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सोमवार, 5 अगस्त 2024

दुष्ट भ्रष्ट ब्राम्हण मुस्लिम ईसाई धर्म-प्रचारक मुक्त भारत

चुटकियों का काम हजारों वर्ष से परेशान है भारत
दुष्ट भ्रष्ट मुफ्तवादी ब्राम्हण मुस्लिम ईसाई मुक्त भारत

तीन कानून लाओ दुष्ट धर्म-प्रचारक से मुक्ति पाओ
उद्धेश्य :- भारत देश में आध्यात्मिक शान्ति स्थापित करना

    देश में तनाव बढ़ाने वाले, दान-चंदा लेने वाले, मुफ्त खाने वाले दुष्ट भ्रष्ट मुफ्तवादी ब्राम्हण मुस्लिम ईसाई धर्म-प्रचारक गाँव-देश छोड़कर चले जायेंगे। क्योंकि सभी धर्म-प्रचारक को मेहनत करके खाना होगा इसलिए। हम नागरिक भी परिश्रम करके खाते हैं। अतः सभी श्रेष्ठ अच्छे परिश्रमी सत्य-वक्ता आध्यात्मिक-गुरु धर्म का प्रचार धर्म का संरक्षण करेंगे।

सुप्रीम कोर्ट का टारगेट

1 दुष्टों आध्यात्मिक गुरुओं को सुधारना 2 सरकारी खजाना में बढ़ोतरी 3 पब्लिक को तनाव से राहत
जितना ज्यादा शोर होगा 1 उतना ज्यादा फायदा 2 सरकारी खजाना में बढ़ोतरी 3 दुष्टों आध्यात्मिक गुरुओं को जेल होगी
बस तोड़ फोड़ जान माल सम्पत्ति हानि बचाना है

न्यायालय से तीन प्रश्न

पहला प्रश्न न्यायालय सरकार ब्राम्हण मौलाना विवाद से परेशानअथवा नहीं है
दूसरा प्रश्न न्यायालय सरकार को  तीन कानून चाहिए अथवा नहीं
तीसरा प्रश्न क्या न्यायालय सरकार मानती है भारतीय नागरिक ब्राम्हण हिन्दू मुस्लिम विवाद से परेशान है

पूरा पढ़िये

सभी धर्म के लोग नागरिक तीन कानून पसन्द केरेंगे।
क्योंकि सभी ब्राम्हण मुस्लिम ईसाई सिख्ख जैनी बौद्धिष्ट नागरिक दुष्ट भ्रष्ट धर्म-प्रचारक से परेशान हैं सभी लोग मुक्ति चाहते हैं।
तीन कानून लाओ सभी धर्म-समुदाय सुख चैन से रहो।

हम कानून देने आये हैं लेने नहीं हमारे पास कानून है क्या यह कानून सरकार न्यायलय और नागरिक  के पास है हम सृजित-पक्क्ष सृजन-कर्ता पक्ष से परेशान हैं यही विवाद देश में है।

वेद-पुराण और ब्राम्हणों में सामर्थ्य नहीं मुस्लिम ईसाई को देश से बाहर करे वेद-पुराण और ब्राम्हण केवल हठधर्मी सिखाता है ब्राम्हण धर्म पूजा-पाठ स्तुति मत छोडो जबकि स्वतंत्र अवस्था में मुस्लिम दरवाजे पर खड़ा नहीं होना चाहिए था

तीन कानून लाओ :- दुष्ट धर्म-प्रचारक से मुक्ति पाओ

    देश में तनाव बढ़ाने वाले, दान-चंदा लेने वाले, मुफ्त खाने वाले, दुष्ट भ्रष्ट मुफ्तवादी ब्राम्हण मुस्लिम ईसाई धर्म-प्रचारक गाँव-देश छोड़कर चले जायेंगे।

    क्या नागरिक बंधू स्वीकार करते हैं। भगवान परमात्मा ईश्वर अल्लाह देवी देवता नबी-पैगम्बर यहोवा का उपासक भक्त पुजारी धर्मगुरु धर्म-प्रचारक मेहनत करके खाने में असमर्थ निकम्मा हो जाता है। इसलिए धर्मगुरु धर्म-प्रचारक संरक्षक दान चंदा लेते हैं मुफ्त में खाते हैं।

