपेई जी के समय में विकाश दिखाई देने लगता लेकिन ब्राम्हणों ने अपना विकाश को महत्व दिया
      ध्यान रहे शोषित समुदाय दुष्ट भ्रष्ट मुफ्वादी ब्राम्हण फिर से हांडी लटकवा देगा स्तन ढकने का टेक्स लेगा पानी पीने नहीं देगा भूमि हडप लेगा बहन बेटी पत्नी उठा ले जाएगा दो तीन दिन सप्ताह बाद वापस लौटाएगा स्वयं को सबसे श्रेष्ठ बताएगा बिना मेरे किसी को मुक्ति नहीं मिलेगा सन्देश देकर इतराएगा मौलाना जब ब्राम्हण पायेगा ब्राम्हण का टेटुआ सीधा दबाएगा फिर तुमसे पूछेगा शोषितों अल्लाह पुजेगा या भगवान भगवान बोला तो सीधा शमशान घाट जाएगा अल्लाह बोलेगा चार बीबी पायेगा तलाक लिया तो हलाला होगा तब साथ जीवन बिताएगा  पांच जून का नमाज होगा गोस्त जब चाहे खायेगा पड़ोशन मिल जाए तो उसके साथ भी रात बिताएगा बीबी चिल्लाये तब तीन तलाक से छुटकारा पायेगा बिना हलाला के वापस बीबी नहीं पायेगा बच्चा होने पर कोई प्रतिबन्ध नहीं लगाएगा गैर मुस्लिम मिले उसको मुसलमान बनाएगा अल्लाह के शिवा किसी के आगे सर नहीं झुकाएगा

यह इस्लाम के विरुद्ध है मुफ्तवादी कहेंगे

हर वह चीज वह कानून इस्लाम के विरुद्ध है जो मुफ्तवादियों मौलाना इमाम जिहादी अवसरवादी लक्ष्यधारी ऐय्याशी जुनूनी उन्मादी एक धर्मग्रन्थ को पढ़ने और पढ़ाने और मानने वाला को मुफ्त में खाने की सुविधा से वंचित करता है वह मौलाना इमाम यही कहेगा यह कानून इस्लाम के विरुद्ध है

मौलाना इमाम बार-बार अल्लाह अल्लाह चिल्लाएगा

     मेरे द्वारा भगवान परमात्मा ईश्वर देवी वेद पुराण नाम का सहारा नहीं लिया जाएगा लेकिन मौलाना इमाम जिहादी भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाने वाले सेट माइंड धोखे में जीवन जीने वाले लोग एक धर्मग्रंथ के पढ़ने पढ़ाने वाले लोग इतिहास और विज्ञानसे अपरिचित लोग खासकर वे लोग जिनके भेजे में ठूस-ठूस कर भरा गया है तुम्हें अल्लाह की हुकूमत कायम करना है क्या तुम्हें दिखाई नहीं देता जिस अल्लाह ने जमीं और आसमान की हर चीज को बनाया उस अल्लाह की इबादत नहीं करते आसमान से उतारी किताब की बातों पर यकीन और अमल नहीं करते क्या तुम उनका कत्ल नहीं करोगे ऐसे शिक्षा प्राप्त युवा जिन्हें धरती का सही इतिहास विज्ञान नहीं पढ़ाया गया ऐसे युवा मौलाना इमाम जिहादी बार बार कुरान दिखायेगा अल्ला अल्ला चिल्लाएगा

विश्वास और साक्ष्य

     विश्वास और साक्ष्य में से आप किसे महत्व देंगे आप कहते हैं विश्वास करो जबकि कानून सत्य को सुरक्षा देता है अतः जो सत्य है वह सुरक्षित है अतः विश्वास करो इस कथन की आवश्यकता नहीं है जब साक्ष्य है तो जानते हैं अतः कहो जानते हैं मानने की आवश्यकता नहीं है विश्वास और साक्ष्य

तुम कौन हो जो दान दें

     आप हो कौन आपको दान क्यों दें आप आध्यात्म की बातें बताते हैं अथवा भगवान परमात्मा का उपासक आध्यात्म की बातें बताने वाला परिश्रम करके खानें में असमर्थ हो जाता है इसलिए पैसे धन भूमि सोना चांदी दे कई समुदाय दान लेने के दावेदार हैं दान किस समुदाय को लेने का अधिकार है 

यह निर्देश सन १९५० से लागु होगा

     दान की सारी धन राशी सरकार के अधीन जमा कर ली जाएगी यह निर्देश सन १९५० से लागु होगा आध्यात्मिक धर्मगुरुओं आध्यात्म प्रचारकों का दान की धनराशी चल अचल सम्पत्ति पर अधिकार नहीं है वो कहते हैं संसारी वस्तुओं से प्रेम मत करो प्रेम करना है तो परमात्मा से करो दुनियावी सामानों से मोहब्बत मत करो अल्लाह खुदा नबी पैगम्बर से करो 

न्यायालय 1400 वर्ष पुराना विवाद है एक ईश्वर वाद बहुदेव वादी

    न्यायालय न्यायायधीश ज्यादा होशियारी नहीं दिखाना दान चंदा लेने पर प्रतिबन्ध लगा तब साधू संत महंत मौलाना इमाम जिहादी के जीवन की मुलभुत आवश्यकताए कैसे पूरी होंगी न्यायालय न्यायायधीश ज्यादा होशियार हो तब हिन्दू मुस्लिम विवाद को समाप्त करने का उपाय बता दो यदि उपाय नहीं है तब चुपचाप सार्थक परिणाम देते हुए चुपचाप बैठे रहना नहीं तो तुम्हे समस्या हल करने कहा जाएगा 
    उनसे प्रश्न पूछा गया था भगवान परमात्मा ईश्वर परमेश्वर देवी देवता अल्लाह नबी पैगम्बर फरिस्तों का उपासना करने वाला बहुत परिश्रमी होता है अथवा परिश्रम करने में असमर्थ आलसी निकम्मा हो जाता है उन्होंने उत्तर दिया बहुत परिश्रमी होते हैं ऐसा कोई कार्य नहीं जो वह नहीं कर सकता अतः उत्तर अनुसार कार्य करें दान चन्दा को हाथ नहीं लगायेंगे सभी दान चंदा सरकारी खजाने में जमा होगा

न्यायालय प्रतिबन्ध लगा सकती है

     न्यायालय कभी भी आध्यात्मिक गुरुओं पर प्रतिबन्ध लगा सकती है एक सर्वे किया और निर्देश जारी किया सभी आध्यात्मिक धर्म प्रचारक वक्ता संरक्षक कथावाचक हवाई जहाज कार से यात्रा नहीं करेंगे साधारण मकान में रहेंगे आप पर कहने का सुझाव देने का आरोप है आप आध्यात्मिक गुरुओं आध्यात्म प्रचारकों ने कहा यह संसारी सुविधा है जिसका उपयोग नहीं करना है हमें साक्ष्य चाहिए आपके कथन अनुसार पुरे देश में उपरोक्त निर्देश जारी किया जा रहा है न्यायालय द्वारा केवल एक सर्वे रिपोर्ट की आवश्यकता होगी बहस कराने की आवश्यकता नहीं है  

