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सोमवार, 3 जून 2024

25 कानून, तीन कानून लाओ सरलता से भारत मुस्लिम मुक्त हो जायेगा

BHARAT BHUMI

देश को मुफ्तवादी ब्राम्हण - मौलाना दोनों से परेशानी है।
इस परेशानी का समाधान बहुत सरल है।
तीन कानून लाओ मुफ्तवादी ब्राम्हण मौलाना भगाओ। श्रेष्ठ आध्यात्म गुरु से शिक्षा ज्ञान प्राप्त करें।
कोर्ट में जनहित याचिका हेतु आदि सत्य रक्षक तीन कानून लागू करने हेतु वकील को दिया जाय

प्रस्तावित कानून की संसोधित प्रति

ब्राम्हण - मौलानाा, आप केवल भूमंडल-सौरमंडल के सृजनकर्ता पालन-पोषण कर्ता को बतायेंगे, हम समस्त संसार के रचयिता उपासक हैं। आकाशगंगा रचयिता के, भूमंडल-सौरमंडल के पालन-पोषण कर्ता के उपासक हैं! आप सरकार और न्यायालय को, आम नागरिक को नहीं बतायेंगे, आप किस शक्ति रचयिता के उपासक हैं।

पूरा पढ़िये


क्या धर्मगुरूओं का आचरण ऐसा होना चाहिए।
न्यायालय में पूछे जाने वाला प्रश्न
प्रस्तावित सृष्टि सत्य रक्षक 25 कानून यहाँ देखें।
      इस कानून से धार्मिक आध्यात्मिक असत्य कथनों का बहिष्कार करो भ्रष्ट मुसलमानों द्वारा रचित साजिश नाकाम होंगी भ्रष्ट ब्राम्हणों का पागलपन ठीक होगा
      ह्यूमन-गवर्मेन्ट, ईश्वरी-गवर्मेन्ट दोनों की प्रकृति-क्षमता अलग अलग है दोनों को मिला नहीं सकते।
      भारत में हिन्दू-मुस्लमान-सिख्ख-ईसाई विवाद समाप्त करना चाहते हो।
      धर्मगुरुओं के गलत आचरण पर सरलता से प्रतिबन्ध लगाना चाहते हैं।
      तब समस्त संसार निर्माता पूजने वालों को उपरोक्त 25 कानून का आइना दिखा दो।
      ध्यान दें नागरिको ने वर्षो से सदियों से न्यायालय व सरकार को अपनी परेशानी से अवगत किया है न्यायालय व सरकार भी प्रयास करती रही एक उपाय की खोज करती रही जनता हित में उन्हें अपनाती रही है वर्तमान में नागरिक होने के नाते न्यायालय व सरकार को एक आइडिया एक उपाय दे दिया अब न्यायालय व सरकार की बारी है।
नागरिक पक्ष ने अपना कर्तब्य पूरा किया
      यह कानून ईश्वर के नामों का ब्यापारी पर प्रतिबन्ध लगाती है धर्मग्रन्थ का दुरुपयोग और धार्मिक असत्य कथनो का बहिस्कार करती है यह गलत आचरण के धर्मगुरुओं पर सरलता से प्रतिबंध लगता है। यह गलत आचरण सुधारने हेतु प्रेरित करता है । यह कानून उन्हें सरलता से जेल भेज सकती है।
       यह कानून कितनी उपयोगी होगी इसे इस शब्द वाक्य से समझें।
       धर्मप्रचारक उपदेशक धर्मगुरु असत्य कथनों को अनुचित प्रकार से स्थापित करने का प्रयास नहीं करेंगे।
       जब कोई भी अत्याचारी धर्म-प्रचारक धर्म-गुरु भारत की ओर देखेगा इस कानून को देखेगा वह स्वयं आत्म-चिन्तन करने लगेगा और अपने भीतर मौजूद कुरीति को देख कर इस कानून की प्रबलता को देखकर चुप होकर बैठ जायेगा। यह कानून ईश्वर भगवान् परमात्मा अल्लाह यहोवा देवी शिव विष्णु सृजन कर्ता के पक्ष की धर्मग्रन्थ के दुरूपयोग पर प्रतिबन्ध है
      नागरिक को समस्या असत्य धर्मग्रन्थ से असत्य कथनों से गलत आचार-विचार से है सही धर्मग्रन्थ के दुरूपयोग से है धर्मग्रन्थ के सही उपयोग से समस्या नहीं है। यह कानून असत्य धर्मग्रन्थ पर लागु है सही धर्मग्रंथों पर लागु नहीं है मनुष्यों व इंसानों पर लागू है।
      

न्यायालय सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा सृजनकर्ता के पक्ष में खडे लोगों के द्वारा धरती के मनुष्य व इन्सान तक केवल सही आध्यात्मिक ब्यक्ति पहुंचें व सृष्टि की धरती की मानव इतिहास की सही जानकारी पहुंचेगी और पहुंचानी चाहिए।

