जय माँ
मै जन्मभूमि को प्रणाम करता हूँ।मेरी बात
औवेसी जैसे लोगों का घमंड तोडना है। पाकिस्तान का घमंड तोडना है।
मैं आजाद भारत में जन्म लिया। मैंने सब इंसान को एक इंसान माना था ,सबका मालिक एक जाना था , किन्तु समय ने भेद खोल कर रख दिया। जैसे जैसे बड़ा हुआ हिन्दु मुस्लिम ईसाई सिक्ख का भेद स्पष्ट हुआ। मैं जानता हूँ इस तरह की कही जाने वाली बातें बहुत पुरानी हो गयी हैं। पर इनका महत्व कभी कम नही हो सकता। हम जानते है सभी अपने धर्म की प्रसंशा करते हैं यह अच्छी बात है।पूरा पढ़िये