किस धर्म समुदाय को दान देना सबसे श्रेष्ठ है

     क्या सारे संसार की उपसना करने कराने वाला संसार रचयिता की उपासना कराने वाला अथवा सरकार लेगी सरकार पालन कर्ता की भूमिका में है लेकिन दान चंदा उपहार  सरकारी आध्यात्मिक खजाना कार्यालय में जमा होगा इस धनराशी के उपयोग अधिकार सरकार के पास नहीं होगी 
     केवल दान लेने पर प्रतिबन्ध है दान चंदा देने पर प्रतिबन्ध नहीं समुदाय निर्णय ले दान कहाँ जमा होगा क्या दान जिस समुदाय के आध्यात्मिक धर्म प्रचारक ने लिया है वह समुदाय अपने पास रखेगा क्या सारे संसार की उपसना करने कराने वाला संसार रचयिता की उपासना कराने वाला अथवा ब्राम्हण प्रमुख साधू  मौलाना इमाम जिहादी अथवा सरकार लेगी अथवा विश्व ब्यापी आध्यात्मिक प्रमुख कार्यालय में जमा होगा धन किस राष्ट्र का धन कहाँ जमा किया जा रहा है धन भूमि किसका परिश्रम किसका धन उपयोग कर्ता कौन निर्णय करना होगा विकास की जिम्मेदारी प्रशासन की है भागीदारी सभी सक्षम ब्यक्ति और समूहों की है 

दो निर्देश जारी होंगे

     पहला जो आध्यात्मिक आध्यात्म प्रचारक शारीरिक-परिश्रम करके नहीं खाते केवल श्रम-सिद्धांत से प्राप्त धनराशी का उपयोग नहीं करते वह ब्यक्ति न्यायालय और आध्यात्मिक मंच में अपना आध्यात्मिक वक्तब्य नहीं दे सकते केवल शारीरिक परिश्रम करके खाने वाले केवल श्रम-सिद्धांत से प्राप्त धनराशी का उपयोग करने वाले न्यायालय और आध्यात्मिक मंच में अपना आध्यात्मिक वक्तब्य दे सकते हैं अन्य कोई नहीं उन्हें अपनी कोई भी बात रखने कहने की अनुमति नहीं होगी कोई भी पक्ष नहीं रख सकते 
     दूसरा जब तक निर्णय नहीं होता संसार किसने बनाया और दान कौन लेगा कौन सही दावेदार है तब तक दान की सारी धनराशी सरकारी आध्यात्मिक कार्यालय में जमा होता रहेगा इस कार्य हेतु सभी धार्मिक स्थलों में सरकारी आध्यात्मिक पेटी रखी जाएगी  जिसमें दान की सभी धनराशी जमा होगी क्योकि सबने दावेदारी किया है इन्होने सारे संसार को बनाया है और सभी दावेदार ब्यक्ति श्रम सिद्धान्त से प्राप्त धनराशी का उपयोग नहीं करते केवल प्रेरित सिद्धान्त से प्राप्त धनराशी का उपयोग करते हैं   जो दो जून भोजन की ब्यवस्था नहीं कर सकता आप उसे आध्यात्म प्रचार करने की अनुमति देंगे वह भी लोगों में तनाव निर्मित करते हुए आध्यात्म का प्रचार करता हो 


    वर्तमान अंतिम निर्णय दान चन्दा सरकारी आध्यात्मिक खजाने में जमा होगा विवाद से बचाना है इसलिए सरकारी आध्यात्मिक खजाना के पास जमा होगा
     आध्यात्मिक धर्म प्रचारक वक्ता संरक्षक कथावाचक दान चंदा उपहार सहयोग राशि अथवा किसी अन्य रूप में धन राशी नहीं लेंगे केवल परिश्रम करके खायेंगे अथवा भिक्षा लेकर जीवन यापन करेंगे किसी भी ब्यक्ति से उसकी सहमती से उधार की धन राशि ले सकते हैं लेकिन भिक्षा लेने वाला आध्यात्म का प्रचार नहीं करेंगे

सरकारी आध्यात्मिक खजाना कार्यालय 

सरकारी आध्यात्मिक खजाना कार्यालय सरकार को तीन प्रारूप में धन राशि सरकार को उपलब्ध कराएगी 
1 सहयोग राशी 2 उधार धनराशी 3 ब्याज धनराशी सहयोग राशी वापस नहीं की जायेगी उधार और ब्याज राशी वापस की जायेगी इससे नागरिक को सन्देश प्राप्त होगा सरकार की कार्यशक्ति किस श्रेणी का है उच्च मध्यम अथवा निम्न स्तर का है तब नागरिक निर्णय लेगी वर्तमान सरकार व पार्टी को चुनाव में विजयी बनाना है अथवा नहीं 

 दान देने पर प्रतिबन्ध नहीं है

     भगवान परमात्मा ईश्वर यहोवा अल्लाह देवी देवता नबी पैगम्बर फरिश्तों ने कहा इसलिए दान देने पर प्रतिबन्ध नहीं लगा सकते दान लेने पर प्रतिबन्ध लगाने से दान देने वाला किसे दान देगा इसका उत्तर क्या है दान देने पर किसी भी प्रकार का प्रतिबन्ध नहीं है आध्यात्मिक धर्म प्रचारक वक्ता संरक्षक कथावाचक जहाँ बोलेंगे दान वहां दि जायेगी लेकिन आध्यात्मिक धर्म प्रचारक वक्ता संरक्षक कथावाचक को दान लेने की अनुमति नहीं होगी दान पालन कर्ता के खजाने में जमा होगा पालनकर्ता की भूमिका में प्रसाशन है लेकिन दान प्रसाशनिक आध्यात्मिक कार्यालय के अधीन जमा होगा प्रसाशन उपरोक्त धनराशी का उपयोग प्रसाशनिक आध्यात्मिक कार्यालय के अनुमति के बिना नहीं कर सकती 
  यह सत्य है शून्य को जीवित तत्वों में ब्यवस्थित किया गया है। उन्हें हम सृजनकर्ता कहते है। इस शक्ति को कई नाम दिए गए है यह नाम किन शक्तियों के द्वारा दिया गया इसका प्रत्यक्ष प्रमाण नहीं है अनेक समुदाय अलग अलग उन्हीं नामों का अनुशरन करते हैं ये नाम ऐय्याशी करने वालों का शोहरत पाने वालों का प्रमुख सिद्धांत बन गया है। यही है ईश्वरवाद ऐय्याशी सिद्धांत। इस वाद को और मजबूत बनाने वाला सिद्धांत जन्नत जहन्नम (स्वर्ग नरक ) है। दो ही लोको में समस्त आकाश गंगाये सूरज चाँद तारे समां गए हैं हिन्दू धर्म ने विष्णु लोक को बैकुंठ लोक बताया जहाँ गए लोग कभी वापस नहीं आते। यही ईश्वरवाद ऐय्याशी सिद्धांत परेशानी में पड़े लोगों को मंदिर मस्जिद चर्च में जाने को विवश करता है जहाँ से उनका ब्यापार की शुरुआत हो जाती है। नविन धार्मिक स्थल कुछ समय बाद मजबूत आध्यात्मिक ब्यापार का केंद्र बन जाता है। परेशानी में पड़े लोगों को हमेशा समस्त संसार बनाने वाला याद आता है जो सृजनकर्ता का नाम बताया गया है वही आदि अंत सर्वत्र नजर आता है। जबकि प्रकृति उन नामों को पूर्ण रूप से स्वीकार नहीं करती यही उसका स्वभाव है वह असत्य को स्थापित नहीं कर सकती, इंसानों द्वारा सृजक को याद करने पर कुछ राहत दे सकती है लेकिन पूर्ण समस्या निवारण नहीं किया जायेगा। वह अंतरिक्ष के सत्य को सम्हाल कर रखती है। यदि पूर्ण समस्या का निवारण कर दिया जाये तो अंतरिक्ष के सत्य का विनाश हो जायेगा। 

