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गुरुवार, 19 नवंबर 2020

न्यायालय में धर्मगुरू-धर्मउपदेशक से पूछे जाने वाले प्रश्न

नमस्ते दलितों हिन्दुओं मुस्लिमों ईसाईयों

श्रोता से प्राप्त दान-उपहार चंदा की धन राशी
सरकारी अध्यात्मिक खजाने में जमा करा दो भगवान परमात्मा देवी अल्लाह यहोवा का नाम लेकर धन-लोभी मुफ्त-मान-सम्मान लोभी ऐश्वर्य-लोभी असत्य-भाषी प्राणों का बलिदान करने वाले खून की नदियाँ बहाने वाले ऐसे अध्यात्मिक उपदेशक के सर चढ़ा बंदगी भक्ति का सारा भुत-प्रेत जिन्न-जिन्नात भाग जायेगा सत्यवादी सत्य-वक्ता अच्छे उपदेशक को सकून-शांति मिलेगी
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गुरुवार, 30 जुलाई 2020

आत्मा-परमात्मा का रहस्य अजन्मा का रहस्य

10-02-2020

हे भगवान नमस्ते क्या-क्या करवाते हो
भगवान के सृजन-कर्ता नमस्ते

ॐ परमात्मा नमः
         मैंने आत्मा-परमात्मा का रहस्य को ध्यान करके कहा था लोगों को आत्मा परमात्मा का भेद बताऊंगा वह मेरी अज्ञानता थी। किन्तु उस समय लोगों का विचार विज्ञानं से प्रेरित था और उनसे मैं प्रेरित हुआ। आत्मा परमात्मा को मुसीबत पड़ने पर याद करते थे समस्या दूर हो जाने के बाद तर्क करना प्रारम्भ करते। पूछते कहाँ है परमात्मा ,कहाँ है आत्मा विज्ञानं आत्मा-परमात्मा को नहीं मानता। तब मैंने परमात्मा को ध्यान रखते हुए कहा था 
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रविवार, 16 फ़रवरी 2020

ईश्वर का ब्यापार बंद करो

10-02-2020

ॐ मातृशक्ति 

ईश्वर के नामों का ब्यापार बंद करो ग्रंथों का दुरुपयोग बंद करो ( एक सुझाव )
राष्ट्र में हिन्दू मुस्लिम सिख्ख इसाई विवाद समाप्ति हेतु सुझाव
( इस कानून के लागु होने से कोई धर्म गुरु आपसे किसी भी विषय पर झूठ नहीं कह सकते झूठ कहने पर सजा होगी इस तरह देश में अध्यात्मिक अशांति समाप्त होगा )
देश में आध्यात्मिक शांति स्थापना हेतु ईश्वर के नामों का ब्यापार-धर्मग्रन्थ का दुरुपयोग बंद करने हेतु समस्त संसार की राह पर चलने वालों के लिए भारतीय कानून पूरा पढ़िये

बुधवार, 9 अक्तूबर 2019

भारत की कहानी विदेशी आर्य (ब्राम्हण छत्रिय वैश्य ) और मूलनिवासी

भारत की कहानी

विदेशी आर्य(ब्राम्हण छत्रिय वैश्य )और मूलनिवासी

      भारत के मूल निवासी अपने स्वतन्त्र अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इनका मूल लक्ष्य है भारत के मूल निवासी को अपना पूर्ण अधिकार प्राप्त हो। विदेशी आर्य (ब्राम्हण छत्रिय वैश्य )देश की प्रमुख पदों पर कब्ज़ा कर रख्खा है। विदेशी आर्यों ने यहाँ के मूल निवासी को शूद्र की श्रेणी में रख्खा और उच्च पदों पर नियुक्ति से वंचित कर रख्खा है इन्हें उच्च पदों पर नियुक्ति बड़ी मुश्किल से मिलती है। इसका मूल कारण है पहले से आर्यों की (ब्राम्हण छत्रिय वैश्य ) नियुक्ति उच्च पदों पर है।पूरा पढ़िये

रविवार, 15 सितंबर 2019

यह वेबसाइट भ्रस्टाचार पर प्रतिबन्ध लगाएगा


ॐ श्री गणेशाय नमः
             जय जवान जय किसान जय विज्ञान जय भारत
                   आओ विकास के पथ पर दो कदम आगे चलें
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गुरुवार, 12 सितंबर 2019

