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मंगलवार, 20 फ़रवरी 2018

औवेसी जैसे लोगों का घमंड तोडना है।

जय माँ 

मै जन्मभूमि को प्रणाम करता हूँ।
मेरी बात

औवेसी जैसे लोगों  का घमंड तोडना है। पाकिस्तान का घमंड तोडना है। 

                     मैं आजाद भारत में जन्म लिया। मैंने  सब इंसान को एक  इंसान माना था ,सबका मालिक एक जाना था , किन्तु समय ने भेद खोल कर रख  दिया। जैसे जैसे बड़ा हुआ हिन्दु मुस्लिम ईसाई सिक्ख का भेद स्पष्ट हुआ। मैं जानता हूँ  इस तरह की कही जाने वाली  बातें बहुत पुरानी हो गयी हैं। पर इनका महत्व कभी कम नही हो सकता। हम जानते है सभी अपने धर्म की प्रसंशा  करते हैं यह अच्छी बात है।
पूरा पढ़िये                       यहां बुराई तब आती है जब कोई मालिक का नाम लेकर आम जनता को परेशान करने लगता है।स्वयं धर्म नियम को मानने वाला नहीं होगा  जबकि सच्चाई यह है उसे प्रसिद्धि चाहिए ऐसो आराम की जिंदगी चाहिए। कुछ नासमझी में भटके हुए लोग होते है ,और अपने को मालिक का सबसे बड़ा बंदा मान लेते हैं अथवा बंदा होने का भ्रम में जीने लगते है  जबकि बड़ा बंदा होना बड़ा कठिन है नामुमकिन नहीं।  इन ना समझ लोगो से लोगो को परेशानी होने लगती है।

जैसे :जेहादी संगठन 
                   मैं यह नहीं कहता सभी जेहादी गलत हैं। जो सही जेहादी होगा वह बहुत सब्र करने वाला होगा जल्दी शस्त्र उठाने वाला नहीं होगा। वह किसी की प्रसिद्धि का आधार भी नहीं होगा वह केवल लोगो के बीच मालिक का संदेश वाहक होगा सत्य की राह  दिखाने वाला होगा  लोगो की समस्या निदान करने कराने वाला होगा उसके द्वारा दण्डात्मक कार्य प्रत्यछ नहीं होगा। कुदरत की ओर से मिलने वाला होगा
                 अब जो प्रसिद्धि के लिए आवाज उठाएगा उसके हाँथ में शस्त्र होगा आवाज बहुत बुलंद होगी सख्त कदम होगा बहुत जल्दी क्रोध करने वाला होगा ,अथवा किसी लछ्य को सख्ती से मनाने वाला होगा जिससे लोगो को परेशानी का सामना करना होगा , अपनी बात को स्थापित करने हेतु शख्त कदम उठाएगा।
                   कुछ लोग अपने समुदाय का प्रतिनिदित्व करता है उनके अधिकार के लिए आवाज उठाता है न्यायोचित अधिकार की बात कहता है  उनका अधिकार दिलाता है। इन लोगो से आम लोगो को परेशानी नहीं होती।
                  औवेसी जैसे लोगो को आइना दिखाना होगा जो कहते है पुरे हिंदुस्तान को मुस्लमान बना देंगे कहते है केवल १५ दिन की मोहलत दे दे।  इन लोगो का भ्रम तोडना  कठिन तो है लेकिन घमंड टूटने के बाद अन्य लोगों को सिख मिलेगी ,उन्हें यह मालूम नहीं रहता दुनिया को उन्हों ने नहीं बनाया है। 
मैं उन लोगों  धन्यवाद करता हूँ जो ईश्वर के भेद को सम्भाल कर रखते हैं

नमस्कार मिस्टर असददीन ओवैसी 
क्या हुआ कितनी बार चुनाव जीते और क्या क्या किया  आप कहेंगे आप से कहने की जरूरत नहीं है ,कोई बात नहीं 

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