        ईश्वरवाद ऐय्याशी सिद्धांत वादियों के द्वारा हिंदुस्तान में सदियों से खून खराबा होता रहा अपनी सत्ता बनाये रखने की हर कोशिश करते रहे और अभी भी जारी है, लेकिन कानून के बनने के बाद अब जाकर कुछ खून खराबा थमा है। लेकिन पाकिस्तान में अब भी जारी है। ईश्वरवाद ऐय्याशी सिद्धांत मुफ्त में मान सम्मान उच्च आसान पर बैठने का अवसर प्रदान करता है। इनके आलावा जो लोग बच जाते हैं उन्हें परिश्रम करने वालों की श्रेणी में कार्य करना होता है। यह देश में विकृत ब्यवस्था बढ़ाने में पूर्ण सहयोग करता है। इसका उदाहरण देशों में देखने को मिलता। जो ईश्वरवाद ब्यवस्था को स्थापित करने के लिए बल का प्रयोग करता हो बिना परिश्रम के धन अर्जित करता हो सुख सुविधा के वातावरण में रहता हो। ऐसे समूह का सत्ता समाप्त होना चाहिए। हिंदुस्तान में मनुवादी पाकिस्तान में जेहादी। कई लोग ब्रेन वाश करना जानते हैं ईश्वर की बात बता बता कर विवश करना। ईश्वर के लिए हम अपनी जान भी दे सकते है हमको उनके लिए अपनी जान की बाज़ी लगा देनी होगी। प्रत्येक परिवार में उनकी इबादत होनी चाहिए, जो परिवार बात ना माने उसे कड़ी दण्ड दो। ऐसे विचारधारा के लोग समाज की शांति भंग करने वाले लोग है।

मुसलमान हिन्दू को भगा रहा है हिन्दू भाग रहा है

हिन्दू भाग रहा है मुसलमान भगा रहा है क्यों क्योकि अगर हिन्दू नहीं भागेगा तब मौलाना हिन्दू को मुसलमान बना देगा जो मुस्लिम धर्म नहीं मानेगा मुस्लिम उसका कत्ल कर देगा नहीं तो जजिया देना पड़ेगा बहन बेटी भी देना पड़ेगा एक सप्ताह एक दिन या चार से छह दिन के लिए 
हमने कहा तीन और पच्चीस कानून ले लो देखना मुसलमान और मौलाना इमाम जिहादी भागने लगेगा
अल-तकिया दाई जिहाद जजिया मुस्लिम का मूल मन्त्र है
अल-तकिया :- तेरा मालिक मेरा मालिक सब एक ही है बस हम इस तरीका से मानते हैं
दाई :-  जब इनकी बातों में फंस जाओगे तब कहेंगे तुम्हारे धर्म में यह बुराई है मेरे धर्म में यह अच्छाई है
जिहाद :- जब संख्या बढ़ जाएगी तब कहेंगे मुस्लिम धर्म काबुल करो नहीं तो जान से मार देंगे
जजिया :-  दो चार के मारे जाने के बाद भी मुस्लिम धर्म नहीं माने तब कहेंगे मुस्लिम धर्म कबुल नहीं किया इसलिए जजिया देते रहोगे तब बक्क्ष देंगे जान से नहीं मारेंगे

सृजन कर्ता का पक्ष दान नहीं लेगा वह देने वाला पक्ष है
दान कौन लेगा जब तक ज्ञात नहीं होगा दान लेने पर प्रतिबन्ध रहेगा

      जब तक ज्ञात नहीं होगा तब तक प्रतिबन्ध रहेगा भगवान परमात्मा ईश्वर यहोवा अल्लाह देवी देवता नबी पैगम्बर फरिश्तों सारे संसार संसार रचयिता का उपासक द्वारा दान लेना उचित है अथवा अनुचित है तथा किस स्तर के आध्यात्मिक उपदेशक धर्मगुरुओं द्वारा लिया जाना श्रेष्ठ है मध्यम है निम्नस्तर का है यह ज्ञात होने के पश्चात निर्णय लिया जायेगा तब तक सभी समुदाय दवारा दान लेने पर प्रतिबन्ध लगाई जाती है क्योकि यह पक्ष देने वाला पक्ष है सृजित पक्ष भक्तगण श्रोतागण लेने वाला पक्ष है
     सृजित पक्ष भक्तगण श्रोतागण लेने वाला पक्ष भगवान परमात्मा ईश्वर यहोवा अल्लाह देवी देवता नबी पैगम्बर फरिश्तों सारे संसार और संसार रचयिता से लेने जाता है और उपयोग के बाद रचयिता धनस्वामी तेरा तुझको अर्पण करने वाला पक्ष है इसलिए दान चंदा की सभी धन राशी प्रशासनिक आध्यात्मिक कार्यालय में जमा होगी क्योकि प्रशासन पालनकर्ता की भूमिका निभाता है अतः पालनकर्ता के पक्ष में दान की सभी धनराशी जमा होगी

पुरे भारत में प्रतिबन्ध रहेगा 

      जिनके द्वारा परिश्रम करके धनराशी का उपयोग नहीं किया जाता उनके द्वारा धर्म आध्यात्म प्रचार करने पर प्रतिबन्ध रहेगा इसके साथ सृष्टि रचयिता के सम्बन्ध में धरती इतिहास के सम्बन्ध में मानव जीवन के सम्बन्ध में धर्म आध्यात्म ज्ञान दाता द्वारा गलत जानकारी गलत इतिहास नहीं बताया जाएगा 

सारे संसार वाले की स्तुति करना कठिन एक निर्देश जारी करो
कानून लागु करो सबका अजन्मा के शिवा किसी और की स्तुति नहीं कराई जाएगी