प्रस्तावित कानून यहाँ देखें

   1 -धर्म-गुरु धर्म-प्रचारक धर्म-उपदेशक पुजारी धार्मिक नेता अध्यात्मिक पक्ष का प्रतिनिधि कभी झूठ नहीं बोलेंगे। हमेशा सत्य कहेंगे असत्य कथन द्वारा सृजनकर्ता के मान सम्मान को हानि नहीं पहुँचायेंगे।( 3 वर्ष कैद होगी। )
    १.२ - स्वस्थ सामाजिक वातावरण में जिनके आचरण श्रेष्ठ नहीं हैं वे किसी मंच पर समस्त संसार सृजनकर्ता की सत्ता स्थापित करने की बात नहीं करेंगे विश्व सृजक पालक की सत्ता विस्तार की बात नहीं करेंगे ( पहले आचरण सुधारें परिश्रम की खाएं सदा सत्य कथन कहिये फिर सत्ता स्थापना की बात कहेंगे )
    2 -किसी जीव की हत्या नहीं करेंगे कभी माँस का सेवन नहीं करेंगे। ( 3 वर्ष कैद होगी। ) जिन इलाकों में भोजन का विकल्प नहीं है वे माँस का सेवन कर सकते हैं गलत रीतिरिवाज नियम गलत आचरण बल व शस्त्र प्रयोग द्वारा सृजनकर्ता के मान सम्मान को हानि नहीं पहुँचायेंगे।
    3 -प्रथम इनकी पत्नी नहीं होगी दूसरा इनकी एक पत्नी होगी परायी स्त्री का सेवन नहीं करेंगे , भोग-विलासी साधनों से दूर रहेंगे। ( मेरा तर्क सारे संसार वाला आकाशगंगा वाला माँस और औरत की ब्यवस्था नहीं करेंगे सौरमंडल पालन पोषण कर्ता के सम्बन्ध में चर्चा कर लीजिए )
    4 -अध्यात्मिक ब्यक्ति धर्मगुरु उपदेशक प्रचारक अनुयायी संचालक संरक्षक अपनी मेहनत की खाएंगे इन्हें दान-उपहार चंदा सम्पत्ति का उपयोग अधिकार नहीं होगा। इन्हें दान उपहार चंदा की धनराशि सरकारी खजाना में जमा करना होगा
    वजह बिना मेहनत के आकाशगंगाओं का संसार का निर्माण नहीं हुआ सृजनकर्ता द्वारा आज भी परिश्रम किया जाता है जिसका परणाम सबको पालन-पोषण हेतु वनस्पति प्राप्त होता है । इसलिए ऊंची आवाज में अथवा छुपछुपा कर उपदेश करने वाले समाज के सम्पर्क में हमेशा रहने वाले भक्त पुजारी बंदा उपासक मुफ्त दान उपहार चंदा से प्राप्त वस्तु का उपयोग नहीं करेंगे । इनके द्वारा अपने कर्म से यह सत्यापित नहीं किया जायेगा सृजनकर्ता निर्माता ब्यवस्थापिका के उपासक परिश्रम करने में असमर्थ हो जाते हैं ( यह नियम ऊँची आवाज में बात करने वालों पर धर्म ग्रन्थ की बातों को तोड़ मरोड़ कर मति-भ्रम ब्याख्या करने वालों पर लागू होगा भिक्षा ग्रहण कर जीवन-यापन करने वालों पर लागू नहीं होगा) इस सौर मंडल भूमण्डल में उपलब्ध तत्व से दृश्य जीवित वस्तु सृजनकर्ता पालक पोषण कर्ता के वे भक्त उपासक जिनका मस्तिष्क ज्ञान के प्रभाव से मानसिक दृष्टि से परिश्रम करने में असमर्थ हो जाएँ उनको दान-उपहार सम्पत्ति का उपयोग अधिकार होगा। (लेकिन शर्तों के साथ )।
    5 -आध्यात्मिक ब्यक्ति धर्मगुरु प्रचारक कभी छल-कपट धोखा बेईमानी मतिभ्रम जैसे कार्य नहीं करेंगे।(3 वर्ष कैद होगी।) राष्ट्र और धरती के इन्सान व मनुष्य तक पहुचने वाले धर्मगुरु धर्म उपदेशक का आचरण सही होना चाहिए।
    6 -आध्यात्मिक ब्यक्ति धर्मगुरु प्रचारक बिना वैज्ञानिक साक्ष्य के छुप छुप कर अथवा सार्वजानिक धर्म का प्रचार नहीं करेंगे। धर्मग्रन्थ के शब्दों में वाक्य में कोई भी परिवर्तन सुधार नहीं करेंगे।
    7 -आध्यात्मिक ब्यक्ति धर्मगुरु प्रचारक किसी ब्यक्ति अथवा समूह समुदाय की हत्या की बात नहीं करेंगे। (3 वर्ष कैद होगी।)
    आपके द्वारा यह सत्यापित नहीं किया जायेगा सत्य की स्थापना हेतु हत्या एक मात्र उपाय है। शर्त है आपके साथ एक निश्चित सहन शक्ति से ज्यादा शरारत ज्यादती मजाक नहीं करे आर्थिक शारीरिक व मानसिक दबाव नहीं बनाये।
    8 - आध्यात्मिक ब्यक्ति धर्म ग्रन्थ की बातों को तोड़ मरोड़ कर मति-भ्रम ब्याख्या नहीं करेंगे। सृजनकर्ता पक्ष के धर्मग्रन्थ में कोई कथन ना जोडा जायेगा ना हटाया जायेगा(3 वर्ष कैद होगी।) आपके द्वारा बताया गया धर्म किस पक्ष द्वारा निर्धारित धर्म है। (मनुष्य इंसान या आकाशीय दूत अवतार द्वारा बतायें। )
    9 -आध्यात्मिक ब्यक्ति देश में बोलने की अधिकार की आजादी का दुरूपयोग नहीं करेंगे।
    10 - अध्यात्मिक ब्यक्ति देश में आध्यात्मिक शासन की स्थापना नहीं करेंगे। तथ्य ईश्वरीय शक्ति कमजोर बुध्धिहीन नहीं है।
    ( ईश्वरीय शक्ति को अपनी अध्यात्मिक सत्ता स्थापित करने हेतु अध्यात्मिक पोशाक वेशभूषा पहने मनुष्यों की आवश्यकता नहीं है। अतः अध्यात्मिक ब्यक्ति यह सत्यापित नहीं करेंगे। ईश्वर शक्तिहीन बुध्धिहीन है, वह ईश्वर बिना आध्यात्मिक वस्त्रधारी वेशभूषा-धारी धरती पर आध्यात्मिक शासन स्थापित नहीं कर सकते। धरती पर मनुष्यों की सरकार न्यायालय है यह ईश्वर की सरकार न्यायालय नहीं है अतः अध्यात्मिक ब्यक्ति न्यायालय सरकार की शक्ति का उपयोग धर्म-अध्यात्म की स्थापना हेतु नहीं करेंगे। )
    11 - आध्यात्मिक ब्यक्ति बाहुबल अथवा भीड़ के साथ शांति भंग नहीं करेंगे, लूटपाट नहीं करेंगे। दूसरा बाहू बल प्रयोग द्वारा सरकार अथवा न्यायालय से कोई भी अध्यात्मिक बात नहीं मनवाएंगे। आपके द्वारा प्रत्यक्ष वैज्ञानिक साक्ष्य प्रस्तुत करके सर्वदृष्टि सर्वथा उचित बात मनवाई जाएगी।
    12 -आध्यात्मिक ब्यक्ति किसी समुदाय अथवा ब्यक्ति को अपनी सेवा कार्य के लिए विवश नहीं कर सकते। (3 वर्ष कैद होगी।)
    13 - समस्त संसारी व् आकाशगंगा शासक का भक्त पुजारी संसारी सौरमंडल के ईश्वरी शासक के भक्तों पर अत्याचार नहीं करेंगे। केवल प्रत्यक्ष वैज्ञानिक साक्ष्य सहीत ज्ञान उपदेश द्वारा अज्ञानता का नाश करेंगे।
    14 -आध्यात्मिक ब्यक्ति धर्मगुरु प्रचारक जिस नियम-कानून को मानने के लिए कहते हैं। उस नियम-कानून का पालन सर्वप्रथम स्वयं करेंगे। आम-जनता द्वारा नियम पालन बाद में किया जायेगा।
    15 -आध्यात्मिक ब्यक्ति जितनी बड़ी संसार बनाने वाले की बात कहेंगे उतना ज्यादा परिश्रम करने वाला उतना अधिक आध्यात्मिक नियमों का पालन करने वाला होगा। उन्हें प्रत्यक्ष बाह्य परिणाम श्रेष्ठ देना होगा ( यह नियम ऊँची आवाज में बात करने वालों पर धर्म ग्रन्थ की बातों को तोड़ मरोड़ कर मति-भ्रम ब्याख्या करने वालों पर लागू होगा )
    16 -किसी असत्य-नाम को अजन्मा व सृजनकर्ता के स्थान पर स्थापित नहीं कर सकते सम्पूर्ण सृष्टि व जगत पालन-पोषण कर्ता के नाम को बदल नहीं सकते। (3 वर्ष कैद होगी।)
    17- आध्यात्मिक ब्यक्ति धर्मगुरु प्रचारक सृस्टि विकाश के इतिहास में परिवर्तन नहीं कर सकते। मानव इतिहास में घटित घटनाओं में संवाद में परिवर्तन नहीं कर सकते। 3 वर्ष कैद होगी।
    18 -आध्यात्मिक ब्यक्ति धर्मगुरु प्रचारक बाहुबल शस्त्र-बल धन-लोभ व् अन्य अनुचित प्रकार से धर्म परिवर्तन नहीं करेंगे, विवश ब्यक्ति को धर्म-संस्कृति परिवर्तन हेतु विवश नहीं करेंगे। धर्म विकृति आध्यात्मिक कुरीति को दूर करने हेतु वैज्ञानिक ( प्रत्यक्ष-दर्शी साक्ष्य पारदर्शी-परिणाम-दर्शी साक्ष्य ) साक्ष्य का प्रयोग करेंगे।
    19 -आध्यात्मिक ब्यक्ति धर्मगुरु प्रचारक धार्मिक नेता द्वारा राष्ट्र अथवा ब्यक्ति से बलपूर्वक आध्यात्मिक विषय मनवाने के लिए राष्ट्र अथवा ब्यक्ति हेतु अपने परिश्रम द्वारा सभी भौतिक-अभौतिक सुविधाओं की ब्यवस्था करनी होगी। इसके उपरांत भी उस राष्ट्र और जीव की आत्मा उसके शरीर उसके अधीन व परिश्रम की संपत्ति पर हमेशा हेतु अधिकार नहीं होगा। काऱण आध्यात्मिक-ब्यक्ति किसी ब्यक्ति जीव-जन्तु-वनस्पति अथवा राष्ट्र संपत्ति का सृजनकर्ता नहीं है।
    20 -उपरोक्त नियम के विरुद्ध कार्य करने हेतु आध्यात्मिक ब्यक्ति अपने धर्मग्रन्थ का वास्ता नहीं दे सकता।
    21 - किसी भी धर्म के ब्यक्ति के शिकायत पर ऐसे धर्म-गुरु धर्म-प्रचारक पुजारी उपासक अध्यात्मिक ब्यक्तियों के आचरण की, संपत्ति की कथन की जाँच न्यायपालिका अथवा पुलिस करवा सकती है। ये लोग अपना कोई भी भेद छुपा नहीं सकते चाहे पति पत्नी रिश्ता ही हो।
    22- इनके सम्बन्ध में शिकायत कर्ता की धर्म-जाति कुछ भी हो सकता है। तथ्य है अध्यात्मिक ब्यक्ति सृजनकर्ता की पक्ष में भेद कहने वाले हैं इसलिए इनकी सभी जानकारी सार्वजानिक होगी।
    23- किसी भी अध्यात्मिक प्रदर्शन रैली में जिनका आचरण श्रेष्ठ नहीं है वे लोग भाग नहीं लेंगे।
    24- अध्यात्मिक ब्यक्तियों द्वारा यह सत्यापित नहीं किया जायेगा सृजनकर्ता की शक्तियाँ कमजोर है।
    25 -धर्मगुरुओं के कथन से आकार का क्षेत्र का शक्ति गुणधर्म कार्य का ज्ञान स्पष्ट होना चाहिए मतिभ्रम कथन पर प्रतिबंध लगेगा।
    यह 25 कानून उन्ही लोगों पर लागु होगा जो बहुत ऊँची आवाज में बहादुरी के साथ बात कहते हैं अथवा बहुत बड़ी भीड़ को सम्बोधित करता हो इनका मजहब चाहे कुछ भी हो ( चाहे वह धर्म-गुरु धर्म-प्रचारक हो नेता हो अथवा नागरिक हो विदेश से आने वाला नागरिक हो विदेशियों का अपने राष्ट्र में दर्जा कुछ भी हो। )
       यह कानून उन महिलाओं पर भी लागु होगा, जो महिलाए धर्मगुरू धर्म-प्रचारक, धर्मगुरू समर्थक राजनेता के आसपास रहती हैं।