देश के मंत्रीयों की टीम कब तक देश को समर्पित करतें हैं

यह ट्रैन देश की जरुरत है 
देश के मंत्रीयों की टीम कब तक देश को समर्पित करतें हैं 
                     रोड ट्रैन का पहिया दोनों तरफ ही होगा एक तरफ रेल पर चलेगा दूसरा रोड पर चलेगा 

               


मुफ्त्वादी जहाँ भी रहेंगे हमेशा तनाव रहेगा आध्यात्म कानून वालों से धन मांगो दूम दबाकर भाग जायेंगे उदहारण देखें
अफ़गानिस्तान के तालिबान शासकों ने सभी महिलाओं को सार्वजनिक स्थानों पर सिर से पैर तक ढकने का आदेश दिया

यह आदेश, जिसमें महिलाओं को केवल आंखें दिखाने की बात कही गई है तथा सिर से पैर तक बुर्का पहनने की सिफारिश की गई है, समूह के सत्ता में वापस आने के बाद अधिकार कार्यकर्ताओं की सबसे बड़ी आशंकाओं की पुष्टि करता है।

द्वाराएपी 7 मई 2022, 4:27 अपराह्न

सोमवार, 25 अप्रैल, 2022 को अफ़गानिस्तान के काबुल में एक अफ़गान महिला सऊदी मानवीय सहायता समूह द्वारा वितरित खाद्य राशन प्राप्त करने की प्रतीक्षा करती है। (एपी फोटो/इब्राहिम नोरूज़ी)

काबुल, अफगानिस्तान - अफगानिस्तान के तालिबान शासकों ने शनिवार को सभी अफगान महिलाओं को सार्वजनिक स्थानों पर सिर से पैर तक कपड़े पहनने का आदेश दिया, यह एक कठोर कदम है, जिससे मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की सबसे बुरी आशंकाओं की पुष्टि हुई है और इससे पहले से ही अविश्वासी अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ तालिबान का व्यवहार और भी जटिल हो गया है।

इस आदेश में महिलाओं को केवल अपनी आंखें दिखाने तथा सिर से पैर तक बुर्का पहनने की सलाह दी गई है। इस आदेश से 1996 से 2001 के बीच तालिबान के पिछले शासन के दौरान महिलाओं पर लगाए गए समान प्रतिबंध उजागर हुए थे।

तालिबान के बुराई और सदाचार मंत्रालय के कार्यवाहक मंत्री खालिद हनफी ने कहा, "हम चाहते हैं कि हमारी बहनें सम्मान और सुरक्षा के साथ रहें।"
तालिबान ने पहले छठी कक्षा से ऊपर की लड़कियों के लिए स्कूल फिर से न खोलने का फैसला किया था, जो कि अपने पहले के वादे से मुकरने और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को और अधिक अलग-थलग करने की कीमत पर अपने कट्टरपंथी आधार को खुश करने का विकल्प था।

इस निर्णय से तालिबान द्वारा संभावित अंतर्राष्ट्रीय दाताओं से मान्यता प्राप्त करने के प्रयासों में बाधा उत्पन्न हुई है, वह भी ऐसे समय में जब देश एक बिगड़ते मानवीय संकट में फंसा हुआ है।

उप एवं पुण्य मंत्रालय के एक अधिकारी शिर मोहम्मद ने एक बयान में कहा, "सभी प्रतिष्ठित अफगान महिलाओं के लिए हिजाब पहनना आवश्यक है और सबसे अच्छा हिजाब चदोरी (सिर से पैर तक बुर्का) है, जो हमारी परंपरा का हिस्सा है और सम्मानजनक है।"
3 मई, 2022 को अफ़गानिस्तान के काबुल शहर में एक अफ़गान महिला पुराने बाज़ार से गुज़रती हुई, जबकि एक तालिबान लड़ाका पहरा दे रहा है। (एपी फ़ोटो/इब्राहिम नोरोज़ी) 

उन्होंने कहा, "जो महिलाएं अधिक उम्र की या कम उम्र की हैं, उन्हें अपनी आंखों को छोड़कर अपना चेहरा अवश्य ढंकना चाहिए।"

आदेश में यह भी कहा गया कि यदि महिलाओं को बाहर कोई महत्वपूर्ण काम न हो तो उनके लिए घर पर रहना बेहतर है।