     न्यायपालिका और प्रसाशन सारे संसार वाले के शिवा किसी और किसी की स्तुति नहीं होगी यह कानून लागु करो और दुसरे दिन से सारे संसार वाले के शिवा किसी और की स्तुति कराने वाले की कुटाई करना शुरू कर दो मतलब मुस्लिम मौलाना इमाम जिहादी को जब चाहो कूट डालो कुरान के हवाले नहीं जानते पुराण के आधार पर नहीं जानते विज्ञान के हवाले आधार से जानते हैं केवल विज्ञान दिखाओगे धर्मशास्त्र दिखाओगे
     इस कानून का मतलब कोई भी वेद पुराण कुरान बाइबिल इंजील तौरेत नहीं दिखा सकते ईश्वर भगवान परमात्मा अल्लाह यहोवा देवी शिवा ब्रम्हा विष्णु की स्तुति नहीं करवा सकते यदि इन नामधारी की स्तुति करवाओगे तब पुलिस के हांथों कुटे जाओगे क्योकि इन सभी में से कोई भी प्रथम अजन्मा नहीं है जिसकी सम्पत्ति से संसार सारे संसार बनाया गया है नागरिक को भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है आप जिसकी चाहे स्तुति कर सकते है यह कानून केवल स्तुति कराने वाले पर लागू होगा स्तुति करने वाले पर लागु नहीं होगा
      मुसलमानों को बहुत खुजली है सारे संसार बनाने वाले के शिवा किसी और की स्तुति करने वाले की हत्या कर दो यह कहने की और बहुत आनन्द आता है यह कहते हुए हम सारे संसार बनाने वाले की स्तुति करते हैं उसके शिवा किसी और की स्तुति नहीं करते भले ही सर कट जाए सर कटेगा गर्भजन्मा का कहने वाले का नहीं क्योंकि उसने गर्भ से जन्म नहीं लिया है यह उसका कथन है शिक्षा से प्रेरित कथन हैं ब्यवहारिक कथन नहीं है
इस कानून को लागू करके कुटना शुरू करो लोग जिन्दा रहेंगे लेकिन सुधर जायेंगे मुस्लिम सीधा हत्या की बात कहता है
ये कैसा कानून है तुम्ही जिम्मेदार हो बहुत शौक था

मुसलमान तीन और पच्चीस कानून नहीं मानेगा तो कोई बात नहीं
मुसलमान मौलाना जो कहते हैं वही निर्देश जारी करो

हिन्दुस्तान पांच साल में मुस्लिम से खाली हो जायेगा ब्राम्हण नागा बाबा बन के घुमने लगेगा देश में आध्यात्मिक विवाद हिन्दू मुस्लिम विवाद शुद्र शोषण (सेवाकार्य कर्मचारी शोषण) समाप्त हो जाएगा

मुसलमान जो कहते हैं वही निर्देश जारी करो मुस्लिम कहते हैं सारे संसार बनाने वाले सबका अजन्मा के शिवा किसी और की इबादत स्तुति उपासना हराम है बस यही कानून उपरोक्त निर्देश के साथ लागु कर दो
1 सारे संसार बनाने वाले के सबके अजन्मा के शिवा अन्य किसी की स्तुति नहीं होगी
2 यह कानून आध्यात्म धर्म प्रचारक संस्थापक संरक्षक पर लागू होगा आम नागरिक पर लागू नहीं होगा वो जिसकी स्तुति करना चाहे कर सकते हैं
3 कोई भी आध्यात्म शास्त्र नहीं दिखायेंगे सिर्फ विज्ञान दिखायेंगे आध्यात्म शास्त्र दिखाओगे तब कुटे जाओगे
4 श्रम सिद्धान्त से शारीरिक परिश्रम करके खायेंगे जहाँ शरीर से पसीना बहता हो कोई परिश्रमिक मूल्य देता हो वही परिश्रम करेंगे दान उपहार चंदा नहीं लेंगे ब्यवसाय नहीं करोगे जैसे दुकान ठेला कंपनी खेती आदि केवल मजदूरी कार्य आता है
5 कभी झूठ नहीं बोलेंगे मांस मदिरा का सेवन नहीं करेंगे
6 एक स्त्री के शिवा किसी और से सम्बन्ध स्थापित नहीं करेंगे आप समस्त संसार की सम्पत्ति वाले के उपासक हैं अतः अशलील गलत सन्देश नहीं दोगे
6 सृष्टि धरती मानव रचना घटना इतिहास के सम्बन्ध में कभी झूठा गलत इतिहास नहीं बताएँगे वैज्ञानिक पुरातत्व रिपोर्ट सही इतिहास दिखायेंगे
7 जितने लोगों से बल पूर्वक धर्म आध्यात्म की बातें मनवाएंगे जीवन भर पूरा खर्च देना होगा यह धनराशी स्वयं की श्रम सिद्धांत से शारीरिक परिश्रम से प्राप्त धन सम्पत्ति होना चाहिए
8 धन सम्पत्ति के आभाव में भिक्षा मांग कर खाओगे लेकिन आध्यात्म धर्म का प्रचार नहीं करोगे आपने सत्यापित किया उपासक शारीरिक परिश्रम करके खाने में असमर्थ हो जाते हैं इसलिए
9 बहुगुण वादी की पूजा (तत्व सृष्टा से आकार सृष्टा व गर्भजन्मा पालन पोषण आकार निराकार शिक्षा उपासना ) सम्पूर्ण गुण वादी की पूजा स्तुति आकार निराकार की शिक्षा उपासना सुरक्षित रहेगा जो स्वतंत्र व आवश्यक सिद्धांत है छेड़खानी नहीं करेंगे

अल्लाह को बोलो जीवों को बनाना बंद कर दे विवाद खत्म

   जीवों को बनाता कौन है अल्लाह को बोलो जो समुदाय अल्लाह की स्तुति नहीं करता उस समुदाय के घरों में संतान बनाना बंद कर दे हो गया अल्लाह की चारो तरफ हुकूमत सिंपल जीवों को बनाना बंद कर दे फिर वह मुसलमानों की तरफ दौड़ेगा और मुसलमान तो केवल अल्लाह की इबादत करता है इसलिए शैतान उसे परेशान नहीं कर सकता हो गया चारो तरफ अल्लाह की इबादत चारो तरफ चिल्लाये बैठे हैं अल्लाह की हुकूमत स्थापित करना है अल्लाह की हुकूमत स्थापित करना है 
   अब ये मत कहना अल्लाह पहले आजमाता है अल्लाह इम्तिहान लेता है फिर बारगाही देता है यह कानून तो मुसलामानों पर भी लागू है

पागल मौलाना इमाम  जिहादी किसे अनुमति देंगे

      कितने बड़े संसार रचयिता का उपासक आध्यात्म का प्रचार करेंगे मुस्लिम समुदाय क्या स्वीकार करता है कौन आध्यात्म का प्रचार करेगा कानून बना दो केवल सारे संसार को बनाने वाला की उपासना करने वाला के शिवा कोई और आध्यात्म ज्ञान का प्रचार नहीं करेंगे उत्तर देना प्राण लेने की बात मत कहना 
1600 पेन्सिलवेनिया एवेन्यू उत्तर पश्चिम, वाशिंगटन डीसी- संयुक्त राष्ट्र'है।

