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रविवार, 7 जुलाई 2024

न्यायालय में धर्मगुरुओं और वकील से पूछे जाने वाले प्रश्न

मूलाधार निवासी संसार रचयिता स्वामी को कोटि कोटि नमस्कार प्रणाम


मुस्लिम कथन- धरती चपटी है, सूर्य धरती का चक्कर लगता है। कायनात का कोई अन्त नहीं है

राक्षस किसका शासन सत्यानाश करते हैं देवता का मानव का अथवा ब्राम्हणों का
मुस्लिम सिर्फ अल्लाह की इबादत क्यों करते हैं और दूसरों को विवश क्यों करते हैं
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वकील का प्रश्न धर्मगुरुओं की आवश्यकता पूरी कैसे होगी

       एक मनुष्य भगवान परमात्मा अल्लाह की राह में आगे बढ़ने वाला कहाँ कहाँ भोजन की ब्यवस्था करेंगे। उन्हें हर गाँव में रोजगार कौन देगा। प्रश्न क्या आध्यात्म विस्तार हेतु किसी एक ब्यक्ति का प्रत्येक गाँव भ्रमण करना आवश्यक है अथवा सन्देश ज्ञान पहुँचाना आवश्यक है।
      वकील प्रश्न का उत्तर दें धर्मगुरु ब्राम्हण मौलाना इमाम बहुत बड़े संसार रचयिता के उपासक हैं। वे बहुत बुध्धिमान शक्तिमान सम्पत्तिवाला श्रेणी में खड़े हैं बहुत बुध्धिमान शक्तिमान सम्पत्तिवाला श्रेणी में खड़ा समूह अपनी शारीरिक परिश्रम से भोजन की ब्यवस्था करने में असमर्थ है। यह उत्तर न्यायालय सरकार और नागरिक को विचार करने पर विवश करता है। क्या ऐसे ब्यक्तियों को बुध्धिमान की श्रेणी में खड़े रहने की अनुमति दी जानी चाहिए। जिनके द्वारा बहुत बड़े समूह को राष्ट्र को विश्व को मार्गदर्शन दिशा निर्देश दिया जा रहा है। उनके दिशा निर्देश से बहुत बड़े समूह को राष्ट्र को विश्व को अनावश्यक तनाव का सामना करना पड़े अनावश्यक तनाव पूर्ण जीवन जीना पड़े, नई पीढ़ी को असत्य ज्ञान शिक्षा प्राप्त हो विकृत उदेश्य प्राप्त हो सन्देश मिलता है। संसार रचयिता की रचना शारीरिक परिश्रम करने में असमर्थ होता है। संसार रचयिता की रचना उपासना करने वाला मनुष्य शारीरिक परिश्रम करने में असमर्थ होता है।
    मनुष्य ने पूछा भगवान इतना छोटा सा पेट दिया है। भगवान ने कहा वत्स जाओ इस छोटे से पेट को भर के आओ प्रश्न भगवान परमात्मा अल्लाह यहोवा का उपासक अपने शारीरिक परिश्रम से दो समय का भोजन की ब्यवस्था नहीं कर सकते, क्या ऐसे उपासक धर्मगुरु कथावाचक मौलाना इमाम जेहादी को धर्म प्रचार प्रसार की अनुमति दी जानी चाहिए।
        

        क्या संसार रचयिता बुद्धिहीन शक्तिहीन है संसार उनकी नियंत्रण से परे है।

     क्या संसार रचयिता बुद्धिहीन शक्तिहीन है सभी मनुष्यों पर नियंत्रण से परे है उनके नियंत्रण में नहीं है। इसलिए मनुष्यों को धर्म विस्तार की अनुमति दी गयी क्या आध्यात्मिक धर्म प्रचारक स्वीकार करते हैं। संसार रचयिता बुद्धिहीन शक्तिहीन है वह बिना आध्यात्मिक वेशभूषा वस्त्रधारी के आध्यात्मिक वातावरण की स्थापना उसकी सुरक्षा करने में असमर्थ है। अतः हम नागरिक भगवान परमात्मा अल्लाह की उपासना इबादत करने से मना करते हैं।

संसार में दो तरह की इतिहास है

     संसार में दो तरह की इतिहास है सत्य पथगामी और असत्य पथगामी एक इतिहास सत्य घटनाओं की इतिहास को सुरक्षित रखता है जिस पर कोई विवाद नहीं होता दूसरा इतिहास असत्य क्रिया कर्म की ब्याख्या करता है यह विवाद और अशांति का वातावरण निर्मित करता है।
         आप किसे महत्व देंगे भावना को महत्व देंगे भावना अथवा सत्य इतिहास को आप से कहा जाए अपनी भावना को सही रखिये इतिहास को ध्यान मत दीजिये ,
        हम चाहे किसी भी नाम अथवा जिसकी चाहें उसकी मूर्ति अथवा प्रतीक रखे उसे संसार या समस्त संसार बनाने वाला मानना होगा हम ज्ञान दाता को धन संसाधन सम्मान देना होगा , हमारे कहाँ का अनुशरण करना होगा। प्रस्तावित कानून पढ़ें
धर्मगुरू के आचरण कैसे हों यहाँ देखें
न्यायालय में धर्मगुरू से पूछे जाने वाले प्रश्न
पच्चीस कानून पढ़ें

       क्या संसार रचयिता बुद्धिहीन शक्तिहीन है संसार उनकी नियंत्रण से परे है।

      जब तक साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया जाता तब तक दान चंदा वार्ता पर प्रतिबन्ध रहेगा।