हनाफी ने कहा, "इस्लामी सिद्धांत और इस्लामी विचारधारा हमारे लिए किसी भी चीज़ से अधिक महत्वपूर्ण हैं।"

तालिबान को 2001 में अलकायदा नेता ओसामा बिन लादेन को शरण देने के कारण अमेरिकी नेतृत्व वाले गठबंधन द्वारा हटा दिया गया था, तथा पिछले वर्ष अमेरिका के अराजक प्रस्थान के बाद वे पुनः सत्ता में आ गए।
तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने एक समारोह के दौरान अफगानिस्तान की महिलाओं पर तालिबान के सत्ता में आने के बाद से लगाए गए सबसे कठोर प्रतिबंधों की घोषणा की। तालिबान ने महिलाओं को सार्वजनिक स्थानों पर पूरी तरह से ढकने का आदेश दिया है, अधिमानतः पारंपरिक बुर्का के साथ। (अहमद साहेल अरमान / एएफपी)
 

पिछले अगस्त में सत्ता संभालने के बाद से तालिबान नेतृत्व आपस में झगड़ रहा है क्योंकि वे युद्ध से शासन की ओर संक्रमण के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

कई अफगानों को यह जानकर गुस्सा आ रहा है कि सिराजुद्दीन हक्कानी जैसे युवा पीढ़ी के कई तालिबानी अपनी लड़कियों को पाकिस्तान में शिक्षा दे रहे हैं, जबकि अफगानिस्तान में सत्ता संभालने के बाद से ही महिलाओं और लड़कियों को उनके दमनकारी फतवों का निशाना बनाया जा रहा है।
मंगलवार, 3 मई, 2022 को अफ़गानिस्तान के काबुल शहर में तालिबान लड़ाके के पहरेदारी के दौरान अफ़गान महिलाएँ पुराने बाज़ार से गुज़रती हैं। अफ़गानिस्तान के तालिबान शासकों ने शनिवार, 7 मई को सभी अफ़गान महिलाओं को सार्वजनिक रूप से सिर से पैर तक कपड़े पहनने का आदेश दिया। (एपी फोटो/इब्राहिम नोरोज़ी)

तालिबान की वापसी के बाद से देश के ज़्यादातर हिस्सों में लड़कियों को छठी कक्षा से आगे स्कूल जाने से रोक दिया गया है। इस साल की शुरुआत में देश के ज़्यादातर हिस्सों में विश्वविद्यालय खुल गए थे, लेकिन सत्ता में आने के बाद से तालिबान के आदेश अनिश्चित रहे हैं। जबकि कुछ प्रांतों ने सभी को शिक्षा प्रदान करना जारी रखा, ज़्यादातर प्रांतों ने लड़कियों और महिलाओं के लिए शैक्षणिक संस्थान बंद कर दिए।

हाशमी ने कहा कि धार्मिक रूप से प्रेरित तालिबान प्रशासन को डर है कि छठी कक्षा से आगे लड़कियों का नामांकन करने से उनका ग्रामीण आधार अलग-थलग पड़ सकता है।

राजधानी काबुल में निजी स्कूल और विश्वविद्यालय निर्बाध रूप से संचालित हो रहे हैं।

रविवार, 8 सितंबर 2019

आत्मा की खोज किसने की

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घर होम होम घर

कौन सा हमारा घर अपना है

    आप कहते हैं हम सारे जहाँ बनाने वाले की इबादत करते हैं आप किस समय के लोगों की बात में हाँ में हाँ मिलाते हैं
     जिस समय क़ुरान लोगों के बीच भेजा गया उस समय समस्त संसार के मालिक की इबादत करो कहा गया तब लोगों के दिमांग में कौन सी तस्वीर छपी थी वह तस्वीर और आज की तस्वीर दोनों में कितना अंतर है। मिलान मिलान करके देख लीजिये। आज से हजार साल पहले सूरज चाँद तारे नजर आते थे लेकिन आज वह तस्वीर बदल गयी है। विज्ञानं के माध्यम से खरबों खरब आकाशगंगा मौजूद है। आप सभी बताये आप किसकी इबादत करतें है।