मौलाना दम है तो न्यायालय में बोलकर बताओ

      मुस्लिम मौलाना इमाम जिहादी सारे संसार बनाने वाले के सबके अजन्मा के शिवा किसी और की स्तुति कराने पर उसका कत्ल कर देंगे
      सारे संसार बनाने वाले के सबके अजन्मा के शिवा किसी और की स्तुति कराने पर पुलिस मिलिट्री की बीस लाठी पड़ेगा दिन में जीतनी बार स्तुति कराओगे उतनी बार लाठी पड़ेगा स्तुति कराने वालों को श्रम सिद्धान्त से प्राप्त पारिश्रमिक मूल्य धनराशी का उपयोग करना होगा प्रेरित सिद्धांत से प्राप्त मूल्य का उपयोग आध्यात्म प्रचार हेतु नहीं किया जाएगा यह कानून केवल प्रार्थना स्तुति उपासना कराने वालों पर लागू होगा यह कानून किसी भी आम नागरिक पर लागु नहीं होगा
      कोई भी मंच पर खड़ा होकर कहा अल्लाह खुदा की स्तुति करनी चाहिए शिव विष्णु ब्रम्हा देवी भगवान परमात्मा ईश्वर की स्तुति करो यह कहने वाले को वहीँ पर बीस लाठी या सीधा कनपटी पर थप्पड़ ही थप्पड़ लगा दो और बोलो सबके अजन्मा के शिवा किसी और की स्तुति नहीं कराओगे कुरान पुराण वेद बाइबिल इंजील तौरेत नहीं दिखाना अन्यथा थप्पड़ पड़ेगा क्योकि कानून है सारे संसार रचयिता सबके अजन्मा के शिवा किसी और की स्तुति नहीं कराओगे केवल विज्ञान दिखाना ब्रम्हाण्ड सारे संसार का चित्र दिखाकर बताओगे किसकी स्तुति करा रहे हो
      आम नागरिक आप को कृष्ण मंदिर राम मंदिर शिव मंदिर दुर्गा मंदिर गणेश मंदिर जाना है जाइए आम नागरिक आप को चर्च जाना है जाइए आप को मस्जिद जाना है जाएये आप पर कानून लागु नहीं है केवल स्तुति कराने वाले पर लागू होगा चाहे पंडित ब्राम्हण मौलाना इमाम जिहादी चर्च के फादर पास्टर अथवा बार बार उपदेश दाता आम नागरिक पर लागु होगा

      बिना वैज्ञानिक साक्ष्य दिखाए मारपीट और हत्या बलात्कार भय दिखा कर आध्यात्मिक बातें असत्य बातें मनवाता है तुम उसकी हत्या कर दो यह तुम्हारा अधिकार है तुम्हें केवल तीन वर्ष की जेल होगी लेकिन हत्या का आरोपी नहीं ठहराया जायेगा यह कानून सभी आकाशगंगा स्तर पर लागु है हत्या का भय दिखाकर अंतरिक्ष का सत्य सम्पत्ति स्वामी नहीं बदल सकते जैसा भूमि विवाद में होता है

     


     जब तक निर्णय नहीं हो जाता तब तक दान कोई नहीं लेगा केवल सरकार के पास जमा होगा जब निर्णय हो जाएगा उपरोक्त पक्षधर सही है तब सम्बंधित को दे दे दिया जाएगा अन्यथा नहीं

रोज कथा सुनना चाहिए

     रोज कथा सुनना चाहिए तो ठीक है धर्म गुरु आप अपनी मेहनत से भोजन की ब्यवस्था कर दो दिन रात कथा सुनते रहेंगे देखना एक भी धर्मगुरु कथा सुनाने की बात नहीं कहेगा वह जानता है लोभी ढ़ोंगी जानता है ढेर सारा धन मिलेगा इसलिए स्वार्थी ब्यक्ति कहता है जब देने की बारी आएगी तब कभी नहीं बोलेगा 

दान लेने के सम्बन्ध में किस वर्ग द्वारा आपत्ति की जा रही है
पहले इसकी रिपोर्ट न्यायालय में प्रस्तुत करे

     एक आध्यात्मिक धर्मग्रन्थ के पाठक द्वारा क्या सभी धर्मग्रन्थ का पाठक द्वारा विश्व का ज्ञान रखने वाला पदार्थ ऊर्जा को जानने वाला आकाशगंगा को जानने वाला संसार रचना को जानने वाला जिसे विज्ञानं की मान्यता प्राप्त है अथवा धर्मग्रन्थ पर विश्वास करने वाला मुफ्तवादीयों द्वारा ब्यापारी द्वारा लीडर द्वारा पंद्रह बीस तीस साल इतिहास नहीं जाने वाला लक्ष्यधारी अवसर वादी जुनूनी उन्मादी परिश्रम करके नहीं खाने वाला के द्वारा आपत्ति लगाई गई है पहले इसकी रिपोर्ट न्यायालय में प्रस्तुत करे इसके पश्चात अपना पक्ष रखें 

अल्लाह ने संसार बनाया जानकारी देने पर प्रतिबन्ध लगेगा सीधे जेल होगी मुस्लिम समुदाय ने संसार रचयिता के सम्मान को हानि पहुंचाई है उसे कमजोर बताया 

     धरती के इतिहास से सत्यापित होता है अल्लाह ने संसार नहीं बनाया मुस्लिम वैज्ञानिक पुरातत्वेता साक्ष्य इतिहास से साक्ष्य प्रस्तुत करें अल्लाह ने संसार बनाया कुरान के कथनों को साक्ष्य नहीं माना जायेगा हथियार और हठधर्मी नहीं दिखायेंगे हथियार ओरों के पास भी है 

निर्देश जारी किया जाय सभी आध्यात्मिक धर्मगुरु परिश्रम करके खायेंगे
     पुलिस को निर्देश जारी किया जाय वह न्यायालय में रिपोर्ट प्रस्तुत करे देश के सभी आध्यात्मिक धर्मगुरु शारीरिक परिश्रम करके खाते हैं जो परिश्रम करके नहीं खाते उन्हें जेल भेजा जाए चाहे करोडपति हों चाहे अरबपति हों भारत का कानून है आध्यात्म का प्रचार करने वाला शारीरिक परिश्रम करके खायेंगे कोई भी सत्यापित नहीं करेंगे भगवान परमात्मा ईश्वर अल्लाह की उपासना करने पर आलसी निकम्मा हो गए हैं हम परिश्रम करके नहीं खा सकते बूढ़े हो गए हैं बूढ़े हो गये हो तब घर बैठो और भिक्षा लेकर खाओ आध्यात्म का प्रचार नहीं करोगे भारत की सरकार न्यायालय जानता और मानता है संसार रचयिता संसार को पालने वाला की शक्तियां कमजोर नहीं है उसे संसार में आध्यात्म की सुरक्षा उसके विस्तार के लिए किसी आध्यात्मिक वेशभूषा धारी की आवश्यकता नहीं है

जितने ब्यक्ति से धर्म मनवाएंगे उतने ब्यक्ति को पूरा खर्चा देंगे

     क्योकि आपने सत्यापित किया है संसार पालने वाला की शक्तियां कमजोर है वह आध्यात्मिक बातें नहीं मनवा सकता जबकि केवल बुखार हो जाए तब पूरा परिवार भगवान परमात्मा रचयिता की स्तुति करने लगता है अतः ऐसे परिवार अथवा समूह से आध्यात्म की बाते जबरदस्ती नहीं मनवाएंगे यदि कोई मौलाना इमाम जिहादी साधू संत आध्यात्मिक नेता धर्मं आध्यात्ममनवाते हैं तब पुरे परिवार को केवल अपने शारीरक परिश्रम के द्वारा श्रम सिद्धांत प्राप्त धनराशी से जीवन भर पूरा खर्चा देंगे किसी भी अन्य स्रोत से धनराशी की सहायता नहीं लेंगे 