    जब तक साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया जाता भगवान परमात्मा अल्लाह का उपासक परिश्रमी होता है। तब तक दान उपहार चंदा लेने के सम्बन्ध में कोई वार्ता नहीं होगी, पहले साक्ष्य प्रस्तुत करो भगवान परमात्मा अल्लाह का उपासक परिश्रमी होता है। फिर दान उपहार चंदा लेने पर वार्ता होगी दान उपहार चंदा क्यों और कितनी और किसलिए लेनी चाहिए।

        भारत मुफ्तवादी धर्मगुरुओं का बहिष्कार करेंगे,

    भारत में जिन आध्यात्मिक गुरुओं ने सत्यापित किया भगवान परमात्मा अल्लाह का उपासक निकम्मा हो जाता है, उनका बहिष्कार करेंगे। कारण उन्होंने सत्यापित किया भगवान परमात्मा अल्लाह का उपासक निकम्मा हो जाता है। भारत में उन सभी धर्मगुरुओं को आध्यात्मिक धर्म प्रचार करने पर प्रतिबन्ध लगाई जायेगी। हम तक ऐसा कोई भी आध्यात्मिक धर्मगुरु नहीं पहुँचाना चाहिए। जो शारीरिक परिश्रम से प्राप्त धनराशी का उपयोग नहीं करते। हम नहीं चाहते जिनकी उपासना करके वह धर्मगुरु शारीरिक परिश्रम करने में असमर्थ हो गए, हम भी उसकी उपासना करके आलसी निकम्मा होना नहीं चाहते। क्या न्यायालय सरकार चाहेंगे उसकी उपासना करके नागरिक आलसी निकम्मा हो जाए। उत्तर है नहीं।

मुफ्त वादियों को सीधे गोली मारो

मुफ्त वादी मुफ्त में खाने के लिए मुफ्त में धर्म विस्तार करने के लिए देश में गृह युध्ध करवा देगा तीन कानून के लागू होने से दान चंदा उपहार लेने पर प्रतिबन्ध लग जाएगा तब मुफ्त में कहने नहीं मिलेगा श्रम सिद्धान्त से प्राप्त धनराशी का उपयोग करना पड़ेगा तब मुफ्त में खाने नहीं मिलेगा मुफ्त में धर्म विस्तार करने नहीं मिलेगा जुनूनी उन्मादी 

          वैज्ञानिक बुद्धिजीवी रिपोर्ट तैयार करें श्रम सिध्दांत प्रेरित सिध्दांत क्या है।

    श्रम सिध्दांत की श्रेणी में कौन कौन से कार्य आते हैं प्रेरित सिध्दांत में कौन कौन से कार्य आते हैं गुण धर्म विशेषता क्या है। संसार को तीन श्रेणी में बाँट दो। समस्त संसार "युनीवर्ष", आकाशगंगा, सौरमंडल-भूमंडल, समस्त संसार "युनीवर्ष" का उपासक, आकाशगंगा का उपासक केवल परिश्रम की धनराशी का उपयोग करेंगे सौरमंडल-भूमंडल, के सम्बन्ध में शर्ते लागू है।
     समस्त संसार "युनीवर्ष" का उपासक और आकाशगंगा का उपासक परिश्रम की धनराशी का उपयोग नहीं कर सकते, यह उत्तर स्वीकार्य नहीं है, निर्देश जारी होगा। आप उसकी उपासना आध्यात्म प्रचार बंद करें अथवा परिश्रम की धनराशी का उपयोग का उपयोग करें। संसार में मुफ्तवादी सुविधा का दुरूपयोग हो रहा है अतः आप दान उपहार चंदा सहयोग राशी का उपयोग नहीं कर सकते। आध्यात्मिक ब्यक्ति धर्मगुरु प्रचारक धर्म संस्थापक मुह्बंदी शब्द का उपयोग नहीं करेंगे, जैसे भगवान परमात्मा अल्लाह यहोवा देवी देवता फरिस्तों ने कहा सबको मानना ही होगा, अन्यथा परिणाम अंजाम सही नहीं होगा। यह कथन आपको भारी पड़ेगा। जितने लोगों से कहेंगे उतने लोगों को हर महीने का खर्च धनराशी देना होगा यह धन-राशी आपकी शारीरिक परिश्रम से प्राप्त धनराशी होना चाहिए अन्यथा जेल होगी। जिस परिवार को खर्च देंगे वह परिवार आमदनी प्राप्त करने हेतु कोई कार्य नहीं करेंगे।
    आपने किसी जीव को नहीं बनाया अतः आप उन पर शासन नहीं कर सकते। ब्यक्ति परिश्रम करते हैं तब धन की प्राप्ति होती है। अतः जिसकी मेहनत इच्छा उसकी किसे माने किसे नहीं माने। कोई भी आध्यात्मिक ब्यक्ति जीव मनुष्य नागरिक के विचारों पर हठधर्मी बाहुबल लोभ देकर विवशता का लाभ उठाकर मस्तिष्क पर हावी नहीं होगा। प्रत्येक जीव मनुष्य नागरिक के पास ज्ञान प्राप्त करने का स्वतन्त्र अधिकार सुरक्षित है।

        न्यायालय किसी भी आध्यात्म शास्त्र को साक्ष्य नहीं मानेंगे।

     न्यायालय किसी भी आध्यात्म शास्त्र की किसी भी लाइन को साक्ष्य के रूप में तब तक स्वीकार नहीं करेंगे। जब तक वैज्ञानिक साक्ष्य पुरातत्व रिपोर्ट इतिहास कार द्वारा दी जानकारी संलग्न नहीं है।