        ये 25 लाइन अत्याचारी धर्म उपदेशक उन्मादी जूनून लक्ष्यधारी अवसरवादी मुफ्तवादी उद्देश्यवादी को दिखा दो उनकी ऊँची आवाज में नरमी आ जाएगी वे मरने-मारने की बात हठ-धर्मी मुँह-बंदी शब्द उपयोग छोड़ देंगे।
       समस्त संसार सृजनकर्ता की सत्ता विस्तार पर कोई प्रतिबन्ध नहीं बस आप शिकायत नहीं करना। आपने हमें बताया नहीं दूसरा किसी समूह द्वारा भ्रष्ट विधि-विधान रीति से किसी एक धर्म विस्तार (गुण-धर्म-धारण ) पर रोक लगेगी ) मुझे यह नहीं कहना है की मैं इस धर्म विस्तार पर रोक लगाऊंगा। मुझे यह कहना है की जो असत्य भ्रष्ट कथन परम्परा गलत आचरण के ब्यक्ति है उस पर रोक लगना चाहिए।
       उसकी आराधना सीधे नहीं की जा सकती उत्तर एक मां बच्चे को जन्म देकर लाड-प्यार करती है बच्चा सीधे माँ से वाद संवाद करता है वह शून्य को जीवित किया वह भी सीधे संवाद कर सकते हैं। आप किसी एक शक्ति की आराधना हेतु समुह को विवश नहीं कर सकते जैसे की गाँव का जमींदार की।
       आम नागरिक पुलिस की अनुपस्थिति में धर्मगुरू से पूछताछ नहीं कर सकते।
       ध्यान दे न्यायालय व सरकार मैंने अपनी जिम्मेदारी निभाया अब आप निभाएं मुझ इन्सान व मनुष्य तक पहुचने वाली जानकारी सही हो मुझ इन्सान व मनुष्य तक पहुँचने वाला धर्मगुरु धर्म उपदेशक प्रचारक अनुयायी का आचरण सही हो अपने परिश्रम की खाने वाला हो, वह यह सत्यापित नहीं करेंगे। ईश्वर अल्लाह भगवान परमात्मा का भक्त बंदा पुजारी उपासक धर्म उपदेशक धर्मगुरु प्रचारक अनुयायी परिश्रम करने में असमर्थ हो जाते है सृष्टि के रहस्यों को रखे गए विषय वस्तु व शब्द के अवगुण दुर्गुण को उससे बनने वाली चित्र तस्वीर को प्रत्यक्ष वैज्ञानिक दृष्टि से समझने में असमर्थ हो जाते है।
       समस्त संसार बनाने वाली शक्ति का पुजारी उपदेशक प्रचारक धर्मगुरूसमर्थक राजनेता का आचरण कैसा होना चाहिए। इस सम्बन्ध में देश में ब्यवस्थापिका द्वारा वर्णित गाइड-लाइन अनुसार पुजारी उपदेशक नेता का आचरण होना चाहिए।
सजा का प्रावधान

