यह ब्लाग रफकार्य टाइमपास हेतु परिकल्पना पर आधारित लेख लिखा है आप अपनी जिम्मेदारी पर पढ़ेंगे। आपकी भावना आहत हो सकती है। भारत श्रेष्ठ आध्यात्मिक राष्ट्र होगा तीन और पच्चीस लागू कानून करें देखना मुफ्तवादी ब्राम्हण मौलाना फादर देश छोड़कर भाग जायेंगे।
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सोमवार, 16 नवंबर 2020
गुरुवार, 15 अक्तूबर 2020
गुरुवार, 30 जुलाई 2020
आत्मा-परमात्मा का रहस्य अजन्मा का रहस्य
10-02-2020 |
हे भगवान नमस्ते क्या-क्या करवाते हो
भगवान के सृजन-कर्ता नमस्ते
ॐ परमात्मा नमः
मैंने आत्मा-परमात्मा का रहस्य को ध्यान करके कहा था लोगों को आत्मा परमात्मा का भेद बताऊंगा वह मेरी अज्ञानता थी। किन्तु उस समय लोगों का विचार विज्ञानं से प्रेरित था और उनसे मैं प्रेरित हुआ। आत्मा परमात्मा को मुसीबत पड़ने पर याद करते थे समस्या दूर हो जाने के बाद तर्क करना प्रारम्भ करते। पूछते कहाँ है परमात्मा ,कहाँ है आत्मा विज्ञानं आत्मा-परमात्मा को नहीं मानता। तब मैंने परमात्मा को ध्यान रखते हुए कहा था
पूरा पढ़ियेरविवार, 16 फ़रवरी 2020
ईश्वर का ब्यापार बंद करो
10-02-2020
ॐ मातृशक्ति
ईश्वर के नामों का ब्यापार बंद करो ग्रंथों का दुरुपयोग बंद करो ( एक सुझाव )
राष्ट्र में हिन्दू मुस्लिम सिख्ख इसाई विवाद समाप्ति हेतु सुझाव
( इस कानून के लागु होने से कोई धर्म गुरु आपसे किसी भी विषय पर झूठ नहीं कह सकते झूठ कहने पर सजा होगी इस तरह देश में अध्यात्मिक अशांति समाप्त होगा )
देश में आध्यात्मिक शांति स्थापना हेतु ईश्वर के नामों का ब्यापार-धर्मग्रन्थ का दुरुपयोग बंद करने हेतु समस्त संसार की राह पर चलने वालों के लिए भारतीय कानून पूरा पढ़िये
राष्ट्र में हिन्दू मुस्लिम सिख्ख इसाई विवाद समाप्ति हेतु सुझाव
( इस कानून के लागु होने से कोई धर्म गुरु आपसे किसी भी विषय पर झूठ नहीं कह सकते झूठ कहने पर सजा होगी इस तरह देश में अध्यात्मिक अशांति समाप्त होगा )
देश में आध्यात्मिक शांति स्थापना हेतु ईश्वर के नामों का ब्यापार-धर्मग्रन्थ का दुरुपयोग बंद करने हेतु समस्त संसार की राह पर चलने वालों के लिए भारतीय कानून पूरा पढ़िये
बुधवार, 9 अक्तूबर 2019
भारत की कहानी विदेशी आर्य (ब्राम्हण छत्रिय वैश्य ) और मूलनिवासी
भारत की कहानी
विदेशी आर्य(ब्राम्हण छत्रिय वैश्य )और मूलनिवासी
भारत के मूल निवासी अपने स्वतन्त्र अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इनका मूल लक्ष्य है भारत के मूल निवासी को अपना पूर्ण अधिकार प्राप्त हो। विदेशी आर्य (ब्राम्हण छत्रिय वैश्य )देश की प्रमुख पदों पर कब्ज़ा कर रख्खा है। विदेशी आर्यों ने यहाँ के मूल निवासी को शूद्र की श्रेणी में रख्खा और उच्च पदों पर नियुक्ति से वंचित कर रख्खा है इन्हें उच्च पदों पर नियुक्ति बड़ी मुश्किल से मिलती है। इसका मूल कारण है पहले से आर्यों की (ब्राम्हण छत्रिय वैश्य ) नियुक्ति उच्च पदों पर है।पूरा पढ़िये
रविवार, 15 सितंबर 2019
यह वेबसाइट भ्रस्टाचार पर प्रतिबन्ध लगाएगा
ॐ श्री गणेशाय नमः
जय जवान जय किसान जय विज्ञान जय भारत