       मुस्लिम इतिहास से सत्यापित करें अल्लाह ने संसार बनाया।

     न्यायालय किसी भी आध्यात्म शास्त्र की किसी भी लाइन को साक्ष्य के रूप में तब तक स्वीकार नहीं करेंगे। जब तक वैज्ञानिक साक्ष्य पुरातत्व रिपोर्ट इतिहास कार द्वारा दी जानकारी संलग्न नहीं है। न्यायालय के सामने अनेक आध्यात्म शास्त्र है। न्यायालय के प्रश्न का उत्तर आध्यात्मिक ब्यक्ति धर्मगुरु प्रचारक धर्म संस्थापक मुह्बंदी शब्द का उपयोग कर्ता देंगे। किस आध्यात्म शास्त्र को सही माने किस आध्यात्म शास्त्र को गलत माने।

      अल्लाह ने संसार बनाया इस सन्देश पर प्रतिबन्ध लगाईं जाय।

     धरती के इतिहास से साक्ष्य मिलता है अल्लाह ने संसार नहीं बनाया। अतः पुरे भारत में उपरोक्त सन्देश देने पर प्रतिबन्ध लगाईं जाय "अल्लाह ने दुनियां संसार बनाया " जो भी आध्यात्म गुरु यह कहता है यह सन्देश देता है अल्लाह ने दुनियां संसार बनाया उसे जेल भेजा जाए। मुस्लिम धरती के इतिहास से साक्ष्य प्रस्तुत करें चार वर्ष, दस हजार वर्ष, बीस हजार वर्ष, तीस हजार वर्ष, पहले किस देश के, किस राज्य, किस जिला किस गाँव में, अल्लाह खुदा नाम की इबादत स्तुति होती थी

      भगवान परमात्मा अल्लाह बिना आध्यात्मिक वस्त्रधारी के संसार नहीं संभल सकता।

      भगवान परमात्मा अल्लाह सभी रचना कर सकते हैं अपना भेद नहीं बता सकते।


      क्या अल्लाह की इबादत नहीं करेंगे प्रश्न है।

क्या अल्लाह की बात नहीं मानोगे प्रश्न हैं। उत्तर हैं नहीं मानेंगे। क्या करोगे, इस प्रश्न का उत्तर आवश्यक है।

     न्यायालय सरकार नागरिक का उत्तर नहीं मानेंगे क्या करोगे, मौलाना इमाम जेहादी द्वारा इस प्रश्न का उत्तर लेना अति आवश्यक है।
     मौलाना इमाम जेहादी द्वारा उपरोक्त प्रश्नों का उत्तर भारतीय मुद्रा कोष में वृद्धि करने वाला होगा। मौलाना इमाम जेहादी कहेंगे अल्लाह के फरमान से कुरान के हवाले से हम उसका कत्ल कर देंगे उनकी ये जुर्रत इतनी हिम्मत औकात उसकी अल्लाह के फरमान की नाफ़रमानी करे। कुरान की आयतों की नाफ़रमानी करे हमारे सलल्लाहू प्यारे नबी की फरमान हुकुम की नाफ़रमानी करे हमारा तो खून खौल उठता है। जब ऐसी वाकया सुनने को मिलता है तो दुआ मांगता हूँ या खुदा ये कैसी नौबत लाई जो ये सुनने को मिला और दुआ मांगता हूँ या खुदा मुझे इतनी हिम्मत दे की मैं इसका कत्ल कर दू। मोमिनों क्या तुम्हारा खून नही खौलता जब ये सुनते हो हम उस प्यारे नबी सलल्लाहू अलैही वसल्लम की फरमान नहीं मानेंगे। तुम उस अल्लाह की फरमान नहीं मानोगे।
    ऐसे संवाद का उपयोग करने वाले से कहो ठीक है। मौलाना इमाम जेहादी जो अल्लाह की कुरान की बात नहीं मानेगा आप उसका कत्ल कर दोगे लोग इस भय से आपकी बात मानने को तैयार हो जायेंगे। लेकिन शर्तों के साथ। आप हमें मासिक वार्षिक जीवनभर खर्च देना होगा। अतः आध्यात्मिक गुरु मौलाना इमाम जेहादी जितनी संख्या में नागरिक को हत्या का भय दिखा कर आध्यात्म की बात मनवाएंगे। उस संख्या को मासिक वार्षिक जीवनभर खर्च देना होगा। देखना सभी मौलाना इमाम जेहाद दुम दबा के मक्का मदीना भाग जायेंगे चाहो तो आजमा लो परीक्षा ले लो। मुफ्त में लोग सारे संसार पर राज करने की बात कहेंगे धन देकर राज करने कहोगे तो सभी दूम दबा के भाग जायेंगे।
    मौलाना इमाम जेहादी का उपरोक्त संवाद सत्यापित किया। संसार बनाने वाला शक्तिहीन बुद्धिहीन असमर्थ है। वह अपनी बातें नहीं मनवा सकते जीवों की सम्पूर्ण अंगों की रचना कर सकते हैं। अन्न की रचना बड़े बड़े पेड़ पौधे जीव की रचना कर सकते हैं। लेकिन अपने बारे में नहीं बता सकते अन्न पंहुचा नहीं सकते। सांकेतिक उदहारण से समझा नहीं सकते। कमजोर बीमार नहीं कर सकते। बुद्धि में ज्ञान नहीं भर सकते। निर्धन धनवान नहीं बना सकते। अतः आध्यात्मिक गुरु जितनी संख्या में नागरिक को आध्यात्म की बात मनवाएंगे। उस संख्या को मासिक वार्षिक जीवनभर खर्च देना होगा। क्योंकि मौलाना इमाम जेहादी धर्मगुरु अल्लाह से अधिक बलवान हैं मौलाना इमाम जेहादी धर्मगुरु आध्यात्म का विस्तार उसकी सुरक्षा कर सकते हैं।