       उपरोक्त नियम के विरुद्ध कार्य करने पर आप पर प्रतिबन्ध लगेगा। आपको गाइड-लाइन अनुसार सजा होगी सृष्टि व इतिहास के सम्बन्ध में आपके द्वारा केवल एक झूठ कहने पर 36 माह सजा होगी शब्दों में सुधार हेतु एक सप्ताह का समय व 3 बार अवसर दिया जायेगा चौथी बार 36 माह की सजा होगी।
       इस कानून में दो प्रकार की सजा होगी जिस धर्म समुदाय की वजह से भारत-राष्ट्र में अशाँति होगी उसे 40 माह अन्य को 36 माह सजा होगी।
       दूसरा पाकिस्तान में जब तक यह कानून लागू नहीं होगा। तब तक मुस्लिम समुदाय को 40 माह की सजा होती रहेगी।

       उपरोक्त कानून आकाशगंगा अथवा समस्त आकाशगंगा बनाने-पोषण करने वाले की स्तुति करते हैं। यह कहने वालों पर लागु होगा। पृथ्वी के सौरमण्डल नवग्रह का धारण पोषण करने वाले की स्तुति करने वालों पर लागु नहीं होगा। ये उपदेश प्रवचन के द्वारा प्राप्त धन दान-उपहार का उपयोग कर सकते हैं। शर्त है उन्हें यह बताना होगा वे पृथ्वी के सौरमण्डल नवग्रह का धारण पोषण करने वाले की स्तुति करने वाले हैं साथ ही किसी के प्राण मान सम्मान धन ज्ञान को हानि न पहुंचाए अकारण विवाद करने वाला न हो।
       देश में समस्या दान उपहार चंदा की धन राशी का सेवन करते हुए हठधर्मी जुनूनी उन्मादी बातों को मनवाते हुए समाज में तनाव स्थिर बनाकर रह रहे अध्यात्मिक लोगों से है वे लोग समस्या नहीं हैं। जो अध्यात्मिक ब्यक्ति समाज से बाहर निवास करते हैं समाज को बिना कोई हठधर्मी पूर्ण बात मनवाने व उपदेश किये बिना दान उपहार चंदा की राशी का उपयोग करते हैं।

       पृथ्वी के सौरमण्डल नवग्रह का धारण पोषण करने वाले की स्तुति करने वालों यह सुविधा इसलिए दी जाएगी यदि आकाशगंगा अथवा समस्त आकाशगंगा बनाने वाले की साधना करने के उपरान्त मानसिक तनाव ज्ञान के प्रभाव के कारण मानसिक द्रष्टि से शारीरिक परिश्रम करने में असमर्थ हो जाएँ तब धार्मिक ज्ञान उपदेश करके अपने परिवार का पालन पोषण कर सकते हैं। उनके द्वारा भिक्षा भी एक विकल्प है अपनी पारिवारिक शांतिपूर्ण वातावरण की आवश्यकता अनुरूप इसका उपयोग करेंगे दोनों विकल्प ऐश्वर्य के लिए नहीं है।
       जब धर्मगुरू मेहनत की खाने लगेंगे तब आम नागरिक को एक संदेश जायेगा जब समस्त बनाने वाले को पूजने वाले मेहनत की खाते हैं। तब हम संसार का धारण पोषण करने वाले को पूजने वाले बिना मेहनत फल प्राप्त नही कर सकते हमें भी मेहनत करना होगा।
       वर्तमान में आध्यात्मिक अशांति दूर करने हेतु राष्ट्र में इस तरह के कानून की आवश्यकता है यह कानून सत्य-धर्म को पोषित करता है धार्मिक असत्य कथनों का बहिस्कार करता है ,मंदिर-मस्जिद गुरूद्वारा-चर्च जाते समय अध्यात्मिक विषय के समबन्ध में विश्वास बढाने वाला होगा,धर्मगुरू के प्रवचन-उपदेश पर विश्वास बढाएगा।
       श्री भूपेश बघेल श्री योगी आदित्यनाथ और श्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी जी से सभी नागरिक से उम्मीद है। राष्ट्र में आध्यात्मिक अशांति दूर करने हेतु भ्रष्ट धर्म-गुरु , ईश्वर के नामों का ब्यापारी, धर्मग्रन्थ का दुरूपयोग करने वाले की गलत मानसिकता बदलने हेतु सुझाए कानून का स्वागत करेंगे।
आज दिनांक 8/7/2024 श्री विष्णु देव साय मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ सभी नागरिक को उम्मीद है। आप राष्ट्र में तनाव को समाप्त करने में अपनी अहम् भूमिका निभायेगे।    