आओ विकास के पथ पर दो कदम आगे चलें
पूरा पढ़ियेगुरुवार, 12 सितंबर 2019
देश के मंत्रीयों की टीम कब तक देश को समर्पित करतें हैं
यह ट्रैन देश की जरुरत है
देश के मंत्रीयों की टीम कब तक देश को समर्पित करतें हैं
रोड ट्रैन का पहिया दोनों तरफ ही होगा एक तरफ रेल पर चलेगा दूसरा रोड पर चलेगा
मुफ्त्वादी जहाँ भी रहेंगे हमेशा तनाव रहेगा आध्यात्म कानून वालों से धन मांगो दूम दबाकर भाग जायेंगे उदहारण देखें
अफ़गानिस्तान के तालिबान शासकों ने सभी महिलाओं को सार्वजनिक स्थानों पर सिर से पैर तक ढकने का आदेश दिया
द्वाराएपी 7 मई 2022, 4:27 अपराह्न
अफ़गानिस्तान के तालिबान शासकों ने सभी महिलाओं को सार्वजनिक स्थानों पर सिर से पैर तक ढकने का आदेश दिया
यह आदेश, जिसमें महिलाओं को केवल आंखें दिखाने की बात कही गई है तथा सिर से पैर तक बुर्का पहनने की सिफारिश की गई है, समूह के सत्ता में वापस आने के बाद अधिकार कार्यकर्ताओं की सबसे बड़ी आशंकाओं की पुष्टि करता है।
द्वाराएपी 7 मई 2022, 4:27 अपराह्न
सोमवार, 25 अप्रैल, 2022 को अफ़गानिस्तान के काबुल में एक अफ़गान महिला सऊदी मानवीय सहायता समूह द्वारा वितरित खाद्य राशन प्राप्त करने की प्रतीक्षा करती है। (एपी फोटो/इब्राहिम नोरूज़ी) |
काबुल, अफगानिस्तान - अफगानिस्तान के तालिबान शासकों ने शनिवार को सभी अफगान महिलाओं को सार्वजनिक स्थानों पर सिर से पैर तक कपड़े पहनने का आदेश दिया, यह एक कठोर कदम है, जिससे मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की सबसे बुरी आशंकाओं की पुष्टि हुई है और इससे पहले से ही अविश्वासी अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ तालिबान का व्यवहार और भी जटिल हो गया है।
इस आदेश में महिलाओं को केवल अपनी आंखें दिखाने तथा सिर से पैर तक बुर्का पहनने की सलाह दी गई है। इस आदेश से 1996 से 2001 के बीच तालिबान के पिछले शासन के दौरान महिलाओं पर लगाए गए समान प्रतिबंध उजागर हुए थे।
तालिबान के बुराई और सदाचार मंत्रालय के कार्यवाहक मंत्री खालिद हनफी ने कहा, "हम चाहते हैं कि हमारी बहनें सम्मान और सुरक्षा के साथ रहें।"
तालिबान ने पहले छठी कक्षा से ऊपर की लड़कियों के लिए स्कूल फिर से न खोलने का फैसला किया था, जो कि अपने पहले के वादे से मुकरने और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को और अधिक अलग-थलग करने की कीमत पर अपने कट्टरपंथी आधार को खुश करने का विकल्प था।
इस निर्णय से तालिबान द्वारा संभावित अंतर्राष्ट्रीय दाताओं से मान्यता प्राप्त करने के प्रयासों में बाधा उत्पन्न हुई है, वह भी ऐसे समय में जब देश एक बिगड़ते मानवीय संकट में फंसा हुआ है।
उप एवं पुण्य मंत्रालय के एक अधिकारी शिर मोहम्मद ने एक बयान में कहा, "सभी प्रतिष्ठित अफगान महिलाओं के लिए हिजाब पहनना आवश्यक है और सबसे अच्छा हिजाब चदोरी (सिर से पैर तक बुर्का) है, जो हमारी परंपरा का हिस्सा है और सम्मानजनक है।"
इस आदेश में महिलाओं को केवल अपनी आंखें दिखाने तथा सिर से पैर तक बुर्का पहनने की सलाह दी गई है। इस आदेश से 1996 से 2001 के बीच तालिबान के पिछले शासन के दौरान महिलाओं पर लगाए गए समान प्रतिबंध उजागर हुए थे।