     धर्मगुरु धरती पर आध्यात्मिक शासन स्थापित नहीं करेंगे

     जागो नागरिको जागो जागो जनता जागो

जागो नागरिको जागो जागो जनता जागो । 25 कानून लेके जागो । अध्यात्मिक सत्य जासनने का अधिकार चाहीए । जागो नागरिको जागो जागो जागो जनता जागो 25 कानून लेके जागो । हम सैनिक धरती के हम सैनिक सृष्टि के 2 । भ्रष्ट हिन्दु मुस्लिम लूटा धर्मगंथ सहारे हमको 2 । भ्रष्ट ब्राम्हण मौलाना लूटा धर्मगंथ सहारे हमको 2 । ईश्वर अल्ला नाम बताकर मुह बंदी ये करते हरदम । कहते ये कथन है ईश्वर का ये कथन है अल्ला का । ये कथन है देवता का ये कथन फरिश्ता का । यही कहकर मुह बंदी ये करते 2 बुध्धि बंदी करते हरदम । अब ना मानेंगे हम 2 । हम सैनिक धरती के हम सैनिक सृष्टि के 2 । कह दो उनसे अब ना लूट पाओगे जागेंगे । जागेंगे हम सारी जनता । जागेंगे हम सारी जनता मजहब चाहे कोई भी हो सृष्टि का सच हम जानेंगे । झूठा कथन हटायेंगे झूठा नियम मिटायेंगे न्यायालय साथी होंगे । अर्जी फाडो दुष्टों की मान करो अच्छो की अज्ञानी को जाने दो । दुष्टों पे भी रहम करो ना दो कोई जखम उनको रहने दो ना भूखा उनको । लेकिन । अर्जी फाडो दुष्टों की मान करो अच्छो की अज्ञानी को जाने दो । दुष्टों पे भी रहम करो ना दो कोई जखम उनको रहने दो ना भूखा उनको लेकिन । लेकिन करो खजाना खाली इनका मेहनत की ये खायेंगे 2 । 25 कानून साथ इनको बढना होगा 2 । ईश्वर अल्ला सबके प्यारे ईश्वर अल्ला सबके सहारे 2 । हम सैनिक धरती के हम सैनिक सृष्टि के 2 । सत्य इनको कहना होगा मेहनत करके खाना होगा 2 । ग्रंथ बूते लुटा खूब बुध्धि बूते लुटा खूब मेहनत करके अब देखो 2 । कितनी कमाई होती है । भ्रष्ट धर्मगुरू अब बोलो 2 भेद क्या हैं अब खोलो । भ्रष्ट धर्मगुरू अब बोलो भेद क्या हैं अब खोलो । हम सैनिक धरती के हम सैनिक सृष्टि के 2 । ईश्वर अल्ला नाम सहारे लूटा जग को दुष्टों ने 2 । सच्चे थे जो धर्मगुरू उनको पीटा दुष्टो ने 2 । कूटा पीटा लोंगों को सत्ता हासिल करके बैठा धर्मगुरू सिंहासन पे 2 । बोला सबसे दान करो चंदा और उपहार धरो सुनलो 2 । मुफत की खायेंगे 3 जग में दास हमारे बनके रहो । हम हैं श्रेष्ठ धर्मगुरू 2 हम सब से छोटे हो तुम । हम हैं श्रेष्ठ धर्मगुरू हम सब से छोटे हो तुम । जय हो भीम बाबा की जय भारत संविधान की 2 । सबको बराबर का दर्जा मिला हमें संविधान से 2 । जय हो सारे लोगों की जय हो उन शहिदों की जय हो उन वीरों की उनकी मेहनत रंगलायी । सबको आजादी मिली 2 । इनकी दकिया नूसी से इनकी भ्रष्ट नियमों से इनकी भ्रष्ट नीति से सबको आजादी मिली 2 । जय हो भीम बाबा की जय भारत संविधान की 2 । ईश्वर अल्ला नाम से झूठा कथन ना मानेंगे 2 । सत्य कथन ही जानेंगे सत्य नियम ही मानेंगे 2 । सत्य जानने का अघिकार छीन ना पाये कोई हमसे । याद रखो घरती के इसान से बात कहे कोई भी । सृजनकर्ता पक्ष से धर्मगुरू सत्य कथन ही बोलेंगे । हम सैनिक धरती के हम सैनिक सृष्टि के 2 । जितने सारे लोग कहेंगे ईश्वर अल्लाह के है बंदे 2 । उन सारे लोगों को 2..... । सत्य हरदम कहना होगा न्याय उनको कहना होगा । झूठ ना बोलेंगे 2 .... । आचरण जिनका श्रेष्ठ होगा सृष्टि का वो भेद कहेंगे मांस ना खायेगे2 । पत्नि होगी एक प्यारी चाहे गोरी काली हो । मेहनत की खायेंगे मेहनत की खायेंगे सारे 2 । पत्नि होगी एक प्यारी चाहे गोरी काली हो । मेहनत की खायेंगे सारे दान ना इनको एक मिलेगी चंदा पे पाबंदी होगी । क्यों किसलिए 2 । सत्यापित क्यों करें 2 । इ्र्रश्वर अल्ला भक्त बंदा आलसी होता 2 । इ्र्रश्वर अल्ला भक्त बंदा गुंडा और मवाली होता । इ्र्रश्वर अल्ला भक्त बंदा मुफत खाता जग में 2 । मुफत खाकर जग में । सुख छीनता सबका चैन छीनता सबका 2 । दबदबा बनाके रखता ईश्वर अल्ला दांव पे रखता मर्जी । अपनी पूरी करता खुद से कहता 2 । हम हैं ठेकेदार यहां के 3 । गांव बोलो शहर बोलो देश बोलो दुनियां बोलो 2 । हम हैं ठेकेदार यहां के 2 भ्रष्ट धर्मगुरू ना कहना 2 वर्ना । हम हैं ठेकेदार यहां के भ्रष्ट धर्मगुरू ना कहना वर्ना । दफना देंगे जमी पे 2 । बोलो जनता क्या कहते हो 2 । हम सैनिक धरती के हम सैनिक सृष्टि के 2 जागो । जनता जागो जागो नागरिको जागो बोलो नागरिको बोलो । ईश्वर अल्ला बंदा ऐसा होता 2 इसलिए 2 । चंदा उपहार दान राशि सरकारी पेटी में सबको जमा करेंगे 2 । इस पेटी का नाम क्या है 2 सरकारी अध्यात्मिक खजाना पेटी 2 । हम सैनिक धरती के हम सैनिक सृष्टि के जागो जनता जागो । जागो नागरिकों जागो । बोलो भ्रष्ट धर्मगुरू 2 । कौन देश जाओगे कैसा भेष बनाओगे 2 । 25 कानून साथ हमारे हम सैनिक धरती के हम सैनिक सृष्टि के । 21 कानून साथ हमारे हम सैनिक धरती के हम सैनिक सृष्टि के । जागो पासीयों जागो जागो नागरिको जागो जागो जनता जागो । जागो नागरिको जागो 2 जागो जनतो जागो । धोखा ईश्वर अल्ला नाम से खाये जिस पर तुम सदा मुस्काये 2 । दान राशि श्रेष्ठ बताकर मालामाल हुए आख दिखाकर 2 । हम सैनिक का नारा सुन लो 2 सारे मालिक नाम लिखा जो तुमने 2 । भ्रष्ट धर्मगुरूओं का कथन 2 भ्रष्ट नियमों का जतन मिटा दो .3 । झूठा कथन मिटा दो 2 सारे मजहब चाहे कोई भी हो 2 । जो भी आये पास हमारे धर्मगुरू 2 सत्य कथन कहना होगा 2 । आचरण उनका श्रेष्ठ होगा वर्ना 2 जेल उनको जाना होगा 2 । श्रेष्ठ हिन्दु मुस्लिम 2 खुशी खुशी इस कानुन को मानेंगे 2 । श्रेष्ठ ब्राम्हण मौलाना 2 खुशी खुशी इस कानुन को मानेंगे 2 । सरकार न्यायपालिका आगे कदम बढायेंगे साथ हमारे आयेंगे । जागो नागरिको जागो जागो जनता जागो जागो नागरिको जागो । जागो नागरिको जागो जागो नागरिको जागो । 25 कानून लेके जागो हवा पानी साथ इसके चिंगारी ना भडकेगी 2 । हम सैनिक धरती के हम सैनिक सृष्टि के 2 । जागो जनता जागो जागो नागरिको जागो जागो नागरिको जागो ।

      आध्यत्मिक धर्मगुरु आप जगत पालन कर्ता को बताएँगे आप किसके उपासक हैं

    आप जगत पालन कर्ता को बताएँगे हम समस्त संसार रचयिता के पालन कर्ता के उपासक हैं आप न्यायालय सरकार को नहीं बताएँगे
    आपने न्यायालय सरकार को बताया आप समस्त संसार रचयिता के उपासक हैं तब न्यायालय सरकार आपसे कहेगी आप केवल अपनी परिश्रम की धनराशी का उपयोग करेंगे नागरिक को नहीं बताएँगे आप समस्त संसार रचयिता के उपासक हैं अन्यथा आपको परिश्रम की धनराशी का उपयोग करने होगा दान उपहार चंदा सहयोग की धनराशी नहीं लेंगे जगतपालन कर्ता के उपासक बताएँगे तब आप दान उपहार चंदा सहयोग की धनराशी उपयोग में लेंगे हम नहीं चाहते समस्त संसार रचयिता की उपासना करके लोग परिश्रम करने में असमर्थ हो जाएँ जैसे आप हो गए हैं आप किसके उपासक हैं केवल जगतपालन कर्ता को बताएँगे

    आध्यात्मिक पुस्तक में लिखा दान उपहार देना श्रेष्ठ है इस कथन का दुरूपयोग हुआ है

    आध्यात्मिक पुस्तक में लिखा दान उपहार देना श्रेष्ठ है इस कथन का दुरूपयोग हुआ है आध्यात्मिक ब्यक्ति सत्यापित नहीं करेंगे भगवन परमात्मा अल्लाह का नबी पैगम्बर देवी देवता का उपासक शारीरिक परिश्रम करने में असमर्थ हो जाता है
देश में किसी भी विषय के दुरूपयोग से समस्या होगी दान ऐसे ब्यक्ति हेतु एक सुविधा है जो ब्यक्ति आध्यत्मिक साधना करते हैं उन्हें परिश्रम हेतु समय नहीं मिलता लेकिन साधना पूरी होने के पश्चात पर्याप्त समय होता है अतः शारीरिक परिश्रम से रोजगार प्राप्त कर सकते हैं लेकिन बहुत समय में दान सहयोग सुविधा का दुरूपयोग हो रहा है मुफ्त्वादी ऐय्याशी अवसरवादी उन्मादी जुनूनी लक्ष्यधारी एक आध्यात्मिक पुस्तक का पढ़ने वाला विकृत ज्ञानधारी माइंड सेट लोगों की सुख-दुःख से चिंतामुक्त आध्यत्मिक ब्यक्ति मुफ्त सुविधा दानराशि का प्रेरित सिद्धांत से प्राप्त धनराशी का दुरुउपयोग करते हुए समुदायों में तनाव फैला चूका है इसे रोकना होगा
    अतः आध्यात्मिक ब्यक्तियों को बताना होगा अदृश्य बुद्धिजीवी शक्तियों द्वारा दान लेने की दी गई अनुमति अध्यात्मिक साधना उपासना शिक्षा प्राप्ति हेतु दान एक सहयोग सुविधा धनराशी है इस सहयोग सुविधा धनराशी का दुरूपयोग किये जाने पर प्रतिबन्ध लगाई जा सकती है आध्यात्मिक ब्यक्तिओं को दान देना अनिवार्य नहीं है आप किसी से बलपूर्वक दान चंदा सहयोग की धनराशी नहीं ले सकते प्रत्येक दानदाता मानव प्राणी का निर्णय स्वतन्त्र है अंकुश नहीं लगा सकते आध्यात्मिक ब्यक्ति दान की धनराशी लेने हेतु मुहबंदी शब्द का प्रयोग नहीं करेंगे जैसे भगवान परमात्मा ईश्वर यहोवा अल्लाह देवी देवता नबी पैगम्बर महान ऋषियों फरिश्तों ने कहा अतः दान की धनराशी लेने पर सरकार न्यायालय प्रतिबन्ध नहीं लगा सकती यह कहना अनुचित गलत है
    आध्यात्मिक एक पुस्तक का पाठक आध्यात्मिक धर्मप्रचारक संस्थापक उदाहरण देखें और उत्तर दें जैसे भगवान परमात्मा ईश्वर यहोवा अल्लाह देवी देवता नबी पैगम्बर महान ऋषियों फरिश्तों का उपासक शारीरिक परिश्रम करने में असमर्थ निकम्मा हो जाता है इसलिए आध्यात्मिक धर्मप्रचारक संस्थापक संरक्षक दान की धनराशी का ब्यवसायिक क्षेत्र से प्राप्त धनराशी का उपयोग करते हैं