सुझाव


       भारत में मनुवादी-राष्ट्र अथवा मुस्लिम-राष्ट्र दोनों राष्ट्र स्थापित नहीं होगा।
       यदि स्थापित किया गया तब मनुष्य-इंसानों का जीवन बेहतर नहीं होगा।
      *- आप सभी धर्म के लोग अपने-अपने धर्म के भ्रष्ट धर्म-गुरु से परेशान हैं आपको इस तरह के उपाय की प्रतीक्षा थी।
      *- यह कानून आम नागरिक के अधिकारों की सुरक्षा हेतु है इसका किसी एक धर्म से कोई सम्बन्ध नहीं है। यह कानून प्रत्येक धर्म के लोगो हेतु आवश्यक सुरक्षा उपाय है आवश्यक सामाजिक कानून है। इसे अपने-अपने धर्म के भ्रष्ट धर्मगुरुओं द्वारा निर्मित परेशानी से बचने हेतु अपनाना चाहिए।
      *- ईसाई व् मुस्लिम ये न समझें इस कानून का उपयोग करके ईसाई-धर्म इस्लाम-धर्म फैला सकते हैं। ऐसा अनुभव अवश्य होता है किन्तु सत्य बहुतों की समझ से परे है।
      *- हिन्दू यह ना समझे इस कानून का उपयोग करके मनुवादी-राष्ट्र अथवा केवल हिन्दू-बहुगुण-वादी राष्ट्र की स्थापना कर सकते हैं। ऐसा अनुभव अवश्य होता है किन्तु सत्य आपकी समझ से परे है।
      *- दलित शोषित ओबीसी यह न समझे उनके अधिकारों का हनन हेतु कानून है लेकिन संभावना प्रबल हो सकता है।
      *- यह निर्भर करता है की आप अपने अधिकार के प्रति कितने सावधान हैं। यह कानून आपके पक्ष में आपके जीवन व् अधिकार की सुरक्षा हेतु और आपके अध्यात्मिक जीवन और सृष्टि के सत्य की सुरक्षा हेतु लिखा गया है।
      *- यह कानून भटकती आत्माओं भ्रष्ट-अज्ञानी शक्तियों के ज्ञान का शोधन करता है।
      - यह कानून सिध्ध-अदृश्य शक्तियों के उत्पात से बचाने वाला कानून है। आपके पास सही ज्ञान होगा तब कार्य भी सही होगा यह क्षेत्र कोई भी हो यदि ज्ञान सही नहीं है तब परिणाम भी सही नहीं होगा इस कथन के सम्बन्ध में आपके पास अनुभव हैं चाहे वह शिक्षित हो अथवा अशिक्षित हो।


सूअर पालने वाले पासी की सरकारी लाठी 

        धरती पर जन्मा गर्भजन्मा मनुष्य इंसान के द्वारा सृजनकर्ता पक्ष में खड़ा आध्यात्मिक धार्मिक ब्यक्ति अथवा समूहों से धरती के मनुष्यों इंसानों के अधिकार की सुरक्षा हेतु उपयोग की जायेगी। आध्यात्मिक धार्मिक ब्यक्ति अथवा समूहों अप्रिय ब्यवहार गलत सन्देश के साथ धन उगाही मान सम्मान और शासन प्राप्त की जाती है।
         अतः इनके अप्रिय ब्यवहार को रोकने हेतु सरकारी लाठी किसे दी जाए।
        सरकारी लाठी मारने का अधिकार किस धर्म समुदाय को दी जाए। जिनके द्वारा आध्यात्मिक धार्मिक ब्यक्ति अथवा समूहों के अप्रिय ब्यवहार गलत आध्यात्मिक धार्मिक सन्देश के साथ धन उगाही मान सम्मान और शासन प्राप्त कर्ता पर रोक लगाईं जा सके प्रश्न हिन्दू मुस्लिम ईसाई अथवा सूअर पालने वाले को दी जाए।
        आप जानते हैं। सूअर गन्दगी खाता है और सूअर पालने वाला सूअर खा जाता है। इस उदहारण से जगत पालने वाले का कौन सा सन्देश मिलता है।

सरकारी लाठी मारने की शर्ते

        जहाँ पांच लाठी मारना है वहां चार लाठी मारेंगे एक लाठी ईश्वर के नाम छोड़ देंगे। पांचवी लाठी ईश्वर की होगी और उनकी लाठी में आवाज नहीं होती। जब दस लाठी मारनी हो तब आठ लाठी मारेंगे एक लाठी सबके ईश्वर के नाम छोड़ देंगे एक लाठी जगत पालनकर्ता के नाम छोड़ देंगे। जब पन्द्रह अथवा बीस लाठी मारनी तब क्या करें सोच लें।
        माना कोई सूअर पालने वाला ज्यादती कर जाए। ऐसी स्थिति में आपके विशेषज्ञ कहेंगे। इन्होने दो लाठी की जगह दस लाठी मारी गई है। आठ लाठी अधिक मारी है। आप बताएं आपके पास बुध्धिमानों की फौज है शासन प्रशासन की शक्ति है संसाधन है। आप उपरोक्त सुविधाओं की उपस्थिति में प्राप्त परिणाम के बारे में बताएं जैसा परिणाम मिलाना चाहिए वाही परिणाम देख रहें हैं अथवा निराशा हुई।