तालिबान के बुराई और सदाचार मंत्रालय के कार्यवाहक मंत्री खालिद हनफी ने कहा, "हम चाहते हैं कि हमारी बहनें सम्मान और सुरक्षा के साथ रहें।"
तालिबान ने पहले छठी कक्षा से ऊपर की लड़कियों के लिए स्कूल फिर से न खोलने का फैसला किया था, जो कि अपने पहले के वादे से मुकरने और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को और अधिक अलग-थलग करने की कीमत पर अपने कट्टरपंथी आधार को खुश करने का विकल्प था।
इस निर्णय से तालिबान द्वारा संभावित अंतर्राष्ट्रीय दाताओं से मान्यता प्राप्त करने के प्रयासों में बाधा उत्पन्न हुई है, वह भी ऐसे समय में जब देश एक बिगड़ते मानवीय संकट में फंसा हुआ है।
उप एवं पुण्य मंत्रालय के एक अधिकारी शिर मोहम्मद ने एक बयान में कहा, "सभी प्रतिष्ठित अफगान महिलाओं के लिए हिजाब पहनना आवश्यक है और सबसे अच्छा हिजाब चदोरी (सिर से पैर तक बुर्का) है, जो हमारी परंपरा का हिस्सा है और सम्मानजनक है।"
3 मई, 2022 को अफ़गानिस्तान के काबुल शहर में एक अफ़गान महिला पुराने बाज़ार से गुज़रती हुई, जबकि एक तालिबान लड़ाका पहरा दे रहा है। (एपी फ़ोटो/इब्राहिम नोरोज़ी) |
उन्होंने कहा, "जो महिलाएं अधिक उम्र की या कम उम्र की हैं, उन्हें अपनी आंखों को छोड़कर अपना चेहरा अवश्य ढंकना चाहिए।"
आदेश में यह भी कहा गया कि यदि महिलाओं को बाहर कोई महत्वपूर्ण काम न हो तो उनके लिए घर पर रहना बेहतर है।
हनाफी ने कहा, "इस्लामी सिद्धांत और इस्लामी विचारधारा हमारे लिए किसी भी चीज़ से अधिक महत्वपूर्ण हैं।"
तालिबान को 2001 में अलकायदा नेता ओसामा बिन लादेन को शरण देने के कारण अमेरिकी नेतृत्व वाले गठबंधन द्वारा हटा दिया गया था, तथा पिछले वर्ष अमेरिका के अराजक प्रस्थान के बाद वे पुनः सत्ता में आ गए।
आदेश में यह भी कहा गया कि यदि महिलाओं को बाहर कोई महत्वपूर्ण काम न हो तो उनके लिए घर पर रहना बेहतर है।
हनाफी ने कहा, "इस्लामी सिद्धांत और इस्लामी विचारधारा हमारे लिए किसी भी चीज़ से अधिक महत्वपूर्ण हैं।"
तालिबान को 2001 में अलकायदा नेता ओसामा बिन लादेन को शरण देने के कारण अमेरिकी नेतृत्व वाले गठबंधन द्वारा हटा दिया गया था, तथा पिछले वर्ष अमेरिका के अराजक प्रस्थान के बाद वे पुनः सत्ता में आ गए।
पिछले अगस्त में सत्ता संभालने के बाद से तालिबान नेतृत्व आपस में झगड़ रहा है क्योंकि वे युद्ध से शासन की ओर संक्रमण के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
कई अफगानों को यह जानकर गुस्सा आ रहा है कि सिराजुद्दीन हक्कानी जैसे युवा पीढ़ी के कई तालिबानी अपनी लड़कियों को पाकिस्तान में शिक्षा दे रहे हैं, जबकि अफगानिस्तान में सत्ता संभालने के बाद से ही महिलाओं और लड़कियों को उनके दमनकारी फतवों का निशाना बनाया जा रहा है।
कई अफगानों को यह जानकर गुस्सा आ रहा है कि सिराजुद्दीन हक्कानी जैसे युवा पीढ़ी के कई तालिबानी अपनी लड़कियों को पाकिस्तान में शिक्षा दे रहे हैं, जबकि अफगानिस्तान में सत्ता संभालने के बाद से ही महिलाओं और लड़कियों को उनके दमनकारी फतवों का निशाना बनाया जा रहा है।