     प्रेरित सिद्धांत का उपयोग नहीं करेंगे जैसे खेती ब्यवसाय पंचर बनाना होटल चलाना वस्त्र भंडार आप केवल शारीरक परिश्रम करके किसी के द्वारा पारिश्रमिक दिया जाता है वही धनराशी परिवार व समूह को उपलब्ध कराएँगे तब धर्मं आध्यात्म प्रचार धर्म स्थापना का सारा भुत उतर के भाग जाएगा धर्मं आध्यात्म प्रचार धर्म स्थापना करने की जिम्मेदारी और सुविधा उन लोगों को दि गयी है जिनका आचरण श्रेष्ठ है कभी असत्य कथन नहीं कहते प्रत्यक्ष साक्ष्य दिखाते हैं और सबकी स्वतंत्रता सुरक्षित रखते हैं कोई अंकुश नहीं लगाते हत्या दण्ड देने की बात नहीं कहते सृष्टि का रहस्य नियम और कर्म परिणाम बताते हैं और ईश्वर के न्याय पर छोड़ देते हैं 

सारी सम्पत्ति जप्त कर ली जायेगी 

      जितने लोगो से आध्यात्म की बाते बलपूर्वक मनवाएंगे उतने लोगों को जीवन भर खर्चा देना होगा इसके अन्तर्गत जितने लोगों से आपने धर्म मनवाया है उनके पालन पोषण हेतु आवश्यक धनराशी के रूप में आपकी सारी सम्पत्ति जप्त कर ली जायेगी आपके द्वारा पूर्व में जितने लोगों से धर्म मनवाया गया था उनके लिए भी सम्पत्ति ली जायेगी उतनी धनराशी अगले माह हेतु पुनः लिया जाएगा

सत्यापित नहीं करेंगे सारे संसार रचयिता अपनी सत्ता सम्भाल नहीं सकता

       आध्यात्मिक शासन स्थापित नहीं करेंगे आध्यात्मिक विवाद का निपटारा धर्मगुरुओं के द्वारा नहीं किया जाएगा यदि किया जाता है यह आध्यात्मिक शासन होगा इंसानों ने सत्यापित किया भूमि पर बनी प्रत्येक वस्तु को बनाने वाला न्याय नहीं कर सकता गर्भजन्मा का समूह जिसे सरकार कहते हैं वह आध्यात्मिक समूह नहीं है उस सरकार के टीम के पास न्याय करने की क्षमता नहीं है उन्हें अपराध की श्रेणी का ज्ञान नहीं होता केवल आध्यात्मिक ब्यक्ति के पास न्याय करने की क्षमता होती है

आध्यात्म का प्रचार करने वाले धर्मगुरु आध्यात्म समर्थक नेता की सम्पत्ति का लेखा जोखा न्यायालय के पास होना चाहिए 

यह ज्ञात किया जा सके वह अधिक विरोध क्यों कर रहा है क्यों पक्ष ले रहा है 

संसार रचयिता के पक्ष में खड़ा ब्यक्ति अपराध नहीं करेगा

     संसार रचयिता के पक्ष में खड़ा ब्यक्ति कोई अपराध नहीं करेगा किसी की हत्या बलात्कार बलपूर्वक सम्पत्ति अधिग्रहण नहीं करेगा यह समस्त संसार रचयिता के सम्मान की हानि है भारत यह अपमान नहीं सहेगा मुस्लिम संसार रचयिता के सम्मान को हानि पहुँचाया है वह संसार रचयिता के पक्ष में खड़ा होकर हत्या बलात्कार करता है
     नवग्रह संसार की सम्पत्ति से बना जीव मुसलमान कहता है मैं उसकी सम्पत्ति से बना हूँ जो सारे संसार की सम्पत्ति को बनाने वाला है बाप कोई और बाप किसी और को बताया

कुरान की लाइन हटेगा

     कुरान की लाइन हटेगा यदि नहीं हटा तब पुराण में लाइन जुड़ जाएगा संसार रचयिता पालने वाला के सम्मान को जो हानि पहुचायेगा उसे कमजोर बताएगा जीवों की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाएगा उसका विनाश कर दिया जायेगा क्योकि जगत जीव सृष्टा पालनकर्ता विश्व में नवग्रह में सर्वत्र ब्याप्त है कुरान की वह लाइन हटेगा जो सारे संसार रचयिता को कमजोर सत्यापित करता है जगत पालन कर्ता को कमजोर सत्यापित करता है हमारा राष्ट्र भारत हिदुस्तान जगत पालन कर्ता को संसार रचयिता को कमजोर मानता तब कब का मुसलमानों को मार के भगा दिया होता सबकी हत्या कर चूका होता

साधू संतों को क्या चाहिए 

     पेट भर भोजन सर पर छत तन पर वस्त्र आवागमन की सुविधा गर्मी से राहत ठंडी से सुरक्षा बरसात से सुरक्षा आध्यात्म शास्त्र क्या आध्यात्म प्रचार की आवश्यकता पड़ी जिसे ज्ञान प्राप्त करना है वह साधू संत के पास जाएगा ब्यापारी प्रलोभन देगा सच्चा गुरु प्रलोभन नहीं देगा जगत पालन कर्ता स्वयं भिक्षा लेने भेज देते हैं क्योकि उनका सिंहासन डोलने लगा उनका विधान डगमगाने लगा वह जीव संसारी जीवन से मोहित होकर विधान अनुसार कार्य नहीं कर रहा है अतः साधू संत के हांथों भिक्षा लेकर विधान सद्बुद्धि देकर संतुलन बनाते हैं यहाँ भाग्य साली वह परिवार नहीं है भाग्यशाली वह संत है साधू संत यह ना समझें मेरे आगमन से इस परिवार का भाग्योदय हो गया यह भी हो सकता है उस परिवार के कारण साधू संत आपका भाग्योदय होने वाला हो

मौलाना कहा विज्ञान ने अल्लाह की बातों को सही पाया क्या वेद पुराण असत्य है 

     मौलाना ने कहा विज्ञान ने अल्लाह के कथनों को कुरान के कथनों को सही माना है ध्यान दें जो अंतरिक्ष का सत्य है उसके सम्बन्ध में कोई भी कहे वह सही होगा क्योकि वह अंतरिक्ष का सत्य है ना की किसी शक्ति का कथन सत्य है यदि किसी सत्य शक्ति का कथन है तब वह कभी गलत नहीं होगा वैज्ञानिक गर्भ जन्मा जीव है उसने साक्ष्य को देखने के बाद कोई बात कही नाकि कुरान देखने के बाद बात मानी पहले साक्ष्य देखा फिर कहा,
     वैज्ञानिक की बातों को अब से कई हजारों साल बाद भी सही पाया जाएगा क्योकि वह अंतरिक्ष में विद्यमान परिणामों पर आधारित कथन है प्राप्त साक्ष्य पर आधारित कथन है मौलाना इमाम जिहादी के पास साक्ष्य के रूप में कुरान है और वैज्ञानिक खोज की मान्यता की रिपोर्ट है लेकिन हजारों साल वर्ष पुराना  इतिहास का पन्ना और पुरातत्वेता की रिपोर्ट नहीं है स्टीफन हाकिन्स का कथन आध्यात्म शास्त्र एक ब्याख्या है
     गीता में कहा मैं सबसे सूक्ष्म हूँ मैं ही सभी भूतों का आधार हूँ सब मुझसे अपेक्षा रखते हैं मैं कालों का काल महाकाल हूँ मैं उसी की शरण में हूँ जो ना सत है ना असत है सब कुछ मिट जाने के पश्चात भी जिसका विनाश नहीं होता मैं उसी की शरण में हूँ 
     पुराण अनुसार जब देवी प्रकट हुई तब चारो तरफ सुनसान था जब देवी शून्य संसार में प्रकट हुई जब देवी प्रकट हुई तब चारो तरफ जल ही जल था दो कथा है जब देवी सर्वत्र विद्यमान जलाशय में प्रकट हुई विज्ञानं कहा आकाशगंगा में अमुन्द्र की तरह लहरे उठती हैं 