देश के प्रति मेरा कर्तब्य पूरा हुआ

        देश के प्रति मेरा कर्तब्य पूरा हुआ यदि लोकसभा विधानसभा के सदस्यों ने कहा रामसजीवन भारतीया आपको जिम्मेदारी निभानी होगी अन्यथा जेल भेज दिया जाएगा। तब मेरा कथन होगा आपकी कुर्सी छीन ली जाएगी मैं कहूँगा मैं प्रधान मंत्री बनूँगा मेरी घोषणा पत्र में लिखा होगा। न्यायालय सी बी आई आई बी इंटेलिजेंट टीम व् मिलिट्री की जिम्मेदारी होगी मुझे उपरोक्त परिणाम चाहिए। अब आप बताएं आपको क्या चाहिए लोकसभा विधानसभा में सभी सरकारी विभागों में दस प्रतिशत गाइड लाइन अनुसार भ्रष्ट लोग रहेंगे यह दस प्रतिशत सेक्टर ईश्वर का है हम जगत सृष्टा नहीं है। सरकारी सम्पत्ति का नब्बे प्रतिशत सच्चाई के साथ इमानदारी के साथ योजना हेतु खर्च की जायेगी।

धार्मिक स्थल तोड़े जायेंगे

        जिस गाँव शहर के लोग किसी धार्मिक स्थल में जाते है। लेकिन उनका आचरण श्रेष्ठ की परिभाषा अनुसार नहीं रहता उस गाँव शहर के धार्मिक स्थल न्यायालय टीम के द्वारा तोड़ दिए जायेंगे। यह फैसला भ्रष्ट आध्यात्मिक धार्मिक वातावरण में सुधर लाएगा यह निर्देश आध्यात्मिक धार्मिक स्थलों को आध्यात्मिक ब्यापार तनाव और राजनीति का माध्यम बनाने नहीं देगा। साशु संत ब्राम्हण मौलाना इमाम हाजी काजी आध्यात्मिक धार्मिक स्थलों को ब्यापार तनाव और राजनीति का माध्यम बनाने सफल नहीं होंगे धार्मिक स्थल तोड़े जायेंगे के भय से वहां के निवासी नियम नहीं बनायेंगे। जैसे जो श्रेष्ठ आचरण नहीं अपनाएंगे उन्हें दण्ड दिया जायेगा। दूसरा यह किसी से नहीं कहेंगे अपना आचरण श्रेष्ठ रख्खो अन्यथा धार्मिक स्थल तोड़ दिए जायेंगे यह विषय अदृश्य की श्रेणी में आता है इसलिए अदृश्य द्वारा प्राप्त परिणाम अनुसार निर्णय लिया जायेगा। इस कार्यवाई से भ्रष्ट आचरण के लोगे द्वारा आध्यात्मिक धार्मिक स्थल नहीं बनवाये जायेंगे। अध्यात्मिक धार्मिक स्थल ब्यापार का केंद्र नहीं बनेगा।

मैं भारत का पुलिस हूँ

         धर्मगुरुओं ध्यान दीजिये जो भ्रष्ट धर्मगुरु हैं। वे अपना आचरण सुधार लें यदि आपका आचरण सही नहीं तब आपकों पुलिस की पांच से बीस लाठी पड़ सकता है। इसके जिम्मेदार आप आपका आचरण होगा भारत सरकार न्यायालय जिम्मेदार नहीं होगा। जिस धर्मगुरु का आचरण सही नहीं होगा। उन्हें मुझसे भयभीत होने की आवश्यकता है। मैं आपकी मुसीबत में आपका सहयोग करूँगा। लेकिन भ्रष्ट धर्मगुरुओं को मेरी लाठी की मार पड़ेगी पुलिस की लाठी मारने के बाद कहूँगा। मैं भारत का पुलिस हूँ। और मेरे देश में सृजनकर्ता के नामों का ब्यापार बंद है। धर्मग्रन्थ के दुरूपयोग पर प्रतिबन्ध है इन पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया है। इसका जिम्मेदार आप आपका आचरण है आप सृजन कर्ता के पक्ष में खड़े ब्यक्तियों को अपनी मेहनत की खानी होगी। आप कभी झूठ नहीं बोलेंगे भ्रष्ट आचरण नहीं अपनाएंगे। गलत जानकारी गलत सन्देश नहीं देंगे छलकपट भ्रष्ट राजनीति व् शासन नहीं करेंगे।
ऊपर वाला जब भी देता देता छप्पर फाड़ के अच्चा बोलो या बुरा
नीचे वाला जब भी लेता लेता धोती पतलून फाड़ के अच्चा बोलो या बुरा
सुन धर्म उपदेशक पछताया कहा अब तक सब मुफ्त में पाया अच्चा बोलो या बुरा
अब पसीना बहायेंगे हमारी जैसी करनी थी उसी का फल पाया अच्छा बोलो या बुरा
सृजनकर्ता नाम धर्मग्रन्थ हाँथ लेकर बेखौफ ऐय्याशी कर सब गंवाया अच्छा बोलो या बुरा

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        धर्मगुरुओं ध्यान दीजिये जो भ्रष्ट धर्मगुरु हैं। वे अपना आचरण सुधार लें यदि आपका आचरण सही नहीं। तब आपकों पुलिस की पांच से बीस लाठी पड़ सकता है। इसके जिम्मेदार आप आपका आचरण होगा भारत सरकार न्यायालय जिम्मेदार नहीं होगा। जिस धर्मगुरु का आचरण सही नहीं होगा। उन्हें मुझसे भयभीत होने की आवश्यकता है। मैं आपकी मुसीबत में आपका सहयोग करूँगा लेकिन भ्रष्ट धर्मगुरुओं को मेरी लाठी की मार पड़ेगी पुलिस की लाठी मारने के बाद कहूँगा मैं भारत का पुलिस हूँ और मेरे देश में सृजनकर्ता के नामों का ब्यापार बंद है धर्मग्रन्थ के दुरूपयोग पर प्रतिबन्ध है। इन पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया है इसका जिम्मेदार आप आपका आचरण है। आप सृजन कर्ता के पक्ष में खड़े ब्यक्तियों को अपनी मेहनत की खानी होगी आप कभी झूठ नहीं बोलेंगे। भ्रष्ट आचरण नहीं अपनाएंगे गलत जानकारी गलत सन्देश नहीं देंगे छलकपट भ्रष्ट राजनीति व् शासन नहीं करेंगे।