तालिबान की वापसी के बाद से देश के ज़्यादातर हिस्सों में लड़कियों को छठी कक्षा से आगे स्कूल जाने से रोक दिया गया है। इस साल की शुरुआत में देश के ज़्यादातर हिस्सों में विश्वविद्यालय खुल गए थे, लेकिन सत्ता में आने के बाद से तालिबान के आदेश अनिश्चित रहे हैं। जबकि कुछ प्रांतों ने सभी को शिक्षा प्रदान करना जारी रखा, ज़्यादातर प्रांतों ने लड़कियों और महिलाओं के लिए शैक्षणिक संस्थान बंद कर दिए।
हाशमी ने कहा कि धार्मिक रूप से प्रेरित तालिबान प्रशासन को डर है कि छठी कक्षा से आगे लड़कियों का नामांकन करने से उनका ग्रामीण आधार अलग-थलग पड़ सकता है।
राजधानी काबुल में निजी स्कूल और विश्वविद्यालय निर्बाध रूप से संचालित हो रहे हैं।
हाशमी ने कहा कि धार्मिक रूप से प्रेरित तालिबान प्रशासन को डर है कि छठी कक्षा से आगे लड़कियों का नामांकन करने से उनका ग्रामीण आधार अलग-थलग पड़ सकता है।
राजधानी काबुल में निजी स्कूल और विश्वविद्यालय निर्बाध रूप से संचालित हो रहे हैं।
रविवार, 8 सितंबर 2019
आत्मा की खोज किसने की
esjk Hkkjr egku
oUnsekrje
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oUnsekrje
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घर होम होम घर
कौन सा हमारा घर अपना है
आप कहते हैं हम सारे जहाँ बनाने वाले की इबादत करते हैं आप किस समय के लोगों की बात में हाँ में हाँ मिलाते हैं
जिस समय क़ुरान लोगों के बीच भेजा गया उस समय समस्त संसार के मालिक की इबादत करो कहा गया तब लोगों के दिमांग में कौन सी तस्वीर छपी थी वह तस्वीर और आज की तस्वीर दोनों में कितना अंतर है। मिलान मिलान करके देख लीजिये। आज से हजार साल पहले सूरज चाँद तारे नजर आते थे लेकिन आज वह तस्वीर बदल गयी है। विज्ञानं के माध्यम से खरबों खरब आकाशगंगा मौजूद है। आप सभी बताये आप किसकी इबादत करतें है।
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गुरुवार, 5 सितंबर 2019
आप जुर्माना लेने के बजाय आन द स्पॉट लाइसेंस और और इन्सुरेंस के पेपर बनाने की ब्यवस्था करें
माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी जी
विषय - मोटर व्हीकल एक्ट कानून के तहत प्रावधान में कमी कीजिये।
जुर्माना लेने के बजाय आन द स्पॉट लाइसेंस और और इन्सुरेंस के पेपर बनाने की ब्यवस्था करें
जुर्माना लेने के बजाय आन द स्पॉट लाइसेंस और और इन्सुरेंस के पेपर बनाने की ब्यवस्था करें
महोद्य
परिवहन विभाग द्वारा नागरिक की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सख्त कदम लिए हैं यह सराहनीय है इसके लिए धन्यवाद। इस कानून में एक कमी नजर आ रही है मध्यम तबका और गरीब तबका को ध्यान में नहीं रखा गया।आप जुर्माना लेने के बजाय आन द स्पॉट लाइसेंस और और इन्सुरेंस के पेपर बनाने की ब्यवस्था करें नेट के माध्यम से सुचना RTO . INSURANCE विभाग को मिल जायेगा। इस कार्यवाही से सबके पास पेपर हो जायेगा सरकारी खजाना भी बढ़ता रहेगा। बी पी एल अंत्योदय कार्ड धारक का राशन कार्ड अनुसार सुविधा उपलब्ध करवाई जाय इनके लाइसेंस चार्ज इन्सुरेंस चार्ज प्रदूषण टेस्ट चार्ज कम किये जाय। सभी पेपर बनाने हेतु समय दिया जाय उसके बाद पकड़े जाने पर सख्ती से जुर्माना चार्ज लिया जाय। चालान कटाने के बाद भी उन्हें लाइसेंस इंस्युरेन्स के पेपर नहीं मिलते इससे जनता को हताशा होती है काम ऐसा करें जनता भी खुश आप भी खुश।
आपने विभिन्न योजनाओं के तहत नगद राशि देने की योजना चलाई है। जिससे सरकारी खजाना खाली होता है एक तरफ देना दूसरी तरफ एक ही झटके में लेना ब्यवस्था हो गई है। बी पी एल अंत्योदय राशन कार्डधारी जागरूगता में कमी कारण वाहन सम्बन्धी कागजात नहीं बनवा पाते। इनका ध्यान रखते हुए प्रोत्साहित करने हेतु इनके लाइसेंस चार्ज, इन्सुरेंस चार्ज, प्रदूषण टेस्ट चार्ज कम किये जाय।
महोदय आमदनी सौ रू वसूली २०० यह कितना सही होगा
हमारे प्रसाशनिक अधिकारी भी कितने मौका परस्त हैं। पेपर सही है तो वाहनों में कमी निकाल कर जबरन वसूली होती है यह भय नागरिक में हमेशा बना रहता है।
100000000000 Gram सामान लिया 200000000000 ग्राम वजन का अमीर चार्ज एक समान
10000000000 Gram सामान लिया 20000000000 ग्राम वजन का
1000000000 Gram सामान लिया 200000000 ग्राम वजन का
100000000 Gram सामान लिया 20000000 ग्राम वजन का
1000000 Gram सामान लिया 2000000 ग्राम वजन का
100000 Gram सामान लिया 200000 ग्राम वजन का मध्यमवर्ग चार्ज एक समान
10000 Gram सामान लिया 20000 ग्राम वजन का
1000 Gram सामान लिया 2000 ग्राम वजन का
500 Gram सामान लिया 200 ग्राम वजन का
100 Gram सामान लिया 200 ग्राम वजन का
10 Gram सामान लिया 100 ग्राम वजन का गरीब चार्ज एक समान
10 ग्राम से 100 का सामान लेना क्या यह पैमाना सही है।
10 ग्राम से 100 का सामान लेना क्या यह पैमाना सही है।
राशन कार्ड अनुसार सुविधा उपलब्ध करवाई जाय इनके लाइसेंस चार्ज इन्सुरेंस चार्ज कम किये जाय।
फिर पकड़े जाने पर सख्ती से जुर्माना चार्ज लिया जाय।
सरकारी खजाना का भरना जरुरी है। लेकिन बी पी एल अंत्योदय कार्ड धारक का ध्यान रखना भी जरुरी है।
प्रार्थी
राम सजीवन भारतिया Visit RAMDEEN
प्रार्थी
राम सजीवन भारतिया Visit RAMDEEN
मंगलवार, 3 सितंबर 2019
मिस्टर बाजवा मेरा सन्देश आप तक पहुँचा
पाकिस्तान अपना देश बचा लो
माननीय इमरान खाँन साहब
चिंता छोड़िये काम कीजिये
style="height: 0px;"
आप अपने राष्ट्र से तख्ता पलट मिलिट्री शासन के अवसर को समाप्त करने का प्रयास करें
एक लोकतान्त्रिक ब्यवस्था के अंतर्गत निश्चिंत होकर राष्ट्र का विकास करें आपका राष्ट्र तख्ता पलट की कई घटनाएं देख चुका है इनके बुरे परिणाम से आप भलीभांति परिचित हो चुकें हैं आप से गुजारिश करता हूँ तख्ता पलट मिलिट्री शासन के अवसर को समाप्त करें लोकतान्त्रिक ब्यवस्था को स्थापित करें
यह मुश्किल जरूर है लेकिन नामुमकिन नहीं है
आपको एक तरीका बताता हूँ यह तरीका कारगर साबित होगा
आप लोकसभा में एक कानून पास करा लें जिसके अनुसार राज्य में अथवा राष्ट्र में आपात स्थिति होने पर देश में नियुक्त राष्ट्रपति ही विधानसभा या लोकसभा भंग करके राष्ट्रपति शासन लगा सकतें हैं अथवा लोकसभा विधानसभा के कहने पर राष्ट्रपति शासन लागू होगा यह शासन भी देश में नियुक्त राष्ट्रपति के अधीन होगा
राष्ट्र में कभी भी आर्मी या आर्मी का अफसर मिलिट्री ताकत का उपयोग करके सत्ता पर काबिज नहीं हो सकता यह अपराध माना जायेगा जिसकी सजा मिलेगी।मुझे यकीन है यह कानून आपके राष्ट्र में जरूर होगा लेकिन आपके राष्ट्र में परिणाम नजर नहीं आया इसलिए ये बातें कहीं मेरा यह सोचना क्या सही है।
वर्तमान कानून संसोधन कीजिये अगर आर्मी याआर्मी का अफसर मिलिट्री ताकत का उपयोग करके सत्ता पर काबिज होता है तब राष्ट्र की लोकसभा कानून के अनुसार पुलिस को पुलिस अफसरान को पूरा अधिकार होगा वह आर्मी को आर्मी अफसर को गिरफ्तार करके जेल में डाल दें आर्मी द्वारा बल या गोली का उपयोग किये जाने पर पुलिस को अधिकार होगा वह भी हालत अनुसार कार्यवाही करें इसके बाद न्यायपालिका की सहायता से या उच्चस्तरीय बैठक करनिर्णय लिया जाये कौन सा शासन लागु होगा राष्ट्रपति शासन या लोकतान्त्रिक शासन। माननीय इमरान खाँन साहब
इस कानून के बन जाने पर आपके राष्ट्र में तख्ता पलट की कार्यवाही रुक जाएगी मुझे पूरा विश्वास है यह कानून आपके लोकसभा में बहुत जल्दी पास जायेगा आवाम का साथ मिलेगा पाकिस्तान की अवाम बहुत परेशान है खाँन साहब विकास के रास्ते का बाधा हटाने का काम करें जैसाकि इंडिया में हुआ देश में सबके पास बैंक खाता है अब सरकार आवाम के पैसे सीधे उनके बैंकखाता में भेज देता है खाँन साहब सड़कें बिजली गांव गांव तक पहुचायें रेललाइनें बिछाएं।
खाँन साहब खुदा जब चाहे दुनियावी जिंदगी तबाह कर दें यह दुनियां इंसानों का इंतहान है जो पास कर गया वो पास हो गया आप पूरी तरह से जबर दस्ती नहीं कर सकते। आप इंसानों से जबरदस्ती कर सकते हैं लेकिन उसके भीतर के गुणों को बदल नहीं सकते आप दुनियां का इतिहास देख लें, मुझे अधिक कहने की जरुरत नहीं होगी। इतिहास की बातें हमें याद रखना होगा , उनसे सबक लेना होगा।
आप सबका शुभ चिंतक
शुक्रिया
सूरज के झुक जानें पर वो चाँद नहीं बन जायेगा
जमीं पर आग लगा देने पर वो सूरज नहीं बन जायेगा
एक लोकतान्त्रिक ब्यवस्था के अंतर्गत निश्चिंत होकर राष्ट्र का विकास करें आपका राष्ट्र तख्ता पलट की कई घटनाएं देख चुका है इनके बुरे परिणाम से आप भलीभांति परिचित हो चुकें हैं आप से गुजारिश करता हूँ तख्ता पलट मिलिट्री शासन के अवसर को समाप्त करें लोकतान्त्रिक ब्यवस्था को स्थापित करें
यह मुश्किल जरूर है लेकिन नामुमकिन नहीं है
आपको एक तरीका बताता हूँ यह तरीका कारगर साबित होगा
आप लोकसभा में एक कानून पास करा लें जिसके अनुसार राज्य में अथवा राष्ट्र में आपात स्थिति होने पर देश में नियुक्त राष्ट्रपति ही विधानसभा या लोकसभा भंग करके राष्ट्रपति शासन लगा सकतें हैं अथवा लोकसभा विधानसभा के कहने पर राष्ट्रपति शासन लागू होगा यह शासन भी देश में नियुक्त राष्ट्रपति के अधीन होगा
राष्ट्र में कभी भी आर्मी या आर्मी का अफसर मिलिट्री ताकत का उपयोग करके सत्ता पर काबिज नहीं हो सकता यह अपराध माना जायेगा जिसकी सजा मिलेगी।मुझे यकीन है यह कानून आपके राष्ट्र में जरूर होगा लेकिन आपके राष्ट्र में परिणाम नजर नहीं आया इसलिए ये बातें कहीं मेरा यह सोचना क्या सही है।
वर्तमान कानून संसोधन कीजिये अगर आर्मी याआर्मी का अफसर मिलिट्री ताकत का उपयोग करके सत्ता पर काबिज होता है तब राष्ट्र की लोकसभा कानून के अनुसार पुलिस को पुलिस अफसरान को पूरा अधिकार होगा वह आर्मी को आर्मी अफसर को गिरफ्तार करके जेल में डाल दें आर्मी द्वारा बल या गोली का उपयोग किये जाने पर पुलिस को अधिकार होगा वह भी हालत अनुसार कार्यवाही करें इसके बाद न्यायपालिका की सहायता से या उच्चस्तरीय बैठक करनिर्णय लिया जाये कौन सा शासन लागु होगा राष्ट्रपति शासन या लोकतान्त्रिक शासन। माननीय इमरान खाँन साहब
इस कानून के बन जाने पर आपके राष्ट्र में तख्ता पलट की कार्यवाही रुक जाएगी मुझे पूरा विश्वास है यह कानून आपके लोकसभा में बहुत जल्दी पास जायेगा आवाम का साथ मिलेगा पाकिस्तान की अवाम बहुत परेशान है खाँन साहब विकास के रास्ते का बाधा हटाने का काम करें जैसाकि इंडिया में हुआ देश में सबके पास बैंक खाता है अब सरकार आवाम के पैसे सीधे उनके बैंकखाता में भेज देता है खाँन साहब सड़कें बिजली गांव गांव तक पहुचायें रेललाइनें बिछाएं।
खाँन साहब खुदा जब चाहे दुनियावी जिंदगी तबाह कर दें यह दुनियां इंसानों का इंतहान है जो पास कर गया वो पास हो गया आप पूरी तरह से जबर दस्ती नहीं कर सकते। आप इंसानों से जबरदस्ती कर सकते हैं लेकिन उसके भीतर के गुणों को बदल नहीं सकते आप दुनियां का इतिहास देख लें, मुझे अधिक कहने की जरुरत नहीं होगी। इतिहास की बातें हमें याद रखना होगा , उनसे सबक लेना होगा।
आप सबका शुभ चिंतक
शुक्रिया
सूरज के झुक जानें पर वो चाँद नहीं बन जायेगा
जमीं पर आग लगा देने पर वो सूरज नहीं बन जायेगा
दूसरा कानून मजहब के गलत इस्तेमाल को रोकना
इमरान खाँन साहब जिहाद का गलत इस्तेमाल करने वालों से निजात पाने का आसान तरीका अपना लीजिये फिर देखिये कुरआन का हवाला देकर सरकार और मिलिट्री को मजबूर करने वाले मैदान छोड़कर कैसे भाग जायेंगे आपको यकीन नहीं होगा जनाब जान देने की बात कहना और जान देना दो अलग बातें हैं लेकिन ईमान देना दूसरी बात है आप जानते हैं इस्लाम को बहुत से लोगों नें मजाक बना दिया है इससे आपका मुल्क बहुत परेशान हो रहा है आपको इससे निजात पाना होगा
पाकिस्तान में ये कानून लागू कर दीजिये जो इंसान या मौलाना ऐलानिया मजहबी कानून की बात कहता है और जितने कानून की सख्ती से अमल में लाने की बात कहता है उन्ही कानून को वह इंसान सबसे पहले अमल में लाएगा उसका परिवार अमल में लाएगा कम से कम १० साल तक उसके बाद ऐलानिया बहुत ऊँची आवाज में मजहबी कानून की बात कहेगा इससे पहले ऊँची आवाज में ऐलानिया मजहबी कानून की बात नहीं कहेगा ,साल के बाद भी मजहबी कानून को अमल में लाना होगा।
यही पाकिस्तानी सरकार काकानून होगा इस कानून के मुताबिक इनकी जाँच की जाएगी आप देखेंगे मजहब का मजाक बनाने वाले लोग जिहाद के नाम पर सरकार के पैसे पर ऐश करने वाले लोग दिखाई नहीं देंगे जो ईमान परस्त इंसान होगा मौलाना होगा वही जिहाद और इस्लाम की बात कहता नजर आएगा और आपके मुल्क में अमन चैन होगा।
इमरान खाँन साहब जिहादियों को मनाही होगी अवाम से जबरदस्ती चन्दा वसूल नहीं करेंगे अवाम तय करेगी किसे चंदा देना है किसे नहीं अवाम समझेगी कौन चंदा के पैसे से ऐश करने वाले लोग हैं कौन ईमानदारी से इस्लाम की राह पर चलने वाले लोग हैं
जनाब जब आपको अल्लाह ने जिहाद के लिए मालियत नहीं दी तो सरकार और अवाम मालियत क्यों दे
आप अवाम से रकम वसूल कीजिये लेकिन जबरन रकम वसूल मत कीजिये यही तो इम्तहान आपकी आजमाईश है आपको जिहाद के लिए कितनी रकम मिलनी चाहिए। आप मजहब को समझते हैं
आप सबका शुभ चिंतक
एक काफिर
एक काफिर मुसलमानों को समझाए सही राह दिखाए यह मुसलमानों की बेइज्जती अल्लाह की बेइज्जती है आप मुस्लमान ऐसा काम मत कीजिये की एक काफिर आपको सही राह दिखाए जैसाकि मैंने राह दिखाई आप लोगों के द्वारा दुनिया को सही राह दिखाना चाहिए
शुक्रिया
इमरान खाँन साहब जिहाद का गलत इस्तेमाल करने वालों से निजात पाने का आसान तरीका अपना लीजिये फिर देखिये कुरआन का हवाला देकर सरकार और मिलिट्री को मजबूर करने वाले मैदान छोड़कर कैसे भाग जायेंगे आपको यकीन नहीं होगा जनाब जान देने की बात कहना और जान देना दो अलग बातें हैं लेकिन ईमान देना दूसरी बात है आप जानते हैं इस्लाम को बहुत से लोगों नें मजाक बना दिया है इससे आपका मुल्क बहुत परेशान हो रहा है आपको इससे निजात पाना होगा
पाकिस्तान में ये कानून लागू कर दीजिये जो इंसान या मौलाना ऐलानिया मजहबी कानून की बात कहता है और जितने कानून की सख्ती से अमल में लाने की बात कहता है उन्ही कानून को वह इंसान सबसे पहले अमल में लाएगा उसका परिवार अमल में लाएगा कम से कम १० साल तक उसके बाद ऐलानिया बहुत ऊँची आवाज में मजहबी कानून की बात कहेगा इससे पहले ऊँची आवाज में ऐलानिया मजहबी कानून की बात नहीं कहेगा ,साल के बाद भी मजहबी कानून को अमल में लाना होगा।
यही पाकिस्तानी सरकार काकानून होगा इस कानून के मुताबिक इनकी जाँच की जाएगी आप देखेंगे मजहब का मजाक बनाने वाले लोग जिहाद के नाम पर सरकार के पैसे पर ऐश करने वाले लोग दिखाई नहीं देंगे जो ईमान परस्त इंसान होगा मौलाना होगा वही जिहाद और इस्लाम की बात कहता नजर आएगा और आपके मुल्क में अमन चैन होगा।
इमरान खाँन साहब जिहादियों को मनाही होगी अवाम से जबरदस्ती चन्दा वसूल नहीं करेंगे अवाम तय करेगी किसे चंदा देना है किसे नहीं अवाम समझेगी कौन चंदा के पैसे से ऐश करने वाले लोग हैं कौन ईमानदारी से इस्लाम की राह पर चलने वाले लोग हैं
जनाब जब आपको अल्लाह ने जिहाद के लिए मालियत नहीं दी तो सरकार और अवाम मालियत क्यों दे
आप अवाम से रकम वसूल कीजिये लेकिन जबरन रकम वसूल मत कीजिये यही तो इम्तहान आपकी आजमाईश है आपको जिहाद के लिए कितनी रकम मिलनी चाहिए। आप मजहब को समझते हैं
आप सबका शुभ चिंतक
एक काफिर
एक काफिर मुसलमानों को समझाए सही राह दिखाए यह मुसलमानों की बेइज्जती अल्लाह की बेइज्जती है आप मुस्लमान ऐसा काम मत कीजिये की एक काफिर आपको सही राह दिखाए जैसाकि मैंने राह दिखाई आप लोगों के द्वारा दुनिया को सही राह दिखाना चाहिए
शुक्रिया
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