    १ क्या आध्यात्मिक धर्मप्रचारक संस्थापक संरक्षक स्वीकार करते हैं भगवान परमात्मा ईश्वर यहोवा अल्लाह देवी देवता नबी पैगम्बर महान ऋषियों फरिश्तों का उपासक शारीरिक परिश्रम करने में असमर्थ निकम्मा हो जाता है इसलिए दान चंदा की लेने की अनुमति चाहिए
    २ क्या आध्यात्मिक धर्मप्रचारक संस्थापक संरक्षक स्वीकार करते हैं भगवान परमात्मा ईश्वर यहोवा अल्लाह देवी देवता नबी पैगम्बर बिना आध्यात्मिक वस्त्रधारी आध्यात्म नियमों की सुरक्षा नहीं कर सकते इसलिए आम नागरिक द्वारा सरकार न्यायालय द्वारा ब्राम्हण साधू संत मौलाना इमाम फादर को धर्मप्रचार धर्म संस्थापना संरक्षण करने की अनुमति के साथ-साथ दान उपहार चंदा धनराशी लेने की अनुमति चाहिए
    मुफ्तवादी उन्मादी जुनूनी एक आध्यात्मिक पुस्तक का पाठक आध्यात्मिक ब्यक्ति लोगों से प्रश्न करतें हैं क्या जिसने संसार बनाया उसकी उपासना नहीं ऐसे आध्यात्मिक ब्यक्ति मुफ्त सुविधा मान सम्मान प्राप्ति के साथ शासनात्मक सन्देश के साथ कठोर दण्ड सजा का प्रावधान करते हैं इनकी बातों से सत्यापित है इन्होने शासन सारे संसार बनाने वाले का शासन स्थापित और सुरक्षित किया है उसका शासन नियम सुरक्षित किया जिस शक्ति ने सभी जीवों को बनाया पालन पोषण और धारण किया है

     ब्राम्हण मौलाना दोनों पछतायेंगे अतः परिश्रम की खाओ

    एक कहानी ब्राम्हण सुनें मनुष्य की आत्मा शरीर मुक्ति पश्चात भगवान आत्मा के पास पहुंचे और कहा एक मनुष्य बनाने हेतु धन दो यह सुनकर आत्मा भगवान भगवान रटने लगा एक हजार वर्ष बीत गए फिर भगवान ने कहा एक हजार वर्ष बीत गए कितना धन प्राप्त हुआ आत्मा पुनः तपस्या करने लगा एक लाख वर्ष बीत गए भगवान ने कहा एक लाख वर्ष बीत गए कितना धन प्राप्त किया अथवा एकत्र हुआ आत्मा ने कहा एक भी अंश निर्माण नहीं हुआ भगवान ने कहा मैं तुम्हें धन नहीं दूंगा धन तुम्हे देना है उस धन से एक मनुष्य की रचना होगी
भगवान ने कहा एक रहस्य और बता दूँ जब से आपने तपस्या की है तब से मेरे कुछ द्वारा ने शुन्य को जीवित करके धन-सम्पत्ति नहीं बनाई गई अतः वह धन और आपके द्वारा जितना का निर्माण होता वह धन किसके द्वारा दिया जाएगा उत्तर बताएं
    एक कहानी मौलाना सुनें इंसान की रूह शरीर मुक्ति पश्चात अल्लाह रूह के पास पहुंचे और कहा एक इंसान बनाने हेतु धन दो यह सुनकर रूह अल्लाह अल्लाह रटने लगा एक हजार वर्ष बीत गए फिर अल्लाह ने कहा एक हजार वर्ष बीत गए कितना धन प्राप्त हुआ रूह पुनः तपस्या इबादत करने लगा एक लाख वर्ष बीत गए अल्लाह ने कहा एक लाख वर्ष बीत गए कितना धन प्राप्त किया अथवा एकत्र हुआ रूह ने कहा एक भी अंश निर्माण नहीं हुआ अल्लाह ने कहा मैं तुम्हें धन नहीं दूंगा धन तुम्हे देना है उस धन से एक मनुष्य की रचना होगी
    अल्लाह ने कहा एक रहस्य और बता दूँ जब से आपने मेरी इबादत तपस्या शुरुआत की है तब से मेरे कुछ अंशों द्वारा शुन्य को जीवित करके धन-सम्पत्ति नहीं बनाई गई अतः वह धन और आपके द्वारा जितना धन का निर्माण होता वह धन किसके द्वारा दिया जाएगा उत्तर बताएं

     दान लेना अनुचित एक उदहारण

    आध्यात्मिक गुरु बहुत बड़े संसार रचयिता के पक्ष में खड़े हैं आध्यात्मिक धर्मगुरु प्रचारक परिश्रम करने वाला पक्ष में खड़े हैं आध्यात्मिक धर्मगुरु प्रचारक ब्यक्ति परिश्रम नहीं करे दान चंदा ले यह कार्य अनुचित है ब्यवसायिक क्षेत्र में परिश्रम करना गैर ब्यवसायिक क्षेत्र में परिश्रम करना श्रम सिद्धांत और प्रेरित सिद्धांत से धन प्राप्त करना दोनों की प्रकृति और परिणाम में अंतर है श्रम सिध्दांत जितना परिश्रम करेंगे उतना धन प्राप्त होगा प्रेरित सिद्धांत में जितना परिश्रम करेंगे उससे अधिक धन प्राप्त होगा आध्यात्मिक धर्मगुरु प्रचारक ब्यक्ति केवल शारीरिक श्रम से धन राशी प्राप्त करेंगे संसार उन्होंने नहीं बनाया संसार की कोई भी सम्पत्ति किसी आध्यात्मिक ब्यक्ति की नहीं है

     बीजेपी सरकार योजना न्यायालय अपनाएगी

    बीजेपी सरकार ने सडक बनाने के लिए भूमि अधिग्रहण किया सरकार प्रारम्भ में ही भूमि धरों को भूमि लेकर मुआवजा देकर सडक निमार्ण की प्रक्रिया प्रारम्भ किया था लेकिन नागरिक ने याचिका दायर करके रोक लगा दी अब मोदी योगी सरकार का दिमांग हिल गया कहा क्या करें तब उन्होंने भूमि का पुराना इतिहास निकाला उस भूमि इतिहास से ज्ञात हुआ वह भूमि किसी भी नागरिक की नहीं है अनाधिकृत कब्ज़ा किया गया था अब वह रिकॉर्ड न्यायालय को भेजा गया और जितने समय तक भूमि का उपयोग किया गया उस समय तक का मुआवजा की मांग की अब नागरिक का दिमाग हिल गया भूमि भी गयी मुआवजा में निजी धन भी गया अब बहुत से भूमि धारको ने कोर्ट में याचिका दायर करने से डरने लगे विचार किया कहीं यह भूमि भी सरकार की निकल गयी तो भूमि भी जाएगी तो जो मुआवजा मिला था सरकार वापस लेगी और मुआवजा में निजी धन की हानि होगी अब सरकार को सडक बनाने में कोई परेशानी नहीं हुई

    न्यायालय मुफ्त खाने वालों को आपत्ति वार्ता हेतु अनुमति नहीं देंगे

   पहले परिश्रम की खाओ फिर न्यायालय में आओ अथवा आध्यात्मिक मंच पर उपदेश दो
    न्यायालय मुफ्त में खाने वाले आध्यात्मिक धर्म गुरु धर्म प्रचारक संस्थापक को न्यायालय में अपनी बात रखने हेतु अनुमति नहीं देंगे। इसके साथ ही राज्य अथवा राष्ट्र के किसी भी मंच पर मुफ्त में खाने वाले आध्यात्मिक धर्म गुरु धर्म प्रचारक संस्थापक को धर्म उपदेश धर्म प्रचार करने की अनुमति पर प्रतिबंध लगाएंगे। यह देश में शांतिपूर्ण वातावरण हेतु आवश्यक है। न्यायालय में शांति बनाए रखने हेतु शांतिपूर्वक वार्ता करने हेतु और देश में शांति बनाए रखने हेतु यह निर्णय आवश्यक है।

     मुस्लिम ईसाई कहते हैं संसार बनाने वाले से डरो, क्यों डरें

     ये कौन ज्ञानी है जो कहते हैं संसार बनाने वाले से डरो ( मुस्लिम संसार बनाने वाले को अल्लाह कहते हैं ) मुस्लिम मौलाना इमाम ईसाई कहते हैं अल्लाह से डरो क्यों डरें अपने बनाने वाले पालने वाले रक्षा करने वाले दुःख दर्द मिटने वाले से डरें मुस्लिम मौलाना इमाम ईसाई फादर द्वारा क्या सुझाव दिया जाता है।     विचार करें हर मनुष्य गर्भजन्मा प्राणी संसार बनाने वाले से प्रार्थना स्तुति करता है। हे भगवान परमात्मा ईश्वर जगत पालन कर्ता समस्त संसार के धारण कर्ता हमारी रक्षा करो हमें इस दुख से मुक्ति दिलाओ। उस शक्ति से मौलाना फादर डरने की बात कहते हैं वास्तव में संसार बनाने वाले से डरने की आवश्यकता नहीं है। यदि डरना है तो अपराध पाप से डरना हैं। संसार बनाने वाले से से डरने की आवश्यकता नहीं है।

  कभी नास्तिक की हत्या कर दो कहते सुना है लेकिन काफ़िर की हत्या कर दो बार बार कहते सुना है।

    हिन्दू धर्म की सबसे सुन्दर बात साधू संत ब्राम्हण के सामने कभी किसी ने कहा मैं भगवान परमात्मा ईश्वर को नहीं मानता तब साधू संत ब्राम्हण ये नहीं कहता इस नास्तिक की हत्या कर दो इसके विपरीत साधू संत ब्राम्हण हसते हैं। कितना मुर्ख नादान प्राणी है। कहता है भगवान परमात्मा ईश्वर को नहीं मानता और समझाते हैं। आज नहीं मान रहे हो लेकिन कल अवश्य मानोंगे। भगवान परमात्मा ईश्वर जब अपनी लीला दिखायेंगे तब अवश्य मानोंगे।
    लेकिन मुस्लिम धर्म में खुला मंच से कहा जाता है जो कहता है संसार बनाने वाले को नहीं मानता उसकी हत्या कर दो वह काफ़िर है यह बहुत शबाब का काम है। वास्तव में नास्तिक की हत्या करना बहुत बड़ा अपराध है। यह किसी भी प्राणी का जन्म जात अधिकार है। वह बिना साक्ष्य किसी भी बात को नहीं मानें वह किसी भी विषय के सम्बन्ध में साक्ष्य मांग सकता। लेकिन मुस्लिम मौलाना इमाम जब कभी सुनते है मैं संसार बनाने वाले को नहीं मानता उन्हें बहुत क्रोध आता है। क्यों पैसा तो देना नहीं है बस क्रोध करके मनवा के चले गये।

    मुस्लिम ईसाई कहते हैं संसार बनाने वाले से डरो, क्यों डरें

मुस्लिम समुदाय ने कुरान हदीस ने समस्त संसार बनाने वाले के ऊपर कितने आरोप लगाये हैं।

    1 समस्त संसार बनाने वाले ने कहा चार चार शादी करो हरम में औरत रख सकते हो।
    2 समस्त संसार बनाने वाले ने कहा जो समस्त संसार बनाने वाले को नहीं मानता उसकी हत्या कर दो वह काफ़िर है।
    3 समस्त संसार बनाने वाले ने कहा तीन तलाक के बाद कहा हलाला करो।
    4 समस्त संसार बनाने वाले ने कहा मांस का सेवन करो।
    5 समस्त संसार बनाने वाले ने कहा पूरी धरती पर मेरी हुकूमत मेरा शासन स्थापित करो मेरे शिवा किसी और की स्तुति नहीं होनी चाहिए
    6 समस्त संसार बनाने वाले ने कहा शरिया क़ानून का पालन करो।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा

    आखिरकार सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश सरकारों के निर्देशों पर रोक लगा दी। शीर्ष अदालत ने अंतरिम आदेश पारित करते हुए तीनों राज्यों को नोटिस जारी कर अपना-अपना जवाब दाखिल करने को कहा और मामले की अगली सुनवाई 26 जुलाई तय की। आदेश की वैधता पर सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय कहते हैं, "सरकार के आदेश संवैधानिक और कानूनी दोनों हैं। संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत मौलिक अधिकार ही नहीं, बल्कि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम भी उपभोक्ताओं को निर्माता के बारे में जानने, उत्पाद के बारे में जानने, उत्पाद की सामग्री के बारे में जानने और बिक्री के बारे में भी जानने का अधिकार देता है। इसी तरह खाद्य सुरक्षा अधिनियम भी उपभोक्ता को यह जानने का अधिकार देता है कि खाद्य उत्पाद किसने बनाया है और कौन बेच रहा है।
    उन्होंने कहा, "चार्टर्ड अकाउंटेंट, डॉक्टर, वकील, तहसीलदार, कलेक्टर, एसपी (पुलिस अधीक्षक), हर कोई अपने कार्यालय के बाहर अपना नाम प्रदर्शित करता है। दुकानदारों को अपना नाम प्रदर्शित करने में क्या समस्या है? ये सरकारी आदेश लंबे समय से लंबित थे और इन्हें कुछ समय पहले पारित किया जाना चाहिए था।"

उत्तर प्रदेश सरकार का आदेश

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 19 जुलाई को कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित होटलों, रेस्तराओं, खाने-पीने की दुकानों और ढाबों पर अपने मालिकों के नाम प्रदर्शित करने का आदेश दिया। उत्तराखंड सरकार ने भी तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए यात्रा मार्ग पर नामपट्टिकाएँ लगाने का ऐसा ही निर्देश जारी किया।
    उत्तर प्रदेश सरकार का यह आदेश मुजफ्फरनगर पुलिस द्वारा यात्रा मार्ग पर स्थित सभी भोजनालयों को अपने-अपने मालिकों के नाम प्रदर्शित करने के निर्देश जारी करने के कुछ दिनों बाद आया है, ताकि किसी भी 'भ्रम' से बचा जा सके। सरकार का आधिकारिक रुख यह था कि यह आदेश कांवड़ यात्रियों की आस्था की पवित्रता को बनाए रखने के लिए पारित किया गया था।
    इन दिशा-निर्देशों पर चल रहे विवाद के बीच, मध्य प्रदेश के उज्जैन में नगर निकाय ने भी इसी तरह का निर्देश जारी किया। उज्जैन के मेयर मुकेश टटवाल ने तर्क दिया कि भक्तों को दुकानदारों के बारे में जानने का अधिकार है जिनकी सेवाएँ वे ले रहे हैं। "अगर कोई ग्राहक असंतुष्ट है या धोखा खा रहा है, तो दुकानदार का विवरण जानने से उन्हें निवारण की माँग करने की अनुमति मिलती है।" उन्होंने यह भी कहा कि यह निर्देश सुरक्षा और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए था, न कि मुस्लिम दुकानदारों को निशाना बनाने के लिए। नोटिस का बचाव करते हुए टटवाल ने कहा, "नाम प्रदर्शित करने का आदेश लगभग एक साल पहले पारित किया गया था और यह केवल कांवड़ यात्रा तक सीमित नहीं है। लेकिन कई भोजनालय मालिक आदेश का पालन नहीं करते पाए गए और इस प्रकार, आदेश फिर से पारित किया गया।" उन्होंने कहा, "हमने उत्तर प्रदेश या उत्तराखंड सरकारों की नकल नहीं की है। स्थानीय स्तर पर समस्याएँ हैं और हम उन्हें सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं।"

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