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गुरुवार, 5 सितंबर 2019

आप जुर्माना लेने के बजाय आन द स्पॉट लाइसेंस और और इन्सुरेंस के पेपर बनाने की ब्यवस्था करें

सेवा में 
               माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी जी 
               भारत सरकार 
विषय - मोटर व्हीकल एक्ट कानून के तहत  प्रावधान में कमी कीजिये।
            जुर्माना लेने के बजाय आन द स्पॉट लाइसेंस और और इन्सुरेंस  के पेपर बनाने की ब्यवस्था करें
महोद्य
                       परिवहन विभाग द्वारा नागरिक की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सख्त कदम लिए हैं  यह सराहनीय है इसके लिए धन्यवाद। इस  कानून में एक कमी नजर आ रही है मध्यम तबका और गरीब तबका को ध्यान में नहीं रखा गया।आप जुर्माना लेने के बजाय आन द स्पॉट लाइसेंस और और इन्सुरेंस  के पेपर बनाने की ब्यवस्था करें नेट के माध्यम से सुचना RTO . INSURANCE विभाग को मिल जायेगा। इस कार्यवाही से सबके पास पेपर हो जायेगा सरकारी खजाना भी बढ़ता रहेगा। बी पी एल अंत्योदय कार्ड  धारक का राशन कार्ड अनुसार सुविधा उपलब्ध करवाई जाय इनके लाइसेंस चार्ज इन्सुरेंस चार्ज प्रदूषण टेस्ट चार्ज कम किये जाय। सभी पेपर बनाने हेतु समय दिया जाय उसके बाद पकड़े जाने पर सख्ती से जुर्माना चार्ज लिया जाय। चालान कटाने के बाद भी उन्हें लाइसेंस इंस्युरेन्स के पेपर नहीं मिलते इससे जनता को हताशा होती है काम ऐसा करें जनता भी खुश आप भी खुश।  
                   आपने विभिन्न योजनाओं के तहत नगद राशि देने की योजना चलाई है। जिससे सरकारी खजाना खाली होता है एक तरफ देना दूसरी तरफ एक ही झटके में लेना ब्यवस्था हो गई है। बी पी एल  अंत्योदय राशन कार्डधारी जागरूगता में कमी कारण वाहन सम्बन्धी कागजात नहीं बनवा पाते। इनका ध्यान रखते हुए प्रोत्साहित करने हेतु इनके लाइसेंस चार्ज, इन्सुरेंस चार्ज, प्रदूषण टेस्ट चार्ज कम किये जाय।
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महोदय आमदनी सौ रू वसूली २०० यह कितना सही होगा
हमारे प्रसाशनिक अधिकारी भी कितने मौका परस्त हैं।  पेपर सही है तो वाहनों में कमी निकाल कर जबरन वसूली होती है यह भय नागरिक में हमेशा बना रहता है। 
100000000000 Gram   सामान लिया 200000000000 ग्राम वजन का      अमीर       चार्ज एक समान 
10000000000   Gram   सामान लिया 20000000000 ग्राम वजन का
1000000000    Gram    सामान लिया 200000000 ग्राम वजन का
100000000      Gram    सामान लिया 20000000 ग्राम वजन का
1000000          Gram    सामान लिया 2000000 ग्राम वजन का
100000            Gram    सामान लिया 200000 ग्राम वजन का                 मध्यमवर्ग  चार्ज एक समान 
10000              Gram    सामान लिया 20000 ग्राम वजन का
1000                Gram    सामान लिया 2000 ग्राम वजन का
500                  Gram   सामान लिया 200 ग्राम वजन का
100                  Gram    सामान लिया 200 ग्राम वजन का
10                    Gram    सामान लिया 100 ग्राम वजन का                        गरीब         चार्ज एक समान 
10 ग्राम से 100 का सामान लेना  क्या यह पैमाना सही है। 
राशन कार्ड अनुसार सुविधा उपलब्ध करवाई जाय इनके लाइसेंस चार्ज इन्सुरेंस चार्ज कम किये जाय। 
फिर पकड़े जाने पर सख्ती से जुर्माना चार्ज लिया जाय।
सरकारी खजाना का भरना जरुरी है। लेकिन बी पी एल अंत्योदय कार्ड  धारक का ध्यान रखना भी जरुरी है।
                                                                                           प्रार्थी
                                                                                राम सजीवन भारतिया Visit RAMDEEN