मुफ्तवादी कहेंगे हम सडक पर आ जायेंगे 

बहुत बड़ा मुफ्त खाने वाला आध्यात्मिक वर्ग कहेगा अगर यह कानून लागु हो गया तब हम सडक पर आ जायेंगे हमें केवल शारीरक परिश्रम करके खाना होगा हम ब्यवसाय नहीं कर सकते होटल ठेला पंचर दुकान नहीं खोल सकते फर्नीचर लोहा से बनाने वाला कम्पनी गृह उद्द्योग नहीं खोल सकते स्टेशन बस अड्डा पर कुली का काम नहीं कर सकते मजदूरी मूल्य अधिक है इसलिए केवल किसी के अधीन परिश्रम करने पर पारिश्रमिक मूल्य ले सकता हैं जैसे मकान बनाने वाला मजदुर बोझा ढोने वाला मिटटी खोदने वाला ट्रक से सामन उतारना चढ़ाना अनाज गोदान में बोझा ढोना 

नागरिक को श्रेष्ठ धर्मगुरु मिलेंगे दुष्ट मंच छोड़कर भागेंगे

अच्छे धर्मगुरु आध्यात्मिक उपदेश देंगे जो श्रम सिद्धांत से शारीरिक परिश्रम द्वारा प्राप्त धनराशी से भोजन खाते है आवश्यक वस्तुए क्रय करते हैं दान चंदा उपहार सहयोग धनराशी नहीं लेते जो सहयोग धनराशी लेते हैं वह मोबाईल पे द्वारा सीधा प्रसाशनिक कार्यालय बैंक में जमा हो जाता है 

एक प्रयोग करके देखो मौलाना भाग जाएगा

जो कहता है जो अल्लाह को नहीं मानता उसका कत्ल कर दो वह कभी नहीं बोलेगा कत्ल कर दो क्योकि जितने लोगों की हत्या करने की बात कही है उतने लोगों के लिए पूरा खर्चा देना होगा 

    एक हजार मुस्लिम पर प्रयोग करके देखो जब शारीरिक परिश्रम से प्राप्त धन राशी देने की बारी आएगी तब एक भी मौलाना किसी भी गाँव शहर को मुस्लिम बनाने की बात नहीं कहेगा किसी का हत्या करने की बात नहीं कहेगा केवल शारीरिक परिश्रम से प्राप्त धन राशी से एक माह तक भोजन एक बार नया कपडा देंगे यदि किसी कारण से धर्म मनवाने वाला भोजन नहीं लाया एक हजार मुस्लिम को भोजन तब मिलेगा जब वह पुरानी धर्म को मानेगा 

धर्म मनवाने वाला केवल सही जानकारी देगा सही इतिहास का पन्ना दिखायेगा विज्ञानी रिपोर्ट पुरातत्वेता रिपोर्ट दिखायेगा पुरानी धर्म शास्त्र से साक्ष्य देंगे उपरोक्त नाम धारी ने संसार बनाया एक धर्म शास्त्र का पाठक हमेशा पागल सी बातें करेगा उसके कथन में स्थिरता नहीं रहेगा
लह्शुन और प्याज का जन्म अलग अलग कहानी फेसबुक में

विज्ञान की रिपोर्ट को न्यायालय प्राथमिकता देगा 

     शारीरिक परिश्रम किसे कहते हैं श्रम सिद्धान्त प्रेरित सिद्धान्त किसे कहते हैं न्यायालय द्वारा भीड़ के बल बूते कही बातें स्वीकार नहीं की जायेगी पहला जब तक शरीर से पसीना नहीं बहेगा उसे आध्यात्मिक धर्म प्रचारक धर्मगुरु द्वारा किया गया शारीरिक परिश्रम नहीं कहेंगे 
     दूसरा कितने बड़े संसार रचयिता की उपासना करने वाला है उसका उपासक को कितना परिश्रमी होना चाहिए ज्ञानी होना चाहिए विकृत अथवा सही परिणाम पर कितना नियंत्रण होना चाहिए उसके अनुसार बौद्धिक शारीरिक श्रम कार्य करें ब्यक्ति गत किसी भी प्रकार का शर्म कार्य परिश्रम कार्य कर सकते हैं लेकिन जब अन्य जीव जंतु गर्भ जन्मा प्रभावित हो तब उस हानि नहीं होनी चाहिए यह आवश्यक है जैसे अनेक प्रकार की ऊर्जा जिनमें से कई ऊर्जा हानि पहुंचती हैं 

हमने एक बेरियर लगाने की बात कही है

     जो मेहनत शारीरिक परिश्रम करके खायेंगे जिस कार्य से शरीर से पसीना बहता है माथे से पसीना टपकता है सत्यज्ञान सत्य इतिहास बताता है श्रेष्ठ आचरण है दान उपहार चंदा नहीं लेता है लेते है वही ब्यक्ति आध्यात्मिक ज्ञान का प्रचार प्रसार करेंगे 
     दूसरा भिक्षा लेकर खाने वाला श्रेष्ठ आचरण सत्यज्ञान देने बताने वाला आध्यात्मिक ज्ञान का प्रचार प्रसार नहीं करेंगे अपने निवास स्थान पर रहेंगे जिस मनुष्य इंसान जन समुदाय को लगता है आपके पास सत्य आध्यात्मिक ज्ञान है वह मनुष्य इंसान जन समुदाय आपके पास ज्ञान लेने आएगा
     लेकिन दान उपहार चंदा नहीं देंगे यदि भिक्षा देने में समर्थ होंगे तब केवल भिक्षा देकर चले जायेंगे अन्यथा आपको प्रणाम करके वापस घर आ जायेंगे आपको भोजन अथवा वस्त्र की कमी है आप गाँव जाकर भिक्षा के रूप में मांग सकते हैं जिसे जगत रचयिता पालनकर्ता सबका आराध्य को ध्यान करके सेवन करें 

मुस्लिम चार प्रश्न का उत्तर देंगे

   1 कितने बड़े संसार बनाने वाले ने कहा और 2 कब कहा 3 कितने बड़े समूह के लिए कहा 4 उसकी रचना किसके द्वारा किया जाता है जो अल्लाह की इबादत नहीं करेंगे उनका कत्ल कर दो पुरुषों को मार दो औरत को बच्चियों को गुलाम बना लो चार चार शादी करो बुतों की पूजा मत करो ( प्रेत भुत देवता फरिश्ते बुतों की पूजा स्तुति नहीं करेंगे जगत में विकृति उत्पन्न हो जायेगा )