अतः हम भारतीय नागरिक को आलसी निकम्मा नहीं बनना है दुष्टों से बचना है।
अतः सभी आध्यात्मिक धर्मगुरुओं उपासक धर्म-प्रचारक को मेहनत करके खाना होगा।
सभी धर्म के लोग कानून पसन्द केरेंगे।
दुष्ट धर्म-प्रचारक से ब्राम्हण मुस्लिम ईसाई नागरिक भी परेशान हैं।

यह कानून आध्यात्म शास्त्र दिखाने वालों की तरफ से आना चाहिए था। लेकिन किसकी तरफ से आया है। सृजित पक्ष की तरफ से

    1 कानून:- आध्यात्मिक ब्यक्ति धर्मगुरु धर्म-प्रचारक सत्यापित नहीं करेंगे भगवान परमात्मा ईश्वर अल्लाह की उपासना करने वाला आलसी निकम्मा हो जाता है मेहनत करके खाने में असमर्थ हो जाते हैं। ऐसा सत्यापित करने पर तीन वर्ष जेल हो जही।

    2 कानून :- जो धर्मगुरु धर्म-प्रचारक मेहनत करके नहीं खायेंगे दान चंदा लेंगे ऐसे लोग धर्म का प्रचार प्रसार नहीं करेंगे! सीमित घरों से भिक्षा लेकर जीवन यापन करने पर प्रतिबन्ध नहीं है। कानून का उलन्घन करने पर तीन वर्ष जेल होगी।

    3 कानून:- आध्यात्मिक धर्मगुरु और उपासक सृष्टि का इतिहास, धरती का इतिहास, मानव जीवन का इतिहास, सही बताएँगे! गलत जानकारी, मति-भ्रामक जानकारी देने पर तीन वर्ष जेल होगी। वैज्ञानिक पुरातत्व इतिहास-कार की रिपोर्ट संलग्न करेंगे।

    ब्राम्हण साधू संत फकीर फादर मौलाना की चिंता करोगे। तब देश मेंतनाव बढ़ाने वाले, दान-चंदा लेने वाले, मुफ्त खाने वाले दुष्ट-भ्रष्ट मुफ्तवादी धर्म-प्रचारक ब्राम्हण मुस्लिम ईसाई से मुक्ति नहीं मिलेगा।

धर्मगुरु धरती पर आध्यात्मिक शासन स्थापित नहीं करेंगे

 

कल्पना में भी मुसलमान के बारे में बुरा लिखना और कहना नहीं

     मुसलमान हथियार हठधर्मी भीड़ बूते बात मनवाता है यह संसार रचयिता सम्मान की हानि है प्रत्यक्ष साक्ष्य बूते बातें मनवाए

ध्यान दें हमें समस्या दुष्ट भ्रष्ट धर्म-गुरुओं से दुष्ट आध्यात्मिक ब्यक्तियों से है मुस्लिम भी परेशान हिन्दू भी परेशान ईसाई भी परेशान समस्या का कोई हल निकलना चाहिए कल्पना में भी अपराध मत करना और यथार्थ में अपराध मत करना न्यायालय बताये
    किस अपराध को प्राथमिकता देंगे देश यथार्थ में अपराध से संघर्ष कर रहा है मुस्लिम राष्ट्र हो ईसाई राष्ट्र हो हिन्दू राष्ट्र हो परिकल्पना में किया अपराध से कोई आहत नहीं होगा केवल परमशक्ति परम श्रधेय सर्वभूतेषु विशालक्षेत्रे विद्यमान  सर्वभूतेषु आधार शक्ति रूपेण आकार निराकार सर्वकार्येशु सर्वदा शक्ति रुपेंण के सिवा
    लेकिन यथार्थ में किया गया अपराध से कथन से लेख से वचन से प्रभावित ब्यक्ति पीड़ित होगा लेकिन ब्लॉग में पहले ही सावधान कर दिया गया है सावधान आपकी भावना आहत हो सकती है अपनी जिम्मेदारी पर पढ़ें  यह रफ कार्य टाइम पास कल्पना पर आधारित लेख लिखा है 
अमेरिका भारत पर प्रतिबन्ध लगाएगा तीन और पच्चीस कानून से डर जाएगा वह भारत को ईसाई राष्ट्र बनना चाहता है लेकिन तीन और पच्चीस कानून को अपने राष्ट्र में लागू करने से मना नहीं कर सकता 
पाकिस्तान तीन और पच्चीस कानून लागू करवाना चाहेगा लेकिन अपने राष्ट्र में लागू नहीं करेगा 

हमारा क्या उखाड लोगे ब्राम्हण 

हमें प्रश्नों में उलझा के सारे ब्राम्हण बताओ हमारा क्या उखाड़ लोगे 
जिसने तुम्हारा उखाड़ा है अस्तित्व उन्हें बताओ उनका क्या उखाड़ लोगे 
हजारों वर्षों से हो परेशान ब्राम्हणों हिन्दू हिन्दू रटते आज क्या लक्ष्य दोगे

अतः तीन कहावत है

     1 सिधवा का मुह कुत्ता चाटे 2 कमजोर को गीदड़ खा जाये 3 टेढ़वा देख शेर भी घबराये 4 मुफ्त का खाने वाला गाँव गाँव नरियाय परिश्रम का धन मांगो दुम दबाके भाग जाय 4 मुफ्त खाय गाँव गाँव नरियाय मेहनत करने बोलो दुम दबाके भाग जाय 
    ऐसे हैं दुष्ट भ्रष्ट मौलाना इमाम जिहादी ब्राम्हण दुष्ट भ्रष्ट साधू संत महंत धर्मप्रचारक धर्मसंरक्षक यह कहावत दोनों तरफ हो जाए तब परिणाम क्या मिलेगा देश और नागरिक किससे परेशान है मुफ्त-वादियों ऐय्याशी से आध्यात्म ग्रन्थ का दुरूपयोग करने वालों से
दुनियां हमारे माँ बाप की हो गयी है जब से पुराण कुरान हदीस हमारे हाँथ आ गई है
( नारी परेशान है इसलिए माँ शब्द ठीक नहीं )
बचके कहाँ जाओगे न्यायालय सरकार हथियार बन्दुक मिसाइल हमारे हाँथ आ गयी है
हम खुन बहा देंगे रक्त पात कर देंगे हर गली गर मजहब धर्म की तरफ आँख उठाई
कहा न्यायालय पहले जेब खाली करो दोनों तुम्हारा पूरा जुर्म का हिसाब देखो आ गई है
दान चंदा लिया वषों से लालच लोभ देकर अब प्रतिबन्ध लगाने की देखो बात आ गई है
पसीना बहाओ हर राह मंजिल बहादुर कितने बुद्धिमान कितने देखो जवाब आ गई है
ये मत कहना कान खोलकर सुन लो न्यायालय सरकार धर्म इतिहास पुरानी हो गई है
अपराध दस वर्ष पहले का था बहुतों का देखो सजा उनको महीनों पहले हो गयी है
तीन कानून पढ़ो तुम्हारा अपराध हजारों वर्ष पुराना था देखो हिसाब आज हो गयी है
पुराण कुरान हदीस हाँथ आ गई है तो ये मत कहना दुनिया हमारे बाप की हो गयी है 
सामने छल करने वाला ना होता तो छल का अनुभव हमारे पास ना होता
जानता हूँ छल करा जाएगा बात बिगड़ जाएगा इसलिए कम बोलता हूँ

आध्यात्म गुरु रोजगार समस्या सुलझाने में असमर्थ होता है अतः प्रतिबन्ध लगाई जाय 

आप ने सत्यापित किया आध्यात्म उपासक रोजगार समस्या सुलझाने में विवाद सुलझाने में असमर्थ होता है सही निर्णय लेने में अतः न्यायालय निर्देश जारी करती है ऐसा आध्यात्म उपासक ब्राम्हण साधू संत मौलाना इमाम जिहादी आध्यात्म का धर्म का प्रचार प्रसार नहीं करेंगे भगवान परमात्मा ईश्वर अल्लाह का उपासक रोजगार समस्या का स्वयं समाधान करेंगे सरकार बाध्य नहीं है आम नागरिक की तरह आप स्वयं रोजगार खोज करें

मुझे दो महिना लगेगा
भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाने के लिए शांतिपूर्ण वातावरण में छह महिना लगेगा

कुरान सर्वत्र विद्यमान को अल्लाह नाम दे रख्खा है जबकि कुरान से पहले अल्लाह नाम धरती पर नहीं था आध्यात्म प्रचार हेतु जिनके कंधों पर मेहनत करके खाने की जिम्मेदारी सौपी गयी वे मुफ्तवादी ब्यवस्था को बढ़ावा दिया मुसलमान हथियार हठधर्मी भीड़ बूते बात मनवाता है यह संसार रचयिता शक्तियों का उनके  सम्मान की हानि है 

     मौलाना इमाम जिहादी अज्ञानी ब्यक्ति कुरान को साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत करता है जबकि विज्ञान इतिहास पुरातत्व से प्रत्यक्ष साक्ष्य बूते बातें मनवाना चाहिए और हमेशा मेहनत करके खाना चाहिए लेकिन  मौलाना इमाम जिहादी अज्ञानी ब्यक्ति मुफ्त का खाता है और दिमाग बंदी शब्द का प्रयोग करता है 

10 करोड़ देकर 100 करोड़ का धन्धा  हिन्दू नेता बिक रहा

मुस्लिम कमिटी 10 करोड़ 100 करोड ले रही है 100 करोड़ देकर 1000 करोड ले रही है क्या नुकसान है मुस्लिम को 
रामसजीवन भारतीया

मुस्लिम को धिक्कार हैं रचयिता के सम्मान को हानि पहुँचाया है
मुस्लिम समुदाय अपने बच्चों को गलत इतिहास बताते हैं।

चार छः दस हजार वर्ष पूर्व धरती के किस समय के इतिहास में लिखा है अल्लाह ने दुनिया बनाई।

     मुसलमान हथियार और फतवा के बलबूते विजयी होने का पूर्ण समर्थक है। जो नबी की बातों को कुरान की आयत को गलत कहे, उसका कत्ल कर दो। यह कथन कहने का आरोप किसके ऊपर है। जिसके द्वारा प्रत्येक जीव बनाये जाते हैं या उसके दूतों का कथन है।
     इसका अर्थ है संसार रचयिता का नियंत्रण सभी जीवों पर नहीं है। तब जीवों को बनाने के समय किसका नियंत्रण रहता है अथवा किसी मुफ्तवादि समूह ने परिवर्तन किया। कुरान की आयत का अर्थ बदलकर दुरूपयोग किया।कुरान बाइबिल से पहले किस धर्म समुदाय ने देवदूत ने कहा था संसार बनाने वाले की जो स्तुति नहीं करेगा उसका कत्ल कर दो।

श्रम सिद्धान्त प्रेरित सिद्धान्त

श्रम सिद्धांत प्रेरित सिद्धांत किसे कहते हैं रिपोर्ट मगाई जाए मेरी रिपोर्ट शारीरिक परिश्रम से किसी के द्वारा दिया पारिश्रमिक धनराशी का उपयोग करना यहाँ पारिश्रमिक मूल्य दाता अथवा प्राप्त कर्ता धनराशी का मूल स्वामी नहीं है जीवन पर्यंत उपयोग अधिकार सुरक्षित  है  वह सम्पत्ति संसार में पूर्व से विद्यमान है दोनों पक्ष उस सम्पत्ति के निर्माता नहीं है यह प्रत्यक्ष दर्शित है शरीर मुक्ति पश्चात धनराशी प्राप्त कर्ता साथ लेकर नहीं जाता यह प्रत्यक्ष दर्शित है।

दुष्ट मुसलमान को हिन्दुस्तान से भगायेंगे हथियार की आवश्यकता नहीं होगी

        मुसलमान मौलाना इमाम जिहादी अपनी जाल में फंस चूका है प्रत्येक जीववनस्पति रचयिता के शरण में रह कर बहुत अपराध किया है वह कहता है सारे संसार की बनाने वाले की स्तुति करो नहीं तो कत्ल कर देंगे सारे संसार बनाने वाले का फरमान है जो उसकी इबादत नहीं करेगा उसका कत्ल कर दो यहाँ पर सारे संसार बनाने वाले का नाम अल्लाह बताते हैं कहते हैं यह उसका कथन है ठीक है चलो सारे संसार बनाने वाले की स्तुति करो ना नुकुर नहीं कहना विज्ञान देखो सारे संसार बनाने वाला कौन है और स्तुति करो

मुफ्तवादी दुष्ट ब्राम्हण कहाँ भागकर जाएगा कहेगा असत्य कथन सीधा जेल जाएगा

      ब्राम्हण की धूर्त लज्जित विचारधारा के कारण मूर्ति पूजक एक साथ खड़े नहीं हैं वह मुफ्त ऐश्वर्य और शासन मीडिया ब्यवसाय स्वामी ब्राम्हण वेश में विचरते हुए मुफ्त ऐश्वर्य सब सुख भोक्ता के स्थान पर विराजमान रहना चाहता यह सर्वथा अनुचित है मुसलमान ब्राम्हण की हत्या कर देता है ब्राम्हण शुद्र शब्द संबोधित समुदाय की कर हत्या कर देता है इसी का परिणाम है मुसलमान भारत हिन्दुस्तान में है और ब्राम्हणों को सम्मान नहीं मिलता

यहीं पर ब्राम्हण मौलाना अपनी दुकान खोलता है

      गर्भ-जन्मा उपासक दुःख आभाव में रचयिता के सामने झुकता है यहीं पर मुफ्तवादी ब्राम्हण अपनी दुकान खोलता है मुफ्तवादी मौलाना भी दूकान खोलता है यह दुकान बंद हो जाए सभी आध्यात्मिक भावना से दी गई दान चंदा सहयोग की धन धनराशी सरकारी आध्यात्मिक कार्यालय ले जाए तब दोनों मुफ्तवादी दृढ़ विश्वाशी उन्मादी जुनूनी अवसर वादी लक्ष्यधारी उपासक और मौलाना ब्राम्हण द्वारा जनित आध्यात्मिक पागलपन समाप्त हो जाए 
 
 

न्यायधीश सरकार महोदय दया नहीं दिखायेंगे

     न्यायधीश सरकार महोदय जिस दिन धनराशी देने की बारी आएगी। साधू संत फकीरों धर्मगुरु पर दया दिखाना छोड़ दोगे। दया दिखानी है तब उन लोगों पर दया दिखाएँ जिनके अधिकारों का हनन उन पर अत्याचार होता है।
     क्या इसका प्रश्न उत्तर साधू संत फकीरों धर्मगुरु के पास नहीं है।
1 साधू संत फकीरों धर्मगुरु को पालन पोषण की वस्तुएं कैसे कहाँ से उपलब्ध होगी।
2 भगवान परमात्मा अल्लाह के उपासकों को पालन पोषण की वस्तुएं परिश्रम से प्राप्त होगा अथवा मुफ्त बिना परिश्रम किये प्राप्त होगा।
साधू संत फकीरों धर्मगुरु पर दया दिखाने वाला ब्यक्ति और समूह साधू संत फकीरों धर्मगुरुओं को धनराशी उपलब्ध कराएँ दूसरों को विवश नहीं करेंगे।
    क्योकि मुफ्त-वादियों के कारण देश में तनावपूर्ण क्लेशपूर्ण समस्या है उन्हें गाँव शहर से बाहर मेहनत मजदूरी के लिए भेजना है इसलिए
     क्या प्रश्न कर्ता उत्तर दाता को धन उपलब्ध करायेंगे इसलिए प्रश्न पूछा प्रश्न क्या आप ईश्वर भगवान की स्तुति नहीं करोगे अथवा स्तुति करते हो तब साधू संतों फकीरों धर्मगुरु को दान नहीं दोगे।
     आम नागरिक ने नहीं कहा जाओ तुम उपासना स्तुति करो धर्मगुरु साधू संत फकीर बनों। ब्यक्ति स्वयं उस पथ पर विवश होकर चला अथवा लोभ में ऐय्याशी प्रसिद्धि मुफ्त मान सम्मान पाने हेतु आध्यात्मिक पथ पर चला।
     सामान्यतः सभी नागरिक परेशानी में सबसे कहते हैं ऊपर वाला को याद करो समस्या दूर होगी। परिश्रम करो बिना परिश्रम फल नहीं मिलता।
    सभी श्रेष्ठ धर्मगुरुओं साधू संतों फकीरों देश की भलाई चाहते हो तब सभी मेहनत करके खाओ दान उपहार चंदा सरकारी आध्यात्मिक खजाने में जाने दो कानून दान लेने पर आपका अधिकार नहीं है भगवान परमात्मा अल्लाह का उपासक आलसी निकम्मा होता है सरकार न्यायालय और हम स्वीकार नहीं करते।

न्यायालय शांत बैठा देख रहा है

       क्योकि हिन्दू धर्मगुरु ने धर्मशास्त्र दिखाया कहा धर्मशास्त्र में लिखा है ब्राम्हण दान लेकर जीवन यापन करेंगे 
न्यायालय कहा ठीक है जाओ घर में घुस के दान लेना मैं कुछ नहीं बोलूँगा
      मुस्लिम आया कुरान दिखाया कहा कुरान में  लिखा है अल्लाह के शिवा किसी और की इबादत करने वाला का कत्ल कर दो न्यायालय ने कहा कत्ल नहीं कर सकते पिटाई कर सकते हो हड्डी नहीं तोड़ना 
       ईसाई आया बाइबिल दिखाया कहा प्रभु ईशु तारणहार हैं उनके शिवा किसी और की स्तुति नहीं कराना है ब्राम्हण किसी और की स्तुति करा रहे हैं हम विरोध करेंगे 
 अब मुसलमान और ईसाई ने ब्राम्हण को खूब कुटा पिटा सारा दान धनराशी ले लिया ब्राम्हण चिल्लाने लगा न्यायालय कहा आपने हमें पुराण वेद दिखाया तो मैं चुप हो गया  मौलाना ने कुरान दिखाया तो मैं चुप हो गया ईसाई बाइबिल दिखाया तो मैं चुप हो गया लेकिन आपकी प्राण आपकी हड्डी सुरक्षित हैं 

न्यायालय और सरकार की औकात नहीं
भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाने से रोके

    तीन व पच्चीस कानून सभी धर्म समुदाय के हित में है। तीन व पच्चीस कानून लागु करने में न्यायालय न्यायाधीश ज्यादा होशियारी दिखाया आनाकानी किया तब न्यायाधीश और सरकार को परेशानी हो जाएगी। कारण यदि मैं रामसजीवन भारतीया मुस्लिम के साथ उसके पक्ष में खड़ा हो गया तब भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाने से रोक नहीं सकता जिस दिन खड़ा हुआ उसके दुसरे दिन घोषणा होगा 

     भारत मुस्लिम राष्ट्र है घोषणा के बाद सीधा न्यायालय में धावा बोला जायेगा कहा जायेगा न्यायालय निर्देश जारी करो भारत के सभी नागरिक नमाज पढ़ेंगे सारे संसार बनाने वाले का निर्देश है। सारे संसार बनाने वाले की स्तुति इबादत किया जाए कुरान साक्ष्य है। अतः संसार बनाने वाले की पांच समय स्तुति इबादत करेंगे हिन्दू ब्राम्हण इतिहास नहीं दिखाना क्योकि इतिहास कहता है वर्तमान की बात मानी जाए हिन्दू ब्राम्हण इतिहास देख लो।


मुस्लिम कौम की सामर्थ्य नहीं

हिन्दू उसकी परम्परा की उपस्थिति में हिन्दू मुस्लिम विवाद समाप्त कर सके तीन कानून पच्चीस कानून विवाद समाप्त करने में सक्षम है


भारत को मुस्लिम मुक्त राष्ट्र बनना होगा

      भारत राष्ट्र को विश्व के सामने उदाहरण प्रस्तुत करना होगा जिससे विश्व को सन्देश मिलेगा कहेंगे

देखो किस तरह से भारत समस्त संसार रचयिता दुष्ट उपासक मुक्त हो गया है। इसलिए समस्त संसार रचयिता के पक्ष में खड़ा होकर समस्त संसार रचयिता का उपासक किसी भी राष्ट्र में तनाव नहीं बढ़ा सकते आपका कर्तब्य बनता है आप राष्ट्र और विश्व में अशान्ति का विनाश करे अशान्ति फ़ैलाने का कार्य नहीं करेंगे। आप स्वयं बताये समस्त संसार रचयिता का उपासक आपके राष्ट्र में है लेकिन फिर भी देश गाँव शहर के लोग और सरकार भी परेशान हैं यह नहीं होना चाहिए।

एक लाइन में कहूँ समस्त संसार रचयिता का उपासक देश में रहेगा। इसलिए कोई भी आरोप नहीं लगा सकते की यह कानून मुस्लिम मुक्त भारत बनाने के लिए लाया गया है क्या मुस्लिम समस्त संसार रचयिता की उपासना नहीं करते समस्त संसार रचयिता की उपासना पर कोई प्रतिबन्ध नहीं लगा सकते। स्वतन्त्र सैद्धांतिक नियम के साथ

ब्राम्हणों क्या कहते हो प्राण जाए तो जाए लेकिन दान चंदा ना जाए

 न्यायालय को ऐसा कोई भी कानून नहीं दिया जाएगा जो कानून अथवा विचार यह कहता है की मुस्लिम को भगाया जाएगा हम मुस्लिम को बलपूर्वक हथियारों के बलबूते भारत मुक्त करने की बात नहीं कहेंगे मुस्लिम हथियारों के बलबूते भारत में इस्लाम स्थापित किया हम भारत बिना हथियार के मुस्लिम मुक्त भारत बनायेंगे समस्त संसार रचयिता के पक्ष में खड़ा होकर समस्त संसार रचयिता का उपासक किसी भी राष्ट्र में तनाव नहीं बढ़ा सकते समस्त संसार रचयिता का उपासक का कर्तब्य बनता है

बेटों ने माँ की जवानी मांगी है

       बेटों ने माँ की जवानी मांगी है माँ बाप परेशान है बेटे की जवानी की प्यास कैसे बुझाऊं दुल्हन घर आने को तैयार नहीं कोई महिला सर झुकाने को तैयार नहीं दुनिया पालने बनाने वाला औरत देने को तैयार नहीं रास्ता बड़ा सरल है संसार का पूरा भेदा बताऊँ फिर पूछूं बता क्या तेरी जवानी की प्यास बुझाऊं बेटा बोला नहीं पहले मुक्ति का अनुमति सहयोग तो पाऊं

   आप मुस्लिम को ललकार नहीं सकते लेकिन मुस्लिम किसी की सत्य जानने की स्वतंत्रता पर अंकुश नहीं लगा सकते मुस्लिम सारे जमीं सारे आसमान की हर चीज को बनाने वाले से पनाह माँगने लगता है पनाह मिल जाने के बाद इतराने लगता है यही परिणाम प्रत्येक गर्भ जन्मा देता है

मैं एक परिचय है

     मैं एक परिचय है मैं रामसजीवन भारतीया हूँ जिसे मिटा नहीं सकते परिचय मिटाने वाला को भी मिटना होगा इसे घमंड नहीं कह सकते परिचय आवश्यक है आप न्यायालय में चूहा बन जाते हो यहाँ बुद्धिमान बन जाते हो हम चूहा बन जाते हैं न्यायालय आध्यात्मिक भीड़ के सामने चूहा बन जाता है लेकिन हम नहीं हड्डी तोड़ने की सलाह देने वाले की हड्डी तोड़ दें कभी हड्डी तोड़ने की बात नहीं कहेगा वार्ता बूते न्यायालय चूहा है वार्ता बूते आध्यात्मिक भीड़ चूहा है 
घमंड नाशियों को घमंड नाशी मिलाना चाहिए अन्यथा खुद भी मरता रहेगा ओरों को मारता रहेगा

पौराणिक कथाओं के मुताबिक, शुक्राचार्य की वंशावली इस प्रकार है:

शुक्राचार्य वंशावली
शुक्राचार्य की मां का नाम दिव्या था और वह दैत्यराज हरिण्यकश्यप की पुत्री थीं.
शुक्राचार्य के पिता का नाम भृगु ऋषि था, जो ब्रह्मा के पुत्र थे.
शुक्राचार्य के भाई का नाम मय दानव था, जिन्हें विश्वकर्मा भी कहा जाता है. मय दानव दैत्यों के भवन, अस्त्र-शस्त्र, और रथ बनाते थे. महाभारत काल में उन्होंने इंद्रप्रस्थ नगर का निर्माण किया था, जो पांडवों की राजधानी थी.
शुक्राचार्य भगवान विष्णु के भक्त प्रह्लाद के भांजे थे.
शुक्राचार्य के दो विवाह हुए थे:
पहला विवाह दैत्यराज वृषपर्वा की पुत्री शर्मिष्ठा से हुआ था. शर्मिष्ठा से उनके तीन पुत्र हुए थे, जिनके नाम द्रुहु, पुरु, और अनु थे.
दूसरा विवाह देवयानी से हुआ था. देवयानी से उनके दो पुत्र हुए थे, जिनके नाम यदु और तुर्वसु थे.
शुक्राचार्य का जन्म नाम 'शुक्र उशनस' था. पुराणों के मुताबिक, वे असुरों (दैत्य, दानव, और राक्षस) के गुरु और पुरोहित थे.
वे महादेव के भक्त थे और उन्होंने शिव की तपस्या करके मृत संजीवनी विद्या हासिल की थी.
इस विद्या की मदद से दैत्यों को हर युद्ध में जीत मिलती थी और देवताओं को हार का सामना करना पड़ता था.
जो दैत्य युद्ध में मारे जाते थे, उन्हें शुक्राचार्य जीवित कर देते थे
जिब्रील, एक देवदूत हैं जिनका उल्लेख यहूदी, ईसाई, और इस्लाम धर्मों की कथाओं में मिलता है. इस्लाम में, जिब्रील को प्रधान देवदूत माना जाता है. जिब्रील के बारे में कुछ और बातेंः
जिब्रील, ईश्वर और मनुष्यों के बीच मध्यस्थ के रूप में काम करते हैं.
जिब्रील, नबियों के लिए रहस्योद्घाटन का वाहक हैं.
जिब्रील ने पैगंबर मुहम्मद को कुरान का ज्ञान दिया था.
जिब्रील ने अल्लाह के शब्दों को कुरान के रूप में मुहम्मद तक पहुंचाया था.
जिब्रील को अच्छी ख़बर लाने वाला माना जाता है.
बाइबल साहित्य में गेब्रियल को जिब्रील का समकक्ष माना जाता है.
जिब्रील का ज़िक्र क़ुरान और हदीस दोनों में मिलता है.
हदीस, पैगंबर मुहम्मद की बातें हैं, जिन्हें उनके करीबी लोगों ने याद किया और सुनाया.
हदीसों के छह विश्वसनीय संग्रहों में कुल 29,578 हदीसें हैं:
सहीह बुख़ारी: इसमें 7,225 हदीसें हैं. संग्रहकर्ता अबू अब्दुल्लाह मुहम्मद-बिन-इस्माईल बुख़ारी हैं.
सहीह मुस्लिम: इसमें 4,000 हदीसें हैं. संग्रहकर्ता अबुल-हुसैन मुस्लिम बिन अल-हज्जाज हैं.
जामी अत-तिर्मिज़ी: इसमें 3,891 हदीसें हैं. संग्रहकर्ता अबू ईसा मुहम्मद बिन ईसा तिर्मिज़ी हैं.
सुनन अबू दाऊद: इसमें 4,800 हदीसें हैं. संग्रहकर्ता अबू दाव़ूद सुलैमान बिन अशअस सजिस्तानी हैं.
सुनन इब्ने माजह: इसमें 4,000 हदीसें हैं. संग्रहकर्ता इब्न माजह हैं.
सुनन अन-नसाई: इसमें 5,662 हदीसें हैं. संग्रहकर्ता अन नसाई अबू अब्दुर्रहमान बिन शुऐब ख़ुरासानी हैं.

जय हिन्द जय भारत वन्दे मातरम्

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