सृजनकर्ता प्रारम्भ में कितने बड़े थे उनका द्रब्यमान क्या था।

        अल्लाह ईश्वर भगवान परमात्मा प्रारम्भ में कितने बड़े थे। उनका द्रब्यमान क्या प्रारम्भ में उनका नाम क्या था प्रश्न एक बार खरीद लेने पर वह प्रलय कयामत तक उसका दास गुलाम हो जाता है। अथवा होना चाहिए क्या एक बार मनुष्य इंसान उसकी संतान खरीद लेने पर उसके और उसकी संतानों द्वारा प्राप्त अथवा उपयोग की गई धरती सूरज की साड़ी संपत्ति खरीद लिया गया। प्रश्न संसार व् शून्य से ब्रम्हांड में निर्मित मूल संपत्ति का स्वामी कौन है। संपत्ति निर्माता सृजित रचना सृजित शरीर अथवा जीवित अजीवित संपत्ति का खरीददार, मुस्लिम कहते हैं कुरान की आयत को जो गलत कहेगा उसका क़त्ल कर दो, ध्यान देने की बात है उपरोक्त कथन कहने का आरोप किसके ऊपर लगाया गया है, मुस्लिम कथन अनुसार संसार की रचना करने वाला अपने ही बनाये रचना की हत्या की बात कही है वह स्वयं सजा देने में असमर्थ है।

कुरान की आयत को जो गलत कहेगा उसका क़त्ल कर दो।

        यह कथन किसके द्वारा कहा गया किसके लिए किस कारण से कितने बड़े स्पेश अथवा संसार के बारे में कहा गया फरमान जारी किया गया। यह आदेश कब जारी किया गया। किन लोगों के लिए किस प्रकार के कार्य करने वाली शक्तियों के लिए किस द्रब्यमान आकार निराकार शक्तियों हेतु जारी किया गया। प्रश्न आदेश निर्देश फरमान करने का आरोप किसके उपर लगाया गया। जिसने शून्य को जीवित किया अथवा जगत संसार कायनात का सृजन करके धारण पोषण किया अथवा जिसने शासन करना चाहा उनके द्वारा अथवा जिसने भटका कर सम्पत्ति प्राप्त करना चाहा अथवा ज्ञान शक्ति का परीक्षा लेने हेतु कहा गया।
        माना किसी आध्यात्मिक धार्मिक ब्यक्ति ने विषय को समझाने में भूल कर दी तब विषय को समझाने हेतु आध्यात्मिक धार्मिक ब्यक्ति द्वारा वैज्ञानिक साक्ष्य प्रत्यक्ष साक्ष्य उदहारण द्वारा शंका समाधान किया जाना चाहिए। वह भी मुफ्त में भोजन निवास की सुविधा देकर शंका समाधान किया जाना चाहिए। संसार समस्त संसार सृजनकर्ता के दूत देवता फ़रिश्ता उपासक कथन को गलत कहने पर मुत्यु देने का उपदेश देकर किस पक्ष की शक्ति उनके गुण को अपमानित किया।

देश में न्यायालय टीम के कार्य

प्रदेश में न्यायालय टीम के कार्य

एक काल्पनिक कथा

        एक तालाब में बहुत सारी मछलियाँ उत्पात मचा रहीं हैं। जिससे अन्य मचलियों को परेशानी हो रही है अब न्यायालय सरकार के कार्य की समीक्षा करें गाँव के लोगों ने कहा उपरोक्त मछलियाँ उत्पात मचा रहीं हैं। कोई एक आदमी तालाब में हलचल मचाये तब ए मछलियाँ कुदेंगी बाकी अन्य आदमी उन्हें पकड़ लें और पास की तालाब में छोड़ दें जहाँ उनका मूल निवास स्थान है वहां जब मेहनत करेंगी तब खाने को मिलेगा। यही कार्य न्यायालय सरकार की टीम को करना है।

जानकारी

        25 कानून अनुसार एक भी पत्नी नहीं होगी दूसरा सिर्फ एक पत्नी होगी दूसरा कानून माँस का सेवन नहीं करेंगे। यह दो लाइन भ्रष्ट मुस्लिम समुदाय को अवसर देता है। उपरोक्त कानून को रोकने हेतु उनका उदेश्य होगा। तब तक मुददा बनाओ प्रदर्शन करते रहो जब तक हमें दान उपहार चंदा मिलने का कोई उपाय नहीं मिल जाता।
न्यायालय सरकार की टीम मेरे द्वारा तालाब में उचित हलचल मचा दिया गया है। अब आप न्यायालय सरकार को अपनी टीम की सहायता से राष्ट्र में भ्रष्ट धर्मगुरुओं को पहचान कर कार्यवाई करना है। इस हलचल का लाभ उठाना है।

यह किसका अपमान है।

        विचार करें सारे संसार बनाने वाली शक्ति की जिसका कोई छोर नहीं है। उन्होंने चार औरत से निकाह विवाह की अनुमति दी है। विज्ञान ने कहा एलियन भटक गए उन्हें भविष्य में जाना था। मेरा कथन अल्लाह ने चार चार औरत से निकाह विवाह की अनुमति दी तब किसी भी सभ्यता को दूसरी सभ्यता से सम्पर्क करने में अधिक समय नहीं लगेगा। अगर अल्लाह ने चार औरत से निकाह की बात कही है तब विज्ञानं गलत है। अगर अल्लाह ने चार औरत से निकाह की बात नहीं कही है। तब विज्ञानं सही है।
हमने समझौता बस भेजा समझौता उन्होंने किया।
जख्म दिया हमारी पुलिस न्यायालय सरकार भी समझोता नहीं करेगी
संसार सृजनकर्ता के पक्ष में अड़ा रहेगा
समस्त संसार सृजनकर्ता के पक्ष में जब जब कोई ऐय्याशी मुफ्तवादी भावनाओं का लुटेरा खड़ा होगा नागरिक के सामने अडिग अड़ा होगा।
देखना पुलिस भी पीछे खडा होगा कहेगा मेहनत करके खाओ खाना अपने बाजु बल से अन्यथा हास्पिटल में पड़ा होगा
समझौता उन्हें पसंद नहीं हमने भी सीखा है हमने भी समझोता किया नहीं।
अब देखना हर राह तेरे 25 कानून लिए पुलिस खडा होगा।
ब्राम्हण मौलाना खूब लुटा धर्मग्रन्थ दिखाकर
अब तुम सुधारे जाओगे 25 कानून दिखाकर

न्यायालय कौन सा दण्ड सजा चुनेंगे

        मुस्लिम एक झूठ की सजा मौत देते हैं,न्यायालय एक झूठ की क्या सजा देंगे।
एक झूठ कौन सा है, भगवान ने संसार नहीं बनाया संसार को अल्लाह ने बनाया। न्यायधीश इतिहास पढ़िए, मुस्लिम समुदाय ने एक झूठ की सजा मृत्यु दी है, कई करोडो हिन्दुओं ईसाईयों की हत्या किया, कई करोड़ हिन्दु ईसाई महिलाओं का बलात्कार किया, छोटी बच्चियों का बलात्कार किया हत्या किया, बीच चौराहे पर महिला का बलात्कार किया, लोगों की भीड़ के बीच में बलात्कार किया, गाँव के गाँव उजाड़ दिया गए, एक तरफ दावेदारी है धरती की हर चीज प्रत्येक जीव को अल्लाह ने बनाया और सभी जीवों पर पूर्ण नियंत्रण है, संसार को देखने से मुस्लिम कथन क्या सत्य सही लगता है, जिस जीव को अल्लाह ने बनाया उस जीव मनुष्य को मौलाना जान से मारने की सलाह देते हैं और मार देते हैं। प्रश्न ये कौन लोग हैं जो कहते हैं हम उसकी हुकूमत कायम स्थापित करेंगे। इन्होने साक्ष्य दिया अल्लाह बिना आध्यात्मिक वस्त्रधारी के संसार का कार्य भर सम्भाल नहीं सकते।

अल्लाह ने संसार कब बनाया गया

         अल्लाह ने संसार कब बनाया अल्लाह को कब याद आया और कहा मैंने संसार बनाया है,धरती के संसार के इतिहास से साक्ष्य मिलता है अल्लाह ने संसार नहीं बनाया, मुस्लिम धरती के इतिहास से साक्ष्य प्रस्तुत करें बताएं १० हजार २० हजार ५० हजार पहले वह कौन सा राष्ट्र कौन सा राज्य गाँव है
जहाँ अल्लाह की इबादत होती थी, एक गलत जानकारी सीधा जेल होगा, अल्लाह ने कितना बड़ा संसार बनाया, कब बनाया, कितने समय में बनाया, कितनी शक्तियों के सहयोग से बनाया मुस्लिम धर्मगुरु उत्तर दें।

आध्यात्मिक ब्यक्ति द्वारा सुविधा का दुरूपयोग
दान उपहार चंदा की धनराशि का दुरूपयोग पर प्रतिबन्ध

         आध्यात्मिक ब्यक्तियों को जब धन देकर धर्म आध्यात्म का विस्तार करना हो जब परिश्रम से प्राप्त धनराशी देकर जब दान उपहार चंदा से प्राप्त धनराशी देकर आध्यात्म धर्म का प्रचार करना हो तो परिणाम क्या प्राप्त होगा। अथवा आध्यात्मिक गुरुओं ने कहा एक बार भगवन से कहा भगवन बस इतना छोटा सा पेट दिया है। भगवान ने कहा ठीक है जाओ इस पेट को भर कर आओ प्रश्न क्या आध्यात्मिक ब्यक्ति दान उपहार चंदा की धनराशि के बिना अपना पेट नहीं भर सकते हैं क्या आध्यात्मिक ब्यक्ति धर्मगुरु धार्मिक नेता भगवान परमात्मा अल्लाह का उपासक के पश्चात् इतना कमजोर हो जाता है। वह अपने परिश्रम से भर पेट भोजन की ब्यवस्था भी नहीं कर सकता।
        जब जब सुविधा का दुरूपयोग किया जाएगा तब तब सुविधा पर प्रतिबन्ध लगेगा आध्यात्मिक ब्यक्ति धर्मगुरु धार्मिक नेता ने सुविधा का दुरूपयोग किया है अतः दान उपहार चंदा लेने पर प्रतिबन्ध लगेगा यह जनहित में उचित है।

मुस्लिम से प्रश्न, हम अल्लाह की इबादत नहीं करेंगे क्या करोगे

        भारत में मुस्लिम यह प्रश्न नहीं पूछेंगे। उनमे साहस नहीं होगा कारण ब्यक्ति के द्वारा इबादत करूँगा कहने पर प्रश्न कर्ता को जीवन भर का खर्च वहन करना होगा मुस्लिम द्वारा प्रश्न पूछने पर उत्तर हाँ में क्यूँ दिया। क्योकि नहीं में उत्तर देने पर प्रश्न कर्ता उस ब्यक्ति की हत्या कर देता। इसलिए उसने उत्तर हाँ में दिया अतः प्रश्न करता को जीवन भर आवश्यक खर्च वहन करना होगा जब खर्च वहन करने की बारी आएगी। तब कोई भी मुस्लिम यह नहीं कहेगा कभी कहने का सहस नहीं करेगा। अगर तुम अल्लाह की इबादत नहीं करोगे तो हम तुम्हारा सर कलम कर देंगे। मुफ्त में लोग बहुत बड़ा क्षेत्र पर राज करने की बात कहेंगे। लेकिन जैसे ही दान उपहार चंदा से प्राप्त धन देकर अथवा शारीरिक परिश्रम से प्राप्त धन देकर राज करने की बारी आएगी वह दूर भागता दिखाई देगा।
प्रधानमंत्री जी, आदित्यनाथ योगी जी विष्णु देव साय जी को 8/72024 तीन कानून का सुझाव दिया। पत्र लिखा सुप्रीमकोर्ट राष्ट्रपति तीन कानून का सुझाव दिया 9/7/2024 को पत्र लिखा।

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