मुस्लिम कहने का आरोप किसके ऊपर लगाया गया है

प्रथम अजन्मा द्वितीय अजन्मा तृतीय अजन्मा चतुर्थ अजन्मा पंचम अजन्मा सारे संसार वाला आकाशगंगा वाला सौरमंडल वाला जीवों को बनाने वाला 

मौलाना ब्राम्हण ने खूब लालच दिया अब परिणाम भोगेंगे

     मुस्लिम मौलाना ने धर्म विस्तार मुस्लिम राष्ट्र बनाने हेतु लालच दिया और ब्राम्हण ने घर भंडार भरने हेतु लालच दिया मुफ्त मान सम्मान ऐश्वर्य पाने हेतु लालच दिया १२० फिट की हुर मिलेगी जिसकी एक ठुक से समुन्द्र का पानी मीठा हो जायेगा
    संसार औरत सुख भगाने हेतु बनाया गया है संसार नारी योनी में रमण करते हुए गर्भ में बीज भरने हेतु बनाया गया है गर्भ में बीज भरने के बाद अपने अंश को सुरक्षित करने का विचार होगा जबकि उस बीज से नारी और पुरुष दोनों में से कुछ भी जन्म हो सकता है यह रमण समयकाल गर्भ धारण समय काल पर निर्भर करता है नारी के जन्म लेने पर गर्भ बीज भरता को क्रोध आता है क्योकि उसके पुत्री के योनी मार्ग में रमण करते हुए गर्भ में बीज स्थापित करेंगे इस विचार से क्रोध आता है दुष्ट पुरुष की हालत खराब हो जाती है

ला इलाह इन अल्लाह कहने वालों की शक्तियां नाश कर दो
सर्वत्र भगवान परमात्मा ईश्वर परमेश्वर देवी है सारी सम्पत्ति उसी की है कहने वाले
केवल परिश्रम करके खायेंगे तब विकृत ज्ञान सही हो जाएगा 

     ये अंधे और बहरे लोग हैं मुफ्त के खाने वाले एक ईश्वर वादी दुष्ट हैं इतिहास को नहीं पढ़ने पढ़ाने वाले विज्ञान से दूर भोगी विलाशी आत्माओं का सृजन करने वाले ज्ञान पर नियंत्रण आवश्यक होगा सारी सम्पत्ति किसी एक पावर की नहीं हो सकती ब्यवस्थापिका होना सम्पत्ति का स्वामी नहीं हो सकता जैसे वैज्ञानिक सम्पत्ति व्यवस्थापिका है लेकिन सम्पत्ति निर्माता नहीं है अतः सारी सम्पत्ति वैज्ञानिक की है या नहीं सब बता सकते हैं वैज्ञानिक की सम्पत्ति नहीं है 










आजकल यह जो गली गली कथावाचक पैदा हो गए हैं

      आजकल यह जो गली गली कथावाचक पैदा हो गए हैं यह दोगले हिंदू धर्म पर सबसे बड़े दाग हैं... उन्होंने कहीं भी किसी भी हिंदू पीठ से हिंदू धर्म का ज्ञान नहीं लिया... कहीं भी किसी गुरु से कोई हिंदू धर्म का पाठ्य पुस्तक नहीं पढ़ा... बस, गला अच्छा था, थोड़ी एक्टिंग और नौटंकी करने की कला सीख ली, थोड़ी बातों को घुमाने की आँखों को मटकाने की इत्यादि की ट्रेनिंग ले ली और खुद को एक कथावाचक के तौर पर स्थापित कर लिया! 

अगर यह दोगले अपने आपको सिर्फ कथावाचक कहें तो ही आपत्ति नहीं है... लेकिन अब यह अपने आप को संत साध्वी साधु महात्मा इत्यादि कहने लगे! दरअसल हिंदू धर्म में हम लोग कथावाचक को इज्जत देते हैं तो यह सारे कथावाचक उसी इज्जत से खुद को संत के तौर पर प्रमोट करने लगे 
जबकि यह सब के सब गृहस्थ जीवन में हैं... सबों का अपना परिवार है...बाल बच्चेदार हैं... खैर, परिवार रखना हिंदू धर्म में किसी संत के लिए मना नहीं है क्योंकि गृहस्थ परंपरा भी है... 

लेकिन कथा करते हुए नमाज की महिमा का वर्णन करना या फिर अली मौला करना यह बहुत घृणित सोच है... इससे यह हिंदुओं को और ज्यादा धिम्मी बना देंगे! 
भारत में पहले से ही हिंदुओं पर बहुत से खतरे हैं.... भारत में हिंदुओं का कोई माई बाप नहीं है... अब यह कथा वाचक हिंदुओं को और भी ज्यादा धिम्मी बनाने लगे! 

आज तक मैंने किसी मस्जिद में किसी मुस्लिम इस्लामिक स्कॉलर द्वारा भागवत कथा की महिमा का वर्णन करने या मंदिर में घंटी बजते समय अजान रोक देने जैसा उपदेश नहीं सुना... लेकिन पता नहीं क्यों सेकुलरिज्म का कीड़ा इन्हें ही काटता है! मुझे कहीं ना कहीं से ऐसा लगने लगा है कि इस तरह के कथावाचक दरअसल इस्लामिक संस्थाओं से मोटा पैसा लेते हैं ताकि हिन्दुओ को धिम्मी बनाया जाए.... 

और वैसे भी यह सब कथावाचक पैसे के भूखे हैं... आप इनके ऑफिस में फोन करके या रूबरू जाकर पता कर लीजिए यह घंटे के हिसाब से चार्ज करते हैं और ₹20000 प्रति घंटे से लेकर ₹200000 प्रति घंटे तक इनका चार्ज होता है... ऊपर से प्लेन के बिजनेस क्लास में आने जाने का यह टिकट का चार्ज लेते हैं! 

मुझे स्टैंड अप कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव का एक आइटम याद आ गया जिसमें वह बता रहे थे कि किस तरह मुंबई का एक गुंडा मंदी की वजह से धंधा बदलने की बात करता है और खुद को कथा वाचक घोषित करके कथा वाचने लगता है और अपनी कथा में तमाम गड़बड़ करता है और जब कोई श्रोता उसे टोकता है तब वह अपने शिष्य से कहता है और बाबू जलेला टॉर्च मार यह साला कौन बोला इसको खोपचे में ले जा और दो तीन लाफा मार!

आजकल के कुकुरमुत्ता की तरह उगे कथावाचक दरअसल राजू श्रीवास्तव की बातों से प्रेरित होकर ही कथावाचक बन गए... ----------------------------------------------------------------------------------- अभी एक मित्र ने इन बॉक्स मैसेज भेजा जिनका दुबई बहरीन और दूसरे गल्फ देशों में कारोबार है उन्होंने बताया 

यह सब जितने भी कथा वाचक महिला और पुरुष है यह सब दुबई बहरीन अरब में मौज मस्ती करने आते हैं और बकायदा जींस टॉप शार्ट में घूमते हैं और इन्हें खाड़ी के अरबीयो से मोटा पैसा मिलता है ताकि यह हिंदुओं को सेकुलरिज्म का धीमा जहर देते रहें! कम देखें

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें